2. कोरोनावायरस संक्रमण फै लाने
वाला एक ववषाणु है जो श्वसन
तंत्र में संक्रमण उत्पन्न करता
है और मानव-से-मानव में
फै लता है।
इसकी पहचान सववप्रथम दिसंबर
2019 में वूहान में करी गई
थी,जहााँ कोरोना वायरस प्रकोप
का कारक था।
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3. यह आरएनए वायरस होते हैं। इसके लक्षण फ्लू से ममलते-
जुलते है।
इस वायरस के मानव-से-मानव संचरण की पुष्टि की गई है।
इसका प्रसार मुख्य रूप से लगभग 6 फीि (1.8 मीिर) की
सीमा के भीतर खांसी और छ ंक से बूंिों के माध्यम से होता
है। िूवषत सतहों के माध्यम से अप्रत्यक्ष संपकव , संक्रमण का
एक और संभाववत कारण है।
संक्रमण के फलस्वरूप बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ,
नाक बहना और गले में खराश जैसी समस्या उत्पन्न होती
हैं।
कु छ मामलों में कोरोना वायरस घातक भी हो सकता है,खास
तौर पर 60 से अधिक उम्र के लोग और ष्जन्हें पहले से
अस्थमा, डायबबिीज़ और हािव की बीमारी है।
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साफ-सफाई इस वायरस से बचने का
जरूरी तरीका है। कहीं भी बाहर से आने या
कु छ भी खाने से पहले अपने हाथ अच्छ
तरह साफ करें। मसफव पानी से नहीं बष्कक
साबुन या हैंडवॉश से िोएं।
अपने साथ हैंड सेननिाइजर हमेशा रखें।
जहां पानी से हाथ िोने की व्यवस्था ना हो,
वहां इसका इस्तेमाल करें।
हाथ साफ ककए बबना अपने चेहरे और
मुंह पर ना लगाएं।
बीमार लोगों की िेखभाल के िौरान
अपनी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखें। उनके
इस्तेमाल ककए हुए बतवन और कपडों का
उपयोग करने से बचें।