2. महाविद्यालय परिवार आपका
सदा आभारी रहेगा।
"धन्यवाद"
01 P R A B H U N A T H C O L L E G E
माननीय प्रति कु लपति
प्रो. लक्ष्मी नारायण सिंह
जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा
3. आप हमारे लिए बहुत खास हैं।
महाविद्यालय परिवार
02 P R A B H U N A T H C O L L E G E
प्राचार्य
डॉ० पुष्प राज गौतम
4. 03
प्रभुनाथ कॉलेज परसा सारण के
प्राचार्य पुष्प राज गौतम
P R A B H U N A T H C O L L E G E
5. 04
प्रभुनाथ कॉलेज परसा सारण के
प्राचार्य पुष्प राज गौतम
P R A B H U N A T H C O L L E G E
6. 05 P R A B H U N A T H C O L L E G E
प्राचार्य द्वारा निवेदन पत्र
7. 06 P R A B H U N A T H C O L L E G E
सहमति पत्र
8. 07
प्रति कु लपति के द्वारा अपनी सहमति जाहिर किया है यह
इतिहास में पहली बार कोई प्रति कु लपति किसी
महाविद्यालय में झंडोत्तोलन नहीं किया होगा यह जयप्रकाश
विश्वविद्यालय की अंगी भूत इकाई प्रभु नाथ महाविद्यालय
अपने को गौरवान्वित महसूस कर रहा है
P R A B H U N A T H C O L L E G E
9. 08 P R A B H U N A T H C O L L E G E
माननीय प्रति कु लपति
प्रो. लक्ष्मी नारायण सिंह
एवं प्राचार्य पुष्प राज गौतम
11. प्रभु नाथ महाविद्यालय के प्राचार्य को माननीय प्रति कु लपति ने बहुत ही सराहनीय
कदम बताया क्योंकि विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली बार कोई प्रति कु लपति
महोदय ने महाविद्यालय में जाकर राष्ट् ध्वज को लहराया हो महाविद्यालय परिवार 30
चादर सम्मान पत्र मोमेंटो हजारों माला देकर उन्हें सम्मानित किया इसीलिए
महाविद्यालय परिवार उनके विषय में प्राचार्य महोदय ने उनके विषय में कहां करते हैं।
प्रोफे सर डॉक्टर लक्ष्मी नारायण सिंह एक अनुभव का नाम है। इनके विषय में लिखना
अपने आप सरस्वती वंदना के लिए प्रेरित कर देता है।
प्राचार्य
डॉ० पुष्प राज गौतम
10 P R A B H U N A T H C O L L E G E
12. 11 P R A B H U N A T H C O L L E G E
गूंज रहा है दुनिया में हिंदुस्तान
का नारा, चमक रहा है आसमान
में तिरंगा हमारा।
13. 12 P R A B H U N A T H C O L L E G E
तिरंगा सिर्फ आन या शान नहीं
है, हम भारतीयों की जान है।
14. 13 P R A B H U N A T H C O L L E G E
मैंने ढूंढा बहुत वो जहाँ ना मिला,
मेरे वतन जैसी ना जमीं, ना कोई
आसमां मिला।
15. 14 P R A B H U N A T H C O L L E G E
ज्ञान व्यक्ति के नजरिए को व्यापक बनाता है विचारों को विस्तार
करता है और व्यवहार को निखार ता है ज्ञान जीवन में व्याप्त भ्रम
और गलतफमिया को दूर करता है उत्साह और उत्सुकता बढ़ाता है
और मन के भ्रम को दूर करता है
17. 16 P R A B H U N A T H C O L L E G E
जहाँ इंसानियत को पहला दर्जा
दिया जाता है वही मेरा देश
हिन्दुस्तान है।
18. 17 P R A B H U N A T H C O L L E G E
देश के हर नागरिक का पहला
धर्म, देश की सेवा करना है।
19. 18 P R A B H U N A T H C O L L E G E
ना पूछो ज़माने से क्या हमारी
कहानी है, हमारी पहचान तो ये
है कि हम हिंदुस्तानी हैं
20. 19 P R A B H U N A T H C O L L E G E
प्रभुनाथ कॉलेज परसा सारण के प्राचार्य पुष्प राज गौतम एवं अन्य
शिक्षक माननीय प्रति कु लपति प्रो. लक्ष्मी नारायण सिंह को
सम्मानित करते हुए
21. 20 P R A B H U N A T H C O L L E G E
प्रभुनाथ कॉलेज परसा सारण के प्राचार्य पुष्प राज गौतम एवं अन्य
शिक्षक माननीय प्रति कु लपति प्रो. लक्ष्मी नारायण सिंह को
सम्मानित करते हुए
22. 21
विचार और व्यवहार व्यक्ति के वह दो फू ल है जो हमारे पूरे व्यक्तित्व
को महका देती है जीवन भी कितना अजीब है जो बदमाश होते हैं उन्हें
छोड़ दिया जाता है जो सीधे होते हैं उन्हें ठोक दिया जाता है मानवता
की सेवा करने वाले हाथ उतने ही धन्य होते हैं जितने परमात्मा की
प्रार्थना करने वाले होते
P R A B H U N A T H C O L L E G E
27. 26 P R A B H U N A T H C O L L E G E
प्राचार्य डॉ पुष्पराज गौतम एवं माननीय प्रति कु लपति प्रोफे सर
डॉक्टर लक्ष्मी नारायण सिंह जी प्रसन्न मुद्रा में
28. 27 P R A B H U N A T H C O L L E G E
नए पीढ़ी पर आज काम करेंगे तो कल आगाज आयेगा, तभी तो
देश का हर एक बच्चा अपनी हुनर का इंकलाब लाऐगा।
29. 28 P R A B H U N A T H C O L L E G E
शिक्षा अब तक लक्ष्य की ओर उन्मुख रही है। तुम क्या सीख रहे हो यह
महत्वपूर्ण नहीं है; साल, दो साल बाद जो परीक्षा होगी वह महत्वपूर्ण है।
वह भविष्य को महत्वपूर्ण बनाती है वर्तमान से अधिक महत्वपूर्ण । वह
भविष्य के लिए वर्तमान की बलि चढ़ाती है। और यह तुम्हारी जीवन
शैली बन जाती है। तुम हमेशा इस क्षण को उसके लिए समर्पित करते
हो, जो अभी मौजूद नहीं है। उससे जीवन में गहन रिक्तता पैदा होती है।
30. प्राचार्य के
शब्द
यह लहराता हुआ तिरंगा हमारे रोम रोम को
प्रज्वलित कर रहा है
"बच्चों"
गरीबी एक ऐसी मानवीय स्थिति है, जो हमारे
जीवन में दुख-दर्द तथा निराशा जैसी विभिन्न
समस्याओं को जन्म देती है। गरीबी में जीवन जीने
वाले व्यक्तियों को ना तो अच्छी शिक्षा की प्राप्ति
होती है ना ही उन्हें अच्छी सेहत मिलती है। गरीबी
एक ऐसी मानवीय परिस्थिति है जो हमारे जीवन
में निराशा, दुख और दर्द लाती है।
*साथियों समय परिवर्तनशील है जो कल नहीं था
वह आज है और आज वर्तमान है वह आने वाला
कल में भूतकाल में परिवर्तित हो जाएगा अतः
हमको वर्तमान में रहकर अतीत से शिक्षा ग्रहण
करके भविष्य की परिकल्पना करनी होगी*
साथियों समय परिवर्तनशील है जो कल नहीं था
वह आज है और आज वर्तमान है वह आने वाला
कल में भूतकाल में परिवर्तित हो जाएगा अतः
हमको वर्तमान में रहकर अतीत से शिक्षा ग्रहण
करके भविष्य की परिकल्पना करनी होगी ।
मेरे सहयोगी वृंद सभी शिक्षक एवं शिक्षके तर
कर्मचारी आपका स्नेह एवं सहयोग पाकर ही
महाविद्यालय का विकास संभव है। मैं
महाविद्यालय के प्रधानाचार्य की हैसियत से
महाविद्यालय परिवार कि शुभकामना के लिए
ईश्वर से प्रार्थना करता हूं मुझे इस बात की
प्रसन्नता है। सभी शिक्षक एवं कर्मचारी अपने
कार्य के प्रति सजग एवं सजेस्ट है शिक्षक अपने
वर्ग के प्रति निष्ठावान है। कार्यालय की सभी लोग
निश्चित समय पर अपना कार्य संपादित करते हैं।
शिक्षकों का पूर्णतया अभाव है फिर भी छात्र हित
का ध्यान रखते हुए सभी शिक्षक पाठ्यक्रम को
निश्चित अवधि में पूरा कर देते हैं। शिक्षके तर
कर्मचारी का भी अभाव है फिर भी सभी लोग
प्रेम पूर्ण सदभाव के द्वारा एक दूसरे को सहयोग
करते हैं। मैं सभी शिक्षक एवं शिक्षके तर
कर्मचारियों से महाविद्यालय के विकास के लिए
कार्य करने का नम्र निवेदन करता हूं मुझे आशा
है पूर्ण विश्वास है कि आपके सहयोग से
महाविद्यालय का सर्वांगीण विकास संभव होगा।
इन्हीं शुभकामनाओं के साथ :-
29 P R A B H U N A T H C O L L E G E
प्राचार्य
डॉ० पुष्प राज गौतम
31. The woods are lovely,
dark and deep,
But I have promises to keep,
And miles to go before I
sleep,
And miles to go before I
sleep.
Robert Frost
30 P R A B H U N A T H C O L L E G E
प्राचार्य
डॉ० पुष्प राज गौतम