4. • ववष्णु प्रभाकर्जी का र्जन्म १९१२ में उत्तर प्रदेश क
े
मीरापुर जर्जले क
े मुर्जफ़्फ़रनगर में ुआ था।ये
प्रसिद्ध िाह त्यकारों में िे एक ैम।
रचनाएँ –
एकांकी संग्रह- प्रकाश और परछाईयाँ, ऊ
ँ चापवतत,
ग रा िागर,माँ का बेटा,इन्िान और अन्य
एकािंकी,अशोक तथा अन्य एकािंकी,माँ-बाप
जीवनी-आवारा मिी ा
उपन्यास- अधतनारीश्वर, तट क
े बिंधन,तनसशकािंत
,स्वप्नमयी,दादा की कच री
कहानी संग्रह- धरती अब भी घूम र ी ै,मेरीवप्रय
क ातनयाँ,ििंघषत क
े बाद,आहद और अिंत
5. पुरस्कार- िोववयत लैंद ,क
ें द्र िाह त्य अकाडमी
द्वारा पुरस्कार
िाठ िे अधधक पुस्तक,पत्र-पत्रत्रकाओ क
े ििंपादन
में भी योगदान ै।
प्रस्तुत एकािंकी पौराणणक क ानी पर आधररत
ै।अच्छाई क
े िामने बुराई की ार का ििंदेश ै।
एकािंकी क
े दो दृश्य ैं।
प्रमुख पात्र- ब्राम् ण,उिकीपजत्न,क
ुिं तत.भीम,बकािुर
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7. • ब्रम् ण क
े घर में दु:ख का वातावरण छाया ुआ
था।दोनों पतत-पजत्न में ब ि चलता ै।दोनों एक-
दूिरे को बचाना चा ते ैं।
• ब्राम् णी पतत को खो कर र्जीना न ीिं चा ती
ै।दोनों की बेटी ककिी को भी खोना न ीिं चा ती
ै एिसलए मुिीबत का िामना व खुद करना
चा ती ै।
• क
ुिं ती घर क
े मासलक िे दुख का कारण र्जानना
चा ती ै।
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10. • घर का मासलक एकचक्री नगर को ब्राम् णी
छोडकर र्जाना न ीिं चा ती इिसलए उन् ें
मुिीबतों को झेलना पड र ा ै क ता ै।
• ब ुत पूछने पर ब्रम् ण बक राक्षि क
े बारे में
बताता ै।
• भीम को ब्राम् ण बताता ै कक बकािुर दुबतल
रार्जा को दबाकर बकािुर नगर की रक्षा करने
क
े बदले में नागररकों िे र हदन बारी-बारी िे
एक गाडी अन्न,दो भैंिे ,एक आदमी लेता
ै।उि हदन ब्राम् ण की बारी थी इिसलए िब
दु:णखत थे।
11. • र एक घर मेम रोर्ज ककिी की मौत ो र्जाती
ै।क
ु च लोग पैिे देकर दूिरे आदमी को भेर्जकर
अपने िदस्य को बचा भी लेते ैं ।
• भीम इन बातों को र्जानकर चककत ोता
ै।वपछले चालीि िालों में लोग उि मुिीबत का
िामना न ीिं ककया क कर व्यिंग्य भी करता ै।
• अिंत में घर क
े मासलक को भीम र्जिंगल वो
र्जाकर बकािुर का अिंत करने का वादा करता
ै।
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15. • दूिरे दृश्य में भीम भोर्जन लेकर र्जम्गल र्जाता
ै। बकािुर को भोर्जन की म क ववचसलत करता
ै।भीम को खाते ुए देखकर व क्रोधधत ोता
ै।दोनों क
े बीच में भयिंकर मल्लयुद्ध ोता
ै।राक्षि का वध करक
े उिक
े अनुचरों को लोगों
को तकलीफ़ न देने का आदेश देकर भीम लोगों
को ििंकट िे मुख्त कर देता ै।
धन्यवाद।