1. आभार
सैद्धांतिक ज्ञधन के सधथ व्यवहधरिक ज्ञधन कध होनध ही ककसी अध्ययन को पूर्णिध
प्रदधन कििे है | व्यवहधि के तनष्कर्षो से ससद्धांि बनधयध जध सकिध है | इसी
व्यवहधरिकिध को प्रधप्ि किने के सिये यह मेिध प्रयधस है |
इस वर्षण की अवध् मे परियोजनध के कधयण को पूर्ण किने में जजन गुरुजनो ने
प्रत्यक्ष यध अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग ददयध है ,उन सभी कध ह्रदय से आभधि मधनिी हूूँ |
सवणप्रथम मैं आभधिी हूूँ मधननीय प्रधचधयण महोदय, डॉ. मांजुिध शमधण की जजनकी
अनुमति से यह परियोजनध कधयण सांपन्न हुआ |
इस कधयण को पूर्ण किने कध मुख्य श्रेय तनदेसशकध आदिर्ीय श्रीमिी डॉ. ववजय िक्ष्मी
िधय को जधिध है | जजन्होंने समय तनकि कि मेिी कठनधइयो को दिू ककयध िथध बहुमूल्य
सुझधवों से मेिध मधगणदशणन कििी िही | मैं उनकी ह्रदय से आभधिी हूूँ|
मैं अपने महधववदयधिय के सभी सशक्षकगर् के सहयोग के सिये भी सह्रदय आभधि व्यक्ि
कििी हूूँ|उनके सहयोग िथध मधगणदशणन के बबनध यह परियोजनध कधयण सांभव नहीां थध |
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किरण द्धिवेदी
3. घोर्णा पत्र
मैं , ककिर् दध्वेदी कक्षध एम.ए. (उत्तिध्ण) शधसकीय महधिधनी िक्ष्मी
बधई कन्यध स्नधिकोत्ति महधववदयधिय भोपधि (म.प्र .), की छधत्रध यह कथन कििी हूूँ की
प्रस्िुि प्रतिवेदन मेिे दवधिध िैयधि ककयध गयध है ,एवां पूर्णिः मौसिक हैं |
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हस्िधक्षि
ककिर् दध्वेदी
4. प्रमाण पत्र
प्रमधणर्ि ककयध जधिध है की श्रीमिी ककिर् दध्वेदी, एम.ए. (उत्तिधदण्) महधिधनी
िक्ष्मी बधई महधववदयधिय भोपधि ने मेिे तनदेशन में "अनुवधद " शीर्षणक पि परियोजनध
कधयण सम्पन्न ककयध है |
यह परियोजनध कधयण एम.ए. (उत्तिधदण्) दहदांी के पांचम प्रश्न पत्र के ववकल्प म े
प्रस्िुि ककयध है |
ववभागाध्यक्ष ( ह दिंी ववभाग ) ननदेशििा
डॉ. िधमेश्विम तिवधिी डॉ. ववजय िक्ष्मी िधय
दहदांी ववभधग
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