2. • ई-नाम पोर्टल / E-NAM Portal एक इलेक्ट्रॉननक पोर्टल है जो पूरे देश क
े ककसानों को 585 से भी अधिक मंडियों
में अपने अनाज या उगाए गए फसलों को बेचने का बाजार उपलब्ि कराता है । ई-नाम / E-NAM पूरे देश में एग्री
माक
े टर्ंग कमेर्ी को एक नेर्वक
ट से जोड़ने का काम करता है इसका एक मकसद एग्रीकल्चर प्रोिक्ट्र् क
े ललए
राष्ट्रीय स्तर पर एक उधचत बाजार उपलब्ि करवाना है जजसमें ककसानों को उनकी फसल की एवज में एक सही
रकम लमल सक
े । ई-नाम पोर्टल / E-NAM Portal क
े इसी उपलब्िता को देखते हुए ककसान इस पोर्टल पर बहुत
ही तेजी से जुड़ रहे हैं । नेशनल एग्रीकल्चर माक
े र् क
े जररए कृ षि उत्पादों को अधिक दाम लमलेगा और सरकार
का यह एजेंिा है कक 2022 तक ककसानों की आमदनी भी दुगनी हो जाएगी जजसक
े ललए सरकार ने ककसानों क
े
ललए प्रिानमंत्री ककसान सम्मान ननधि योजना क
े साथ राज्य स्तर पर भी योजनाएं चलाई है और ई-नाम पोर्टल /
E-NAM Portal भी षवकलसत कर टदया है ।
राष्ट्रीय कृ षि बाजार योजना :
3. ई नाम पोर्टल की सफलता:
• इस योजना क
े अंतगटत अब तक देश क
े लगभग 1.70 करोड़ से अधिक ककसान भाई और
1.63 लाख व्यापारी ई-नाम पंजीकरण पोर्टल पर अपने आपको पंजीकृ त करवा चुक
े है।
इस योजना क
े होने पर ई नाम पोर्टल पर 1000 मंडियों को जोड़ा गया था इन मंडियों
की सहायता से ई नाम पोर्टल सफल रहा है इसी सफलता को देखते हुए क
ें द्रीय मंत्री जी
ने ई नाम पोर्टल पर 1000 और मंडियों को जोड़ने का ननणटय ललया है। राज्य क
े जो
ककसान अपनी फसलों को ऑनलाइन में माध्यम से बेचना चाहते है तो वह सभी लेने
वाले क
े साथ ई नाम पोर्टल पर ऑनलाइन बेचने क
े ललए फसल को अपलोि कर सकते है
और बड़ी ही आसानी से अपनी फसलों को बेच सकते है।
4. ककसानों को क्ट्या है फायदा:
• देश क
े अलग-अलग राज्य क
े ककसानों को एक उधचत मंिी लमलेगी जजसमें उनक
े फसल क
े एवज में एक उधचत
रकम लमलेगा ।
• ई-नाम पोर्टल / E-NAM Portal की सहायता से ककसान और खरीदार क
े बीच कोई दलाल नहीं रहेगा यानी
ककसान सीिा अपना फसल खरीदार को दे सकता है ।
• ककसानों और व्यापाररयों क
े बीच इस कारोबार में स्थानीय कृ षि उपज मंिी क
े टहत को कोई नुकसान नहीं होगा
क्ट्योंकक पूरा व्यापार इसी माध्यम से हो रहा है ।
• ककसानों को उनकी फसल क
े एवज में एक उधचत मूल्य लमलेगा जजससे ककसानों को प्रोत्साहन और आय में भी
बढोतरी होगी ।
5. पहले क्ट्या थी ककसानों की सबसे बड़ी समस्या ?
• ई-नाम पोर्टल/ E-NAM Portal आने से पहले ककसानों की सबसे बड़ी समस्या यह होती थी
कक वह जो फसल उगा रहा है उस पर काफी मेहनत कर रहा है लेककन जब बाजार में
वह फसल लेकर जाता है तो वह उसको एक बबचौललयों को देता है और वह बबचौललया
उसको खरीदार क
े पास बेचता है ऐसे में ककसानों को बबचौललयों क
े द्वारा कम पैसा देकर
फसल खरीद ललया जाता था और ककसानों को अपनी फसल की एवज में उधचत मूल्य
नहीं लमल पाती थी लेककन इस पोर्टल क
े आने से यह समस्या खत्म हो गई है ।
6. E NAM रजजस्रेशन क
े लाभ:
• ई-नाम पोर्टल सभी ए।पी।एम।सी से संबंधित सूचना और सेवाओं क
े ललए एक ही स्थान पर सेवा प्रदान करता है। इसमें
अन्य सेवाओं क
े बीच उपज क
े आगमन और कीमतों, व्यापार प्रस्तावों को खरीदने और बेचने, व्यापार प्रस्तावों पर
प्रनतकिया क
े ललए प्राविान शालमल हैं।
• इस ऑनलाइन पोर्टल क
े माध्यम से देश क
े ककसान ऑनलाइन आवेदन करक
े अपनी फसल को ऑनलाइन बेच सकते है
और अधिक लाभ प्राप्त कर सकते है ।
• इस योजना क
े ज़ररये देश क
े ककसानो को अधिकतम लाभ प्रदान करना ।
• e nam ऑनलाइन माक
े र् प्लेर्फॉमट पारदशी नीलामी प्रकिया क
े माध्यम से बेहतर कीमत की खोज प्रदान करते हुए कृ षि
वस्तुओं में अखखल भारतीय व्यापार की सुषविा प्रदान करेगा।
• अब वे बबचौललयों और आढनतयों पर ननभटर नहीं हैं ! सरकार ने अब तक देश की 585 मंडियों को ई-नाम क
े तहत जोड़ा
है !
• सेब, आलू प्याज, हरा मर्र, महूआ का फ
ू ल, अरहर साबूत, मूंग साबूत, मसूर साबूत (मसूर), उड़द साबूत, गेहूूँ, मक्ट्का,
चना साबूत, बाजरा, जौ, ज्वार, िान, अरंिी का बीच, सरसों का बीज, सोया बीन, मूंगफली, कपास, जीरा, लाल लमचट और
हल्दी क
े प्रायोधगक व्यापार की शुरुआत 14 अप्रैल 2016 को 8 राज्यों क
े 21 मंडियों में की गई है।
7. • व्यापार और मूल्य पर वास्तषवक समय की जानकारी
• बेहतर मूल्य खोज क
े माध्यम से व्यापार में पारदलशटता
• राज्य भर क
े बाजारों तक षवस्ताररत पहुंच
• वस्तुओं की गुणवत्ता की जानकारी
• पारदशी ई-बोली प्रकिया
• सीिे ऑनलाइन भुगतान
8. ई-नाम पोर्टल रजजस्रेशन क
े दस्तावेज़ (पात्रता ):
• इस योजना का लाभ देश क
े क
े वल ककसान भाई ही उठा सकते है ।
• आिार कािट
• पहचान पत्र
• बैंक पासबुक
• मोबाइल नंबर
• पासपोर्ट साइज फोर्ो
9. E NAM PORTAL पर ऑनलाइन रजजस्रेशन क
ै से
करे?
• सवटप्रथम आवेदक को इ नाम को ऑकफलसयल वेबसाइर् पर जाना होगा । ऑकफलसयल
वेबसाइर् पर जाने क
े बाद आपक
े सामने होम पेज खुल जायेगा ।
10. • इस होम पेज पर आपको Registration का ऑप्शन टदखाई देगा ।आपको इस ऑप्शन
पर जक्ट्लक करना होगा ।ऑप्शन पर जक्ट्लक करने क
े बाद आपक
े सामने क
ं प्यूर्र स्िीन
पर अगला पेज खुल जायेगा ।
11. • इस पेज पर आपका रजजस्रेशन फॉमट खुल जायेगा ।आपको इस रजजस्रेशन में पूछी गयी सभी
जानकारी जैसे ककसान पंजीकरण प्रकार, स्तर का चयन कर सकते हैं नाम , जन्मनतधथ ,
आिार नंबर , बैंक षववरण आटद भरनी होगी और कफर ककसानों को पासबुक की कॉपी कॉपी
या रद्द ककए गए चेक और आईिी प्रूफ की स्क
ै न कॉपी भी अपलोि करनी होगी ।
• सभी जानकारी भरने क
े बाद आपको सबलमर् क
े बर्न पर जक्ट्लक करना होगा ।
• ककसानों को भषवष्ट्य क
े संदभट क
े ललए जमा ककए गए आवेदन पत्र का षप्रंर्आउर् लेना होगा।
पंजीकरण प्रकिया पूरी होने पर, ककसान मंडियों में अपने कृ षि उत्पादों को बेचने क
े ललए
लॉधगन कर सकते हैं।
• लॉधगन करने क
े ललए आपको पोर्टल क
े होम पेज पर जाना होगा ।और इस होम पेज पर
आपको लॉधगन क
े ऑप्शन पर जक्ट्लक करना होगा । ऑप्शन पर जक्ट्लक करने क
े बाद आपक
े
सामने अगला पेज खुल जायेगा ।
• इस पेज पर आपको यूजरनाम ,पासविट और क
ै प्चा कोि िालकर लॉधगन क
े बर्न पर जक्ट्लक
करना होगा ।
12. ई नाम मोबाइल ऐप िाउनलोि करने की प्रकिया:
• सवटप्रथम आपको अपने मोबाइल में गूगल प्ले स्र्ोर खोलना होगा।
• अब आपको सचट बॉक्ट्स में ई नाम एंर्र करना होगा।
• इसक
े पश्चात आपको सचट क
े बर्न पर जक्ट्लक करना होगा।
• जैसे ही आप सचट क
े बर्न पर जक्ट्लक करेंगे आपक
े सामने एक सूची खुलकर आएगी।
• आपको सबसे ऊपर वाले ररजल्र् पर जक्ट्लक करना होगा।
• अब आपको इंस्र्ॉल क
े बर्न पर जक्ट्लक करना होगा।
• जैसे ही आप इंस्र्ॉल क
े बर्न पर जक्ट्लक करेंगे ई नाम ऐप आपक
े मोबाइल फोन में
िाउनलोि हो जाएगा।
13. E NAM रजजस्रेशन ककसान हेल्पलाइन (र्ोल फ्री)
नंबर:
• ककसी भी प्रश्न या कटठनाई क
े मामले में, e nam रजजस्रेशन ककसानों की सहायता क
े
ललए हेल्पलाइन र्ोल फ्री नंबर की सुषविा भी प्रदान कर रहा है: –
• हेल्पलाइन (र्ोल फ्री) नंबर: 1800 270 0224
• ईमेल आईिी: nam@sfac.in, enam.helpdesk@gmail.com
• आधिकाररक वेबसाइर्: https://enam.gov.in/web/