1. बद तूर जार रहा मेरा इ क तुझसे
तू बदलती रह मौसम क तरह
आस लगाई तेर चाहत क मने
शायद मल जाए आंचल तेरा !!!
कै द होकर कर रहा
इंतजार म तेरा
तू कब आएगी
अब बस कर इं तहान लेना
चार द वार म समटकर
जाना कै द कै सी होती होगी
कोई सड़क आज तेर राह देखती होगी !!!
न जाने कै द है कतनी दा तां इस दल म
कभी तो जुबान पर आ जाती
तुझे इंतजार य है उसका
जो कभी थी ह नह ं
बना ल है एक वाब क दु नया मने
य क हक कत म तो कु छ भी नह ं !!!
2. आज म खुद से मला
और पूछ बैठा बता तेर हसरत है या
ह से एक आवाज आई
थोड़ी जगह दल म मले
इससे यादा और या !!!
बड़ी आसान सी होती िजंदगी
अगर पहचान लया होता व त रहते उसे
अब तो के वल जहर ह है
िजसक कोई दवा ह नह ं !!!
व त गुजरता है याद रह जाती है
तुझे पाने क वा हश म उ गुजर जाती है
पाना तुझे मेर क मत म था नह ं
पर तुझे भुला दूं यह मेर फतरत म नह ं !!!
3. कोई तो सुन जरा बेबस क पुकार
क ती पर ह सवार, पर सा हल क दरकार
य मुंह मोड़ रहा अपन से
दुख झेले ह बरस से
तेर याद से कु छ पल काटे ना कटे
तुझसे मलन कोई एक िजया तरसे
मलन से फर य यह नैना बरसे !!!
िजंदगी एक मौका ज र देगी
तुझे आना पड़ेगा
कोई और नह ं वो
िजसे तुझे भुलाना पड़ेगा
इतनी आसान नह ं मेर याद को मटा देना
तुझे रोज दो घूट लगाना पड़ेगा !!!
वाब को बुनकर बनाना चाहा एक महल
क मने, हर को शश - पहल
िजंदगी ने ऐसी य करवट बदल
तनको सा बखर गया मेरा वाब का महल !!!
4. पैमाने म जाम सबने देखा
जाम से जुड़ा दद कसने देखा
कट जाएगी उसक याद
इस पैमाने के सहारे ..
चेहरे के पीछे का दद कसने देखा है !!!
शमा बुझ गई…
सो गया ये जहाँ
कु छ लोग ऐसे भी ...
िज ह न मल ज़मीं न आसमां !!!
कसी काम के लए ह सह
हम याद तो कया
शु है याद कसी बाजार म नह ं बका करती
गर बका करती .....
तो हमारा कोई खर ददार ना होता !!!
5. तेर उलझी लट को सुलझाकर
एक सुकू न आया
तेर ओर कोई देखे तो जी य घबराया
एक पल भी ओझल न हो तू मुझसे
इस याल ने मुझको पल पल तड़पाया
पर…..
तेर मु कु राहट देख
तुझे सफ अपना ह पाया
दल को फर एक सुकू न आया !!!
पूछ लया नाम उसका
दल म तम ना थी...
नजर फे र कर चल गई
या इतनी ह कहानी थी....
राह चलते फर इ तेफाक से मले हम
देखी उसने शोहरत मेर ...
तो देख वह मु कु राई
तब जाकर आज उसक नयत समझ म आई !!!
6. वो शाम आज भी,
ज़हन म है मेरे
उसक दु नया बस रह थी
और मेर उजड़ गयी !!!
क त म तेर याद ने
लूटा है मुझे ...
दो कश लगा लेता हूँ
अब तेरे नाम का !!!
कह रहा हूँ दो श द ,
बताने को बात बहोत है,
कोई ग़ा लब ऐसा नह ं ,
जो तुझे बयां कर सके !!!
7. बड़े दन के बाद ,
आज उस गल से गुज़रा,
रा ते तो वह थे,
पर गुमशुदा थी रौनक !!!
उसने कहा तू जा ,
तेरा इंतजार क ँगी,
लौटा जब ..
मेरा यक़ न पु ता हो गया !!!
शु या तेरा क ँ या खुदा का
जो आज तू मेर है ,
यक न नह ं था खुद पर कभी,
कोई यार से अपना कहेगा !!!
8. हर बात तू हँस कर टाल
देती हो,
मेरे अहसास का मोल न
देती हो,
गौर से देखो मेर आँख म कभी,
हर ल ज़ तुझे पाक लगेगा !!!
दो पल क मुलाकात तुझसे,
मानो मेर जहां बन गयी,
कर ब आने को ढूंढ़ता रहा बहाने,
उ का तकाज़ा ऐसा शर फ बन गया !!!
रब का शु या करो,
खु शय से िज ह ने तुझको है नवाज़ा
लोग तो यहाँ ऐसे भी है
िज हे दो व त क रोट भी नसीब नह ं !!!
9. तम ना है तुझसे दल लगाने क ,
पर ये दमाग आड़े आ जाता है
दल क सुनी जब जब मने,
ये जहान खुशनुमा हो जाता था
आज दमाग क सुन सुन कर,
के वल खुदपर तरस ह आ जाता है
ये दमाग य आड़े आ जाता है !!!
आँख बंद कर हम चले,
उसके कहने पर
गुमनाम कर चला गया
बच राह पर छोड़ कर !!!
फु सत म बैठा तो,
तू फर याद आई,
उदास मन य है मेरा,
ना तू थी कभी ना तेर परछाई !!!