फिल्मीदुनिया में कई कलाकार शराब और जुए की लत के मारे काल-कवलित हो गए। उनमें पिछली सदी के तीस और चालीस के दशक के लोकप्रिय और प्रतिभावान अभिनेता चंद्रमोहन भी शरीक थे। लोग गायक-अभिनेता कुंदनलाल सहगल के असामयिक अवसान को भूले भी नहीं थे के दो साल बाद चंद्रमोहन का भी वही हश्र हुआ। सफलता की पायदान चढ़ते ही उन्होंने ‘व्हिस्की’को अपनी जीवन-संगिनी बना लिया था। उन्हें अपने परममित्र मोतीलाल के समान ही घुड़दौड़ में पैसा लगाने का शौक भी था। फिर भी चंद्रमोहन ने कई ऐतिहासिक और सामाजिक फिल्मों में दमदार भूमिकाएँ निभाकर हिन्दी-सिनेमा को सम्पन्न करने में कोई कसर नहीं छोड़ी उनकी ‘अमृत-मंथन’, ‘पुकार’ और ‘शकुंतला’ फिल्में अविस्मरणीय हैं।
वी. शांताराम की बहुचर्चित फिल्म ‘अमृत-मंथन’ (34) चंद्रमोहन की पहली फिल्म थी, जिसमें उन्होंने खलनायक राजगुरू की केंद्रीय भूमिका निभाई। इसके लिए शांताराम को उनके जैसे नीली बिल्लोरी आँखों वाले अभिनेता की ही जरूरत थी। इस फिल्म में शांताराम ने उनकी आँखों के ‘क्लोज-अप’ का बारम्बार उपयोग कर फिल्म को सनसनीखेज और प्रभावोत्पादक बनाया। चंद्रमोहन पहली ही फिल्म से हिट हो गए। शांताराम ने अपनी दो अगली फिल्मों, ‘धर्मात्मा’ (34) और ‘अमरज्योति’ (35)में भी उन्हें महत्वपूर्ण भूमिकाएँ दीं, लेकिन नायक के रोल नहीं। इन फिल्मों के नायक बाल गंधर्व थे, मगर चंद्रमोहन को सितारा हैसियत प्राप्त हो गई थी।
Arvind Kejriwal (born 16 August 1968) is going to become the Chief Minister of Delhi and is also a former Indian Revenue Service officer and a politician. Born in Haryana, Kejriwal is a graduate of the Indian Institute of Technology Kharagpur, where he studied Mechanical Engineering. He worked for the IRS as a Joint Commissioner in the Income Tax Department. He is well-known for his role in drafting a proposed Jan Lokpal Bill and his efforts to bring and implement the Right to Information (RTI) act at grassroots level.
फिल्मीदुनिया में कई कलाकार शराब और जुए की लत के मारे काल-कवलित हो गए। उनमें पिछली सदी के तीस और चालीस के दशक के लोकप्रिय और प्रतिभावान अभिनेता चंद्रमोहन भी शरीक थे। लोग गायक-अभिनेता कुंदनलाल सहगल के असामयिक अवसान को भूले भी नहीं थे के दो साल बाद चंद्रमोहन का भी वही हश्र हुआ। सफलता की पायदान चढ़ते ही उन्होंने ‘व्हिस्की’को अपनी जीवन-संगिनी बना लिया था। उन्हें अपने परममित्र मोतीलाल के समान ही घुड़दौड़ में पैसा लगाने का शौक भी था। फिर भी चंद्रमोहन ने कई ऐतिहासिक और सामाजिक फिल्मों में दमदार भूमिकाएँ निभाकर हिन्दी-सिनेमा को सम्पन्न करने में कोई कसर नहीं छोड़ी उनकी ‘अमृत-मंथन’, ‘पुकार’ और ‘शकुंतला’ फिल्में अविस्मरणीय हैं।
वी. शांताराम की बहुचर्चित फिल्म ‘अमृत-मंथन’ (34) चंद्रमोहन की पहली फिल्म थी, जिसमें उन्होंने खलनायक राजगुरू की केंद्रीय भूमिका निभाई। इसके लिए शांताराम को उनके जैसे नीली बिल्लोरी आँखों वाले अभिनेता की ही जरूरत थी। इस फिल्म में शांताराम ने उनकी आँखों के ‘क्लोज-अप’ का बारम्बार उपयोग कर फिल्म को सनसनीखेज और प्रभावोत्पादक बनाया। चंद्रमोहन पहली ही फिल्म से हिट हो गए। शांताराम ने अपनी दो अगली फिल्मों, ‘धर्मात्मा’ (34) और ‘अमरज्योति’ (35)में भी उन्हें महत्वपूर्ण भूमिकाएँ दीं, लेकिन नायक के रोल नहीं। इन फिल्मों के नायक बाल गंधर्व थे, मगर चंद्रमोहन को सितारा हैसियत प्राप्त हो गई थी।
Arvind Kejriwal (born 16 August 1968) is going to become the Chief Minister of Delhi and is also a former Indian Revenue Service officer and a politician. Born in Haryana, Kejriwal is a graduate of the Indian Institute of Technology Kharagpur, where he studied Mechanical Engineering. He worked for the IRS as a Joint Commissioner in the Income Tax Department. He is well-known for his role in drafting a proposed Jan Lokpal Bill and his efforts to bring and implement the Right to Information (RTI) act at grassroots level.
Samaj Levak - Hindi Horror Comic (freelance talents)Mohit Sharma
समाज लेवक - Samaj Levak, Social Leech Horror Comic
Sins, frauds of few fake Indian social activists (Fake NGOs) catch up with them in a gory manner. फर्ज़ी स्वयंसेवी संस्था से हिसाब मांगने कुछ भूत आये हैं। एक महत्वपूर्ण सन्देश देती हॉरर कॉमिक।
Pagli Prakriti Hindi Comic 2017 (Vacuumed Sanctity)Mohit Sharma
पगली प्रकृति (फ्रीलैंस टैलेंट्स कॉमिक) Pagli Prakriti (Vacuumed Sanctity) Comic
1960 के दशक के एक गरीब, काल्पनिक देश की कथा, जिसने लोगों को सपने देखने की हिम्मत दी। A poor nation 'Kramo', fooled by its ruler 'Niyura', nature plays spoilsport.
Art: Abhilash Panda
Story, Poetry: Mohit Trendster
Colors, Letters: Shahab Khan
Cover Art: Amit Albert
Freelance Talents
कद्र (काव्य कॉमिक) - Kadr (Kavya Comic)
Poetry comic attempt to bring forth the plight, struggle of theatre artists in India.
चित्र: दीपजॉय सुब्बा
पटकथा, काव्य - मोहित शर्मा ज़हन
रंग: हरेन्द्र सैनी
सुलेख - युद्धवीर सिंह
कवर - जेम्स बॉसवेल
जब समाज के एक बड़े तबके का ध्यान गरीबी, भुखमरी, बेरोज़गारी और जीवन के लिए ज़रूरी बातों पर लगा होता है तो कला जगत को अपने रचनाओ के लिए कई मुद्दे मिलते हैं लेकिन उसी कला जगत को खाने के लाले भी पड़ जाते हैं। ज़िन्दगी के लिए की ज़रूरी चीज़ें जुटाने को घिसटता समाज कला को सिर के बालों की तरह मान लेता है। बालो के बिना भी जीवन चल सकता है तो ऐसे परिवेश में कलाकार सिर के बालों की तरह उड़ जाते हैं, जबकि कला तो समाज की आत्मा, हृदय सी होती है। आत्मा बिना एक रोबोट सा जीना भी क्या जीना? भारतीय नाट्य, थिएटर कलाकारों को ऐसे माहौल में अपनी प्रतिभा, कला को संजो कर गुज़ारा करना पड़ता है। जहाँ संसाधनों की बर्बादी की इतनी ख़बरें आती हैं तो लगता है कि अगर उस अपव्यय में से थोड़ी सी कद्र ऐसे कलाकारों को मिल जाए तो कितने जीवन सफल हो जाएं। एक काव्यांजलि सभी सच्चे अदाकारो-कलाकारों के नाम!
3 run ka sauda (Hindi Comic - Freelance Talents)Mohit Sharma
3 रन का सौदा (कॉमिक) - भारतीय क्रिकेट में राजनीति और पैसे के खेल से बर्बाद हुए अनेक कैरियर्स की दास्ताँ। सुनहरी दुनिया की रौनक के पीछे के मटमैले धब्बो को दर्शाती अमित अल्बर्ट की कला और मोहित शर्मा की लेखनी से सुसज्जित एक यादगार कॉमिक।
Barah aane ka gilaas (screenplay) Mohit Sharma TrendsterMohit Sharma
Barah Aane ka Gilaas (Hindi telemovie Screenplay), 2014 screenplay, bold scenes and very less locations, characters as demanded by director and movie makers (movie scrapped)
नमस्ते! इन कहानी और कविताओं में नारी किरदारों पर कुछ प्रयोग किये हैं। कहीं वह सकारात्मक है, तो कहीं बिल्कुल गलत पर ये सभी स्त्रियां वर्तमान को वर्तमान में जीती हैं, जो तुलना में पुरुषों में कम देखा है। नारी के सभी रूपों को स्वीकार करना समाज के लिए ज़रूरी है। नकारात्मक आदतें और व्यवहार के लिए भी थोड़ी जगह होनी चाहिए, नहीं तो दुनिया नीरस हो जाती है। आखिर किसी की 100 अच्छी बातें पसंद हैं तो कुछ ख़राब भी झेलो। खैर, मेरे ये प्रयोग आगे जारी रहेंगे आशा है आप सभी का स्नेह व सहयोग बना रहेगा। 2014 में सीमित फोरम्स पर प्रकाशित नारीपना में कुछ नयी रचनाएं जोड़कर इस बार बेहतर एडिशन प्रकाशित कर रहा हूँ।
मोहित शर्मा 'ज़हन'
Samaj Levak - Hindi Horror Comic (freelance talents)Mohit Sharma
समाज लेवक - Samaj Levak, Social Leech Horror Comic
Sins, frauds of few fake Indian social activists (Fake NGOs) catch up with them in a gory manner. फर्ज़ी स्वयंसेवी संस्था से हिसाब मांगने कुछ भूत आये हैं। एक महत्वपूर्ण सन्देश देती हॉरर कॉमिक।
Pagli Prakriti Hindi Comic 2017 (Vacuumed Sanctity)Mohit Sharma
पगली प्रकृति (फ्रीलैंस टैलेंट्स कॉमिक) Pagli Prakriti (Vacuumed Sanctity) Comic
1960 के दशक के एक गरीब, काल्पनिक देश की कथा, जिसने लोगों को सपने देखने की हिम्मत दी। A poor nation 'Kramo', fooled by its ruler 'Niyura', nature plays spoilsport.
Art: Abhilash Panda
Story, Poetry: Mohit Trendster
Colors, Letters: Shahab Khan
Cover Art: Amit Albert
Freelance Talents
कद्र (काव्य कॉमिक) - Kadr (Kavya Comic)
Poetry comic attempt to bring forth the plight, struggle of theatre artists in India.
चित्र: दीपजॉय सुब्बा
पटकथा, काव्य - मोहित शर्मा ज़हन
रंग: हरेन्द्र सैनी
सुलेख - युद्धवीर सिंह
कवर - जेम्स बॉसवेल
जब समाज के एक बड़े तबके का ध्यान गरीबी, भुखमरी, बेरोज़गारी और जीवन के लिए ज़रूरी बातों पर लगा होता है तो कला जगत को अपने रचनाओ के लिए कई मुद्दे मिलते हैं लेकिन उसी कला जगत को खाने के लाले भी पड़ जाते हैं। ज़िन्दगी के लिए की ज़रूरी चीज़ें जुटाने को घिसटता समाज कला को सिर के बालों की तरह मान लेता है। बालो के बिना भी जीवन चल सकता है तो ऐसे परिवेश में कलाकार सिर के बालों की तरह उड़ जाते हैं, जबकि कला तो समाज की आत्मा, हृदय सी होती है। आत्मा बिना एक रोबोट सा जीना भी क्या जीना? भारतीय नाट्य, थिएटर कलाकारों को ऐसे माहौल में अपनी प्रतिभा, कला को संजो कर गुज़ारा करना पड़ता है। जहाँ संसाधनों की बर्बादी की इतनी ख़बरें आती हैं तो लगता है कि अगर उस अपव्यय में से थोड़ी सी कद्र ऐसे कलाकारों को मिल जाए तो कितने जीवन सफल हो जाएं। एक काव्यांजलि सभी सच्चे अदाकारो-कलाकारों के नाम!
3 run ka sauda (Hindi Comic - Freelance Talents)Mohit Sharma
3 रन का सौदा (कॉमिक) - भारतीय क्रिकेट में राजनीति और पैसे के खेल से बर्बाद हुए अनेक कैरियर्स की दास्ताँ। सुनहरी दुनिया की रौनक के पीछे के मटमैले धब्बो को दर्शाती अमित अल्बर्ट की कला और मोहित शर्मा की लेखनी से सुसज्जित एक यादगार कॉमिक।
Barah aane ka gilaas (screenplay) Mohit Sharma TrendsterMohit Sharma
Barah Aane ka Gilaas (Hindi telemovie Screenplay), 2014 screenplay, bold scenes and very less locations, characters as demanded by director and movie makers (movie scrapped)
नमस्ते! इन कहानी और कविताओं में नारी किरदारों पर कुछ प्रयोग किये हैं। कहीं वह सकारात्मक है, तो कहीं बिल्कुल गलत पर ये सभी स्त्रियां वर्तमान को वर्तमान में जीती हैं, जो तुलना में पुरुषों में कम देखा है। नारी के सभी रूपों को स्वीकार करना समाज के लिए ज़रूरी है। नकारात्मक आदतें और व्यवहार के लिए भी थोड़ी जगह होनी चाहिए, नहीं तो दुनिया नीरस हो जाती है। आखिर किसी की 100 अच्छी बातें पसंद हैं तो कुछ ख़राब भी झेलो। खैर, मेरे ये प्रयोग आगे जारी रहेंगे आशा है आप सभी का स्नेह व सहयोग बना रहेगा। 2014 में सीमित फोरम्स पर प्रकाशित नारीपना में कुछ नयी रचनाएं जोड़कर इस बार बेहतर एडिशन प्रकाशित कर रहा हूँ।
मोहित शर्मा 'ज़हन'
10. A Tribute to Netaji Subhas Chandra Bose
"Bose's arrest and subsequent release set the scene for his escape to Germany,
via Afghanistan and the Soviet Union. A few days before his escape, he sought solitude and on
this pretext avoided meeting British guards and grew a beard on the night of his escape, he
dressed as a Pathan to avoid being identified. Bose escaped from under British surveillance at
his house in Calcutta. On 19 January 1941, accompanied by his nephew Sisir K. Bose in a car
that is now on display at his Calcutta home."
11. "वो कोई पीर रहा होगा ..."
ग़ुराभी के सामे भे जो आज़ाद हिन्द की फातें कयता था ...
ककसी दौय भे खून के फदरे जो आज़ादी का सौदा कयता था ...
फचऩन भे िी स्वयाज के लरमे अऩनों से दूय िुआ िोगा ...
फस अऩनी सोच के गुनाि ऩय जो भुद्दतों जेर गमा िोगा ...
वो कोई ऩीय यिा िोगा ....
क्मा फयभा ...अॊडभान ..
क्मा जभमनी ...जाऩान ...
शामद मे जिाॉ था उसके लरए छोटा ...
ककसी दौय ने गोयो ऩय फॊगारी जादू चढ़ते देखा िोगा ..
परयश्तो ने जजसका सजदा ककमा िोगा ....
वो कोई ऩीय यिा िोगा ....
अॊदय सयऩयस्त साधू .... फािय ऩठान का चोगा ...
खुद की कै द को उसने अऩनी यज़ा ऩय छोड़ा था ..
अॊग्रेजो की आॉखों का धोखा ....
किाॉ ऐसा हिन्द का िभनवाॊ िोगा ..
वो कोई ऩीय यिा िोगा ...
जिान को कु छ फताने ..यववन्र सी ग़ज़र सुनाने ...
मा शामद धूऩ-छाॉव का हिसाफ कयने ज़भी ऩय मूॉ िी आ गमा ..
न उसके आने का हिसाफ था ..औय न जाने का ...
औय किने वारे किते िै वो 1945 के आसभाॊ भे फ़ना िो गमा ...
काश रूस ऩय लसमासी फफ़म न जभा िोती ...
अगय मे फात सच िोती तो अनीता-एलभरी की आॉखों ने दगा हदमा िोगा ...
गाॉधी से जीतकय बी जजसने भिात्भा को जजमा िोगा ...
12. वो कोई ऩीय यिा िोगा ...
वाककप जजॊदगी भे जो कबी रुक न सका ....
गुभनाभी भे दरयमा ऩाय ककमा िोगा ...
दूय किीॊ मा ऩास मिीॊ ककतनी भामूसी भे भुल्क को जीते-भयते देखा िोगा ...
आज़ाद िोकय अऩने ज़िन से दूय िुआ िोगा ...
वो कोई ऩीय यिा िोगा...
वो कोई पीर रहा होगा...
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