4. पररिय
• शकसी भी सहायक सम्बन्ध को सुगम बनाने में परामर्श दाता क
े
व्यक्तिगत और व्यिसाशयक गुण बहुत महत्व पूणश होते हैं। एक
परामर्श दाता को व्यक्तियोां को समायोजन करने और एक सुखी
और सामांजस्य पूणश जीिन जीने में सहायता करने क
े शिए अच्छी
तरह से सुसक्तित होना िाशहए।
• प्रभािी परामर्श क
े शिए परामर्श दाता क
े पास दो प्रकार का डाटा
होना िाशहए।
• पहिा, उसक
े पास परामर्ी की पृष्ठभूशम योग्यताओां उपिबशियो ोँ
रुशियोां योजनाओ आशद से सांबांशित डाटा होना िाशहए।
• दू सरा, परामर्शदाता को उन क्षेत्रोां क
े बारे में जानकारी होनी िाशहए
शजनमे परामर्ी उसकी सहायता माांग सकता हैं। ये क्षेत्र र्ैशक्षक या
व्यक्तिगत हो सकते हैं।
5. व्यिसाशयक गुण
र्ैशक्षक और बौक्तिक क्षमता (Educational And
Intellectual potential) :
एक परामर्श दाता की र्ैशक्षक योग्यता पूणश तथा उच्च कोशट
की होनी िाशहए। उसक
े पास स्नातक स्तर की उपाशि और
मनोशिज्ञान में उपाशि होनी िाशहये।
एक अच्छे परामर्शदाता का बुक्ति स्तर उच्च कोशट का होना
िाशहए।
शिशर्ष्ट कौर्ि (Specific Skill) : परामर्शदाता मे क
ु छ
शिशर्ष्ट कौर्ि अिश्य होने िाशहए। जैसे साक्षात्कार
मनोांिैज्ञाशनक परीक्षणोां आशद का ज्ञान होना आिश्यक है।
इसक
े अिािा उसे व्यिसाशयक सूिनाएां एकशत्रत करने, उन्हे
शितररत करने और शिश्लेशर्त करने का ज्ञान होना िाशहए।
6. प्रशर्क्षण एिां तैयारी (Training and Preparation) :
(i) परामर्शदाता को शनदेर्न की प्रक
ृ शत, उद्देश्य और शसिान्ोां का
ज्ञान होना िाशहए।
(ii)उसे शिशभन्न व्यिसायोां से सम्बक्तन्धत जानकारी प्रदान करने िािी
शिशियोां क
े शिर्य में ज्ञान होना िाशहए।
(iii) सेिाथी / प्राथी / व्यक्ति / शिद्याथी की समस्याओां को समझना।
(iv) शिशभन्न प्रकार की सूिनाओां की व्याख्या करने में शनपुण होना।
(v) एक परामर्शदाता को उच्च शर्क्षा प्राप्त होनी िाशहए एिां उसे
शिर्योां जैसे- समाजर्ास्त्र, मनोशिज्ञान, भूगोि, अथशर्ास्त्र आशद
का ज्ञान होना िाशहए ।
(vi) सामाशजक सांसािनोां क
े प्रयोग में दक्षता प्राप्त हो।
7. िैयक्तिक गुण
स्वभाि में शिनम्रता (Humbleness in Attitude) :
परामर्शदाता क
े स्वभाि में शिनम्रता का होना अशत
आिश्यक है। उसका स्वभाि यशद उत्तम होगा तो सेिाथी
/ व्यक्ति सहजतापूिशक उससे िाताशिाप कर अपनी
समस्या उसक
े समक्ष शबना शकसी शहिशकिाहट क
े रखने
में समथश होांगे।
सहयोगात्मक व्यिहार (Cooperative Behaviour)
: परामर्शदाता क
े शिए यह अशत आिश्यक है शक उसमें
सहयोग की भािना हो एिां िह समस्त सम्बक्तन्धत
व्यक्तियोां, कमशिाररयोां एिां सेिाशथशयोां क
े साथ सहयोग करें
एिां अपने कायश में सभी का सहयोग प्राप्त करे।
8. जीिि र्दशशि ( Philosophy of Life) : परामर्शदाता का
स्वांय क
े जीिन क
े प्रशत एक अपना दृशष्टकोण अिश्य होना
िाशहए। परामर्शदाता मे जीिन मूल्ोां की जानकारी,
आध्याक्तत्मकता, नैशतकता, नागररक गुण, अच्छा आिरण,
जीिांतता एिां िैयश आशद गुणोां का होना आिश्यक है।
सांिेदनर्ीिता (Sensitivity)- एक उत्तम परामर्शदाता की
शिर्ेर्ता है, सांिेदनर्ीिता। उसे अपने कायश क
े प्रशत
जागरूक एिां ईमानदार होना िाशहए। ऐसा होने पर ही िह
परामर्शदाता परामर्श की प्रशक्रया को शनष्पक्ष रूप से
सांिाशित कर सकता है।
9. स्वीकायशता (Acceptance) :
परामर्शदाता को िाशहए शक िह सेिाथी की प्रत्येक बात को
अपनी स्वीक
ृ शत प्रदान करे। यशद परामर्शदाता सेिाथी क
े ि्
यक्तित्व की उपेक्षा करता है तब उस क्तथथशत में परामर्श
प्रशक्रया को प्रभािर्ािी एिां सफि बनाना कशिन
होगा।परामर्शदाता को िाशहए शक िह सेिाथी की प्रत्येक
बात
को अपनी स्वीक
ृ शत प्रदान करे। यशद परामर्शदाता सेिाथी क
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व्यक्तित्व की उपेक्षा करता है तब उस क्तथथशत में परामर्श
प्रशक्रया को प्रभािर्ािी एिां सफि बनाना कशिन होगा
•
10. अच्छा स्वास्थ्य (Good Health) :
अच्छा स्वास्थ्य अच्छे व्यक्तित्व का पररिायक होता है।
एक परामर्शदाता का स्वास्थ्य उत्तम होना आिश्यक
है।
िाणी में मिुरता आकर्शक व्यक्तित्व जीिांतता एिां िैयश
आशद का होना आिश्यक है।
समझदारी (Understanding) : एक उत्तम परामर्शदाता
मे बोिगम्यता का गुण होना िाशहए। इसी क
े आिार
पर
िह प्राथी ि उसकी समस्याओां को समझ सकता हैं।
11. उत्तम श्रोता ( Good Listener) :
एक अच्छा परामर्शदाता एक अच्छा श्रोता भी होता है,
िह
सेिाथी की बातोां को ध्यान पूिशक सुनता और समझता
है।
उसक
े बाद अपने तक
श शितक
श करता है।
समस्या समािान कौर्ि(Problem solving skill
)
एक उत्तम परामर्शदाता सेिाथी क
े साथ िताशिाप
मात्र से