1. 'चा#द च%रा ' लाया *#, चल ब,ठ. चच/ ' पी2'
“उतना ही शोर * इस शहर - व/सा ही 0/2फक जाम *.
भीड़-भाड़ ध9का-म:9का ठ<ल->ल ताम-झाम *.
@Aब Cल बन रही चल रही 0ाम *.
2वकल * कलकEा दौड़ता अनवरत अ2वराम *.
इस महावन - 2फर भी एक गोर/या की जगह खाली *.
एक छोटी िच2ड़या P एक नQहR पEी P सAनी डाली *.
महानगर U महाअVाहास - एक हWसी कम *.
2वराट धक-धक - एक धड़कन कम *.
कोरस - एक कXठ कम *.
त:YहाC दो तल:Z िजतनी जगह [ ] उतनी जगह खाली *.
वहा^ उगी * घास वहा^ च:ई * ओस.
वहा^ 2कसी b 2नगाह तक नहR डाली *.
2फर आया d^ इस नगर - चeमा पfछ-पfछ gखता d^.
आदिमयf को 2कताबf को 2नरखता [खता d^.
रWग-2बरWगी बस-0ाम रWग-2बरWh लोग.
रोग-शोक ह^सी-ख:शी योग और 2वयोग.
gखता d^ अबU शहर - भीड़ jनी *.
gखता d^ त:YहाC आकार U बराबर जगह सAनी *.
kतना पारीक, कहा^ हो कlसी हो?
बोलो, बोलो, पह[ ज/सी हो?” 1
नm दशक की सवn2धक चoचत और चाही गई क2वताआp - P एक qाbQrप2त की ’3ाम 5 एक याद’ िजतनी s<म U बाC
- *, उतनी ही समकालीन शहर U अन:भव U बाC - *. [2कन उसP भी आh बढ़कर यह हमाC समकालीन शहरी
जीवनान:भव - s<म U िलए चाही गई जगह (space) U बाC - एक रचनाuमक बयान *.
vC िलए हर 2फ़xम एक ताला * िजP खोलb की एक चाबी होती *. कभी वो चाबी 2फ़xम U भीतर िमलती * और कभी
अQयy. ’चev बz{र’ ज/सी 2फ़xम U िलए यह चाबी की तलाश म:झ< 2फ़xम U एक ख़ास द}eय तक [ जाती *. नायक -
ना2यका अपनी पहली औचक म:लाकात U बाद यहा^ पहली बार अU[ िमल र~ ]. यह द}eय म•य 2दxली - ि€थत
तालकटोरा गाडन - 2फ़xमाया गया * िजसका आh चलकर 2फ़xम - घटना€थल U तौर पर दोहराव भी होता *. नए
‚
Cƒ„ - खाb U 2वकxपf पर 2वचार कर नायक …ारा पA† जाb पर 2क यहा^ “9या अ‡छा *?” Zटर जवाब - कहता *
“माहौल अ‡छा *”.
पचास और साठ U दशक की श:ˆआती 2फ़xमf पर बात कर ‰ए हमb gखा * 2क 2कस तरह शहर नई पीढ़ी को प:रानी
पीढ़ी P अलग हटकर अपनी भावनाआp U sगटीकरण U िलए €>स उपल‹ध करवाता *. ’हाउसहो<डर’ और ’>? घर
' सामA’ दोनf ही 2फ़x- साम:दा2यक/पा2रवा2रक ढ„k U म•य s<म की सWभावनाआp पर बात करती ] और 2दxली शहर
U दो िभQन लोUल - इP तलाशती ]. यह gखना भी मज़<दार * 2क 2कस तरह प:रानी 2दxली - ि€थत ’हाउसहोxडर’ -
इन रोम„2टक भावनाआp U आदान-sदान U िलए घर की छत का एक घटना€थल U बतौर sयोग 2कया गया *. और
’C घर U सामb’ - s<म की पAण‚ अिभŽयि9त U िलए पचास U दशक - नई बनती कॉलो2नयf U इकसार घरf को म:•य
4. - वग‚ सWरचना - 2नच[ और म•यम पाएदान पर खड़ी आबादी *. ऐP - होता यह * 2क इस 2नरQतर तलाश - य:वा
असWभाŽय लगती जगहf पर s<म U िलए भौ2तक €>स 2नoमत कर ]. उदाहरण U िलए रवीश की लघ: s<म कथाआp -
’अÁवाल €वीट्स’ एक ऐसा ही असWभाŽय sतीक बनकर उभरता * िजस- s<मी जोड़< सावज2नक U बीचfबीच अपb िलए
‚
एक 2नजी और स:रि‘त लगता कोना तलाश ].
³ चाd^गा 2क आप उनकी क¢छ कथाएW उदाहरण €व-प यहा^ पढ़p,
“C2डयो की आवाज़ आb लगी थी। उसकी कार धौलाक¢आW P म:ड़ कर एYस की तरफ दौड़b लगी थी। लौटb U फlस[
का साहस नहR ज:टा सकी। न ही वो मोतीबाग P यA टन‚ [कर उसU पी† आया। एक jसC U आb और मनाb U इWतज़ार
- दोनf ब‰त jर च[ गए। गाज़ीप:र प‰Wच कर सामb गािज़याबाद था। िशवमAšत U बाद ग:ड़ग„व आ च:का था। शहरf की
s<म कहा2नय„ ऐसी ही होती ]। 0/2फक - श:- होती * और 0/2फक - ग:म हो जाती *।“
“मायाप:री P v0ो - चढ़ ही वो सीपी U Ã0ल पाक£ - होb U ºयालf P भर गया। अलकनWदा P चल व9त उसb हर
¡कान U शी˜ - ख:द को gख िलया था। दोनf U साथ पAरी 2दxली िमल रही थी। Ã0ल पाक£ - प‰Wच ही पह[ P तय
खW› पर कोई और जोड़ा एक jसC को छAb की कोिशश कर रहा था। व9त पर आ कर भी दोनf [ट हो च:U ¾। दोनf b
फlसला 2कया। कल 2फर िमÄh। यहR मगर इस जोड़< P पह[।“
“खानप:र P बदरप:र की बस - ठ:Wसी भीड़ b दोनf को ऐP शहर - प‰Wचा 2दया जह„ उनU अलावा सब अजनबी ¾। हर
€टॉप पर चढ़b वाली भीड़ U ध9U P दोनf और करीब हो जा र~ ¾। बस भाग तो रही थी सीधी मगर उQ» हर बार
लगा 2क 2कसी मोड़ पर ज़ी P म:ड़ रही * और 2गरb P बचाb U िलए एक jसC को थामना ज़-री *। शहर - s<म U
ऐP कोb अपb आप बन जाया कर ]। भीड़ - घAC जाb U बाद भी।”
“ब:राड़ी P वो प/दल ही चल 2नकला, आईएसबीटी की तरफ। खान माकट की एनडीएमसी कालोनी P वो प:राना 2कला
ª
की तरफ भागी, ऑटो U िलए। इसी आपाधापी - उसका फोन प:राना 2कला U पास 2गर गया। वह„ P 2नकल एक
जोड़< b फोन - आए ÀPज पढ़ िलए। चलो हम भी इनU पी† भाग जा ]। 2दxली को खाप बनb U िलए छोड़ जा ]।“
“दि‘ण 2दxली U महारानी बाग U पास का त/मAर नगर 2कस त/मAर की याद - बना *। पAछ ही वो भड़क गई। इ2तहास U
च9कर - रहोh तो sोफ¿सर बना कर Pिमनारf - गाड़ 2दए जाओh। चलो यह„ P। 2कलोकरी ग„व U पी† P 2नकल कर
यम:ना U 2कनाC चल ]। अब बारी उसकी थी। वह„ 9या करोगी। ओखला वालf b नदी - मकान बना िल¬ ]।
अ2त•मण 2सफ£ s<म का नहR मकानf, न2दयf और हवाआp तक का हो च:का *। च/ट करना सीख लो।"
“माइनस म:2rका - पी† की 2कनाC वाली सीट िमल गई। उसb उसU कXध< पर सर 2टका 2दया। कब नRद आ गई और
कब सरायका[ ख„, आ•म, धौलाक¢आW, और वज़ीराबाद हो ‰ए ज:बली हा€टल आ गया पता ही नहR चला। वो खोई रही
या सोई रही यह भी जान नहR सका। वो तो बस उसकी तरफ आती हर 2नगाह P टकराb - िभड़ा रहा। उतर व9त
उसb ठीक कहा, त:म vरी कम ¡2नया की 2फ• Åयादा कर हो। कम P कम ब/ग U नीk vरा हाथ तो थाv रह सक ¾।
ब:ज़2दल।“
“माच‚ U महीb - हवाएW गरम होb लगी थR। दोनf की िज़द 2क ऑटोवाला दोनf तरफ का पदn 2गरा g। ऑटो U शोर -
भी भीतर गज़ब की खामोशी छा गई। चालक की एक आWख ब/क िमरर पर 2टक गई। दोनf ब/क िमरर P बचb U िलए एक
jसC - िछपb लh। चालक b मीटर का 2हसाब छोड़ 2दया। ऑटो ज़ी P शWकर रोड की तरफ दौड़b लगा।“ 3
यह ’पो€ट-ऑपCशन-मजनA’ वाली 2दxली * िजस- तमाम सावज2नक €थानf को 2कQहR ख़ास वग‚ P सWबW2धत लोगf U
‚
िलए त/यार 2कया जा रहा *. रवीश की कहा2नयf - सम:दाय की नज़रf का 2नरQतर पहरा और उसP जAझb की जzोज़हद
2दखाई gती *. इन कहा2नयf - खाप U सWदभ‚ भी ] और इWटरbट च/Æटग U भी. [2कन सबP मज़<दार इन कहा2नयf की
5. िलए त/यार 2कया जा रहा *. रवीश की कहा2नयf - सम:दाय की नज़रf का 2नरQतर पहरा और उसP जAझb की जzोज़हद
2दखाई gती *. इन कहा2नयf - खाप U सWदभ‚ भी ] और इWटरbट च/Æटग U भी. [2कन सबP मज़<दार इन कहा2नयf की
रोशनी - ’चevबz{र’ की ™परवाही को लौटकर पढ़ना *. ख:द नायक ना2यका की पहली म:लाकात इस सWदभ‚ -
उx[खनीय *. आप gžW 2क s<म की असWभाŽयता U बीच और एक 2नत„त असWभव प2रि€थ2त U बीच कlP s<म पनपता *.
ना2यका जो एक Pxसगल‚ U -प - काम कर रही *, नायक U घर ’चमको’ साब:न ™चb आई *. यह म:लाकात साब:न
U झाग, ध:[ ‰ए कपड़f को 2फर धोb और साब:न कYपनी की स/Yपल €कीमf P िमलकर बनती * और इसU बाद
आbवाली म:लाकातf - नायक ना2यका को ’िमस चमको’ नाम P ब:लाता *. यही सWदभ‚ इP उपय:‚9त कहा2नयf P भी
जोड़ ] जो एक सWघ2नत हो शहर - असWभाŽय प2रि€थ2तयf और अप2रिचत जगहf - s<म U िलए म:ना2सब €>स की
तलाश की कहा2नया^ ].
³b यह सवाल पह[ भी उठाया था 2क 9या ’चevबz{र’ - शहर U बाक़ी सWदभ‚ 2सC P अन:पि€थत ]? और आप gख ]
2क पाक£ - गाना गा वÇत 2कस तरह उQ» s2तक±ल 2ट¨पिणया^ झ<लनी पड़ती ]. अगर आप गौर P gžW तो 2फ़xम -
शहर U बाक़ी सQदभ‚ भी आ ] और वह अफ़वाहf और अखबार की खबरf U ज़2रए बार-बार अपनी उपि€थ2त दज‚
करवा ]. उस द}eय को याद कÈ जहा^ ना2यका का बड़ा भाई बड़ी उuस:कता P आकर बताता * 2क, “स:ना * शहर -
एक और 2कडन/Æपग हो गई. नानकचWद ÅयAलर की लड़की को उठाकर [ गए.” और यह स:नकर ना2यका U 2पता सलाह
g ], “bहा, त:Y» अU[ नहR घAमना चा2हए. समझी ना.” और भी उx[खनीय सWदभ‚ वह * जहा^ ना2यका U 2पता …ारा
नायक P िमलb P इनकार पर दादी मा^ उQ» कहती ], “™चारी उP ढWग P घर ब:लाना चाहती *. हम लोगf P िमलाना
चाहती *. अगर 2कसी 2दन भाग गई, 2फर पता च[गा.”
जहा^ पहला सWदभ‚ इP शहर की 2नरQतर बदलती आबोहवा P जोड़ता * वहR jसरा सWदभ‚ उस पीढ़ीगत और ’Žयि9त बनाम
समाज’ U तनाव U बाC - * िजसU चल शहर - बी 2दनf ¨यार U िलए €>स और कम होता गया *. ’चevबz{र’ -
सामािजक दबाव उपि€थत नहR * [2कन इसका इशारा *. कई बार हम भ2व य - आh बढ़b की जगह पी† की ओर
बढ़b लग ] और न‹™ U दशक - आए बदलावf U साथ शहरी सWदभœ - ’अQय’ U s2त सWZदनशीलता बढ़b की बजाए
कम ‰ई *. s<म भी इस म:•यधारा U बरÇस इसी ’अQय’ का 2ह€सा * और उP इस नकाराuमक प2रवतन की कीमत कई
‚
बार च:कानी पड़ती *.
[2कन ज/सा आप रवीश की लघ: s<म कथाआp - gख ], असWभाŽय s<म कहा2नया^ अपb िलए नई Žयव€था - नया €>स
तलाश [ती ]. समकालीन 2दxली U ल/Éड€Uप - आ प2रवतनf का इस- कई बार सकाराuमक योग भी होता *. िजस
‚
प:रानी 2दxली और नई 2दxली U म•य स2दयf का फ़ासला ‰आ करता था, 2दxली v0ो U आb U बाद प:रानी 2दxली U
य:वा U िलए ’कनॉट ¨[स’ U बीच - 2नoमत Ã0ल पाक£ की jरी अब घटकर बारह P पQrह िमनट भर की रह गई *. यह
ख:लापन उस सामािजक दबाव P 2बxक¢ल अलग * जो 2दxली 6 की तWग गिलयf - उQ» महसAस होता होगा. इसका
suय‘ उदाहरण हम राUश ओमsकाश vहरा …ारा 2नदÊिशत ’Eद<ली 6’ की 2बV{ - gख सक ] िजP v0ो P 2नकल
ही 2कसी आज़ाद पWछी का सा अहसास होता *. समाज - हर नई पीढ़ी U िलए समाज नए बWधन बनाता *, और वो पीढ़ी
उसU बर9स €वयW U िलए s<म U नवीन €>स बनाती चलती *.
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सJदभ:-
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1. 0ाम - एक याद, qा°rप2त, सWकxप क2वता दशक, सWपादक - Uदारनाथ Æसह, 2हQदी अकादमी 2दxली, sथम
सW€करण 1992, प}¤ - 191
2. कX0ोल एWड एि€पCशन : vमोयस‚ ऑफ़ ए v0ोपोिलस, अवतार Æसह, Pमीनार, सWपादक – जबीर Æसह, 2दसYबर
2011, नई 2दxली, प}¤ – 88
3 . Ë ल क g ž W – ( 0 6 / 0 2 / 1 0 1 2 ) h t t p : / / n a i s a d a k . b l o g s p o t. i n /
2011/03/1-2-3-4-5-6-7-8-9-10-11-12-13-14-15-16.html