5. स्वयिंप्रकाश
स्वयिंप्रकाश का जन्म 20 जनवरी 1947 में ुआ था ।
पार्टीशन,सिंधान,ईधन आहद उनकी प्रशस्त रचनाएँ ै ।
प ल सम्मान,कथाक्रम सम्मान,साह त्य अकादमी आहद
पुरस्कार भी जीता ै ।
6. अनेक जीवन-अनुभवों से
गुज़रकर ी गान्न्धजी म ान
बने ै । गान्न्धजी का जीवन
र पीढ़ी के ललए प्रेरणादायक
ै और मागगदशगक भी ।
7. मुसीबतों के समय पर भी
स जीववयों के प्रतत मददी
का भाव गान्न्धजी हदखाता
ै ।
8. गान्न्धजी ने जीवन के र प लू
को ब ुत ी बारीकी से देखते थे।
उनका जीवन र पीढ़ी के ललए
अनुकरणीय ै। गान्न्धजी के
जीवन की ववववध झािंककयािं और
उससे सिंबिंधधत वववरणों का
प्रदशगनी चलाने का तनणगय लें ।
9. भारत की आम जनता गरीबी एविं
अभावों से वववश थी। य
गान्न्धजी की न्ज़िंदगी का एक
अ म ् मोड था। गान्न्धजी ने
अपनी आत्मकथा में ललखी ै -
"मेरा जीवन ही मेरा सधदेश है "
10. गान्न्धजी मारे राष्ट्रवपता ै।
वे सच्चे अथग में म ात्मा ी
ै । सिंदे न ीिं कक पूरे ववश्व
में अनिंत काल तक उनका
नाम अमर ोगा।
11. न्ज़न्दगी में उच्च ववचार और
श्रेष्ट्ठ कमों को अपनाना ै ।
गान्न्धजी का जीवन र पीढ़ी
के ललए मागगदशगक ै।
गान्न्धजी बबल्कु ल साथगक था
और दूसरों के ललए प्रेरणादायक
था ।