किसानों की समस्याएं अनेक, समाधा सिर्फ एक ‘ट्रैक्टर जंक्शन’. वैश्विक महामारी ने किसानों की सार्थकता एक बार फिर सिद्ध कर दी है। 2022-23 तक किसानों की आय का 69 से 80 प्रतिशत खेती और पशुपालन से प्राप्त होगा। किसान होने के लिए जमीन पहली आवश्यकता है। किसान की प्रमुख जरूरतों में जमीन का हिस्सा 50 प्रतिशत है। भारतीय किसान पशुओं का दूध और पशुओं को बेचकर पैसा कमाते हैं। पशु और जानवर किसान की 20 प्रतिशत जरूरत को पूरा करते हैं। देश के पांच प्रतिशत किसान ही ट्रैक्टरों का इस्तेमाल करते हैं। देश में हर साल 6 से 7 लाख ट्रैक्टरों का निर्माण होता है। भारतीय किसानों की जरूरतों में इम्प्लीमेंट का हिस्सा 2 प्रतिशत है। इम्प्लीमेंट से खेती-बाड़ी का काम बहुत आसानी से किया जाता है। भारतीय खेती में इम्पलीमेंट्स के अलावा हार्वेस्टर की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। देश में अभी बहुत कम किसान हार्वेस्टर का उपयोग करते हैं। आज का समझदार किसान वो है जो सरकारी योजनाओं का समय पर लाभ उठाता है। ट्रैक्टर जंक्शन पर किसानों के लिए सबसे पहले सरकारी योजनाओं की जानकारी दी जाती है। किसान विभिन्न कंपनियों के ट्रैक्टर, इम्पलीमेंट्स और हार्वेस्टर का उपयोग करते हैं। अत: कंपनियों के शोरूम और सर्विस सेंटरों की जानकारी उसे होनी चाहिए। देश के किसानों को अपने ट्रैक्टर, इम्पलीमेंट्स और हार्वेस्टर के लिए उपकरण व पार्ट्स की जरूरत होती है। किसान की जरूरतों में उपकरण एवं पार्ट्स की हिस्सेदारी 5 प्रतिशत है। किसानों को अपनी जरुरतों के लिए फाइनेंस की जरुरत पड़ती है। साथ ही इंश्योरेंस से जोखिम कवर होता है किसानों को ट्रैक्टर, पशुधन, खाद-बीज, सिंचाई के साधन, मेड़बंदी सहित अन्य कार्यों के लिए समय-समय पर रुपयों की आवश्यकता होती है। ट्रैक्टर जंक्शन पर सबसे बढिय़ा फाइनेंस और इंश्योरेंस की स्कीम, विभिन्न कंपनियों की लोन स्कीम की सुविधा भी किसानों के लिए उपलब्ध है।