4. उत्पादन िें िृद्धि
• सववप्रथम हमा ी स का ने शसंचाई में बिटीय
आवंटन बढ़ाया है। हम समग्र दृजष्टक ण अरना
हे हैं ि शसंचाई औ िल सं क्षण क बढ़ाता है।
उद्देश्य 'प्रतत बंद अधधक फसल' राना है। सखे की
समस्या से स्थायी तनिात राने एवं ‘’ह खेत क
रानी’’ रहुंचाने के शलए प्रधानमंरी कृ वष शसंचाई
य िना की िुरुआत की गई है। वषव 2014-17 के
दौ ान देि में सक्ष्म शसंचाई के प्रय ग में गतत
आई है। साथ ही लंबबत 99 वृहत एवं मध्यम
शसंचाई रर य िनाओं कों रणव ककया िा हा है।
5. लागत का प्रभािी उपर्योग
• ककसान क उसकी िमीन की उवव क क्षमता की
िानका ी देने के शलए म दी स का ने देि में रहली
बा सॉयल हैल्थ काडापव स्कीम िुरू की है। इससे ककसानों
के लागत मल्य में कमी आ ही है। वषव 2015-16 की
तुलना में वषव 2016-17 के दौ ान ासायतनक उवव कों
की खरत में 8 से 10 प्रततित की कमी आई है। साथ
ही म दी स का अब नीम क टेडाप यर या 100 प्रततित
उरलब्ध क वा ही है जिससे यर या का ासायतनक
उद्य गों में दुरूरय ग बंद ह गया है व ककसानों क
रयावप्त मारा में यर या शमल हा है। वहीं उत्रादन में
10 से 12 प्रततित की वृद्धध हुई है। िैववक खेती क
बढ़ावा देने के शलए म दी स का ने रहली बा
र ंर ागत कृ वष ववकास य िना क आ ंभ ककया है ।
6. उपज के बाद नुकसान कि करना
• कृ वष उरि का बडा र्हस्सा उरभ क्ता तक रहुंचने से रहले
ही नष्ट ह िाता है। ककसानों द्वा ा मिब ी में की िाने
वाली बबक्री क कने के शलए म दी स का का मुख्य
ध्यान ककसानों क वेय हाउस के उरय ग के शलए प्र त्सार्हत
क ना हा है। ककसानों क भाण्डापागा सीद के बदले उनके
उत्राद क भाण्डापागा में खने हेतु प्र त्सार्हत क ने के शलए
ब्याि छट य िना के लाभ क छ टे एवं सीमान्त ककसानों
तक फसल र ान्त छ: माह की अवधध हेतु ववस्तार त क
र्दया गया है। ककसानों के उत्राद की र ाक्रम्य
(तनग शियेबल) भाण्डापागा सीद के बदले ऋण भी उरलब्ध
ककया गया है। अब हमा ा फ कस एकीकृ त िीत श्ृंखला
(Integrated Cold Chain) र है जिसमें रैक हॉउस, ेफ
ट्रक्स, ाइरतनंग (रकाने वाले) चेम्ब , इत्यार्द क र टेल
तक ि डने र ध्यान र्दया िा हा है।
7. गुणित्ता िें िृद्धि
• हम खाद्य प्रसंस्क ण के माध्यम से कृ वष में
गुणवत्ता क प्र त्साहन दे हे हैं। रूरये 6000
क ड के आवंटन से प्रिानिंत्री ककसान संपदा
र्योजना की िुरूआत की गई है। इसके तहत
एग्र प्र सैशसंग क्लस्ट ों के फाववडाप एवं बैकवडापव
शलंककि र कायव क के फडाप प्रौसेशसंग क्षमताओं
का ववकास ककया िाएगा। इस य िना से 20
लाख ककसान लाभाजन्वत होंगे तथा 5.3 लाख
ल गों के शलए िगा के अवस सृजित होंगे।
8. विपणन सुिार
• स का द्वा ा ककसानों के शलए एकल मण्डापी उरलब्ध क ाने
के उद्देश्य से ाज्यों से बात क तीन प्रमुख सुधा यथा
इलेक्ट्रॉतनक ट्रेडडापंग क मान्यता, एकल बबन्दु र माके ट फी
एवं एकीकृ त लाइसेंस रद्धतत ककए गए हैं । म दी स का
ने 14 अप्रैल, 2016 क ई- ाष्ट्रीय कृ वष बािा य िना क
िुरू ककया जिसमे अब तक 455 मंडडापयों क ि डा िा चुका
है एवं 116 मंडडापयों में ऑनलाइन से कृ वष बािा ट्रेंडडापंग
प्रा म्भ ह गया है। इसके अततर क्त, स का द्वा ा कृ वष
क्षेर में बािा सुधा की र्दिा में एक मॉडापल एरीएमसी
एक्ट (जिसमें तनिी क्षेर में मंडापी स्थारना, प्रत्यक्ष ववरणन
मंडापी याडापव के बाह बनाक समस्त ाज्य स का ों क इस
एक्ट क अरनाने के शलए कहा गया है। इसके अततर क्त
संववदा कृ वष क बढ़ावा देने के शलए स का एक मॉडापल
एक्ट बनाने का कायव भी क ही है।
9. जोखिि िें किी
• हमने प्रधानमंरी फसल बीमा य िना िुरू की है। ख ीफ व बी में
अधधकतम 2% व 1.5 प्रततित प्रीशमयम तय की गई है ि आि तक की
न्यनतम द ें है। इसमें न शसफव खडी फसल व न फसल रवव बुवाई तथा
फसल कटाई के रश्चात् के ि णखमों क भी िाशमल ककया गया है। क्षतत
का आकलन रहली बा बीशमत खेतवा ककया िा हा है तथा संभाववत
दावों का 25 प्रततित भुगतान तत्काल ऑनलाइन ककया िाता है। सबसे
महत्वरणव सुधा यह है कक बीशमत ककये िाने वाली ाशि र कै वरंग हटा
दी गई है। बीमा के दावों के शलए तकनीक के इस्तेमाल र काफी ि
र्दया गया है ताकक भुगतान अततिीघ्र ह । यह य िना ककसानों की आय
का सु क्षा कवच है।
• इसके आलावा स का ने प्राकृ ततक आरदाओं से ह ने वाले नुकसान से
ककसानों क ाहत रहुुँचाने के शलए भी मानकों में रर वतवन ककया है।
रहले 50 प्रततित से अधधक फसल का आरदा से नुकसान ह ने र ि
मुआविा शमलता था, अब यह ाहत 33 प्रततित औ इससें अधधक की क्षतत
र ह ने र शमलती है। साथ ही मुआविे में शमलने वाली ाशि क 1.5%
गुणा बढ़ा र्दया गया है।
10. अन्र्य गततविधिर्यााँ
• बागिानी : बागवानी का समेककत ववकास
शमिन ककसानों की आमदनी द गुनी क ने में
अहम भशमका तनभा हा है। इसके शलए बेहत
रन साम्रगी, उन्नत बीि औ प्र टेक्टेडाप
कल्टीवेिन, हाई डापेनशसटी प्लांटेिन, र िुवेंिन,
वप्रशसिन फामींग िैसे कदम उठाए गये हैं।
बागों के शलए हाई वैल्य बागवानी औ
प्लांटेिन के िर ए बागवानी क मिबत ककया
िा हा है।
11. अन्र्य गततविधिर्यााँ
• एकीकृ त फामिंग : हमा ी स का ने समेककत कृ वष
प्रणाली (आईएफएस) का इस्तेमाल क ही है।
आईएफएस बहु फसलन रद्धतत, चक्रीय फसलन,
अंत फसलन, शमधश्त फसल अभ्यासों के साथ
संबद्ध कायवकलारों िैसे बागवानी, रिुधन,
माजत्सयकी, मधुमक्खी रालन आर्द र ध्यान
के जन्द्रत क ही है औ ककसानों क ना शसफव
सतत आिीववका के शलए उत्रादन बढ़ाने य ग्य
बनाता है बजल्क सखा, बाढ़ अथवा अन्य गंभी
मौसमी घटनाओं के प्रभाव क भी कम क ता है।
12. अन्र्य गततविधिर्यााँ
• श्िेत क्रान्न्त : ाष्ट्रीय ग कु ल शमिन से देिी नस्लों का
सं क्षण व ववकास तथा उनकी आनुवांशिक सं चना में सुधा
क के दुध उत्रादन व उत्रादकता की वृद्धध में सफलता
हाशसल की िा ही है। वषव 2017-18 के शलए 2000 क ड
रुरए की कातयक तनधध से डापेय ी प्रसंस्क ण औ अवसं चना
ववकास तनधध स्थावरत की िा ही है जिसे अगले 3 वषों के
दौ ान 8000 क ड रुरए तक बढ़ाया िाएगा। रिुरालन एवं
डापेय ी ववभाग ने ववत्त मंरालय, नीतत आय ग, ग्रामीण
ववकास मंरालय तथा खाद्य प्रसंस्क ण उद्य ग मंरालय के
साथ र ामिव क के इस य िना क अंततम रूर देने के शलए
का ववाई प्रा ंभ क दी है। साथ ही डापेय ी उद्यशमता ववकास
स्कीम (डापीईडापीएस) से डापेय ी के क्षेर में स्व िगा के अवस
सृजित ककये िा हे है।
13. अन्र्य गततविधिर्यााँ
• नीली क्रांतत : यह समेककत माजत्स्यकी ववकास
व प्रबंधन की व्यवस्था वाली नई रहल है
जिसमें अंतदेिीय मात्स्ज यकी, िल कृ वष,
समुद्री मछली, मै ीकल्च व ाष्ट्रीय
मात्स्ज यकी ववकास ब डापव (एनएफडापीबी) द्वा ा
ककए गए कायवकलार िाशमल ककये गये हैं।
14. अन्र्य गततविधिर्यााँ
• कृ वर् िातनकी : ह खेत के मेड र रेड, र ती
भशम र रेड तथा इंट क्रॉवरंग में रेड लगाने
के उद्देश्य से रहली बा “कृ वर् िातनकी उप-
मिशन” कक्रयाजन्वत ककया गया हैं।
15. अन्र्य गततविधिर्यााँ
• ििुिक्िीपालन विकास : भा ी संख्या में
ककसानों / मधुमक्खीरालकों क वैज्ञातनक
मधुमक्खीरालन में प्रशिक्षक्षत ककया िा हा है
व मधुमक्खीरालकों / मधुमक्खीरालन औ
िहद सशमततयों / फमों / कं रतनयों आर्द का
मधुमक्खी कॉल तनयों के साथ रंिीक ण ककया
िा हा है। प्रत्येक ाज्य में एक ल मॉडापल
(समेककत मधुमक्खीरालन ववकास कें द्र-IBDC)
की स्थारना की िा ही है।
16. अन्र्य गततविधिर्यााँ
• रूरल बैकर्यार्ष पोल्री र्ेिलपिेंट कायवक्रम के
तहत ग ीब मुगीरालक रर वा ों कों र क आय
एवं र षण संबंधी सहायता प्रदान की िा ही
है। साथ ही राष्ट्रीर्य पशुिन मिशन के तहत
भेड, बक ी, सक एवं बतख रालकों कों अरनी
आय बढ़ाने हेतु अवस प्रदान क िागरूकता
रैदा की िा ही है।
17. सात सूत्री कार्यषक्रि
1 उत्पादन िें िृद्धि किी िचाषत उत्पादन
िाढ
2 लागत का प्रभािी
उपर्योग
लागवडाप खचव सुय ग्य
3 उपज के बाद नुकसान
कि करना
नुकसान कमी क णे
4 गुणित्ता िें िृद्धि गुणवत्ता सुधा णे
5 विपणन सुिार बािा सुधा
6 जोखिि िें किी कमी ि खीम , ववमा
7 अन्र्य गततविधिर्यााँ इत ि डापधंदे