2. आपस में संबंध रखने वाले दो या
दो से अधधक पदों के मेल को
समास कहते हैं। उदाहरण- ‘दशानन’
अर्ाात जिसके दस आनन (मुँह)
हो अर्ाात रावण।
3. समास के ननम्नललखखत छ: भेद होते
हैं:
1.तत्परुष समास
2.कमाधारय समास
3.द्ववग समास
4.द्वंद्व समास
5.अव्ययीभाव समास
6.बहव्रीहह समास
4. जिस समास का दूसरा पद प्रधान हो, उसे तत्परुष
समास कहते हैं। इस समास मे पहला पद प्राय:
संज्ञा एवं दूसरा पद संज्ञा अर्वा ववशेषण होता है
तर्ा ववग्रह करने पर कमा, करण, संप्रदान,
अपादान, सम्बंध अर्वा अधधकरण कारक के धिह्न
लगते हैं। उदाहरण-
क. परलोकगमन – परलोक को गमन – कमा तत्परुष
ख.काललदासरधित – काललदास के द्वारा रधित –
करण तत्परुष
5. जिस समास के दोनो पदो मे ववशेषण
ववशेष्य अर्वा उपमा-उपमेय का
सम्बंध हो, उसे कमाधारय समास कहते
हैं। िैसे- िंद्रमखी-िंद्रमखी के समान
मख हो जिसका।
6. जिस शब्द का पहला पद संख्यावािी हो और
सम्पूणापद समूह का बोध कराता है, उसे द्ववग
समास कहते हैं। िैसे- नवरत्न- नौ रत्नो का
समूह।
7. जिस शब्द के दोनो पद प्रधान हो, उसे
द्वंद्व समास कहते हैं। िैसे- राम-लक्ष्मण,
बेटा-बेटी।
8. जिस शब्द का पहला पद प्रधान हो और वह
अव्यय भी हो, उसे अव्ययीभाव समास कहते
हैं।िैसे- यर्ाशजतत- शजतत के अनसार।
9. जिस समास का कोई पद प्रधान न हो,
बजकक वह ककसी अन्य प्रधान शब्द की
ओर संके त करे, उसे बहव्रीहह समास
कहते हैं। िैसे- िक्रध्रर-िक्र को धारण
करने वाला अर्ाात क्रष्ण।