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'चा#द च%रा ' लाया *#, चल ब,ठ. चच/ ' पी2'

“उतना ही शोर * इस शहर - व/सा ही 0/2फक जाम *.
भीड़-भाड़ ध9का-म:9का ठ<ल->ल ताम-झाम *.
@Aब Cल बन रही चल रही 0ाम *.
2वकल * कलकEा दौड़ता अनवरत अ2वराम *.

इस महावन - 2फर भी एक गोर/या की जगह खाली *.
एक छोटी िच2ड़या P एक नQहR पEी P सAनी डाली *.
महानगर U महाअVाहास - एक हWसी कम *.
2वराट धक-धक - एक धड़कन कम *.
कोरस - एक कXठ कम *.
त:YहाC दो तल:Z िजतनी जगह [ ] उतनी जगह खाली *.
वहा^ उगी * घास वहा^ च:ई * ओस.
वहा^ 2कसी b 2नगाह तक नहR डाली *.

2फर आया d^ इस नगर - चeमा पfछ-पfछ gखता d^.
आदिमयf को 2कताबf को 2नरखता [खता d^.
रWग-2बरWगी बस-0ाम रWग-2बरWh लोग.
रोग-शोक ह^सी-ख:शी योग और 2वयोग.
gखता d^ अबU शहर - भीड़ jनी *.
gखता d^ त:YहाC आकार U बराबर जगह सAनी *.

kतना पारीक, कहा^ हो कlसी हो?
बोलो, बोलो, पह[ ज/सी हो?” 1

नm दशक की सवn2धक चoचत और चाही गई क2वताआp - P एक qाbQrप2त की ’3ाम 5 एक याद’ िजतनी s<म U बाC
- *, उतनी ही समकालीन शहर U अन:भव U बाC - *. [2कन उसP भी आh बढ़कर यह हमाC समकालीन शहरी
जीवनान:भव - s<म U िलए चाही गई जगह (space) U बाC - एक रचनाuमक बयान *.

vC िलए हर 2फ़xम एक ताला * िजP खोलb की एक चाबी होती *. कभी वो चाबी 2फ़xम U भीतर िमलती * और कभी
अQयy. ’चev बz{र’ ज/सी 2फ़xम U िलए यह चाबी की तलाश म:झ< 2फ़xम U एक ख़ास द}eय तक [ जाती *. नायक -
ना2यका अपनी पहली औचक म:लाकात U बाद यहा^ पहली बार अU[ िमल र~ ]. यह द}eय म•य 2दxली - ि€थत
तालकटोरा गाडन - 2फ़xमाया गया * िजसका आh चलकर 2फ़xम - घटना€थल U तौर पर दोहराव भी होता *. नए
             ‚
Cƒ„ - खाb U 2वकxपf पर 2वचार कर नायक …ारा पA† जाb पर 2क यहा^ “9या अ‡छा *?” Zटर जवाब - कहता *
“माहौल अ‡छा *”.

पचास और साठ U दशक की श:ˆआती 2फ़xमf पर बात कर ‰ए हमb gखा * 2क 2कस तरह शहर नई पीढ़ी को प:रानी
पीढ़ी P अलग हटकर अपनी भावनाआp U sगटीकरण U िलए €>स उपल‹ध करवाता *. ’हाउसहो<डर’ और ’>? घर
' सामA’ दोनf ही 2फ़x- साम:दा2यक/पा2रवा2रक ढ„k U म•य s<म की सWभावनाआp पर बात करती ] और 2दxली शहर
U दो िभQन लोUल - इP तलाशती ]. यह gखना भी मज़<दार * 2क 2कस तरह प:रानी 2दxली - ि€थत ’हाउसहोxडर’ -
इन रोम„2टक भावनाआp U आदान-sदान U िलए घर की छत का एक घटना€थल U बतौर sयोग 2कया गया *. और
’C घर U सामb’ - s<म की पAण‚ अिभŽयि9त U िलए पचास U दशक - नई बनती कॉलो2नयf U इकसार घरf को म:•य
इन रोम„2टक भावनाआp U आदान-sदान U िलए घर की छत का एक घटना€थल U बतौर sयोग 2कया गया *. और
’C घर U सामb’ - s<म की पAण‚ अिभŽयि9त U िलए पचास U दशक - नई बनती कॉलो2नयf U इकसार घरf को म:•य
sतीक बनाया गया *.

अ€सी U दशक की श:ˆआती 2फ़xम ’चevबz{र’ ह- 2दxली शहर - य:वा s<म का एक और नया बनता मॉडल 2दखलाती
* िजसका सीधा सWबWध आज़ादी U बाद U दशकf - राजधानी U अकादिमक और Pवा ‘<y की ध:री बनb P *. यहा^
मौजAद तीनf म:•य 2करदार पढ़ाई U 2सल2स[ - शहर - आए ] और साथ रह ‰ए महानगर की नवीन सWभावनाआp -
गो खा र~ ]. 2दxली 2व’2व“ालय U सW”„त महा2व“ालय ’•ीराम कॉ[ज ऑफ़ कॉमस’ - पढ़b वा[ 2स—ाथ‚ पाराशर
                                                                   ‚
(फ़ाˆक ˜ख़), जय लखनपाल (र2व वासवानी) और ओमी (राUश ™दी) की िज़Qदगी का आšथक ƒोत ] घर P आbवा[
मनीऑडर और तमQना * एक अदद लड़की का साथ. 2सzाथ‚ इन- थोड़ा अलग * और उसकी ˆिच को gख ‰ए दो€त
       ‚
उP ’अर€तA’ कहकर ब:ला ].

gखb वाली बात यह * 2क 2कस तरह मनीऑडर ›जb वाली पीढ़ी 2फ़xम P पAरी तरह अन:पि€थत * और कlYपस लाइफ़
                                     ‚
U तमाम सWदभœ U बीच 2फ़xम - इस अन:पि€थत पीढ़ी का िज़• या उनकी िचQताएW नहR U बराबर आ ]. जब2क
पचास U दशक की s<म कहा2नयf P [कर हािलया ’रWग g बसQती’ ज/सी कहा2नयf तक, 2दxली - s<म कहा2नया^ समाज
और प2रवार P इतर 2नवnत - कभी सWभव नहR हो पाई ]. इस तरह gžW तो 2दxली पर बनी तमाम 2फ़xमf - s<म U सWदभ‚
खोज ‰ए ’चevबz{र’ एक 2नवnत - अUली खड़ी नज़र आती * िजसका 2सरा कहR जाकर sदीप कŸ ण की 1989 -
आई ’इन Eवच एनी EगGस इट दोस वIस’ P ही ज:ड़ता sतीत होता *.

तो यह कौनसी 2दxली *? अsवा2सयf P भरी, अपनी सीमाआp को तोड़ती समकालीन 2दxली - एक सYपादक अपb
माता-2पता की ¡2नया को, उनU s<म को 2फर P जीता * क¢छ इन श‹दf -,

“2फर भी vC माता-2पता उस श„त समय को याद कर ]. या शायद वो 2सफ़£ कॉ[ज का जीवन था, स:jर बP 2दxली
2व’2व“ालय U श„त पड़ौस -, या शायद वह उनकी प}¤भAिमयf की समानता थी – यAW 2दखb - 2कतनी अलग, [2कन
समान सdिलयतf की वजह P इकसार भी – [2कन सच यह * 2क उQहfb उस उफ़न शहर को कभी नो2टस ही नहR
2कया. शहर जो सW€थाएW बनाता, सपb ब:नता, झ:ि¥गया^, कॉलो2नया^, पीड‹xयAडी ’स:धार’ ज/सी चीज़p फ¦क रहा था और
पWजाबी तड़क-भड़क की श:ˆआत हो रही थी. जब वो ’शहर’ - िमल तो वहा^ रीगल - 2फ़x- होतR और एY™सी - रात U
खाb. वह ड<xही गोxफ़ §ब होता िजसU एक पड़ाव का मतलब होता आज जहा^ ज़ा2कर ‰स/न रोड * उसU साथ चल
‰ए वहा^ तक प‰Wचना जो जगह आज काका नगर कहलाती *. 2कसी कार P टकराb का सवाल ही नहR, 9यf2क ज/सा
िम€टर ग:¨ता याद कर ], Z थी ही कहा^! और गरीबf U झ:Wड? िजस नई 2दxली को vC माता-2पता याद कर ], उEर -
नई 2दxली CलZ €©शन P, पि’म - झWड<वालान और पAव‚ - नदी और दि‘ण - उस जवानी की दहलीज़ पर कदम रख
श„त खान माकट P बWधी. कभी नहR.” 2
             ª

शहर U बीचfबीच मौजAद होb U बावजAद यह अनोखी ¡2नया * िजस- शहर की 2नरQतर बढ़ती ज2टलताआp U सAy 2सC
P गायब ]. 2दxली - मौजAद दो म:•य 2व’2व“ालयf U साथ ही शहर की दो म:•य वन •WखलाएW सम„तर ¡2नया का
2नमnण करती ] और य:वा s<म U िलए €>स उपल‹ध करवाb की s2•या - इस सWयोग b एक बड़ी भAिमका 2नभाई *.
इसU साथ ही ’चevबz{र’ शहर - मौजAद 2विभQन व}हताकार बगीचf की भी भAिमका Cख„2कत करती * िजP महानगर की
आपाधापी - s<मी जोड़< शहर - मौजAद 2कसी 2नवnत अव€था U बतौर इ€माल कर ]. म:Yबई शहर - जो भAिमका
समQदर U 2ह€P *, 2दxली - वही भAिमका ह2रयाली और उजाड़ U 2ह€P आई *.

[2कन 9या यहा^ शहर U बाक़ी सWदभ‚ 2सC P अन:पि€थत ]? इस सवाल P जAझb P पह[ आइ¬ यह gžW 2क 2कन
€थानf को यह 2फ़xम s<म U िलए शहर - मौजAद 2नवnत की तरह इ€माल करती *. यह शहर की चौड़ी और लगभग
स:नसान सड़U ] और हौज ख़ास और तालकटोरा - ि€थत व}हत पाक£ ]. और एक काxप2नक गीत - यह नदी को भी s<म
U िलए चा~ गए €थल U -प - इ€माल करती *. [2कन यह सभी सावज2नक €थान ] और थोड़ा भीतर जाb पर इन
                                                        ‚
स:नसान सड़U ] और हौज ख़ास और तालकटोरा - ि€थत व}हत पाक£ ]. और एक काxप2नक गीत - यह नदी को भी s<म
U िलए चा~ गए €थल U -प - इ€माल करती *. [2कन यह सभी सावज2नक €थान ] और थोड़ा भीतर जाb पर इन
                                                        ‚
सावज2नक €थानf - उपि€थत 2विभQन पहचानf की आपसी टकराहटf U 2सC िमल ].
   ‚

2फ़xम U म•य - एक गीत की प2रि€थ2त बनती * [2कन नायक – ना2यका 2फ़•मWद ] 2क आिखर ऐसी सावज2नक   ‚
जगह (Z एक बगीk - ]) पर इतb िभQन और अप2रिचत लोगf की उपि€थ2त - रोम„स कlP सWभव *. 2फ़xम यहा^ पाक£ -
भालA का तमाशा 2दखा मदारी, उP gखकर उछल ब‡चf U झ:Wड और साथ ताश žल और गप लगा सहकम¯
दो€तf की टोली को फ़ोकस करती *. ख/र इस सबU बीच गाना सWभव होता * और आप gख ] 2क जहा^ एक ओर
नायक – ना2यका अपb - मगन गीत गा र~ ], यह तमाम िभQन पहचा° भी वहा^ मौजAद ] और िमलकर एक *रतअWhज़
कोलाज सा बना रही ]. गीत U अQत - नायक-ना2यका को अपb चारf ओर इन s2तक±ल उपि€थ2तयf को gखकर
शमnकर भाग 2दखाया गया * और आप एक सरदारजी U म:Wह P यह सWवाद स:न पा ], “शम‚ नहR आWदी *. पाक£ 2वच
गाना ग„g ]!”

’चevबz{र’ को आधार बनाकर अगर बी तीस सालf - 2दxली - बदलती s<म की प}¤भAिमयf को gखा जाए तो 2कस तरह
U नती² सामb आ ]? ³ तारीख़ अठ्ठारह 2दसYबर, दो हज़ार दस की दोपहर ठीक उसी €थान को दोबारा तलाशता
d^ िजस- ि€थत Cƒ„ - नायक 2स—ाथ‚ पाराशर P Zटर b कहा था, “यहा^ का माहौल अ‡छा *”. प©ल चौक v0ो €©शन
P क¢छ ही मीटर की jरी पर ि€थत तालकटोरा गाडन अब भी अपनी जगह पर सलामत मौजAद * [2कन उसकी सAरत
                                             ‚
काफ़ी बदल च:की *. वहा^ प‰^चb gखता d^ 2क फ़ŽवाC सAख च:U ] और जानकारी िमलती * 2क ऊपर ि€थत Cƒ„ अब वहा^
P उजाड़ा जा च:का *. मौU पर मौजAद स:र‘ाकम¯ बता ] 2क वो जगह ’असामािजक तuवf’ की ’अeलील हरकतf’ का
अ¶ा बन गई थी इसीिलए यह कदम उठाया गया. vC …ारा दर•वा€त करb पर म:झ< Z त€वीर [b U िलए ऊपर ि€थत
चबAतC तक जाb की इजाज़त g ]. ऊपर हौद - पानी सAख च:का * और फ़श‚ की टाइxस जगह-जगह P उखड़ रही ].
पी† बb प:राb भ·ाव˜ष - स:र‘ाकoमयf b अपनी 2रहाइशगाह बना रखी *.

[2कन इन तमाम बाधाआp U बावजAद उस 2दन भी बगीk - सबP ¹यादा सW•या - s<मी जोड़< 2दख ]. कम उमर U,
बड़ी उमर U, असमान उमर वा[ जोड़<, सभी. सावज2नक €थान पर हो ‰ए भी ज/P उQहfb ख:द को 2कसी 2नवnत -
                                         ‚
अवि€थत कर िलया *. स:र‘ाकम¯ म:झ< कहता * 2क यहा^ का ’माहौल’ इन लोगf b खराब करU रखा * और Z भी एक
हद P ¹यादा सºती कर पाb - असमथ‚ ]. जब इQ» शम‚ नहR आती * तो मजबAर होकर Z ख:द ही शम‚ कर [ ].

ठीक यहR कहानी - आ ] रवीश क¢मार, अपनी लs<क (लघ: s<म कथा) U साथ. >˜ P €था2पत ©ली2वज़न पyकार और
2हQदी U श:ˆआती िल9खाड़ ब¼ॉगरf - एक रवीश को पyका2रता की ¡2नया - समकालीन 2दxली पर अपनी सा¨ता2हक
कथाuमक •Wखला ’रवीश की 2रपो½’ P बड़ी •या2त sा¨त ‰ई. शहर - हािशए की पहचानf और सबाxटन‚ कथानकf की
तलाश कर यह धारावा2हक 2रपोतnज ©ली2वज़न की मौजAदा 2हQदी पyका2रता - एक अनAठा sयोग ¾. यही रवीश
क¢मार साल दो हज़ार ¥यारह की श:ˆआत - ‘ल.s<.क.’ U जनक बb िजP बाद - उQहfb अपb ब¼ॉग ’क€बा’ पर ’फ़¿सब:क
2फ़9शन’ का नाम 2दया. यह लघ: s<म कथाएW दो म:•य आधार €तभf पर खड़ी थR, एक – s<म, और jसरा – 2दxली. और
इनका रचना€थल था फ़¿सब:क का €©टस ÀPज बॉ9स. ज/सा आभासी ¡2नया U िखलाड़ी जान ], फ़¿सब:क अपb
’€©टस’ €>स - एक बार - चार सौ बीस कlC9टर िलखb की इजाज़त gता *. यही सीमा इन लघ: s<म कथाआp का
भौ2तक €>स गढ़ती *.

यह लघ: s<म कथाएW समकालीन 2दxली - s<म U िलए भौ2तक €>स की तलाश और उसP ज:ड़ी ज2टलताआp P 2नकली ].
इQ» पढ़ ‰ए यह अहसास और तीखा होता जाता * 2क बी सालf - इस शहर की उफ़नती आबादी, और अsवा2सयf U
2नरQतर आगमन b 2कस तरह ¨यार ज/सी 2नजी भावनाआp U िलए भौ2तक €>स ज़ी P सीिमत 2कया *. यह वग¯करण
वग‚ आधा2रत भी * और यह साफ़ * 2क तालकटोरा €©2डयम - s<म U िलए €>स की तलाश - आbवाली जनता शहर
- वग‚ सWरचना - 2नच[ और म•यम पाएदान पर खड़ी आबादी *. ऐP - होता यह * 2क इस 2नरQतर तलाश - य:वा
असWभाŽय लगती जगहf पर s<म U िलए भौ2तक €>स 2नoमत कर ]. उदाहरण U िलए रवीश की लघ: s<म कथाआp -
- वग‚ सWरचना - 2नच[ और म•यम पाएदान पर खड़ी आबादी *. ऐP - होता यह * 2क इस 2नरQतर तलाश - य:वा
असWभाŽय लगती जगहf पर s<म U िलए भौ2तक €>स 2नoमत कर ]. उदाहरण U िलए रवीश की लघ: s<म कथाआp -
’अÁवाल €वीट्स’ एक ऐसा ही असWभाŽय sतीक बनकर उभरता * िजस- s<मी जोड़< सावज2नक U बीचfबीच अपb िलए
                                                                     ‚
एक 2नजी और स:रि‘त लगता कोना तलाश ].

³ चाd^गा 2क आप उनकी क¢छ कथाएW उदाहरण €व-प यहा^ पढ़p,

“C2डयो की आवाज़ आb लगी थी। उसकी कार धौलाक¢आW P म:ड़ कर एYस की तरफ दौड़b लगी थी। लौटb U फlस[
का साहस नहR ज:टा सकी। न ही वो मोतीबाग P यA टन‚ [कर उसU पी† आया। एक jसC U आb और मनाb U इWतज़ार
- दोनf ब‰त jर च[ गए। गाज़ीप:र प‰Wच कर सामb गािज़याबाद था। िशवमAšत U बाद ग:ड़ग„व आ च:का था। शहरf की
s<म कहा2नय„ ऐसी ही होती ]। 0/2फक - श:- होती * और 0/2फक - ग:म हो जाती *।“

“मायाप:री P v0ो - चढ़ ही वो सीपी U Ã0ल पाक£ - होb U ºयालf P भर गया। अलकनWदा P चल व9त उसb हर
¡कान U शी˜ - ख:द को gख िलया था। दोनf U साथ पAरी 2दxली िमल रही थी। Ã0ल पाक£ - प‰Wच ही पह[ P तय
खW› पर कोई और जोड़ा एक jसC को छAb की कोिशश कर रहा था। व9त पर आ कर भी दोनf [ट हो च:U ¾। दोनf b
फlसला 2कया। कल 2फर िमÄh। यहR मगर इस जोड़< P पह[।“

“खानप:र P बदरप:र की बस - ठ:Wसी भीड़ b दोनf को ऐP शहर - प‰Wचा 2दया जह„ उनU अलावा सब अजनबी ¾। हर
€टॉप पर चढ़b वाली भीड़ U ध9U P दोनf और करीब हो जा र~ ¾। बस भाग तो रही थी सीधी मगर उQ» हर बार
लगा 2क 2कसी मोड़ पर ज़ी P म:ड़ रही * और 2गरb P बचाb U िलए एक jसC को थामना ज़-री *। शहर - s<म U
ऐP कोb अपb आप बन जाया कर ]। भीड़ - घAC जाb U बाद भी।”

“ब:राड़ी P वो प/दल ही चल 2नकला, आईएसबीटी की तरफ। खान माकट की एनडीएमसी कालोनी P वो प:राना 2कला
                                                       ª
की तरफ भागी, ऑटो U िलए। इसी आपाधापी - उसका फोन प:राना 2कला U पास 2गर गया। वह„ P 2नकल एक
जोड़< b फोन - आए ÀPज पढ़ िलए। चलो हम भी इनU पी† भाग जा ]। 2दxली को खाप बनb U िलए छोड़ जा ]।“

“दि‘ण 2दxली U महारानी बाग U पास का त/मAर नगर 2कस त/मAर की याद - बना *। पAछ ही वो भड़क गई। इ2तहास U
च9कर - रहोh तो sोफ¿सर बना कर Pिमनारf - गाड़ 2दए जाओh। चलो यह„ P। 2कलोकरी ग„व U पी† P 2नकल कर
यम:ना U 2कनाC चल ]। अब बारी उसकी थी। वह„ 9या करोगी। ओखला वालf b नदी - मकान बना िल¬ ]।
अ2त•मण 2सफ£ s<म का नहR मकानf, न2दयf और हवाआp तक का हो च:का *। च/ट करना सीख लो।"

“माइनस म:2rका - पी† की 2कनाC वाली सीट िमल गई। उसb उसU कXध< पर सर 2टका 2दया। कब नRद आ गई और
कब सरायका[ ख„, आ•म, धौलाक¢आW, और वज़ीराबाद हो ‰ए ज:बली हा€टल आ गया पता ही नहR चला। वो खोई रही
या सोई रही यह भी जान नहR सका। वो तो बस उसकी तरफ आती हर 2नगाह P टकराb - िभड़ा रहा। उतर व9त
उसb ठीक कहा, त:म vरी कम ¡2नया की 2फ• Åयादा कर हो। कम P कम ब/ग U नीk vरा हाथ तो थाv रह सक ¾।
ब:ज़2दल।“

“माच‚ U महीb - हवाएW गरम होb लगी थR। दोनf की िज़द 2क ऑटोवाला दोनf तरफ का पदn 2गरा g। ऑटो U शोर -
भी भीतर गज़ब की खामोशी छा गई। चालक की एक आWख ब/क िमरर पर 2टक गई। दोनf ब/क िमरर P बचb U िलए एक
jसC - िछपb लh। चालक b मीटर का 2हसाब छोड़ 2दया। ऑटो ज़ी P शWकर रोड की तरफ दौड़b लगा।“ 3

यह ’पो€ट-ऑपCशन-मजनA’ वाली 2दxली * िजस- तमाम सावज2नक €थानf को 2कQहR ख़ास वग‚ P सWबW2धत लोगf U
                                                    ‚
िलए त/यार 2कया जा रहा *. रवीश की कहा2नयf - सम:दाय की नज़रf का 2नरQतर पहरा और उसP जAझb की जzोज़हद
2दखाई gती *. इन कहा2नयf - खाप U सWदभ‚ भी ] और इWटरbट च/Æटग U भी. [2कन सबP मज़<दार इन कहा2नयf की
िलए त/यार 2कया जा रहा *. रवीश की कहा2नयf - सम:दाय की नज़रf का 2नरQतर पहरा और उसP जAझb की जzोज़हद
2दखाई gती *. इन कहा2नयf - खाप U सWदभ‚ भी ] और इWटरbट च/Æटग U भी. [2कन सबP मज़<दार इन कहा2नयf की
रोशनी - ’चevबz{र’ की ™परवाही को लौटकर पढ़ना *. ख:द नायक ना2यका की पहली म:लाकात इस सWदभ‚ -
उx[खनीय *. आप gžW 2क s<म की असWभाŽयता U बीच और एक 2नत„त असWभव प2रि€थ2त U बीच कlP s<म पनपता *.
ना2यका जो एक Pxसगल‚ U -प - काम कर रही *, नायक U घर ’चमको’ साब:न ™चb आई *. यह म:लाकात साब:न
U झाग, ध:[ ‰ए कपड़f को 2फर धोb और साब:न कYपनी की स/Yपल €कीमf P िमलकर बनती * और इसU बाद
आbवाली म:लाकातf - नायक ना2यका को ’िमस चमको’ नाम P ब:लाता *. यही सWदभ‚ इP उपय:‚9त कहा2नयf P भी
जोड़ ] जो एक सWघ2नत हो शहर - असWभाŽय प2रि€थ2तयf और अप2रिचत जगहf - s<म U िलए म:ना2सब €>स की
तलाश की कहा2नया^ ].

³b यह सवाल पह[ भी उठाया था 2क 9या ’चevबz{र’ - शहर U बाक़ी सWदभ‚ 2सC P अन:पि€थत ]? और आप gख ]
2क पाक£ - गाना गा वÇत 2कस तरह उQ» s2तक±ल 2ट¨पिणया^ झ<लनी पड़ती ]. अगर आप गौर P gžW तो 2फ़xम -
शहर U बाक़ी सQदभ‚ भी आ ] और वह अफ़वाहf और अखबार की खबरf U ज़2रए बार-बार अपनी उपि€थ2त दज‚
करवा ]. उस द}eय को याद कÈ जहा^ ना2यका का बड़ा भाई बड़ी उuस:कता P आकर बताता * 2क, “स:ना * शहर -
एक और 2कडन/Æपग हो गई. नानकचWद ÅयAलर की लड़की को उठाकर [ गए.” और यह स:नकर ना2यका U 2पता सलाह
g ], “bहा, त:Y» अU[ नहR घAमना चा2हए. समझी ना.” और भी उx[खनीय सWदभ‚ वह * जहा^ ना2यका U 2पता …ारा
नायक P िमलb P इनकार पर दादी मा^ उQ» कहती ], “™चारी उP ढWग P घर ब:लाना चाहती *. हम लोगf P िमलाना
चाहती *. अगर 2कसी 2दन भाग गई, 2फर पता च[गा.”

जहा^ पहला सWदभ‚ इP शहर की 2नरQतर बदलती आबोहवा P जोड़ता * वहR jसरा सWदभ‚ उस पीढ़ीगत और ’Žयि9त बनाम
समाज’ U तनाव U बाC - * िजसU चल शहर - बी 2दनf ¨यार U िलए €>स और कम होता गया *. ’चevबz{र’ -
सामािजक दबाव उपि€थत नहR * [2कन इसका इशारा *. कई बार हम भ2व य - आh बढ़b की जगह पी† की ओर
बढ़b लग ] और न‹™ U दशक - आए बदलावf U साथ शहरी सWदभœ - ’अQय’ U s2त सWZदनशीलता बढ़b की बजाए
कम ‰ई *. s<म भी इस म:•यधारा U बरÇस इसी ’अQय’ का 2ह€सा * और उP इस नकाराuमक प2रवतन की कीमत कई
                                                                                  ‚
बार च:कानी पड़ती *.

[2कन ज/सा आप रवीश की लघ: s<म कथाआp - gख ], असWभाŽय s<म कहा2नया^ अपb िलए नई Žयव€था - नया €>स
तलाश [ती ]. समकालीन 2दxली U ल/Éड€Uप - आ प2रवतनf का इस- कई बार सकाराuमक योग भी होता *. िजस
                                                  ‚
प:रानी 2दxली और नई 2दxली U म•य स2दयf का फ़ासला ‰आ करता था, 2दxली v0ो U आb U बाद प:रानी 2दxली U
य:वा U िलए ’कनॉट ¨[स’ U बीच - 2नoमत Ã0ल पाक£ की jरी अब घटकर बारह P पQrह िमनट भर की रह गई *. यह
ख:लापन उस सामािजक दबाव P 2बxक¢ल अलग * जो 2दxली 6 की तWग गिलयf - उQ» महसAस होता होगा. इसका
suय‘ उदाहरण हम राUश ओमsकाश vहरा …ारा 2नदÊिशत ’Eद<ली 6’ की 2बV{ - gख सक ] िजP v0ो P 2नकल
ही 2कसी आज़ाद पWछी का सा अहसास होता *. समाज - हर नई पीढ़ी U िलए समाज नए बWधन बनाता *, और वो पीढ़ी
उसU बर9स €वयW U िलए s<म U नवीन €>स बनाती चलती *.
*****
सJदभ:-
     /
1. 0ाम - एक याद, qा°rप2त, सWकxप क2वता दशक, सWपादक - Uदारनाथ Æसह, 2हQदी अकादमी 2दxली, sथम
सW€करण 1992, प}¤ - 191
2. कX0ोल एWड एि€पCशन : vमोयस‚ ऑफ़ ए v0ोपोिलस, अवतार Æसह, Pमीनार, सWपादक – जबीर Æसह, 2दसYबर
2011, नई 2दxली, प}¤ – 88
3 . Ë ल क g ž W – ( 0 6 / 0 2 / 1 0 1 2 ) h t t p : / / n a i s a d a k . b l o g s p o t. i n /
2011/03/1-2-3-4-5-6-7-8-9-10-11-12-13-14-15-16.html
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  • 1. 'चा#द च%रा ' लाया *#, चल ब,ठ. चच/ ' पी2' “उतना ही शोर * इस शहर - व/सा ही 0/2फक जाम *. भीड़-भाड़ ध9का-म:9का ठ<ल->ल ताम-झाम *. @Aब Cल बन रही चल रही 0ाम *. 2वकल * कलकEा दौड़ता अनवरत अ2वराम *. इस महावन - 2फर भी एक गोर/या की जगह खाली *. एक छोटी िच2ड़या P एक नQहR पEी P सAनी डाली *. महानगर U महाअVाहास - एक हWसी कम *. 2वराट धक-धक - एक धड़कन कम *. कोरस - एक कXठ कम *. त:YहाC दो तल:Z िजतनी जगह [ ] उतनी जगह खाली *. वहा^ उगी * घास वहा^ च:ई * ओस. वहा^ 2कसी b 2नगाह तक नहR डाली *. 2फर आया d^ इस नगर - चeमा पfछ-पfछ gखता d^. आदिमयf को 2कताबf को 2नरखता [खता d^. रWग-2बरWगी बस-0ाम रWग-2बरWh लोग. रोग-शोक ह^सी-ख:शी योग और 2वयोग. gखता d^ अबU शहर - भीड़ jनी *. gखता d^ त:YहाC आकार U बराबर जगह सAनी *. kतना पारीक, कहा^ हो कlसी हो? बोलो, बोलो, पह[ ज/सी हो?” 1 नm दशक की सवn2धक चoचत और चाही गई क2वताआp - P एक qाbQrप2त की ’3ाम 5 एक याद’ िजतनी s<म U बाC - *, उतनी ही समकालीन शहर U अन:भव U बाC - *. [2कन उसP भी आh बढ़कर यह हमाC समकालीन शहरी जीवनान:भव - s<म U िलए चाही गई जगह (space) U बाC - एक रचनाuमक बयान *. vC िलए हर 2फ़xम एक ताला * िजP खोलb की एक चाबी होती *. कभी वो चाबी 2फ़xम U भीतर िमलती * और कभी अQयy. ’चev बz{र’ ज/सी 2फ़xम U िलए यह चाबी की तलाश म:झ< 2फ़xम U एक ख़ास द}eय तक [ जाती *. नायक - ना2यका अपनी पहली औचक म:लाकात U बाद यहा^ पहली बार अU[ िमल र~ ]. यह द}eय म•य 2दxली - ि€थत तालकटोरा गाडन - 2फ़xमाया गया * िजसका आh चलकर 2फ़xम - घटना€थल U तौर पर दोहराव भी होता *. नए ‚ Cƒ„ - खाb U 2वकxपf पर 2वचार कर नायक …ारा पA† जाb पर 2क यहा^ “9या अ‡छा *?” Zटर जवाब - कहता * “माहौल अ‡छा *”. पचास और साठ U दशक की श:ˆआती 2फ़xमf पर बात कर ‰ए हमb gखा * 2क 2कस तरह शहर नई पीढ़ी को प:रानी पीढ़ी P अलग हटकर अपनी भावनाआp U sगटीकरण U िलए €>स उपल‹ध करवाता *. ’हाउसहो<डर’ और ’>? घर ' सामA’ दोनf ही 2फ़x- साम:दा2यक/पा2रवा2रक ढ„k U म•य s<म की सWभावनाआp पर बात करती ] और 2दxली शहर U दो िभQन लोUल - इP तलाशती ]. यह gखना भी मज़<दार * 2क 2कस तरह प:रानी 2दxली - ि€थत ’हाउसहोxडर’ - इन रोम„2टक भावनाआp U आदान-sदान U िलए घर की छत का एक घटना€थल U बतौर sयोग 2कया गया *. और ’C घर U सामb’ - s<म की पAण‚ अिभŽयि9त U िलए पचास U दशक - नई बनती कॉलो2नयf U इकसार घरf को म:•य
  • 2. इन रोम„2टक भावनाआp U आदान-sदान U िलए घर की छत का एक घटना€थल U बतौर sयोग 2कया गया *. और ’C घर U सामb’ - s<म की पAण‚ अिभŽयि9त U िलए पचास U दशक - नई बनती कॉलो2नयf U इकसार घरf को म:•य sतीक बनाया गया *. अ€सी U दशक की श:ˆआती 2फ़xम ’चevबz{र’ ह- 2दxली शहर - य:वा s<म का एक और नया बनता मॉडल 2दखलाती * िजसका सीधा सWबWध आज़ादी U बाद U दशकf - राजधानी U अकादिमक और Pवा ‘<y की ध:री बनb P *. यहा^ मौजAद तीनf म:•य 2करदार पढ़ाई U 2सल2स[ - शहर - आए ] और साथ रह ‰ए महानगर की नवीन सWभावनाआp - गो खा र~ ]. 2दxली 2व’2व“ालय U सW”„त महा2व“ालय ’•ीराम कॉ[ज ऑफ़ कॉमस’ - पढ़b वा[ 2स—ाथ‚ पाराशर ‚ (फ़ाˆक ˜ख़), जय लखनपाल (र2व वासवानी) और ओमी (राUश ™दी) की िज़Qदगी का आšथक ƒोत ] घर P आbवा[ मनीऑडर और तमQना * एक अदद लड़की का साथ. 2सzाथ‚ इन- थोड़ा अलग * और उसकी ˆिच को gख ‰ए दो€त ‚ उP ’अर€तA’ कहकर ब:ला ]. gखb वाली बात यह * 2क 2कस तरह मनीऑडर ›जb वाली पीढ़ी 2फ़xम P पAरी तरह अन:पि€थत * और कlYपस लाइफ़ ‚ U तमाम सWदभœ U बीच 2फ़xम - इस अन:पि€थत पीढ़ी का िज़• या उनकी िचQताएW नहR U बराबर आ ]. जब2क पचास U दशक की s<म कहा2नयf P [कर हािलया ’रWग g बसQती’ ज/सी कहा2नयf तक, 2दxली - s<म कहा2नया^ समाज और प2रवार P इतर 2नवnत - कभी सWभव नहR हो पाई ]. इस तरह gžW तो 2दxली पर बनी तमाम 2फ़xमf - s<म U सWदभ‚ खोज ‰ए ’चevबz{र’ एक 2नवnत - अUली खड़ी नज़र आती * िजसका 2सरा कहR जाकर sदीप कŸ ण की 1989 - आई ’इन Eवच एनी EगGस इट दोस वIस’ P ही ज:ड़ता sतीत होता *. तो यह कौनसी 2दxली *? अsवा2सयf P भरी, अपनी सीमाआp को तोड़ती समकालीन 2दxली - एक सYपादक अपb माता-2पता की ¡2नया को, उनU s<म को 2फर P जीता * क¢छ इन श‹दf -, “2फर भी vC माता-2पता उस श„त समय को याद कर ]. या शायद वो 2सफ़£ कॉ[ज का जीवन था, स:jर बP 2दxली 2व’2व“ालय U श„त पड़ौस -, या शायद वह उनकी प}¤भAिमयf की समानता थी – यAW 2दखb - 2कतनी अलग, [2कन समान सdिलयतf की वजह P इकसार भी – [2कन सच यह * 2क उQहfb उस उफ़न शहर को कभी नो2टस ही नहR 2कया. शहर जो सW€थाएW बनाता, सपb ब:नता, झ:ि¥गया^, कॉलो2नया^, पीड‹xयAडी ’स:धार’ ज/सी चीज़p फ¦क रहा था और पWजाबी तड़क-भड़क की श:ˆआत हो रही थी. जब वो ’शहर’ - िमल तो वहा^ रीगल - 2फ़x- होतR और एY™सी - रात U खाb. वह ड<xही गोxफ़ §ब होता िजसU एक पड़ाव का मतलब होता आज जहा^ ज़ा2कर ‰स/न रोड * उसU साथ चल ‰ए वहा^ तक प‰Wचना जो जगह आज काका नगर कहलाती *. 2कसी कार P टकराb का सवाल ही नहR, 9यf2क ज/सा िम€टर ग:¨ता याद कर ], Z थी ही कहा^! और गरीबf U झ:Wड? िजस नई 2दxली को vC माता-2पता याद कर ], उEर - नई 2दxली CलZ €©शन P, पि’म - झWड<वालान और पAव‚ - नदी और दि‘ण - उस जवानी की दहलीज़ पर कदम रख श„त खान माकट P बWधी. कभी नहR.” 2 ª शहर U बीचfबीच मौजAद होb U बावजAद यह अनोखी ¡2नया * िजस- शहर की 2नरQतर बढ़ती ज2टलताआp U सAy 2सC P गायब ]. 2दxली - मौजAद दो म:•य 2व’2व“ालयf U साथ ही शहर की दो म:•य वन •WखलाएW सम„तर ¡2नया का 2नमnण करती ] और य:वा s<म U िलए €>स उपल‹ध करवाb की s2•या - इस सWयोग b एक बड़ी भAिमका 2नभाई *. इसU साथ ही ’चevबz{र’ शहर - मौजAद 2विभQन व}हताकार बगीचf की भी भAिमका Cख„2कत करती * िजP महानगर की आपाधापी - s<मी जोड़< शहर - मौजAद 2कसी 2नवnत अव€था U बतौर इ€माल कर ]. म:Yबई शहर - जो भAिमका समQदर U 2ह€P *, 2दxली - वही भAिमका ह2रयाली और उजाड़ U 2ह€P आई *. [2कन 9या यहा^ शहर U बाक़ी सWदभ‚ 2सC P अन:पि€थत ]? इस सवाल P जAझb P पह[ आइ¬ यह gžW 2क 2कन €थानf को यह 2फ़xम s<म U िलए शहर - मौजAद 2नवnत की तरह इ€माल करती *. यह शहर की चौड़ी और लगभग स:नसान सड़U ] और हौज ख़ास और तालकटोरा - ि€थत व}हत पाक£ ]. और एक काxप2नक गीत - यह नदी को भी s<म U िलए चा~ गए €थल U -प - इ€माल करती *. [2कन यह सभी सावज2नक €थान ] और थोड़ा भीतर जाb पर इन ‚
  • 3. स:नसान सड़U ] और हौज ख़ास और तालकटोरा - ि€थत व}हत पाक£ ]. और एक काxप2नक गीत - यह नदी को भी s<म U िलए चा~ गए €थल U -प - इ€माल करती *. [2कन यह सभी सावज2नक €थान ] और थोड़ा भीतर जाb पर इन ‚ सावज2नक €थानf - उपि€थत 2विभQन पहचानf की आपसी टकराहटf U 2सC िमल ]. ‚ 2फ़xम U म•य - एक गीत की प2रि€थ2त बनती * [2कन नायक – ना2यका 2फ़•मWद ] 2क आिखर ऐसी सावज2नक ‚ जगह (Z एक बगीk - ]) पर इतb िभQन और अप2रिचत लोगf की उपि€थ2त - रोम„स कlP सWभव *. 2फ़xम यहा^ पाक£ - भालA का तमाशा 2दखा मदारी, उP gखकर उछल ब‡चf U झ:Wड और साथ ताश žल और गप लगा सहकम¯ दो€तf की टोली को फ़ोकस करती *. ख/र इस सबU बीच गाना सWभव होता * और आप gख ] 2क जहा^ एक ओर नायक – ना2यका अपb - मगन गीत गा र~ ], यह तमाम िभQन पहचा° भी वहा^ मौजAद ] और िमलकर एक *रतअWhज़ कोलाज सा बना रही ]. गीत U अQत - नायक-ना2यका को अपb चारf ओर इन s2तक±ल उपि€थ2तयf को gखकर शमnकर भाग 2दखाया गया * और आप एक सरदारजी U म:Wह P यह सWवाद स:न पा ], “शम‚ नहR आWदी *. पाक£ 2वच गाना ग„g ]!” ’चevबz{र’ को आधार बनाकर अगर बी तीस सालf - 2दxली - बदलती s<म की प}¤भAिमयf को gखा जाए तो 2कस तरह U नती² सामb आ ]? ³ तारीख़ अठ्ठारह 2दसYबर, दो हज़ार दस की दोपहर ठीक उसी €थान को दोबारा तलाशता d^ िजस- ि€थत Cƒ„ - नायक 2स—ाथ‚ पाराशर P Zटर b कहा था, “यहा^ का माहौल अ‡छा *”. प©ल चौक v0ो €©शन P क¢छ ही मीटर की jरी पर ि€थत तालकटोरा गाडन अब भी अपनी जगह पर सलामत मौजAद * [2कन उसकी सAरत ‚ काफ़ी बदल च:की *. वहा^ प‰^चb gखता d^ 2क फ़ŽवाC सAख च:U ] और जानकारी िमलती * 2क ऊपर ि€थत Cƒ„ अब वहा^ P उजाड़ा जा च:का *. मौU पर मौजAद स:र‘ाकम¯ बता ] 2क वो जगह ’असामािजक तuवf’ की ’अeलील हरकतf’ का अ¶ा बन गई थी इसीिलए यह कदम उठाया गया. vC …ारा दर•वा€त करb पर म:झ< Z त€वीर [b U िलए ऊपर ि€थत चबAतC तक जाb की इजाज़त g ]. ऊपर हौद - पानी सAख च:का * और फ़श‚ की टाइxस जगह-जगह P उखड़ रही ]. पी† बb प:राb भ·ाव˜ष - स:र‘ाकoमयf b अपनी 2रहाइशगाह बना रखी *. [2कन इन तमाम बाधाआp U बावजAद उस 2दन भी बगीk - सबP ¹यादा सW•या - s<मी जोड़< 2दख ]. कम उमर U, बड़ी उमर U, असमान उमर वा[ जोड़<, सभी. सावज2नक €थान पर हो ‰ए भी ज/P उQहfb ख:द को 2कसी 2नवnत - ‚ अवि€थत कर िलया *. स:र‘ाकम¯ म:झ< कहता * 2क यहा^ का ’माहौल’ इन लोगf b खराब करU रखा * और Z भी एक हद P ¹यादा सºती कर पाb - असमथ‚ ]. जब इQ» शम‚ नहR आती * तो मजबAर होकर Z ख:द ही शम‚ कर [ ]. ठीक यहR कहानी - आ ] रवीश क¢मार, अपनी लs<क (लघ: s<म कथा) U साथ. >˜ P €था2पत ©ली2वज़न पyकार और 2हQदी U श:ˆआती िल9खाड़ ब¼ॉगरf - एक रवीश को पyका2रता की ¡2नया - समकालीन 2दxली पर अपनी सा¨ता2हक कथाuमक •Wखला ’रवीश की 2रपो½’ P बड़ी •या2त sा¨त ‰ई. शहर - हािशए की पहचानf और सबाxटन‚ कथानकf की तलाश कर यह धारावा2हक 2रपोतnज ©ली2वज़न की मौजAदा 2हQदी पyका2रता - एक अनAठा sयोग ¾. यही रवीश क¢मार साल दो हज़ार ¥यारह की श:ˆआत - ‘ल.s<.क.’ U जनक बb िजP बाद - उQहfb अपb ब¼ॉग ’क€बा’ पर ’फ़¿सब:क 2फ़9शन’ का नाम 2दया. यह लघ: s<म कथाएW दो म:•य आधार €तभf पर खड़ी थR, एक – s<म, और jसरा – 2दxली. और इनका रचना€थल था फ़¿सब:क का €©टस ÀPज बॉ9स. ज/सा आभासी ¡2नया U िखलाड़ी जान ], फ़¿सब:क अपb ’€©टस’ €>स - एक बार - चार सौ बीस कlC9टर िलखb की इजाज़त gता *. यही सीमा इन लघ: s<म कथाआp का भौ2तक €>स गढ़ती *. यह लघ: s<म कथाएW समकालीन 2दxली - s<म U िलए भौ2तक €>स की तलाश और उसP ज:ड़ी ज2टलताआp P 2नकली ]. इQ» पढ़ ‰ए यह अहसास और तीखा होता जाता * 2क बी सालf - इस शहर की उफ़नती आबादी, और अsवा2सयf U 2नरQतर आगमन b 2कस तरह ¨यार ज/सी 2नजी भावनाआp U िलए भौ2तक €>स ज़ी P सीिमत 2कया *. यह वग¯करण वग‚ आधा2रत भी * और यह साफ़ * 2क तालकटोरा €©2डयम - s<म U िलए €>स की तलाश - आbवाली जनता शहर - वग‚ सWरचना - 2नच[ और म•यम पाएदान पर खड़ी आबादी *. ऐP - होता यह * 2क इस 2नरQतर तलाश - य:वा असWभाŽय लगती जगहf पर s<म U िलए भौ2तक €>स 2नoमत कर ]. उदाहरण U िलए रवीश की लघ: s<म कथाआp -
  • 4. - वग‚ सWरचना - 2नच[ और म•यम पाएदान पर खड़ी आबादी *. ऐP - होता यह * 2क इस 2नरQतर तलाश - य:वा असWभाŽय लगती जगहf पर s<म U िलए भौ2तक €>स 2नoमत कर ]. उदाहरण U िलए रवीश की लघ: s<म कथाआp - ’अÁवाल €वीट्स’ एक ऐसा ही असWभाŽय sतीक बनकर उभरता * िजस- s<मी जोड़< सावज2नक U बीचfबीच अपb िलए ‚ एक 2नजी और स:रि‘त लगता कोना तलाश ]. ³ चाd^गा 2क आप उनकी क¢छ कथाएW उदाहरण €व-प यहा^ पढ़p, “C2डयो की आवाज़ आb लगी थी। उसकी कार धौलाक¢आW P म:ड़ कर एYस की तरफ दौड़b लगी थी। लौटb U फlस[ का साहस नहR ज:टा सकी। न ही वो मोतीबाग P यA टन‚ [कर उसU पी† आया। एक jसC U आb और मनाb U इWतज़ार - दोनf ब‰त jर च[ गए। गाज़ीप:र प‰Wच कर सामb गािज़याबाद था। िशवमAšत U बाद ग:ड़ग„व आ च:का था। शहरf की s<म कहा2नय„ ऐसी ही होती ]। 0/2फक - श:- होती * और 0/2फक - ग:म हो जाती *।“ “मायाप:री P v0ो - चढ़ ही वो सीपी U Ã0ल पाक£ - होb U ºयालf P भर गया। अलकनWदा P चल व9त उसb हर ¡कान U शी˜ - ख:द को gख िलया था। दोनf U साथ पAरी 2दxली िमल रही थी। Ã0ल पाक£ - प‰Wच ही पह[ P तय खW› पर कोई और जोड़ा एक jसC को छAb की कोिशश कर रहा था। व9त पर आ कर भी दोनf [ट हो च:U ¾। दोनf b फlसला 2कया। कल 2फर िमÄh। यहR मगर इस जोड़< P पह[।“ “खानप:र P बदरप:र की बस - ठ:Wसी भीड़ b दोनf को ऐP शहर - प‰Wचा 2दया जह„ उनU अलावा सब अजनबी ¾। हर €टॉप पर चढ़b वाली भीड़ U ध9U P दोनf और करीब हो जा र~ ¾। बस भाग तो रही थी सीधी मगर उQ» हर बार लगा 2क 2कसी मोड़ पर ज़ी P म:ड़ रही * और 2गरb P बचाb U िलए एक jसC को थामना ज़-री *। शहर - s<म U ऐP कोb अपb आप बन जाया कर ]। भीड़ - घAC जाb U बाद भी।” “ब:राड़ी P वो प/दल ही चल 2नकला, आईएसबीटी की तरफ। खान माकट की एनडीएमसी कालोनी P वो प:राना 2कला ª की तरफ भागी, ऑटो U िलए। इसी आपाधापी - उसका फोन प:राना 2कला U पास 2गर गया। वह„ P 2नकल एक जोड़< b फोन - आए ÀPज पढ़ िलए। चलो हम भी इनU पी† भाग जा ]। 2दxली को खाप बनb U िलए छोड़ जा ]।“ “दि‘ण 2दxली U महारानी बाग U पास का त/मAर नगर 2कस त/मAर की याद - बना *। पAछ ही वो भड़क गई। इ2तहास U च9कर - रहोh तो sोफ¿सर बना कर Pिमनारf - गाड़ 2दए जाओh। चलो यह„ P। 2कलोकरी ग„व U पी† P 2नकल कर यम:ना U 2कनाC चल ]। अब बारी उसकी थी। वह„ 9या करोगी। ओखला वालf b नदी - मकान बना िल¬ ]। अ2त•मण 2सफ£ s<म का नहR मकानf, न2दयf और हवाआp तक का हो च:का *। च/ट करना सीख लो।" “माइनस म:2rका - पी† की 2कनाC वाली सीट िमल गई। उसb उसU कXध< पर सर 2टका 2दया। कब नRद आ गई और कब सरायका[ ख„, आ•म, धौलाक¢आW, और वज़ीराबाद हो ‰ए ज:बली हा€टल आ गया पता ही नहR चला। वो खोई रही या सोई रही यह भी जान नहR सका। वो तो बस उसकी तरफ आती हर 2नगाह P टकराb - िभड़ा रहा। उतर व9त उसb ठीक कहा, त:म vरी कम ¡2नया की 2फ• Åयादा कर हो। कम P कम ब/ग U नीk vरा हाथ तो थाv रह सक ¾। ब:ज़2दल।“ “माच‚ U महीb - हवाएW गरम होb लगी थR। दोनf की िज़द 2क ऑटोवाला दोनf तरफ का पदn 2गरा g। ऑटो U शोर - भी भीतर गज़ब की खामोशी छा गई। चालक की एक आWख ब/क िमरर पर 2टक गई। दोनf ब/क िमरर P बचb U िलए एक jसC - िछपb लh। चालक b मीटर का 2हसाब छोड़ 2दया। ऑटो ज़ी P शWकर रोड की तरफ दौड़b लगा।“ 3 यह ’पो€ट-ऑपCशन-मजनA’ वाली 2दxली * िजस- तमाम सावज2नक €थानf को 2कQहR ख़ास वग‚ P सWबW2धत लोगf U ‚ िलए त/यार 2कया जा रहा *. रवीश की कहा2नयf - सम:दाय की नज़रf का 2नरQतर पहरा और उसP जAझb की जzोज़हद 2दखाई gती *. इन कहा2नयf - खाप U सWदभ‚ भी ] और इWटरbट च/Æटग U भी. [2कन सबP मज़<दार इन कहा2नयf की
  • 5. िलए त/यार 2कया जा रहा *. रवीश की कहा2नयf - सम:दाय की नज़रf का 2नरQतर पहरा और उसP जAझb की जzोज़हद 2दखाई gती *. इन कहा2नयf - खाप U सWदभ‚ भी ] और इWटरbट च/Æटग U भी. [2कन सबP मज़<दार इन कहा2नयf की रोशनी - ’चevबz{र’ की ™परवाही को लौटकर पढ़ना *. ख:द नायक ना2यका की पहली म:लाकात इस सWदभ‚ - उx[खनीय *. आप gžW 2क s<म की असWभाŽयता U बीच और एक 2नत„त असWभव प2रि€थ2त U बीच कlP s<म पनपता *. ना2यका जो एक Pxसगल‚ U -प - काम कर रही *, नायक U घर ’चमको’ साब:न ™चb आई *. यह म:लाकात साब:न U झाग, ध:[ ‰ए कपड़f को 2फर धोb और साब:न कYपनी की स/Yपल €कीमf P िमलकर बनती * और इसU बाद आbवाली म:लाकातf - नायक ना2यका को ’िमस चमको’ नाम P ब:लाता *. यही सWदभ‚ इP उपय:‚9त कहा2नयf P भी जोड़ ] जो एक सWघ2नत हो शहर - असWभाŽय प2रि€थ2तयf और अप2रिचत जगहf - s<म U िलए म:ना2सब €>स की तलाश की कहा2नया^ ]. ³b यह सवाल पह[ भी उठाया था 2क 9या ’चevबz{र’ - शहर U बाक़ी सWदभ‚ 2सC P अन:पि€थत ]? और आप gख ] 2क पाक£ - गाना गा वÇत 2कस तरह उQ» s2तक±ल 2ट¨पिणया^ झ<लनी पड़ती ]. अगर आप गौर P gžW तो 2फ़xम - शहर U बाक़ी सQदभ‚ भी आ ] और वह अफ़वाहf और अखबार की खबरf U ज़2रए बार-बार अपनी उपि€थ2त दज‚ करवा ]. उस द}eय को याद कÈ जहा^ ना2यका का बड़ा भाई बड़ी उuस:कता P आकर बताता * 2क, “स:ना * शहर - एक और 2कडन/Æपग हो गई. नानकचWद ÅयAलर की लड़की को उठाकर [ गए.” और यह स:नकर ना2यका U 2पता सलाह g ], “bहा, त:Y» अU[ नहR घAमना चा2हए. समझी ना.” और भी उx[खनीय सWदभ‚ वह * जहा^ ना2यका U 2पता …ारा नायक P िमलb P इनकार पर दादी मा^ उQ» कहती ], “™चारी उP ढWग P घर ब:लाना चाहती *. हम लोगf P िमलाना चाहती *. अगर 2कसी 2दन भाग गई, 2फर पता च[गा.” जहा^ पहला सWदभ‚ इP शहर की 2नरQतर बदलती आबोहवा P जोड़ता * वहR jसरा सWदभ‚ उस पीढ़ीगत और ’Žयि9त बनाम समाज’ U तनाव U बाC - * िजसU चल शहर - बी 2दनf ¨यार U िलए €>स और कम होता गया *. ’चevबz{र’ - सामािजक दबाव उपि€थत नहR * [2कन इसका इशारा *. कई बार हम भ2व य - आh बढ़b की जगह पी† की ओर बढ़b लग ] और न‹™ U दशक - आए बदलावf U साथ शहरी सWदभœ - ’अQय’ U s2त सWZदनशीलता बढ़b की बजाए कम ‰ई *. s<म भी इस म:•यधारा U बरÇस इसी ’अQय’ का 2ह€सा * और उP इस नकाराuमक प2रवतन की कीमत कई ‚ बार च:कानी पड़ती *. [2कन ज/सा आप रवीश की लघ: s<म कथाआp - gख ], असWभाŽय s<म कहा2नया^ अपb िलए नई Žयव€था - नया €>स तलाश [ती ]. समकालीन 2दxली U ल/Éड€Uप - आ प2रवतनf का इस- कई बार सकाराuमक योग भी होता *. िजस ‚ प:रानी 2दxली और नई 2दxली U म•य स2दयf का फ़ासला ‰आ करता था, 2दxली v0ो U आb U बाद प:रानी 2दxली U य:वा U िलए ’कनॉट ¨[स’ U बीच - 2नoमत Ã0ल पाक£ की jरी अब घटकर बारह P पQrह िमनट भर की रह गई *. यह ख:लापन उस सामािजक दबाव P 2बxक¢ल अलग * जो 2दxली 6 की तWग गिलयf - उQ» महसAस होता होगा. इसका suय‘ उदाहरण हम राUश ओमsकाश vहरा …ारा 2नदÊिशत ’Eद<ली 6’ की 2बV{ - gख सक ] िजP v0ो P 2नकल ही 2कसी आज़ाद पWछी का सा अहसास होता *. समाज - हर नई पीढ़ी U िलए समाज नए बWधन बनाता *, और वो पीढ़ी उसU बर9स €वयW U िलए s<म U नवीन €>स बनाती चलती *. ***** सJदभ:- / 1. 0ाम - एक याद, qा°rप2त, सWकxप क2वता दशक, सWपादक - Uदारनाथ Æसह, 2हQदी अकादमी 2दxली, sथम सW€करण 1992, प}¤ - 191 2. कX0ोल एWड एि€पCशन : vमोयस‚ ऑफ़ ए v0ोपोिलस, अवतार Æसह, Pमीनार, सWपादक – जबीर Æसह, 2दसYबर 2011, नई 2दxली, प}¤ – 88 3 . Ë ल क g ž W – ( 0 6 / 0 2 / 1 0 1 2 ) h t t p : / / n a i s a d a k . b l o g s p o t. i n / 2011/03/1-2-3-4-5-6-7-8-9-10-11-12-13-14-15-16.html