Indic academy initiative for publishing content on Shastraas, Indic Knowledge Systems & Indology and to showcase the activities of Indic Academy.
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Celebration Of Great Warkari Saints Part III Eknath Shashthi.pptx
राम राज्य Indica Today Shastraas Indic Knowledge Systems Indology.pptx
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2. Indic academy initiative
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Shastraas, Indic
Knowledge Systems &
Indology and to
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3. We publish Quick Reads
(articles of less than 1500
words), Long Reads
(articles with word counts
between 1500 and 4000),
Research Papers (more
than 8000 words) and Book
Reviews. We currently
publish in English, Hindi,
Kannada, Telugu and
Sanskrit.
5. बंदउँ राम नाम रघुबर को। हेतु
कृ सानु भानु हहमकर को॥
बबधि हरर हर मय बेद प्रान सो।
अगुन अनूपम गुन ननिान सो॥
6. मानव सभ्यता जिसका गंगा तट पर शीघ्रता
से ववकास हुआ, अब उस सभ्यता में मानव
ववकास क
े दोष भी प्रकट होने लगे थे। अब
समाि में वगग भेद भी था और राक्षसी
ववचारों का दूषण भी शीघ्रता से बढ़ रहा था।
यही कारण था, कक िो कायग पूवग में ववष्णु
िी ने सरलता से कर ललया था, और समाि
में दूवषत ववचारों को बढ़ने से रोक ललया था।
पर अब उन ववचारों क
े साथ साथ अन्य दोष
भी समाि में पनप रहे थे। मानव सभ्यता
आपस में ही लड़ झगड़कर नष्ट होने की
ओर बढ़ रही थी। उनक
े ववचारों में आये दोष
और वगग भेद का कारण िानने क
े ललए
ववष्णु िी ने ववचार ककया कक इस समस्या
से मानव समाि क
े भीतर रहकर ही लड़ा
िा सकता है। उन्होंने मानव अवतार लेने का
7. चैत्र क
े शुक्ल पक्ष की नवमी नतधथ को
ववष्णु िी ने श्री राम क
े रूप में मानव
अवतार ललया। गुरुक
ु ल लशक्षा पूणग होते
ही, ववश्वालमत्र उन्हें अपने साथ ले गए।
उन्होंने अपनी युवावस्था का अधिकतर
समय सामान्य िनों क
े मध्य रहकर
व्यतीत ककया। उन्होंने महल से लेकर
गांव, शहर और वनों में रहने वाली मानव
सभ्यता क
े संग ही वनों में रहने वाले वृक्ष
और पशुओं को भी िाना और समझा।
वगग भेद क
े कारण िो सभ्यता दो अंगों
में बंट गई थी, उसे साथ लाकर एकमत
करने क
े उन्होंने प्रयास ककए, सभी की
समस्याओं को उन्होंने सुना।