360 Realtors’ Election Research Report based on a survey carried out by the organization has been featured in the Mumbai edition of the Economic Times. Our analysis highlights how the upcoming elections will influence the purchasing decisions of homebuyers. Go through the article to learn more about the various parameters that are driving this trend and the impact on the overall market.
1. देश/िवदेश
RBI वाले सरकारी कर्मचारी नहीं हैं : कोर्ट
g एजेंसी, चेन्नै: मद्रास हाई कोर्ट ने कहा है
कि रिजर्व बैंक के कर्मचारी सरकारी कर्मचारी
नहीं हैं। उनकी नौकरी की स्थिति की पहचान
करते समय उन्हें ‘सरकारी कर्मचारी’ के रूप
में नहीं बताया जा सकता है। जस्टिस के.के.
शशिधरन की पीठ ने कहा, ‘यह तथ्य कि
केंद्र सरकार का आरबीआई पर महत्वपूर्ण
रूप से नियंत्रण है, इससे इसके कर्मचारी केंद्र
सरकार के कर्मचारी नहीं बन जाते।’ कोर्ट ने
कहा, ‘यह सच है कि रिजर्व बैंक भारतीय
संविधान के अनुच्छेद 12 के अर्थ के अंतर्गत
एक स्टेट है। तब भी यह नहीं कहा जा सकता
है कि इसके कर्मचारी सभी नियमित सरकारी
कर्मचारी हैं।’
www.mumbai.nbt.in नवभारत टाइम्स । मुंबई। मंगलवार, 16 अप्रैल 2019 7
चुनाव के बाद रियल इस्टेट
में उछाल की उम्मीद
मार्केट में तेजी आने के कारण
रिपोर्ट के अनुसार 2 में 1 उत्तरदाताओं की राय है कि चुनाव का समय
इकॉनमी में उथल-पुथल रहती है, इसलिए प्रॉपर्टी खरीदने से जैसा बड़ा
फैसला करने से पहले लोग चुनावों के परिणामों का इंतजार करना ठीक
समझते हैं। इसलिए चुनावों के बाद मार्केट में उछाल आने की उम्मीद
डिवेलपर्स को है। सरकार ने इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए काफी
सकारात्मक कदम उठाए हैं। जिसमें रेरा और जीएसटी की वजह से इस
क्षेत्र में पारदर्शिता आई है और खरीदारों में विश्वास और भरोसा बढ़ाया है।
g बिजनेस डेस्क, मुंबई : रियल इस्टेट मार्केट में 2019
में चुनाव के बाद तेजी आने की उम्मीद है। रियल इस्टेट
मार्केट पर रेरा, जीएसटी और नोटबंदी जैसे नीतिगत सुधारों
का ऐसा असर हुआ कि मार्केट में खरीदारी नहीं मिले।
प्रॉपर्टी कंसलटेंट कंपनी 360 रिटेलर्स ने
अपनी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है।
रिपोर्ट के अनुसार चुनाव रियल इस्टेट मार्केट
के लिए अहम भूमिका निभाते हैं, क्योंकि
ज्यादातर खरीदारों ने अपने प्रॉपर्टी खरीदने
का फैसला चुनावों के परिणाम आने तक टाल
दिया है। भारत के विभिन्न हिस्सों से 1000
खरीदारों का सर्वेक्षण करने वालों पर 360
रियलटर्स रिपोर्ट के अनुसार,
g 55% खरीदारों का मानना
प्रॉपर्टी खरीदने का फैसले
चुनाव से अप्रभावित होगा
g 31% चुनावों के नतीते आने
का इंतजार फिर करेंगे
खरीदारी
g 14% लोगों का फिलहाल कुछ
नहीं कहना है
खरीदारों की चिता
g 59% सरकार कानून में बदलाव कर सकती है
g 37% मार्केट कैसा होगा कुछ भरोसा नहीं
g 17% दोस्तों और रिश्तेदारों की सलाह
g32% इकॉनमी और फाइनैंशल चिता
g 15% चुनावों के बाद नए ऑफर
g 26% चुनाव ज्यादा प्रभाव नहीं डालते
g 64% भारत में रियल इस्टेट के लिए कई बेहतर
पॉलिसी
g 60% कीमतें पहले से आकर्षित
g 21% डिवेपलर्स द्वारा नई स्कीम
लागू नहीं होने की उम्मीद
g 18% हाल में हुई ब्याज
दरों में कटौती
g बिजनेस डेस्क: देश में थोक महंगाई दर यानी
होलसेल इन्फ्लेशन मार्च में लगातार दूसरे महीने
बढ़कर 3.18 पर्सेंट पर पहुंच गई। खाने के सामान
और पेट्रोलियम उत्पादों के दाम में तेजी आने से
महंगाई दर बढ़ी है। फरवरी में होलसेल प्राइस इंडेक्स
(डब्ल्यूपीआई) आधारित महंगाई दर 2.93 पर्सेंट
थी। खुदरा महंगाई दर यानी रिटेल इन्फ्लेशन में भी
यही ट्रेंड दिख रहा है, जो मार्च में बढ़कर 2.86 पर्सेंट
पहुंच गई थी। CPI बेस्ड इन्फ्लेशन के आंकड़े पिछले
सप्ताह जारी हुए थे।
क्या कहते हैं जानकार
इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के प्रिंसिपल इकनॉमिस्ट
सुनील कुमार सिन्हा ने बताया, ‘जुलाई 2018 से
जनवरी 2019 तक सब्जियों के दाम में डिफ्लेशनरी
ट्रेंड था यानी तब उनकी कीमत एक साल पहले की
उसी अवधि की तुलना में कम हो रही थी। फरवरी
2019 से यह ट्रेंड बदल गया और तब से इनके दाम
में बढ़ोतरी हो रही है। मार्च 2019 में इसमें 28.1 पर्सेंट
की जबरदस्त बढ़ोतरी हुई।’ हालांकि, दूसरी कैटेगरी
में कीमतों में बहुत बढ़ोतरी नहीं हुई है, इसलिए
ओवरऑल होलसेल इन्फ्लेशन निचले स्तरों पर बनी
हुई है।
केयर रेटिंग्स के नोट के मुताबिक, ‘मैन्युफैक्चर्ड और
नॉन-फूड आर्टिकल्स के दाम में कमी आने और
मिनरल्स के दाम में कॉन्ट्रैक्शन होने से थोक महंगाई
दर में सीमित बढ़ोतरी हुई है।’ हालांकि, खाने के
सामान की महंगाई दर 16 महीने के शिखर पर पहुंच
गई है और फ्यूल की कीमतें भी 3 महीने के उच्च स्तर
पर हैं। सब्जियों के दाम में मार्च में 28.13 पर्सेंट की
बढ़ोतरी हुई, जबकि उससे पिछले महीने में इनके दाम
6.82 पर्सेंट बढ़े थे। हालांकि, आलू की कीमत मार्च में
1.3 पर्सेंट घटी है, जिसमें फरवरी में 23.4 पर्सेंट की
तेजी आई थी। फूड आर्टिकल्स के बास्केट की महंगाई
में मार्च में 5.68 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई। मार्च में फ्यूल
और पावर कैटेगरी में महंगाई दर बढ़कर 5.41 पर्सेंट
हो गई, जो फरवरी में 2.23 पर्सेंट थी।
निर्यात 11 प्रतिशत बढ़ा,
व्यापार घाटा कम हुआ
देश का निर्यात मार्च में 11 प्रतिशत बढ़कर 32.55 अरब
डॉलर पर पहुंच गया। फार्मा, रसायन और इंजीनियरिंग
जैसे क्षेत्रों में ऊंची वृद्धि की वजह से कुल निर्यात बढ़ा
है। सोमवार को जारी
सरकारी आंकड़ों के
अनुसार मार्च, 2019 में
आयात भी 1.44 प्रतिशत
बढ़कर 43.44 अरब
डॉलर रहा। हालांकि,
इस दौरान व्यापार घाटा
कम होकर 10.89 अरब डॉलर पर आ गया, जो मार्च,
2018 में 13.51 अरब डॉलर था। सोने का आयात मार्च
में 31.22 प्रतिशत बढ़कर 3.27 अरब डॉलर पर पहुंच
गया। कच्चे तेल का आयात 5.55 प्रतिशत की वृद्धि के
साथ 11.75 अरब डॉलर रहा। पूरे वित्त वर्ष 2018-19
में निर्यात नौ प्रतिशत बढ़कर 331 अरब डॉलर पर पहुंच
गया। वित्त वर्ष के दौरान आयात 8.99 प्रतिशत बढ़कर
507.44 अरब डॉलर रहा।
बैंक के अवरुद्ध कर्जों कर्जों
(एनपीए) में गिरावट के चलते
बैंकों का लाभ बढ़ने से वित्त वर्ष
2019-20 में सकल घरेलू उत्पाद
(जीडीपी) में 0.60 प्रतिशत की तेजी
आ सकती है। एक रिपोर्ट में यह
कहा गया है। इसमें कहा गया है
कि कर्ज की लागत में कमी के साथ
बैंकों का लाभ बढ़ने के कारण यह
संभव होगा। एनपीए के लिए बैंकों के
लिए बैंकों को अपने खाते में हानि
दिखानी पड़ती है। लाभ बढ़ने पर
बैंक उत्पादक कार्यों के लिए और
कर्ज दे सकेंगे। अमेरिकी ब्रोकरेज
कंपनी गोल्डमैन साक्श ने सोमवार
को एक रिपोर्ट में कहा, ‘कर्ज की
लागत में कमी से ऋण वितरण में
1.40 प्रतिशत की वृद्धि होगी।’
खाने का सामान महंगा होने
से मार्च में भी बढ़ी महंगाईमार्च में होलसेल इन्फ्लेशन 3.18% हो गई जो फरवरी में 2.93% थी
'जीडीपी में 0.6 प्रतिशत की हो सकती है वृद्धि'
g बिजनेस डेस्क: दो करोड़ रुपये से अधिक
सालाना कारोबार वाली कंपनियां वित्त वर्ष
2017-18 के लिए अब जीएसटी ऑडिट रिपोर्ट
भरना शुरू कर सकती हैं। जीएसटी नेटवर्क
(जीएसटीएन) ने अपने पोर्टल पर इसके
लिए प्रारूप उपलब्ध करा दिया है। वित्त वर्ष
2017-18 माल एवं सेवा कर (जीएसटी)
का क्रियान्वयन का पहला साल था। इसके
लिए ऑडिट रिपोर्ट 30 जून तक भरी जानी है।
मंत्रालय ने 31 दिसंबर 2018 को सालाना रिटर्न
फार्म जीएसटीआर-9, जीएसटीआर-9ए और
जीएसटीआर-9सी अधिसूचित किया था। जीएसटी
परिषद ने दिसंबर में इन फार्म को भरने की अंतिम
तारीख तीन महीने बढ़ाकर 30 जून कर दी थी।
जीएसटीएन जीएसटीआर-9सी ऑफलाइन भी
उपलब्ध कराया है। इसे करदाता भर सकते हैं और
पोर्टल पर अपलोड कर सकते हैं। जीएसटीआर-9
जीएसटी के तहत पंजीकृत सभी करदाताओं के
लिए सालाना रिटर्न फार्म है। जीएसटीआर-9ए एक
मुश्त कर योजना अपनाने वाले करदाताओं के लिए
है। जीएसटी-9सी एक मिलान ब्योरा है। ईवाई के
कर भागीदार अभिषेक जैन ने कहा कि
उद्योग लंबे समय से ऑफलाइन सुविधा
तथा जीएसटीआर-9सी ऑनलाइन भरने
की प्रक्रिया की प्रतीक्षा कर रहा था।
जीएसटी ऑडिट रिपोर्ट
भरना हुआ आसान
दो करोड़ रुपये से अधिक कारोबार वाली कंपनियां
भर सकती हैं जीएसटी ऑडिट रिपोर्ट
‘ऑडिटर के
डिजिटल
हस्ताक्षर की जरूरत,
बही-,खातों तथा लाभ/
नुकसान खातों को
भेजने आदि के बारे में
स्पष्टकरण से कंपनियों
को इसके अनुपालन में
मदद मिलनी चाहिए।’-
अभिषेक जैन,ईवाई के
कर भागीदार
g बिजनेस डेस्क: मेट्रोपॉलिस
हेल्थकेयर की लिस्टिंग सोमवार को
880 रुपये के ऑफर प्राइस से 9
पर्सेंट ऊपर हुई। कंपनी ने आईपीओ से
1,204 करोड़ रुपये जुटाए थे, जो 5
अप्रैल को 5.83 गुना ओवरसब्सक्राइब
हुआ था। इश्यू प्राइस में कंपनी
का वैल्यूएशन वित्त वर्ष 2019 के
अनुमानित अर्निंग पर शेयर यानी प्रति
शेयर मुनाफे का 39 गुना था, जबकि
इसी सेगमेंट की डॉ लाल पैथलैब्स में
अभी 43 के पी/ई पर ट्रेडिंग हो रही
है। आईपीओ ऑफर फॉर सेल था और
इससे जुटाई गई रकम में से कंपनी को
एक रुपया भी नहीं मिलेगा। मेट्रोपॉलिस
ने आईपीओ का प्राइस बैंड 880-887
रुपये तय किया था।
मेट्रोपॉलिस की
लिस्टिंग 9% के
प्रीमियम पर हुई
g बिजनेस डेस्क: किशोर बियानी
की अगुवाई वाले फ्यूचर ग्रुप की
कंपनी फ्यूचर कंज्यूमर लिमिटेड
ने वेरलिन्वेस्ट और अंतरराष्ट्रीय
वित्त निगम (आईएफसी) से 280
करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई
है। कंपनी ने वेरलिन्वेस्ट एसए को
कुल एक करोड़ डॉलर (लगभग
69.26 करोड़ रुपये) मूल्य के
अनिवार्य रूप से परिवर्तनीय रिण-
पत्र (सीसीडी) जारी करने के लिए
शेयरधारकों से मंजूरी मांगी है। इन
सीसीडी की फेस वैल्यू एक-एक
लाख रुपये होगी।
फ्यूचर कंज्यूमर
की ~280 करोड़
जुटाने की योजना
फास्ट News
समाचारपरसरकारी
पैसेकीजानकारी
देगायूट्यूब
g भाषा, नई दिल्ली : समाचार
आधारित वीडियो के लिए
‘इन्फॉर्मेशन पैनल’ शुरू करने वाली
यूट्यूब ने सोमवार को कहा कि
इन बॉक्स में अब यह भी दर्शाया
जाएगा कि क्या किसी सामग्री के
लिए वित्तपोषण सरकार की ओर से
किया गया है। अपने प्लेटफॉर्म पर
किसी तरह की भ्रम पैदा करने वाली
सूचना को रोकने के लिए यूट्यूब
ने यह कदम उठाया है। यूट्यूब के
निदेशक (समाचार भागीदारी प्रमुख)
टिम काट्ज ने ब्लॉगपोस्ट में कहा,
‘हमारा मकसद प्रयोगकर्ताओं को
अतिरिक्त सूचना प्रदान
करना है।
IDBIबैंकमेंमोबाइल
सेखोलसकते
हैंखाता
g बिजनेस डेस्क : आईडीबीआई
बैंक ने बचत खाता खोलने और
शुरू करने में उपभोक्ताओं की
मदद के लिए मोबाइल और वेब
आधारित नई सेवा की शुरुआत की
है। बैंक ने बताया कि इसके जरिए
उपभोक्ता आधार ई-केवाईसी या
क्यूआर कोड पद्धति के जरिए
अपना खाता खोल सकते हैं और
उसे सक्रिय कर सकते हैं। बैंक
ने कहा कि इससे कागजी काम
से छुटकारा मिलेगा। इसके जरिए
बैक खाता चंद मिनटों में सक्रिय
हो जाएगा।
g विशेष संवाददाता, नई दिल्ली
देश भर के केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अगले दो सालों में दो
लाख से अधिक सीटें बढ़ेंगी। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग
(ईडब्ल्यूएस) को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के बाद ये सीटें
बढ़ाई जा रही हैं। इसके लिए सोमवार को सरकार ने 4300
करोड़ रुपये मंजूर किए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में
आयोजित कैबिनेट मीटिंग में फैसला लिया गया कि इस फंड से
विश्वविद्यालयों में नया इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित होगा और 4,000
से अधिक शिक्षकों की भर्ती होगी।
विश्वविद्यालयों में बढ़ेंगी दो लाख सीटेंg 4300 करोड़ रुपये मंजूर g 10% EWS
कोटा लागू g कैबिनेट ने लिया फैसला
GSLV के चौथे चरण
को मंजूरी
कैबिनेट ने मौजूदा जीएसएलवी कार्यक्रम के
चौथे चरण को आगे जारी रखने की भी मंजूरी दे
दी। इसमें साल 2021-24 के बीच पांच रॉकेट
भेजे जाएंगे। इसके तहत पृथ्वी के चित्र, शिपिंग,
डेटा रिले कम्युनिकेशन और अंतरिक्ष विज्ञान
क्षेत्र के लिए दो टन वजनी उपग्रहों को अंतरिक्ष
में भेजा जाएगा। चौथे चरण के लिए 2729.13
करोड़ रुपये आबंटित किए गए हैं। जीएसएलवी
कार्यक्रम को सबसे पहले 2003 में मंजूरी मिली
थी। इसके दो चरण पूरे हो चुके हैं और तीसरा
चरण क्रियान्वयन से गुजर रहा है।
डेप्युटी कैग पद भी
मंजूर
कैबिनेट ने डेप्युटी कैग का एक अतिरिक्त पद
सृजित करने की मंजूरी दी है। कैग में अभी पांच
डेप्युटी कैग हैं। नए डेप्युटी कैग राज्यों के ऑडिट
का समन्वय और दूरसंचार पर नजर रखेंगे।
g विसं, नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में
अर्जी दाखिल करके मांग की गई है
कि मुस्लिम महिलाओं को मस्जिद में
नमाज के लिए जाने की इजाजत दी
जाए। इस अर्जी में कहा गया है कि
मस्जिदों में मुस्लिम महिलाओं के प्रवेश
पर रोक अवैध और गैर संवैधानिक है
और यह समानता का अधिकार, जीवन
के अधिकार और धार्मिक स्वतंत्रता के
अधिकार का उल्लंघन है।
सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता के वकील
आशुतोष दुबे की ओर से दाखिल अर्जी
में कहा गया है कि कुरान और हदीस
में लिंग के आधार पर कोई विभेद नहीं
है। मुस्लिम महिलाओं को मस्जिद में
प्रवेश से रोक समानता के खिलाफ है
और यह गैर संवैधानिक है। अदालत में
दाखिल अर्जी में कहा गया कि इस तरह
का चलन महिलाओं के मौलिक गरिमा
के खिलाफ है और संविधान में दिए गए
मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता
है। याचिका में कहा गया है कि पुरुषों
की तरह महिलाओं को भी इबादत का
संवैधानिक अधिकार है।
कुछ फिरकों में इजाजत,
सुन्नियों में मनाही
याचिका में कहा गया है कि अभी
मुसलमानों के कुछ फिरकों में ही
मुस्लिम महिलाओं को मस्जिद में नमाज
पढ़ने की इजाजत है। सुन्नियों के कई
फिरकों में इसकी मनाही है। यहां तक
कि जहां मुस्लिम महिलाओं को नमाज
के लिए मस्जिद में जाने की इजाजत है,
वहां उनके लिए अलग जगह दी जाती
है। भारत में ज्यादातर मस्जिदों में ऐसा
नहीं है। याचिकाकर्ता ने कहा कि सभी
मुस्लिम महिलाओं को नमाज के लिए
मस्जिद में जाने की इजाजत दी जाए और
उनके साथ कोई भेदभाव न किया जाए।
मुस्लिम महिलाओं को मस्जिदों
में नमाज की हो इजाजत
सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल
g एनबीटी : सुप्रीम कोर्ट ने टिक-
टॉक ऐप को बैन करने के मद्रास
हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने
से इनकार कर दिया है। यह एक
चाइनीज विडियो ऐप है। चीफ
जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता
वाली पीठ अब 22 अप्रैल को इस
मामले में सुनवाई करेगी। मंगलवार
को मद्रास हाई कोर्ट इस पर सुनवाई
करेगा। हाई कोर्ट ने इस ऐप के जरिए
‘अश्लील और अनुचित सामग्री’
उपलब्ध कराए जाने पर चिंता जाहिर
की थी।
टिक-टॉक
बैन के आदेश
पर स्टे नहीं
g विसF, नई दिल्ली : सेंट्रल बोर्ड ऑफ
सेकंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) इस बार 10वीं
और 12वीं का रिजल्ट आने के अगले दिन ही
मार्क्स वेरिफिकेशन के लिए अपना पोर्टल खोल
देगी। इसकी जानकारी पैरंट्स और स्टूडेंट्स को
बोर्ड ने अभी से दे दी है, ताकि वे आगे तैयार रहें।
अप्लाई करने की आखिरी तारीख लिंक खोलने
के पांचवें दिन शाम 5 बजे तक होगी। हर
सब्जेक्ट के लिए 500 रुपये फीस होगी। दोनों
क्लास का रिजल्ट मई के तीसरे हफ्ते में आएगा।
सीबीएसई की ओर से बताया गया है कि
रिजल्ट के ऐलान के 17वें दिन आंसरबुक की
फोटोकॉपी लेने के लिए लिंक खोला जाएगा।
इसके लिए अगले ही दिन शाम 5 बजे तक
अप्लाई करना होगा। कक्षा 12 के लिए हर
सब्जेक्ट की फीस 700 रुपये और कक्षा 10
के लिए 500 रुपये होगी। फिर से कॉपी चेक
कराने (री-इवैल्यूशन) के लिए रिजल्ट के 21वें
दिन लिंक खुल जाएगा। अगले ही दिन शाम
5 बजे तक अप्लाई करना होगा। हर क्वेश्चन
के लिए स्टूडेंट को 100 रुपये बतौर फीस देने
होंगे। कंपार्टमेंट के लिए अप्लाई करने के लिए
आखिरी तारीख 6 जून होगी। इसके लिए एक
सब्जेक्ट की फीस 300 रुपये है।
CBSE : रिजल्ट के अगले दिन से
ही भरें मार्क्स वेरिफिकेशन फॉर्म
g रिजल्ट के ऐलान के 17वें दिन
आंसरबुक की फोटोकॉपी लेने
के लिए खुलेगा लिंक
g फिर से कॉपी चैक कराने के
लिए रिजल्ट के 21वें दिन
खुलेगा लिंक
g एजेंसी, भुवनेश्वर : भारत ने सोमवार
को ऐसी सब-सोनिक क्रूज मिसाइल ‘निर्भय’
का परीक्षण किया। यह 1,000 किलोमीटर
तक निशाना लगा सकती है। इसे ओडिशा में
बालासोर जिले के चांदीपुर में इंटिग्रेटेड टेस्ट
रेंज (आईटीआर) से लॉन्च पैड से छोटी दूरी
के लिए दागा गया।
सूत्रों ने बताया कि रक्षा अनुसंधान विकास
संगठन (डीआरडीओ) द्वारा स्वदेश में
विकसित की गई निर्भय मिसाइल 300
किलोग्राम तक के वॉरहेड ले जा सकता है।
यह एक टर्बोफैन या टबोर्जेट इंजन के साथ
यात्रा कर सकता है और एक अत्यधिक उन्नत
ईनशियल नेविगेशन प्रणाली द्वारा निर्देशित
है। इस मिसाइल का आखिरी सफल परीक्षण
नवंबर 2017 में हुआ था।
1,000 किलोमीटर
तक मार करेगी
‘निर्भय’ मिसाइल