1. A seminar by CHANDNI NARVARIYA
MA AIHCA II semester
2. V. A. smith क
े अनुसार ससक्क
े ,
"मूल्य की गारंटी क
े रूप में
मान्यता प्राप्त अंक ं द्वारा मुद्रा क
े
रूप में प्रमासित सनसित वजन क
े
धातु क
े टुकडे" क दर्ााता है।
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3. मुद्राशास्त्र शब्दावली
फ्लान एक सिक्क
े की ितह है।
एक सिक्क
े का अग्र भाग मुख्य
रूप िे शाही सित्र या शाही
जानकारी वाले सिक्क
े क
े अग्र
भाग क
े रूप में जाना जाता है
और सवपरीत पक्ष को ररविस क
े
रूप में जाना जाता है
4. औजार
अर्ार्ास्त्र में कौसटल्य, ससक्क ं क
े जालसाज ं (क
ु तरूपा कारक) क
े एक मागा
में संदसभात हैं और उन् ंने ससक्क ं क
े सनमााि क
े सलए उपय ग की जाने वाली
वस्तुओं की एक सूची बताई है। धातु क पहले क्र
ू ससबल (मुर्ा) में सपघलाया
जाता र्ा और क्षार (क्षरा) से र्ुद्ध सकया जाता र्ा, सिर एक हर्ौडे
(मुश्तिका) क
े सार् एक सनहाई (असधकारिी) में चादर ं में पीटा जाता र्ा,
सजसे कतरनी (संदन्सा) क
े सार् टुकड ं में काट सदया जाता र्ा और अंत में
घूंसे वाले प्रतीक ं क
े सार् उभरा ह ता र्ा ( सबम्बा - टंका)
5. Anvil
बहुत प्रािीन उपकरण हैं जो पहले
पत्थर िे सलसिक पत्थर क
े औजार क
े
रूप में बने होते हैं, सिर काांस्य और
बाद में लोहे िे। यह एक िपाट शीर्स
और अवतल पक्षोां वाला एक भारी
लोहे का ब्लॉक है, सजि पर धातु की
क
ै ब को हिौडे िे लगाया जाता है
और आकार सदया जाता है।
क्र
ू सिबल
यह एक सपघलने वाला बतसन है,
सिरेसमक या धातु का एक गमी
प्रसतरोधी क
ां टेनर है सजिका उपयोग
अयस्ोां या धातुओां को बहुत असधक
तापमान पर सपघलाने क
े सलए सकया
जाता है।
6. Cutter
यह काटने या सटिसमंग क
े सलए
एक उपकरि है। धातु क
क्र
ू ससबल में सपघलाने और क्षार
से र्ुद्ध करने क
े बाद इसे हर्ौडे
से पीटा जाता है और सिर
कतरन ं से टुकड ं में काट सदया
जाता है।
Die
सिक्क
े पर मुहर लगाने क
े सलए प्रयुक्त
सिजाइन क
े िाि उत्कीणस धातु का टुकडा।
िाई कठोर काांस्य या लोहे क
े बने होते िे।
काांस्य िाई को उक
े रना आिान िा और
बाहर नहीां सनकालना िा लेसकन तेजी िे
खराब हो गया िा। अग्रभाग िाई को सनहाई
पर रखा गया िा और छाप बनाने क
े सलए
ररविस िाई को मारा गया िा
7. ससक्का ढ ना
टकसाल एक ऐसी सुसवधा है जहााँ ससक्क
े बनाए
जाते हैं। टकसाल एक औद्य सगक सुसवधा है
जहां ससक्क ं का सनमााि सकया जाता है और
इसे मुद्रा क
े रूप में इस्तेमाल सकया जा सकता
है।
8. तीन प्रकर की तकनीकी
(दू सरे देर् ं और कई साम्राज् ं की र् डी सी मदद से)
1. पंसचंग तकनीक क पुरातन डाई स्ट्िाइसक
ं ग तकनीक क
े रूप में भी
जाना जाता है
2. काश्तस्ट्ंग तकनीक
3. डाई स्ट्िाइसक
ं ग तकनीक
9. सभी स लह महाजनपद ं क
े अपने सवसर्ष्ट प्रकार क
े आहत ससक्क
े र्े। इन
ससक्क ं क
े अग्रभाग पर एक से चार तक क
े सचह्न सभन्न-सभन्न र्े। बाद में एक
र्ाही र्श्ति क
े रूप में मगध क
े उदय क
े सार् हम एक मानक उपकरि क
े
रूप में प्रत्येक टुकडे क
े अग्रभाग क
े पांच प्रतीक ं का उपय ग पाते हैं। इन
ससक्क ं क ढालने क
े सलए इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक में ससक्क
े क
े
ररि स्र्ान ह ता र्ा उसक
े बीच धातु क रखा जाता र्ा
पांसिांग तकनीक
NAMAN shrivastava
10. ससक्का खाली तैयार
करना
र्ीट काटने की
तकनीक- असनयसमत
आकार, अक्सर
कतरनी का उपय ग
करक
े वजन क
समाय सजत करने क
े
सलए काटा जाता है
छ टी बूंद सवसध- ग ल
या अण्डाकार आकार
आवश्यक म टाई की
चादर ं में पीटा गया
वजन समाय सजत करना
प्रत्येक टुकडे क एक वजन
पैमाने पर तौला गया र्ा और
धातु क
े टुकडे क
े ससर ं की
आगे की कतरन वजन
मानक क
े अनुसार उसक
े
वजन क समाय सजत करने
क
े सलए की गई र्ी।
12. काश्तस्ट्ंग तकनीक
बडे पैमाने पर आधार धातु क
े ससक्क ं की ढलाई क
े सलए व्यापक रूप
से इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक। आमतौर पर भारत में तांबे क
े
ससक्क ं क
े सलए इस्तेमाल सकया जाता है। इस तकनीक में ससक्क ं का
सनमााि उन सांच ं की सहायता से सकया जाता र्ा ज ज्ादातर जली
हुई समट्टी या सकसी कठ र धातु से बने ह ते र्े।
ससंगल म ल्ड
डबल म ल्ड
एकासधक म ल्ड
13. ससक्का पररष्करि
सिर ठ स धातु प्राप्त करने
क
े सलए सांचे क त डा गया।
चैनल भी सक्रस्ट्लीक
ृ त या
जम गया र्ा और सिर
वांसछत ससक्का प्राप्त करने
क
े सलए इसे एक तेज श्तिपर
का उपय ग करक
े काट
सदया गया र्ा। असतररि
धातु वापस सपघलने वाले
बतान में चली गई
समट्टी क
े सांचे
सांचे ज ज्ादातर समट्टी क
े बने
ह ते र्े और ससक्क ं की युश्ति
इस समट्टी पर नकारात्मक रूप
से छापी जाती र्ी तासक जब
ससक्का बनाया जाए त उस
पर सकारात्मक प्रभाव पडे।
छाप प्राप्त करने क
े बाद समट्टी
क
े टुकडे क सुखाया गया
और टेराक टा म ल्ड प्राप्त
करने क
े सलए बेक सकया गया।
धातु डालना
सपघली हुई धातु क सांचे में
डाला गया और ससक्का प्राप्त
करने क
े सलए ठं डा ह ने सदया
गया।
ससंगल म ल्ड में एक खाली
ररवसा र्ा।
द अलग-अलग उपकरि
जुड गए, सपघला हुआ धातु
डालने क
े सलए र्ीर्ा पर एक
वेंट रखा गया र्ा।
14.
15. डाई LVªkbafdax
ससक्क
े क
े ररि स्र्ान क
े एक
समूह क एक ग ल उपकरि का
उपय ग करक
े ग ल सकया गया र्ा,
सजसमें ससक्क ं क
े ररि स्र्ान क
ग ल करने क
े सलए हल्क
े स्ट्ि क क
े
सार् हर्ौडे से वार सकया गया र्ा।
सनचली डाई क Anvil से सचपका सदया
गया र्ा तासक वह प्रहार करने पर आगे
न बढे। खाली ससक्क
े क द न ं पास ं क
े
बीच में रखा जाता है यानी इसे anvil
डाई पर रखा जाता है और सिर उस
पर ऊपर वाला पासा रखा जाता है।
ऊपरी डाई क जल्द ही
क्षसतग्रस्त ह ने से बचाने क
े सलए
उस पर धातु क
े ब्लॉक का एक
और टुकडा रखा गया र्ा
सिर द न ं उपकरि ं क
खाली ससक्क
े पर प्रभासवत
करने क
े सलए हर्ौडे से
प्रहार सकया गया।
Editor's Notes
issue of the coin’s obverse and reverse developed with conventions developed by numismatists over a period of time. In coins with images, larger portraits of the king/deity were considered as obverse whereas smaller images the reverse.