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िढबरी चैनल
टेलीिवजन चैनलो की
सचाइयो से रबर
कराती कहािनयां एवं
वंगय रचनाये
- िवनोद िवपलव
2 िढबरी
चैनल
पसतावना
मीिडया सामािजक
िवकास का अतयंत सशक
माधयम है। जब
टेलीिवजन चैनल और
इंटरनेट नही होते थे,
बिलक अखबार होते थे,
तब अकबर ईलाहाबाद ने
िलखा था :-
3 िढबरी
चैनल
खैचो ना कमान को, न
तलवार िनकालो,
जब तोप मुकािबल हो तो
अखबार िनकालो।
यह पहले भी सच था और
आज भी सच है, बिलक
पहले से जयादा सच है।
लेिकन एक सच यह भी है
िक जयादातर अखबार
और चैनल आमदनी,
4 िढबरी
चैनल
पसार संखया और
टीआरपी बढाने की अंधी
दौड मे शािमल होकर
अपनी भूिमका से भटक
गये है और िढबरी चैनल
मे शािमल रचनाये उसी
भटकाव को उजागर
करती है।
िढबरी चैनल िलखने की
मंशा चैनलो मे शीषर पदो
5 िढबरी
चैनल
पर लोगो की आलोचना
करने की नही है बिलक,
कोिशश यह है िक
िविभन कारणो से
टेलीिवजन चैनलो और
काफी हद तक अखबारो
मे िसथितयां बन गयी है
या बना दी गयी है और
आज के दौर मे अखबार
और खास तौर पर
6 िढबरी
चैनल
टेलीिवजन चैनल जो
भूिमका िनभा रहे है उसे
लेकर समाज मे िचतन हो
और मौजूदा सूरते हाल मे
बदलाव हो। हालांिक कई
चैनल अपनी भूिमका
बखूबी िनभा रहे है
लेिकन अनेक टेलीिवजन
चैनल, जो देश और समाज
के िवकास एवं लोगो के
7 िढबरी
चैनल
जीवन सतर मे बदलाव
लाने का अतयंत कारगर
माधयम हो सकते थे, उनहे
काफी हद तक समाज के
पतन का माधयम बना
िदया गया है।
-िवनोद िवपलव
8 िढबरी
चैनल
अनुकम
1- िढबरी चैनल का
घोषणापत
2- िढबरी चैनल मे भती
अिभयान
3- िढबरी चैनल पमुख के
िलये अजी
9 िढबरी
चैनल
िढबरी चैनल का घोषणा
पत
(नोट - यह वंगय रचना
महान वंगकार एवं
गुरवर हिरशंकर परसाई
की एक पिसद वंगय
रचना से पभािवत है और
10 िढबरी
चैनल
मुझे लगता है िक अगर
परसाई जी आज जीिवत
तो इस िवषय पर जरर
कलम चलाते।)
(वैसे िढबरी चैनल के बारे
मे िवजापन तो अखबारो
मे छप चुका था, लेिकन
िढबरी नयूज के ‘‘एमस
एंड आबजेिकटवस् तथा
उसके गठन के मेमोरेडम'''
11 िढबरी
चैनल
बही खातो के बीच दबे
रह गये थे। यह लेखक
जब िकसी काम से चैनल
के मुखयालय मे गया तो
सेठजी के आसान के पास
की एक पुरानी बही मे
यह नतथी िकया हआ
िमला िजसे हम यहां
घोषणापत के नाम से
पसतुत कर रहे है। - लेखक)
12 िढबरी
चैनल
।। शी लकमीजी सदा
सहाय।।
हम बतीलाल िढबरीलाल
एंड सनस के वतरमान
मािलक अपनी पिसद
दुकान की नयी शाखा
खोल रहे है।
इस शाखा का नाम होगा
िढबरी नयूज चैनल।
13 िढबरी
चैनल
जैसा िक िवश िविदत है,
िढबरीलाल हमारे
पुजयिपता जी थे जो इस
नशर संसार मे अब नही
है और इस कारण इस
संसार मे हमारे फमर के
अलावा सब कुछ िनससार
है।
हमारे पिरवार मे
ववसाय को हमारे दादा
14 िढबरी
चैनल
बतीलाल ने शुर िकया
था लेिकन इस ववासाय
को हमारे परमपूजय
िपताजी ने एक उंचाई दी
और इस ववसाय को
दुिनया भर मे फै लाया
इसिलये हमने अपने
िपताजी के नाम को अमर
करने के िलये अपनी
दुकान की नयी शाखा के
15 िढबरी
चैनल
रप मे टेलीिवजन चैनल
शुर करने का फै सला
िकया।
हमारी तरह हमारे
िपताजी ने भी अपने
िपताजी अथारत मेरे
दादाजी का नाम अमर
करने के िलये बी एल
(बतीलाल) मेिडकल
कालेज खोला था और
16 िढबरी
चैनल
लाख-लाख रपये डोनेशन
लेकर हजारो लंफगो और
जािहलो को डाकटर बना
कर देश की आबादी को
िनयंितत करने मे
महतवपूणर भूिमका
िनभायी थी। ऐसे मे हम
भी अपने पिरवार की
परमपरा को आगे बढाने
के िलये अपने
17 िढबरी
चैनल
पुजयिपताजी के नाम पर
टेलीिवजन चैनल खोल
रहे है तािक देश मे
बुिदजीिवयो एवं
िववेकवािदयो की
आबादी पर अंकुश
लगाया जा सके और देश
मे अजानता, अिववेक,
अंधिवशास और
अशीलता जैसी लोकतंत
18 िढबरी
चैनल
िहतैषी पवृितयो को
बढावा िदया जा सके
तािक दंगाइयो, भष
अिधकािरयो एवं मंितयो,
एवं पूंजीपितयो को
िनभरय और िनडर होकर
काम करने का सौहादरपूणर
माहौल िमल सके।
उममीद है िक मेरे सुपुत
भी पिरवार की इसी
19 िढबरी
चैनल
पिवत परमपरा को आगे
बढाते हये मेरे नाम पर
कोई पाइवेट
िवशिवदालय खोलेगे,
जैसा िक आजकल ‘‘िलख
लोढा पढ पतथर’’वाले
लोग कर रहे है और
िशका की नाकारी
संसथाओ को िवशुद
मुनाफा कमाने वाले
20 िढबरी
चैनल
दुकानो मे बदल कर
सरकार की नीितयो को
साकार करते हये भावी
पीढी के भिवषय को गतर
मे िगराने के महान कायर
को अंजाम दे रहे है।
आप पूछ सकते है िक
आज इतने तरह के धंधे
तरह के धंधे है िजनमे पैसे
ही पैसे है तो िफर
21 िढबरी
चैनल
टेलीिवजन चैनल कयो।
इस बारे मे मेरा कहना
यह है िक हालांिक कमाई
के तो कई रासते है, लेिकन
बाकी धंधो मे वह मजा
नही है जो टेलीिवजन
चैनलो मे है। यह धंधा
‘‘हीग लगे न िफटकरी
और रंग चोखा, केवल
जनता को देते रहो धोखा
22 िढबरी
चैनल
ही धोखा’’- की तरह है।
सबसे बडी बात है िक इस
धंधे को शुर करने मे
हालांिक पैसे तो थोडे
खचर करने पडते है लेिकन
िदमाग िबलकुल नही
लगाने पडते है। (असल मे
िदमाग तो दशरको को यह
सोचने मे लगाने पडते है
िक वे चैनल को देख ही
23 िढबरी
चैनल
कयो रहे है)। चैनल चलाने
के िलये िदमाग नही
लगाने का फायदा यह है
िक आप इस बात पर
िदमाग खचर कर सकते है
िक कमाये गये भारी काले
धन को कैसे सफे द बनाया
जाये। सबसे बडी बात िक
इसमे इतने तरह के माल
(सजीव और िनजीव दोनो
24 िढबरी
चैनल
तरह के) िमलते है िक चाहे
इनहे िजतना खाओ और
िखलाओ कभी कम नही
पडता। दरअसल
टेलीिवजन चैनल दोनो
तरह के मालो का ऐसा
बहता दिरया है िक जब
इचछा हयी तन-मन की
पयास बुझा ली। खुद भी
पयास बुझाओ और अपने
25 िढबरी
चैनल
यार दोसतो की पयास को
भी बुझाओ।
हां। तो बात हो रही थी
टेलीिवजन चैनल शुर
करने के कारणो के बारे
मे। असल मे आज के
समय मे सकूल-कालेज,
समाज सेवा, अखबार और
सतसंग-पवचन जैसे माल
कमाने के जो नये केत
26 िढबरी
चैनल
उभरे है उनमे टेलीिवजन
चैनल सबसे चोखा धंधा
है। आप पूछ सकते है िक
आप और आपके बाप
दादा जीवन भर अनाज,
दूध, तेल, घी आिद मे
िमलावट करके
ितजोिरयां भरते रहे तो
अब िफर टेलीिवजन
चैनल खोलने की कया
27 िढबरी
चैनल
सूझी। आपका सवाल
बहत अचछा और
िवषयानुकुल है। आपके
सवाल के जवाब मे मै
कहंगा िक दरअसल
टेलीिवजन चैनल का यह
धंधा हमारे पुशतैनी धंधे
का ही आधुिनक एवं
िवकिसत रप है। पहले
हम अनाज मे कंकड
28 िढबरी
चैनल
िमलाते थे और दूध मे
यूिरया िमलाते थे और
लोगो का सवासथय खराब
करते थे। अब िमलावट के
काम को आगे बढाते हये
हम संसकृित मे अशीलता,
िवशास मे अंधिवशास
और धमर मे अधमर
िमलाकर लोगो के िदमाग
को खराब करेगे। काम तो
29 िढबरी
चैनल
वही िमलावट का ही हआ
न। चूंिक फमर एक है,
इसिलये हमारा काम भी
एक है। िमलावट का
हमारा जो खानदानी
अनुभव है वह सही अथो
मे अब काम आयेगा। वैसे
भी इस तरह के िमलावट
मे खतरे कम है कयोिक
अनाज, दूध और तेल मे
30 िढबरी
चैनल
िमलावट को तो सरकार
और जनता पकड भी
लेती है और कभी-कभी
छापे मारे जाने का भी
डर भी रहता है, लेिकन
टेलीिवजन चैनलो के
जिरये संसकृित मे
कुसंसकृित ओर लोगो के
िववेक मे अजानता एवं
अंधिवशास की िमलावट
31 िढबरी
चैनल
को जनता िबलकुल पकड
नही पाती और जहां तक
सरकार की बात है वह
तो इसे बढावा ही देती है।
ऐसे मे न तो छापे का डर
है न जनता के गुससे का।
उलटे इस तरह की
िमलावट करने पर
पदमशी और भारत रत
िमलने की भी पबल
32 िढबरी
चैनल
संभावना रहती है।
अतीत मे कई
िमलाविटयो को सरकार
ऐसे पद सममानो से
नवाज भी चुकी है।
जैसा िक पहले बताया जा
चुका है, टेलीिवजन चैनल
खोलने के पीछे हमारा
मुखय इरादा तो अपने
पूजय िपता जी को अमर
33 िढबरी
चैनल
बनाना ही था, लेिकन
साथ ही साथ अगर आम
के आम, गठली के दाम की
तरह अगर इससे मोटी
आमदनी कमाने तथा और
तर माल खाने को िमले
तो बुराई ही कया है।
दरअसल हमारे िपताजी
को और िपताजी की तरह
मेरे दादाजी को अमर
34 िढबरी
चैनल
बनने की बहत लालसा
थी। मेरे िपताजी ने
दादाजी को अमर बनाने
के िलये मेिडकल कालेज
खोलकर अपने समय के
िहसाब से सबसे उिचत
एवं कारगर काम िकया
था। आज भले ही समय
बदल गया है और पांच
साल तक झखमार कर
35 िढबरी
चैनल
पढाई करने वाले डाकटरो
की कोई पूछ नही रह
गयी है और जो लोग
डाकटर बने है वे अब अब
अपनी िकसमत को रो रहे
है। आज भले ही कोई
डाकटर या इंजीिनयर
नही बनना चाहता
लेिकन िजस समय हमारे
िपताजी ने मेरे दादाजी के
36 िढबरी
चैनल
नाम पर मेिडकल कालेज
खोला था उस समय
समाज मे डाकटर-
इंजीिनयरो का बडा
सममान था। िजस लडके
का इंजीिनयिरग या
मेिडकल कालेज मे पवेश
िमल जाता था, शहर भर
की लडिकयां उसे बडी
हसरत भरी नजर से
37 िढबरी
चैनल
देखती थी और उन
लडिकयो के मां-बाप उसे
अपना दामाद बनाने के
सपने पालते थे, भले ही
उसने डोनेशन या िरशत
देकर कालेज मे पवेश
िलया हो। लेिकन अब तो
कोई मेिडकल या
इंजीिनयिरग मे जाना ही
नही चाहता है तो
38 िढबरी
चैनल
डोनेशन कया खाक देगा।
जािहर है समय बदलते
ही मेिडकल कालेज का
हमारा धंधा और इसिलये
दादाजी का नाम भी नही
चल पाया।
आज लोगो ने और यहां
तक िक दादाजी के नाम
पर बने मेिडकल कालेज
के से पढाई करके
39 िढबरी
चैनल
िनकलने वाले लडको ने
भी दादा जी के नाम को
भुला िदया या मरीजो
एवं उनके िरशतेदारो ने
उनकी समय-समय पर
डाकटर बनने वाले उन
लडको की इतनी िपटाई
की वे दादाजी के कालेज
का नाम लेने से तो कया
अपने को डाकटर कहने से
40 िढबरी
चैनल
डरने लगे। दरअसल
पुराने समय मे िजन
लडको ने डोनेशन देकर
दादीजी के नाम वाले
कालेज मे पवेशष िलया
था, उनमे से जयादातर
दूरदशी िकसम के लडको
का उदेशय मेिडकल
कालेज मे पवेश लेकर
लडकीवालो को फांस कर
41 िढबरी
चैनल
उनसे दहेज की भारी
रकम वसूलना होता था
और जब वे अपने उदेशय
मे सफल हो जाते तो
मेिडकल की पढाई
छोडकर दहेज मे िमली
रकम से या तो रेलवे बोडर
या िबहार कमरचारी
चयन आयोग मे कोई
अचछी खासी नौकरी
42 िढबरी
चैनल
खरीद लेते या िफर
पंसारी की दुकान खोल
लेते कयोिक उनहे पता था
िक जब वे पांच साल के
बाद मेिडकल की पढाई
करके िनकलेगे तो
डाकटरी के धंधे से
िकलिनक का िकराया भी
नही िनकाल पायेगा। इस
तरह से ऐसे लडको ने तो
43 िढबरी
चैनल
कुछ महीनो मे ही अपने
कालेज का नाम भुला
िदया। मूखर िकसम के जो
लडक डाकटरी की पढाई
पूरी करके डाकटर बन
गये उनहे मरीजो के
िरशतेदारो ने मार-मार
कर डाकटरी के धंधे से
हमेशा के िलये छोड देने
के िलये मजबूर कर
44 िढबरी
चैनल
िदया। इस तरह वे भी
शीघ कालेज का और
दादाजी का नाम भूल
गये। ऐसे मे आज दादाजी
का नाम लेने वाला कोई
िबरला ही बचा होगा।
ऐसे मे हमने अपने
अनुभवो से सीख लेते हये
अपने िपताजी के नाम को
अमर करने के िलये कोई
45 िढबरी
चैनल
मेिडकल या इंजीिनयिरग
कालेज खोलने के बजाय
टेलीिवजन चैनल खोलने
का फै सला िकया। इसमे
एक फायदा यह हआ िक
जहां कालेज खोलने के
िलये कुछ पैसो की
जररत पडती है, वही
टेलीिवजन चैनल खोलने
के िलये हमे अपने पास से
46 िढबरी
चैनल
एक धेला भी लगाने की
जररत नही पडी। ऐसा
कैसे हआ, बाद मे
बताउंगा।
टेलीिवजन चैनल खोलने
का एक और कारण था।
दरअसल पंसारी की
दुकान संभालने वाला
हमारा एक लडका एक
पतकार की बुरी सोहबत
47 िढबरी
चैनल
मे फं स गया था। उस
पतकार के जिरये वह
और भी पतकारो की
संगत मे आ गया और वह
भी उन पतकारो के साथ
दार-जूए के िकसी अडे
पर, िजसका नाम वह पेस
कलब बताया करता था,
बारह-बारह बजे रात तक
दार पीता था और नशे मे
48 िढबरी
चैनल
लोगो को गािलयां बकता
हआ, सडक पर लोटता-
पोटता और िगरता-पडता
घर पहंचता था। वह पढा-
िलखा तो जयादा था,
लेिकन उसकी िजद कर
ली िक वह भी पतकार
बनेगा। मैने यह सोचकर
उसकी सातवे तक की
पढाई करायी थी िक उसे
49 िढबरी
चैनल
जब दुकान पर ही बैठना
है तो उसके िलये यही
बहत होगा िक जोड-
घटाव जान ले। लेिकन
उसने जब बताया िक
पतकार बनने मे िकतना
फायदा है तो मैने सोचा
िक उसे पतकार ही बना
िदया जाये और जब
पतकार बनना है तो कयो
50 िढबरी
चैनल
नही उसे टेलीिवजन
चैनल का मािलक बना
िदया जाये।
मेरे उसी लडके ने अपने
कुछ दारबाज एवं लफं गे
पतकार दोसतो को हमसे
िमलवाया और सबने
िमलकर टेलीिवजन
चैनल खोलने के जो लाभ
बताये उसे सुनकर मेरा
51 िढबरी
चैनल
िदल बाग-बाग हो गया।
उसी िदन मैने सोच िलया
िक िपताजी के नाम को
अमर करने और तर माल
खाने के िलये इससे
अचछा साधन दुिनया मे
कुछ और नही है।
अपने फमर की इस दुधार
शाखा को शुर करने के
िलये, सच कहा जाये तो,
52 िढबरी
चैनल
हमारी अंठी से एक धेला
भी नही लगा। हालांिक
दुिनयावालो को पता है
िक हमने इसके िलये
करोडो रपये फूं क डाले।
इस झूठ के फै लने से इससे
हमारी इजत भी बढ
गयी और हमे अपने काले
धन को सफे द करने मे भी
मदद िमल गयी।
53 िढबरी
चैनल
दरअसल िजस तरह से
हाथी के दांत के दो तरह
के दांत होते है - खाने के
और िदखाने के और, ठीक
उसी तरह हमारे और
हमारे धंधे के दो चेहरे
होते है - एक दुिनयावालो
के िलये और एक अपने
और अपने जैसे धंधेबाजो
के िलये। इसी परमपरा
54 िढबरी
चैनल
का पालन करते हये हमने
इस धंधे की नयी शाखा
के िलये दो घोषणापत
बनावाये थे। एक
घोषणापत तो वह था
िजसे हमने अखबारो मे
छपावाये थे तािक चैनल
मे पैसे लगाने वालो को
फं साया जा सके जबिक
असली घोषणापत को
55 िढबरी
चैनल
हमने तैयार करके बही
खाता के बीच सुरिकत
रखकर गदी के नीचे
दबाकर रख िदया तािक
जररत के समय
इसतेमाल मे लाया जा
सके।
सबसे पहले हम अखबारो
मे छप चुके नकली
घोषणापत और लुभावने
56 िढबरी
चैनल
पसताव को लेकर पोपटी
डीलर से िबलडर बने
अपने एक पुराने कािरदे
के पास गये। जब हमने
कई साल पहले पोपटी
डीलरी का एक नया धंधा
शुर िकया था तब उसे
हमने दुकान की साफ-
सफाई और देखरेख तथा
वहां आने वाले गाहको
57 िढबरी
चैनल
को पानी िपलाने के िलये
रखा था। बाद मे वह
गाहको को पानी िपलाने
मे मािहर हो गया। धीरे-
धीरे उसने गाहको को
फं सा कर हमारे पास
लाना शुर िकया और हम
उतसाह बढाने के िलये
उसे कुछ पैसे भी देने लगे।
कुछ समय मे ही वह इस
58 िढबरी
चैनल
काम मे इतना होिशयार
हो गया िक उसने बाद मे
खुद ही पोपटी कारोबार
का काम षुर कर िदया।
बाद मे वह िबलडर बन
गया और आज उसकी
िगनती देश के पमुख
िबलडरो मे होने लगी है।
उसने जब िपताजी के
नाम पर टेलीिवजन
59 िढबरी
चैनल
चैनल शुर करने के
पसताव को पढा तो वह
खुशी से उछल पडा। वह
इस पसताव से इतना
पभािवत हआ िक वह
उसने खुशी—खुशी सौ
करोड रपये टेलीिवजन
चैनल मे िनवेश करने को
तैयार हो गया। उसकी
केवल एक शतर थी िक
60 िढबरी
चैनल
लडिकयो के चकर मे
िपछले पांच साल से
बारहवी की परीका मे
फे ल हो रहे अपने
एकलौते बेटे को चैनल मे
कोई महतवपूणर पद पर
नौकरी दी जाये, िजसे
हमने सहषर सवीकार कर
िलया। बाद मे हमने
उसके लफं गे बेटे को
61 िढबरी
चैनल
इनपुट हेड का पद िदया।
पैसे की उसे कोई जररत
थी नही, इसिलये हमने
उसके िलये कोई सैलरी
तय नही की।
इसके बाद हम इस
पसताव को लेकर अपने
एक लंगोिटया यार के
पास गये जो इस समय
लाटरी और िचटफं ड
62 िढबरी
चैनल
िबजनेस का टायकून
माना जाता था। वह
जुएबाजी मे मािहर था
और उसने जुए से पैसे
जमा करके ‘‘वाह-वाह
लाॅॅटरी’’ नाम से एक
कंपनी शुर की। उसका
यह धंधा चल िनकला
और उसके पास पैसे
छपपड फाडू तरीके से इस
63 िढबरी
चैनल
कदर बरस रहे है िक
उसके यहां नगिदयो के
बंडलो की औकात रदी के
बंडलो से जयादा नही रही
है। वहां अगर िकसी
उपरी रैक से कोई कागज
या कोई सामान
िनकालना होता है तो
नगिदयो के बंडलो का
इसतेमाल सीढी या मेज के
64 िढबरी
चैनल
तौर पर िकया जाता है।
नगिदयो के बंडलो को
िगनते समय या बंडल
खोलते समय जो नोट
खराब िनकलते है या फट
जाते है उनहे कूडे की
टोकिरयो मे डाल िदया
जाता है और िदन भर मे
ऐसी कई टोकिरयां भर
जाती है। बाद मे फटे
65 िढबरी
चैनल
नोटो को कूडे के ढेर मे
िमला कर जला िदया
जाता है। वह मेरे िपताजी
का मुरीद था और उनका
बहत सममान करता था,
कयोिक उनहोने ही उसे
लाॅॅटरी का धंधा शुर
करने के िलये पेिरत िकया
था। जब उसने सुना िक
हम िपताजी के नाम को
66 िढबरी
चैनल
अमर करने के िलये
टेलीिवजन चैनल शुर
कर रहे है तो उसने उसी
समय नगदी नोटो के
बंडलो से भरा एक टक
हमारे गोदाम मे िभजवा
िदया। जब हमने कहा िक
अभी इनकी कया जररत
है तो उसने कहा िक ‘यह
तो उसकी तरफ से
67 िढबरी
चैनल
िपताजी की महान समृित
को िवनम भेट है। आगे
जब भी पैसे की जररत
हो केवल फोन कर देने
की जररत भर है। वैसे
भी उसके िलये उसके खुद
के गोदामो मे नगदी के
बंडलो को असुरिकत है,
कयोिक कभी भी
सीबीआई वालो का छापा
68 िढबरी
चैनल
पड सकता है जबिक
टेलीिवजन चैनल के
दफतर मे नगदी के बंडलो
को रखने मे इस तरह का
कोई खतरा नही है। वह
चाहता है िक उसके यहां
के गोदाम मे जो नोटो के
बंडल भरे पडे है, उनहे
टको मे भर कर िढबरी
नयूज चैनल के आिफस मे
69 िढबरी
चैनल
िभजवा देगा तािक उनहे
वहां चैनल के दफतरो के
दो-चार कमरो मे इन
नोटो को रखकर बंद कर
िदया जाये।’ हमने अपने
दोसत की यह इचछा मान
ली।
उस दोसत की एक और
इचछा थी और उसे भी
हमने उसके अहसानो को
70 िढबरी
चैनल
देखते हये िसरोधायर कर
िलया। असल मे उसकी
पती को पूजा-पाठ एवं
धमर-कमर मे खूब आसथा
थी। वह िदन भर बैठ कर
धािमक चैनलो पर
बाबाॅाओ के पवचन
सुनती रहती थी। पवचन
सुनते-सुनते उनहे भी
आतमा, परमातमा, परलोक,
71 िढबरी
चैनल
माया-मोह, भूत-पेत,
पुनजरनम आिद के बारे मे
काफी जान हो गया था
वह मेरे दोसत चाहता था
िक उसकी पती को
िढबरी चैनल पर सुबह
और शाम एक-एक घंटे का
कोई िवशेष कायरकम पेश
करने को िदया जाये
अथवा उनहे िकसी िवषय
72 िढबरी
चैनल
पर पवचन देने का िवशेष
कायरकम िदया जाये।
इससे पती खुश भी रहेगी
और जब अपने मनचले
पित पर हमेशा नजर
रखने वाली पती का
धयान कुछ समय के िलये
पित और उसके रंगारंग
कायरकमो से हट जायेगा
तािक उसके पित को
73 िढबरी
चैनल
अपनी शाम को रंगीन
करने के सुअवसर िमल
सके।
हमने िमलावटी दार, दूध,
दवाइयो आिद के
कारोबारो मे लगे अनय
ववसािययो से भी संपकर
िकया और इन सभी ने
हमे िदल खोल कर पैसे
िदये। िदलली, मुबंई और
74 िढबरी
चैनल
बेगलूर जैसे कई शहरो मे
कालगलर सपलाई करने
का कारोबार करने वाले
एक अरबपित कारोबारी
ने चैनल के िलये एक सौ
बीस करोड रपये का
दान िकया। इसके अलावा
उसने हर माह चैनल
चलाने के खचर के तौर पर
पांच करोड रपये देने का
75 िढबरी
चैनल
वायदा िकया। उसने
अपनी तरफ से एक छोटी
इचछा यह जतायी िक
उसे हर िदन चैनल मे
एंकिरग करने वाली
लडिकयो मे से एक
लडकी को हर रात उसके
यहां भेजा जाये। हमने
उसे एक नही पांच
लडिकयो को भेजने का
76 िढबरी
चैनल
वायदा िकया तािक वह
अपने उन अरब पित
गाहको की इचछाओ का
भी सममान कर सके जो
मीिडया मे काम करने
वाली सुंदर बालाओ के
साथ रात गुजारने की
हसरत रखते है।
इस तरह हमारे पास जब
एक हजार करोड से
77 िढबरी
चैनल
अिधक रपये जमा हो
गये तब हम चैनल के इस
पसताव को लेकर िशका
मंती के पास गये, िजनके
पास सूचना और पसारण
मंतालय का भी अितिरक
कायरभार था। िशका मंती
के िपता हमारे िपताजी
की दार की गुमटी पर
दार बेचने का काम करते
78 िढबरी
चैनल
थे। िपछले चुनाव मे भी
हमने अपने जाित के सारे
वोट उनहे िदलाये थे।
इसिलये िशका मंती को
हमसे खास लगाव था।
उनहोने चैनल खोलने का
हमारा पसताव देखा तो
हमसे िलपट कर हमारे
िपताजी की याद मे रोने
लगे। वह कहने लगे, ‘‘मै तो
79 िढबरी
चैनल
आपके िपताजी के
एहसानो तले इस कदर
दबा हं िक उनकी याद मै
खुद पहल करके सरकार
की तरफ से उनके नाम
पर एक िवशिवदालय
खोलने वाला था। अब
अगर आप टेलीिवजन
चैनल खोल रहे है तो मै
आपसे कहंगा िक आप
80 िढबरी
चैनल
टेलीिवजन चैनल के साथ-
साथ एक मीिडया एक
कालेज भी खोल ले
िजसका नाम ‘‘राषीय
िढबरी मीिडया इंसटीचयूट
एंड िरसचर सेटर’’ रखा
जा सकता है। बाद मे मै
इस कालेज को अंतरारषीय
िवशिवदालय का दजार
िदला दूंगा। इससे
81 िढबरी
चैनल
िपताजी का नाम न केवल
भारत मे बिलक दुिनया
भर मे रौशन हो जायेगा।
इस कालेज के िलये मै
सरकार की तरफ से 100
एकड की जमीन एक
रपये पित वगर मीटर के
िहसाब से िदलवा दूंगा।
साथ ही कालेज के भवन
के िनमारण पर आने वाले
82 िढबरी
चैनल
खचर का 50 पितशत
सरकार की तरफ से
िदलवा दूंगा। आप इसी
कालेज से अपना चैनल
भी चलाइये। आपको
करना केवल यह होगा
िक इस कालेज मे गरीब
और एस टी-एस सी के 25
पितशत बचो को
िनःशुलक पिशकण देने के
83 िढबरी
चैनल
नाम पर हमारे जैसे
मंितयो, अिधकािरयो एवं
नेताओ और उनके
िरशतेदारो के बचे-बिचयो
का दािखला कर िलिजये
जबिक बाकी के बचो से
फीस के तौर पर ढाई-तीन
लाख रपये सालाना
वसुिलये। ’’
84 िढबरी
चैनल
िशका मंती ने जो गुर
बताये उसे सुनकर मेरी
इचछा हयी िक मै उनके
पैर पर िगर पडू, हालांिक
मुझसे वे उम मे छोटे है,
लेिकन उनहोने कया बुिद
पायी है। वैसे ही वह
इतनी कम उम मे िशका
मंती जैसे महतवपूणर पद
पर आसीन नही हो गये।
85 िढबरी
चैनल
िकतने तेज िदमाग के है।
अब उनकी सफलता का
राज समझ आया। आज
पता चला िक ऐसे ही
मंितयो की तीकण बुिद
की बदौलत ही हमारे देश
ने इतनी अिधक पगित
की है। िशका मंती जो
मंत िसखाया उसके
आधार पर मैने िहसाब
86 िढबरी
चैनल
लगाकर देखा िक आज
िजस तरह से चैनलो मे
काम करने के िलये लडके-
लडिकयां उतावले हो रहे
है, उसे देखते हये िपताजी
के नाम पर बनने वाले
कालेज मे पवेश लेने
वालो की लाइन लग
जायेगी, कयोिक इतने
हमारे कालेज और चैनल
87 िढबरी
चैनल
के साथ एक से एक बडे
नाम जुडे होगे। सभी बचो
को सबजबाग िदखाया
जायेगा िक कोसर पूरा
होते ही उनहे एंकर अथवा
िरपोटरर बना िदया
जायेगा। अगर हर बचे से
तीन-तीन लाख रपये
िलये जाये और पांच सौ
बचो बचो को पवेश िदया
88 िढबरी
चैनल
जाये तो हर साल 15 करोड
रपये तो इसी तरह जमा
हो जायेगे। इस तरह एक
मीिडया कालेज से ही
कुछ सालो मे अरबो की
कमाई हो जायेगी। साथ
ही साथ कैमरे आिद ढोने,
सदी-गरमी मे दौड-धूप
करने, कुसी-मेज और
गािडॅ़यो की साफ-सफाई
89 िढबरी
चैनल
करने जैसे कामो के िलये
मुफत मे ढेर सारे लडकेॅे
तथा चैनलो मे पैसे लगाने
वाले तथा अलग-अलग
तरीके से मदद करने
वालो की मचलती हयी
तबीयत को शांत करने के
िलये मुफत मे कमसीन
लडिकयां िमल जायेगी।
कालेज मे दािखला लेने
90 िढबरी
चैनल
वालो मे से िकसी को
नौकरी तो देनी नही है,
केवल पलोभन ही देने है,
कयोिक जब पतकािरता
सकूल-कालेज चलाने वाले
अनय चैनलो और
अखबारो के मािलक जब
उनके कालेजो मे पढने
वाले लडके-लडिकयो को
कोसर खतम होते ही लात
91 िढबरी
चैनल
मार कर िनकाल देने की
पावन परमपरा की
सथापना की है तो हम
कयो इस परमपरा का
उललंघन करने का पाप
ले।
िशका मंती के सदवचनो
एवं सुझावो के बाद हम
उतसाह से भर गये और
हमे िढबरी चैनल
92 िढबरी
चैनल
पिरयोजना का भिवषय
अतयंत उजवल नजर
आने लगा। इस भिवषय
को और अिधक चमकदार
बनाने के िलये हम देश
की एक पमुख पीआर
कंपनी की मालिकन के
पास गये। देखने मे वह
इतनी सुंदर थी िक उस
पर िकसी का भी िदल आ
93 िढबरी
चैनल
सकता था - चाहे वह
िकतना ही संत हो।
उसकी राजनीितक
गिलयारे से लेकर
अरबपित उदोगपितयो
के बेडरम तक पहंच थी।
राजनीित, उदोगजगत
और मीिडया पर उसका
इतना पभाव था िक वह
िजस पतकार से बात कर
94 िढबरी
चैनल
लेती वह अपने को धनय
समझता। एक समय था
जब वह मुझपर भी
मेहरबान थी, लेिकन आज
तो उसकी हैिसयत इतनी
उंची हो गयी िक वह
मुझसे काफी दूर हो गयी।
आज वह मंती और
सरकार बनाने-िबगाडने
का खेल करती थी। उससे
95 िढबरी
चैनल
िमलने का समय िमलना,
िकसी देवी से िमलने से
भी अिधक कीमती था।
महीनो तक सैकडो बार
फोन करने के बाद जब
उसने मुलाकात का समय
दे िदया तब मैने समझ
िलया िक हमारी दुकान
का चलना तय है। असल
मे जब उसने िवदेश मे
96 िढबरी
चैनल
अपने पित को छोडकर
भारत आकर
ववसािययो, पूंजीपितयो,
उदोगपितयो, मंितयो
और पतकारो से संपकर
बनाने का अपना पी आर
का नया ववसाय शुर
िकया था तब मैने ही उसे
पहला काम िदया था।
धीरे-धीरे उसने अपनी
97 िढबरी
चैनल
मंितयो एवं बडी-बडी
कंपिनयो के मािलको से
संपकर बढाना शुर िकया
और आिखरकार उसने
देश के सबसे बडे
उदोगपित से काम पाने
मे सफलता हािसल कर
ली।
जब मै उससे िमलने
पहंचा तब उसकी भवता
98 िढबरी
चैनल
को देखकर दंग रह गया
िक एक समय दो कौडी
की मिहला आज देश की
िसरमौर बन गयी।
आलीशान बंगला, िवदेशी
कारो का कािफला, दजरनो
नौकर, हर कदम पर
सुरका गाडर - ऐसा लगा
िक मै अमरीका के
राषपित से िमलने जा
99 िढबरी
चैनल
रहा हं। उसकी हैिसयत से
तुलना करने पर मै
िबलकुल िडपेशन मे चला
गया, एक सेकेड के िलये
तो आंखो के सामने अंधेरा
छा गया। मुझे लगा िक
टेलीिवजन चैनल खोलने
के बजाय पी आर कंपनी
ही खोलना जयादा अचछा
रहता।
100 िढबरी
चैनल
जब मै उसके समक
पहंचा तो वह साकात
देवी लग रही थी। मैने
सोचा िक अगर उसका
आशीवाद िमल जाये तो
मेरा भी जीवन सफल हो
जाये, इसिलये मै उसके
चरण छूने के िलये झुका
लेिकन उसने मुझे गले से
लगा कर मुझे धनय कर
101 िढबरी
चैनल
िदया। मैने िढबरी चैनल
खोलने की अपनी योजना
बतायी और उससे
यथासंभव मदद करने का
आगह िकया।
मेरी योजना सुनते ही
उसके चेहरे पर खुशी की
लहर दौड गयी। उसने
कहा, ‘‘मै तो पहले से ही
कोई चैनल शुर करने का
102 िढबरी
चैनल
मन बना रही थी और
अगर आप चैनल शुर कर
ही रहे है तो वह इसी
चैनल मे पाटरनर बनने को
तैयार है। असल मे हमारा
पी आर का काम और
चैनल का काम एक ही
तरह का होता है। पी आर
के काम मे जो मािहर हो
गया उसे अचछा संपादक
103 िढबरी
चैनल
बनने से कोई नही रोक
सकता। उसकी बाते
सुनकर मै उसकी
कािबिलयत पर मकबूल
िफदा हसैन हो गया था
और अगर मै िफलम
बनाने के धधे मे होता तो
उसपर जरर एक िफलम
बना डालता और अगर
पेटर होता तो उसकी
104 िढबरी
चैनल
दजरनो पेिटग बना कर
उनकी दुिनया भर मे
पदशरनी करता। उसका
आइिडया सुनकर मुझे
चैनल खोलने का अपना
फै सला िबलकुल सही
लगने लगा।
उसने काफी देर तक मुझे
गुर मंत िदया और उसने
यह भी कहा िक अगर मै
105 िढबरी
चैनल
उसे चैनल मे िफफटी-
िफफटी का पाटरनर बना दूं
तो वह मेरे िपताजी के
नाम को अमर करने के
िलये एक भव मंिदर
बनायेगी। मुझे इसमे कोई
िदकत नजर नही आयी
इसिलये मैने ततकाल
हामी भर दी। उससे
िमलकर लौटते समय
106 िढबरी
चैनल
रासते भर मुझे आंखो के
सामने सवगर के नजारे
िदखते रहे। मुझे अफसोस
हो रहा था िक चैनल शुर
करने का िवचार पहले
कयो नही आया। अगर
ऐसा हो गया होता तो
इस समय मै सवगर का
सुख भोग रहा होता - खैर
देर आये, दुरसत आये।
107 िढबरी
चैनल
जैसा िक पहले बताया
गया है िक हमने अपने
पुजयिपता जी िढबरी
लाल के नाम को रौशन
करने के िलये िढबरी
चैनल खोलने की योजना
बनायी है। इस चैनल को
शुर करने के िलये हमने
अपनी अंटी एक ढेला
लगाये बगैर ही करोडो
108 िढबरी
चैनल
रपयो का इंतजाम कर
िलया। जब यह तय हो
गया िक िढबरी चैनल
शुर करने और चलाने मे
पैसे की कोई नही आयेगी,
बिलक छपपर फाड कर
पैसो की बरसात होगी,
तब हमने चैनल चलाने के
संबंध मे कुछ िनयम
बनाये तािक भिवषय मे
109 िढबरी
चैनल
इसमे काम करने वाले
लोगो को िदशा िनदेष
िमलता रहे। ये िनयम
बहत काम है और चैनल
चला रहे अथवा चैनल
शुर करने के बारे मे सोच
रहे लोगो के िलये अतयंत
उपयोगी है। अगर वे चाहे
तो इन िनयमो को अपने
110 िढबरी
चैनल
यहां लागू कर सकते है। ये
िनयम इस पकार है -
1. िढबरी चैनल की इमारत
बनाने का ठेेेका मेरे
ताउजी के लडके को ही
िदया जायेगा, अगर ऐसा
नही िकया गया तो
िपताजी की आतमा को
कष होगा। अगर सूचना
और पसारण मंती इस
111 िढबरी
चैनल
बात पर अड गये िक
इमारत बनाने का ठेका
उनके साले को िदया जाये
तब भी िसमेट, सिरया
और टाइलस जैसी भवन
िनमारण की सारी
सामिगयां मेरे ताउजी के
बेटे की दुकान से ही
मंगानी होगी।
112 िढबरी
चैनल
2. अगर हमारे पिरवार मे
कोई शादी-िववाह अथवा
अथवा अनय पािरवािरक
आयोजन हो तो चैनल के
िविभन िवभागो के
इचाजर एवं िरपोटरो को
िनमंतण काडर बांटने
होगे। अगर कोई भी काडर
बंटने से रह जाने या
िकसी के काडर को िकसी
113 िढबरी
चैनल
और के यहां पहंच जाने
जैसी गलितयो को माफ
नही िकया जायेगा और
दोशी की सैलरी काट ली
जायेगी या उसे नौकरी से
िनकाल िदया जायेगा।
3. चैनल मे काम करने
वाली मिहला पतकारो
को बारी-बारी से हमारी
दुकानो और शो रम मे
114 िढबरी
चैनल
काम करना होगा। अगर
जररत पडे तो हमारी
कंपनी की ओर से बनाये
जाने वाले सामान को
बेचने के िलये माकेिटग
भी करनी होगी।
4. िढबरी चैनल मे योगयता
एवं कािबिलयत से वेतन
तय होगा। इसका फामूलार
यहां िदया जा रहा है
115 िढबरी
चैनल
तािक िकसी तरह के
िववाद की गुंजाइश नही
रहेेे। अगर कोई विक
हमारे चैनल मे मुफत मे
काम करने वाले 100 लडके-
लडिकयो का जुगाड कर
लेता है तब उसके मािसक
वेतन-भते पांच लाख
रपये होगे। अगर कोई
विक दो-दो हजार रपये
116 िढबरी
चैनल
के मािसक मेहनताने पर
100 लडके-लडिकयो को
लाता है तब उसका वेतन
पहले वाले से आधा हो
जायेगा। अगर िकसी
विक के लाये हये कुछ
लडके-लडकी कही और
चले जाते है तो इसकी
पितपूित पांच िदन के
भीतर हो जानी चािहये
117 िढबरी
चैनल
अनयथा वेतन काट िलया
जायेगा।
5. सभी पतकारो एवं
पोडूशरो को अपने के
वेतन के िहसाब से
िवजापन लाना होगा।
िजसका िजतना वेतन
होगा उससे कम से कम
पांच गुना िवजापन हर
माह लाना होगा। अगर
118 िढबरी
चैनल
कोई िकसी महीने कम
िवजापन लाता है तो
दूसरे महीने अिधक
िवजापन लाने होगे
अनयथा कंपनी को होने
वाले नुकसान का पांच
गुना पैसा उसके वेतन मे
काट िलया जायेगा।
6. हमे चुगलीखोर लोग
िवशेष तौर पर पसंद है।
119 िढबरी
चैनल
सभी पोडूशरो, िरपोटररो
एवं एंकरो को
चुगलीखोरी मे मािहर
होना होगा और मेरे पास
आकर दफतर मे काम
करने वाले लोगो की
चुगली करनी होगी।
खबर या दफतर के काम
के बारे मे िवचार करने के
िलये अगर कोई मेरे पास
120 िढबरी
चैनल
नही आये तब मुझे कोई
आपित नही होगी, लेिकन
अगर कोई चुगलीखोरी
एवं जी हजूरी के िलये
अगर हमारे पास नही
आया तो उसे कमा नही
िकया जायेगा। जो
िजतनी अचछी चुगली
एवं जी हजुरी करेगा उसे
उतनी जलदी सैलरी
121 िढबरी
चैनल
हाइक होगी और उसके
चैनल पमुख बनने की
संभावना उतनी ही
अिधक होगी। चुगली
सुनने के िलये हम रात
एक बजे भी उपलबध
होगे।
7. चैनल मे काम करने
वाले िकसी को भी और
कभी भी हमारे घर पर
122 िढबरी
चैनल
काम करने के िलये
बुलाया जा सकता है। घर
मे काम करने के िलये
आते समय जो पतकार
अपने पैसे से फल-सबजी,
िमठाइयां और दाल-
चावल लेते आयेगे उनहे
पदोनित देने के मामले मे
वरीयता दी जायेगी।
123 िढबरी
चैनल
8 जैसा िक पहले बताया
गया है हम अपने िपता
िढबरी लाल का नाम
अमर करने के िलये
िढबरी चैनल नामक फमर
शुर कर रहे है, इस िलये
हमारे परम लकय को
साकार करने की कोिशश
चैनल मे काम करने वाले
124 िढबरी
चैनल
हर विक को करनी
होगी।
9. हम चाहते है िक आने
वाली पीढी हमारे
िपताजी का नाम इजत
से ले। चूंिक हमारे
िपताजी की कोई इजत
रही नही, ऐसे मे हम
अपने चैनल के जिरये हर
इजतदार और ईमानदार
125 िढबरी
चैनल
विक की इजत उतारने
का काम करेगे तािक कोई
अनय अपने पास इजत
और ईमान होने का दावा
नही कर सके। ऐसे मे
लोगो को मजबूरी मे
हमारे िपताजी को सबसे
जयादा इजतदार एवं
ईमानदार मानना होगा।
इसके िलये जररत पडे
126 िढबरी
चैनल
तो िसटग आपरेशन, फजी
सीडी, एमएमएस जैसे
उपायो का सहारा िलया
जा सकता है। िमसाल के
तौर पर जैसे ही कोई
ईमानदार बनने की
कोिशश करे उसकी
ततकाल फजी सीडी
बनाकर माकेट मे उतार
िदया जाये और सीडी को
127 िढबरी
चैनल
िदन रात िढबरी चैनल
पर िदखाया जाये।
10. हालांिक हमारा चैनल
खबिरया चैनल है, लेिकन
हमारे चैनल पर खबरे
नही होगी। खबरो का
इसतेमाल िफलर के तौर
पर होगा। अंधिवशास
और जादू-टोने, नाग-
नािगन, भूतहा हवेिलयो,
128 िढबरी
चैनल
पुनजरनम, योिगयो-भोिगयो-
बाबाओ आिद पर िवशेष
लाइव कायरकमो को
पसािरत करने के बाद
अगर कुछेक िमनट का
समय बच जाये तो
एकाध खबरे दी जा
सकती है तािक हमे नयूज
चैनल के नाम पर सरकार
से िमलने वाली सुिवधाये,
129 िढबरी
चैनल
िरयायते और बेल आउट
पैकेज आिद जारी रहे।
11. अगर देश या िवदेश मे
िकसी मंती, उे़दोगपित,
करोडपित, िककेट
िखलाडी या िफलम सटार
आिद के पिरवार मे शादी-
िववाह या तलाक आिद
के आयोजन होते है तब
उसका िढबरी चैनल पर
130 िढबरी
चैनल
नाेॅन सटाप िदन रात
पसारण होगा। जो
िरपोटरर शादी के बाद
होने वाले दुलहा-दुलहन के
बेड रम कायरकमो का
सीधा पसारण करने का
इंतजाम कर लेगा उसे
उसी समय चैनल पमुख
बना िदया जायेगा और
उसकी सैलरी दोगुनी कर
131 िढबरी
चैनल
दी जायेगी। अगर िकसी
बडे आदमी या िकसी
सेिलिबटी के यहां शादी
या तलाक के आयोजन
नही हो रहे है तो उनय
लोगो के यहां होने वाले
पितयो के हाथो पितयो
की िपटाई, िकसी विक
की बीबी और मासुका के
बीच होने वाले िसर
132 िढबरी
चैनल
फु टौववल, िकसी घर की
लडकी के एमएमएस,
नौकरानी के साथ
छेडखानी आिद का
पसारण िकया जा सकता
है।
133 िढबरी
चैनल
िढबरी चैनल मे भती
अिभयान
िढबरी चैनल मुतयु लोक,
पताल लोक एवं आकाश
लोक की अफवाहो और
बेिसर-पैर वाली खबरो
को पचािरत-पसािरत
करने वाला एकमात
पमािणक चैनल है
िजसका धयेय वाकय
134 िढबरी
चैनल
है-‘‘आपको रखे सबसे
पीछे’’। िढबरी नयूज को
अपने िवसतार के दूसरे
चरण मे उटपटांग
घटनाओ, भूत-पेत से
संबिधत बकवासो,
अंधिवशास को बढावा
देने वाली बेतुकी बातो
और पेम लीलाएं करने
वालो की मूखरतापूणर
135 िढबरी
चैनल
हरकतो के संगह के िलये
भारी संखया मे िरपोटररो
की जररत है। कुछ
राजनीितक दलो, भष
ववसािययो, दंगाइयो,
पाखंिडयो और धमर के
नाम पर दुकाने चलाने
वालो के काले धन से
चलाये जा रहे इस चैनल
का लकय कम से कम
136 िढबरी
चैनल
समय मे भारत की समपूणर
आबादी को अंधिवशासी,
िववेकहीन, मूखर और
अजानी बना देना है
तािक हमे धन उपलबध
कराने वालो को अपने
गोरखधंधे करने मे
आसानी हो।
अगर आप िबना सोचे-
समझे लगातार घंटो
137 िढबरी
चैनल
बेमलब के चीख-िचलला
सकते है, टी आर पी बढाने
के िलये नदी-तालाब,
अखाडे और आग मे कूद
सकते है, पित-पितयो के
बीच झगडे करा सकते है
और झगडे को सीधा
पसािरत कर सकते है,
िसटग करके िकसी
इजतदार की इजत-
138 िढबरी
चैनल
आबर सरेआम उतार
सकते है, आये िदन धरती
के िवनाश की घोषणाये
करके लोगो मे खौफ पैदा
कर सकते है, कही भी,
कभी भी और िकसी के
भी हाथो जलील हो
सकते है, उफ िकये बगैर
घंटो तक लात-धूसे खा
सकते है, सूडान मे बैठकर
139 िढबरी
चैनल
इराक युद की िरपोिटग
कर सकते है, सटूिडयो मे
बंदर की तरह दौड-दौड
कर खबरे पढ सकते है,
अचछी खासी हवेिलयो
को भुतहा बना कर िदखा
सकते है और बाइट देने
वालो से ऐसे सवाल पूछ
सकते है िजनहे सुन कर
दशरक अपने िसर के बाल
140 िढबरी
चैनल
नोच ले तथा बाइट देने
वाला बाद मे अपना िसर
फोड ले तो एक शानदार
कैिरयर आपका इंतजार
कर रहा है।
शैकिणक योगयताएं:
1. सातक। अगर आपने
जुगाड करके, चोरी करके
अथवा घूस देकर फजी
िडिगयां हािसल की है तो
141 िढबरी
चैनल
आपको चयन मे वरीयता
दी जायेगी।
2. पढने-िलखने से सखत
नफरत हो। पढने-िलखने
की आदतो के िशकार
लोग कृपया आवेदन नही
करे।
3. सामानय जान मे िसफर।
142 िढबरी
चैनल
4. चापलूसी और
मकखनबाजी मे
िवशेषजता।
5. सटूिडयो मे बुलाये गये
िवषेशजो को बोलने देने
के बजाय खुद ही चीखने-
िचललाने की काबिलयत
शारीिरक कमताएं:
1. जैक आफ आल िटकस।
143 िढबरी
चैनल
1. बंदर की तरह उछल-कूद
करने की कमता।
3. रोजना कम से कम दस
जूते, दस तमाचे और दस
घूसे खाने के कमता।
5. दंगा, िहसा और अफवाहे
फै लाने मे मािहर। ऐसी
गितिविधयो मे शािमल
रह चुके उममीदवारो को
वरीयता दी जायेगी।
144 िढबरी
चैनल
6. चीखने-िचललाने की
कमता समानय मनुषय की
तुलना मे कम से कम दस
गुनी हो। तासदपूणर
घटनाओ की खबरे उछल-
कूद कर तथा चीख-
िचलला कर सुनाने वालो
को शीघ पदोनित।
दरअसल हमारा लकय
अपने दशरको को छह
145 िढबरी
चैनल
महीने के भीतर बहरा
बना देने का है और इस
लकय को पूरा करने मे
सवारिधक योगदान देने
वालो को पदमशी
सममान के िलये सरकार
के पास िसफािरश भेजी
जायेगी।
मानिसक कमताएं:
146 िढबरी
चैनल
1. िदल मे पतथर और
िदमाग मे भूसा भरा हो।
िदल और िदमाग रखने
वाले िकसी उममीदवार
की अगर भूलवश िनयुिक
जाये तो उनहे नौकरी पर
आने से पहले ये दोनो
वथर पदाथर घर पर ही
छोडने होगे।
147 िढबरी
चैनल
3. िकसी के मरने जीने से
कोई मतलब नही रखना,
केवल टी आर पी पर
िनगाह रखना।
4. िदल इतना कठोर हो िक
कोई अगर आग लगाकर
खुदकुशी कर रहा हो तो
उसे बचाने के बजाये
उसपर पेटोल डालकर
उसे शीघ जलने मे मदद
148 िढबरी
चैनल
करे और छटपटाते हये
आदमी की शॉट लेते रहे।
5. हर समय मां-बहन की
गािलयां खुशी-खुशी
बदारशत करने तथा दूसरो
को भी ऐसी गािलयां
सुनाने की कािबिलयत।
पदोनित की शते:
िढबरी नयूज मे िरपोटरर
पद पर बहाली के बाद
149 िढबरी
चैनल
आपको विरष िरपोटरर के
रप मे पदोनित दी
जायेगी। पदोनित के िलये
कायर पदशरन आंकने का
आधार आपकी खबरे
होगी। अगर आप अपनी
खबरो से आग लगा सकते
है, दंगे भडका सकते, िसर
फु टौववल करवा सकते है,
हतयाये एवं आतमहतयाये
150 िढबरी
चैनल
करवा सकते है और लोगो
को अंधिवशासी बना
सकते है तो आपको
ततकाल पदोनित दी
जायेगी। िजस िदन
आपकी िकसी खबर से
दंगे फै ल जायेगे या
गुमराह होकर कुछ लोग
खुदकुशी कर लेगे या कुछ
लोग इतने अंधिवशासी
151 िढबरी
चैनल
बन जायेगे िक वे बचो की
बिल लेने लगे तो आपकी
सैलरी दोगुनी कर दी
जायेगी। आपको िढबरी
नयूज की ओर से िनःशुलक
दस िढबिरयां, मािचस
और हर महीने दस लीटर
िमटी तेल मुहैया कराये
जायेगे िजनका इसतेमाल
आप तब कर सकते है जब
152 िढबरी
चैनल
आपकी खबर से कही
आग नही लगे लेिकन टी
आर पी बढाने अथवा
आपकी पदोनित के िलये
ऐसा करना जररी हो
जाये।
153 िढबरी
चैनल
िढबरी चैनल पमुख के
िलये अजी
माननीय महोदय।
मुझे जात हआ है िक
अंधिवशास, िववेकहीनता,
सामािजक पागलपन,
अशीलता, अनैितकता एवं
संसकारहीनता के पचार-
पसार के सवोच उदेशय
को लेकर चलाये जा रहे
154 िढबरी
चैनल
अतयंत लोकिपय, हर िदल
अजीत एवं टीआरपी
बटोर चैनल ‘‘िढबरी
नयूज’’ मे चैनल पमुख का
पद कोई सुयोगय
उममीदवार नही िमल
पाने के कारण काफी
समय से िरक है। मै इस
पद के िलये अपने को एक
उममीदवार के रप मे पेश
155 िढबरी
चैनल
करते हये पूणर िवशास के
साथ दावा करता हं िक
इस पद के िलये मुझ जैसा
कािबल, सकम एवं
सुयोगय उममीदवार
आपको िढबरी लेकर
ढूंढने से भी नही िमलेगा।
महोदय, अगर आपको
अपने चैनल की टीआरपी
आसमान से भी आगे ले
156 िढबरी
चैनल
जानी है तो आप मेरी
सशतर सेवा ले सकते है।
इससे पहले मैने बचे से
लेकर िबलली और बंदरो
के गडढे मे िगरने की
घटनाओ को पेश करने
करने मे सबसे आगे रहने
वाले गडा सटार चैनल,
हवेिलयो को भूतहा और
भयावह बनाकर कर
157 िढबरी
चैनल
िदखाने वाले चैनल
सुनसान नयूज 24, राखी
सावंत जैसी चवनी छाप
अिभनेितयो के बल पर
भारी टीआरपी बटोरने
वाले चैनल सवांग
इमेिजन, जूली-बटूकनाथ
के साथ-साथ सुिखयो मे
आये चैनल - झाडू तक
और हलकी बािरश को
158 िढबरी
चैनल
महापलय तथा मामूली
आगजनी को महािवनाश
सािबत करने मे मािहर
चैनल - बबारद इंिडया
टीवी जैसे अनेकानेक
चैनलो मे मािलक को
लडिकयां सपलाई करने
वाले दलाल और
िवजापन एजेट से लेकर
इनपुट हेड और चैनल
159 िढबरी
चैनल
पमुख के रप मे काम कर
चुका हं। इस समय मै
पाताल 7 चैनल मे काम
कर रहा हं िजसने धरती
के नीचे िकये जाने वाले
वैजािनको के पयोग से
धरती के नष होने की
घोषणा करके काफी नाम
कमाया था और यह
महतवपूणर बेिकग नयूज
160 िढबरी
चैनल
मेरे ही उवरर िदमाग की
उपज थी।
आदणीय महोदय, मैने पैसे
लेकर फजी िडिगयां देने
वाले देश के एक नामी
िवशिवदालय से पैसे
िदये बगैर सातकोतर की
िडगी हािसल की है जो
मेरी कािबिलयत का
जीता-जागता पमाण है।
161 िढबरी
चैनल
मैने न केवल अपने िलये
बिलक अपने अनेक
लंगोिटया दोसतो को भी
िडिगयां िदलायी है। मैने
सैकडो लडके - लडिकयो
को बोडर परीकाओ मे
पिचयां पहंचाकर अचछे
नमबरो से उतीणर करवा
कर देश के साकारता
पितशत मे बढोतरी करने
162 िढबरी
चैनल
मे महतवपूणर योगदान
िदया है। मै दीवार फांदने
और पाइपो के जिरये
पलक झपटते छतो पर
पहंचने मे मािहर रहा हं।
मेरी इस योगयता के
कारण मुझे परीकाओ मे
चोिरयां कराने के िलये
दूर-दूर के परीका केनदो मे
अिभभावको दारा
163 िढबरी
चैनल
आमंितत िकया जाता
रहा है। मैने कई लडिकयो
को पिचयो के नाम पर
पेम पत पहंचा कर अनेक
टूटे हये िदलो एवं िरशतो
को जोड कर देश मे पेम
एवं भाइचारे को बढावा
िदया है। मेरे बदौलत
परीकाये पास करके
अचछी-अचछी िडिगयां
164 िढबरी
चैनल
पाने वाले मेरे ये सभी
मेधावी दोसत
इलेकटािनक मीिडया के
िवकास के मुखय पणेता
बने हये है। मै और मेरे
दोसत अपने-अपने चैनलो
की टीआरपी को जमीन
से उठा कर आसमान पर
और देश की जनता के
िववेका को रसातल मे
165 िढबरी
चैनल
पहंचा कर देश मे
लोकतंत के िवकास मे
महतवपूणर भूिमका िनभा
रहे है।
परम् पूजयनीय मानयवर,
मेरा पका िवशास है िक
मेरे जैसे मीिडयाकिमयो
की बदौलत टेलीिवजन
चैनलो ने देश मे लोकतंत
के िवसतार मे िजतना
166 िढबरी
चैनल
योगदान िदया है उतना
िकसी और ने नही िदया
है। इन चैनलो ने यह
सािबत कर िदया है िक
दुिनया मे अगर कही
सचा लोकतंत है तो
भारत मे है जहां कोई
कुछ भी करता रहे, कुछ
भी िदखता रहे, कोई कुछ
भी िचललाता रहे न तो
167 िढबरी
चैनल
सरकार के और न ही
जनता के कानो मे जू
रेगता है। यहां जनता मूखर
बनकर, लूटकर और इजत
खोकर खुश होती है - यह
यही लोकतंत की असली
पहचान है। इसिलये हमने
िजन चैनलो मे काम
िकया उनका सदुपयोग
168 िढबरी
चैनल
हमने लोकतंत को बढाने
मे िकया।
महोदय मैने चापलूसी,
दलाली, चोरी-चमारी,
दंगेबाजी, रंडीबाजी,
इशकबाजी और रंगदारी
जैसे हर केतो मे िवशेष
अनुभव बटोरे है। मै इस
पत के जिरये मै न केवल
अपनी मानिसक एवं
169 िढबरी
चैनल
शैकिणक योगयता का
बिलक शारीिरक योगयता
एवं कमता का बयौरा
आपके सामने पेश करना
चाहता हं कयोिक चैनलो
मे काम करने के िलये
मानिसक योगयता से कही
अिधक पैर, धुटने और गले
जैसे शरीर के िविभन
170 िढबरी
चैनल
अंगो की कमता जयादा
महतवपूणर है।
जहां तक गले की कमता
का सवाल है मै आपको
बताना चाहता हं िक मैने
अनेक परीका केनदो के
बाहर खडे होकर जब मैने
बेरोजगारी के िदनो मे
तक फे री लगाकर
मोहललो की औरतो को
171 िढबरी
चैनल
सािड़़यां एवं बलाउज
बेचने का भी काम कर
चुका हं। गला फाडकर
िचललाने की मेरी कमता
के कारण कई मोहलले के
लोगो ने कई बार मेरी
िपटाई कर दी िजसके
कारण मैने सबजी बेचने
का धंधा छोडकर अपने
शहर के एक मशहर कोठे
172 िढबरी
चैनल
पर चैकीदार की नौकरी
करने लगा। कोठे पर
चैकीदारी तथा
सािड़़यां-बलाउज बेचने
के दौरान मेरी कई औरतो
से गहरी दोसती हो गयी
जो बाद मे चैनलो़े की
नौकरी के दौरान बहत
काम आयी। इस मामले मे
मेरे संपकर का दायरा
173 िढबरी
चैनल
बहत वापक है और ये
संपकर चैनलो की आमदनी
बढाने तथा कई अटके
कामो मे अतयंत उपयोगी
सािबत हये है।
गला-फाडकर िचललाने
का मुझे काफी अभयास
रहा है। इस संबंध मे मै
आपको बताना चाहता हं
िक हमारे यहां िक बोडर
174 िढबरी
चैनल
की परीकाओ के दौरान
परीका केनदो पर
लाडडसपीकर लगाकर
परीकािथयो को पशो के
जबाव बताये जाते थे।
वैसे जेनरेटर आिद की भी
ववसथा होती थी तािक
िबजली जाने पर भी कोई
िदकत नही हो, लेिकन कई
बार जेनेरेटर का इंतजाम
175 िढबरी
चैनल
नही होने या कोई
तकनीकी खराबी आ जाने
पर मै लाउडसपीकर की
मदद िलये बगैर िचलला-
िचललाकर ही
परीकािथयो को पशो के
उतर िलखवाता था।
िचललाने की मेरी कमता
ऐसी थी िक हर
परीकाथी िबना कोई
176 िढबरी
चैनल
गलती िकये सभी पशो के
सही उतर िलखते थे। कई
बार तो पास के परीका
केनदो के परीकाथी भी
मेरी आवाज सुनकर उतर
िलख लेते थे। आप समझ
सकते है िक देश मे िशका
के पचार-पसार मे मेरा
िकतना योगदान रहा है।
177 िढबरी
चैनल
जहां तक मेरे पैर एवं
घुटने की कमता का
सवाल है मै आपको
बताना चाहता हं िक
चैनलो मे आने के पहले मै
कई महीनो तक एक बहत
बडे कारोबारी के बंगले
पर सुरका गाडर के रप मे
नौकरी कर चुका हं जहां
मेरा काम गेट पर
178 िढबरी
चैनल
लगातार खडा रहने का
होता था। मेरी यह
कमता चैनलो मे
िरपोिटग के दौरान काफी
काम आयी।
मेरी अनय शारीिरक एवं
मानिसक योगयताये िनम
िलिखत है -
1. मै उफ िकये एवं चेहरे
पर िशकन लाये बगैर
179 िढबरी
चैनल
लगातार सौ जूते एवं
चपपले खा सकता हं।
2. खडे-खडे पचास लात-धूसे
खाने की कमता। लात-
धूसे खाने से शरीर मे
चुसती-सफू ती बनी रहती
है और नीद भी अचछी
आती है।
3. मै मािलको की गािलयो
को अपने िलये अमृत
180 िढबरी
चैनल
समान मानता हं। िजस
िदन मै मािलक के मुंह से
एक दजरन गािलयां हजम
नही कर लूं उस िदन
खाना हजम नही होता।
4. अगर आपका िदल मुझे
नौकरी से िनकालने का
हो तो पीठ पर पांच लात
मारकर िनकाल सकते है।
181 िढबरी
चैनल
मुझे कोई फकर नही
पडेगा।
5. अपने अधीन काम करने
वाले कमरचािरयो को
गदहा-घोडा समझते हये
उनहे भी लात-धूस और
जूते-चपपल बरसाने की
कािबिलयत रखता हं।
6. चापलुसी और दलाली
मे महारत। अपना काम
182 िढबरी
चैनल
िनकालने के िलये थूक
और जूते चाटने को पिवत
काम मानना।
7. मुझे पढने-िलखने से
सखत नफरत है। मैने
परीकाओ मे नकल करके
कािपयो पर िलखने के
अितिरक अपने जीवन मे
कुछ भी नही िलखा है
और न ही नकल करने के
183 िढबरी
चैनल
िलये बनायी गयी पिचयो
एवं कािपयो के अलावा
कुछ पढा है।
महोदय मैने जो
योगयताये िगनायी है
आज के समय मे बहत
कम लोगो के पास ऐसी
योगयताये है और मै ऐसे
कई लोगो को जानता हं
जो मुझसे कम योगयताये
184 िढबरी
चैनल
होने के वाबजूद बडे-बडे
चैनलो के पमख बनकर
दस-दस लाख रपये की
सैलरी ले रहे है। ऐसे मे मै
अपनी कािबिलयत को
धयान मे रखते हये मै 15
लाख रपये की मािसक
सैलरी पाने की उममीद
रखता हं और वायदा
करता हं िक मै एक साल
185 िढबरी
चैनल
के भीतर आपके चैनल को
देश का नमबर वन चैनल
बना दूंगा और अगर मै
ऐसा करने मे िवफल रहं
तो आप मुझे सौ जूते
मारकर ततकाल नौकरी
से िनकालने के िलये
सवतंत है।
मुझे पका िवशास है़ै िक
आप मेरे आवदेन एवं मेरी
186 िढबरी
चैनल
योगयता पर िवचार करते
हये अपने चैनल मे काम
करने और अपनी योगयता
को सािबत करने का एक
मौका अवशय देगे।
आपका भावी सेवक
000000000000000000000
187 िढबरी
चैनल

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  • 2. टेलीिवजन चैनलो की सचाइयो से रबर कराती कहािनयां एवं वंगय रचनाये - िवनोद िवपलव 2 िढबरी चैनल
  • 3. पसतावना मीिडया सामािजक िवकास का अतयंत सशक माधयम है। जब टेलीिवजन चैनल और इंटरनेट नही होते थे, बिलक अखबार होते थे, तब अकबर ईलाहाबाद ने िलखा था :- 3 िढबरी चैनल
  • 4. खैचो ना कमान को, न तलवार िनकालो, जब तोप मुकािबल हो तो अखबार िनकालो। यह पहले भी सच था और आज भी सच है, बिलक पहले से जयादा सच है। लेिकन एक सच यह भी है िक जयादातर अखबार और चैनल आमदनी, 4 िढबरी चैनल
  • 5. पसार संखया और टीआरपी बढाने की अंधी दौड मे शािमल होकर अपनी भूिमका से भटक गये है और िढबरी चैनल मे शािमल रचनाये उसी भटकाव को उजागर करती है। िढबरी चैनल िलखने की मंशा चैनलो मे शीषर पदो 5 िढबरी चैनल
  • 6. पर लोगो की आलोचना करने की नही है बिलक, कोिशश यह है िक िविभन कारणो से टेलीिवजन चैनलो और काफी हद तक अखबारो मे िसथितयां बन गयी है या बना दी गयी है और आज के दौर मे अखबार और खास तौर पर 6 िढबरी चैनल
  • 7. टेलीिवजन चैनल जो भूिमका िनभा रहे है उसे लेकर समाज मे िचतन हो और मौजूदा सूरते हाल मे बदलाव हो। हालांिक कई चैनल अपनी भूिमका बखूबी िनभा रहे है लेिकन अनेक टेलीिवजन चैनल, जो देश और समाज के िवकास एवं लोगो के 7 िढबरी चैनल
  • 8. जीवन सतर मे बदलाव लाने का अतयंत कारगर माधयम हो सकते थे, उनहे काफी हद तक समाज के पतन का माधयम बना िदया गया है। -िवनोद िवपलव 8 िढबरी चैनल
  • 9. अनुकम 1- िढबरी चैनल का घोषणापत 2- िढबरी चैनल मे भती अिभयान 3- िढबरी चैनल पमुख के िलये अजी 9 िढबरी चैनल
  • 10. िढबरी चैनल का घोषणा पत (नोट - यह वंगय रचना महान वंगकार एवं गुरवर हिरशंकर परसाई की एक पिसद वंगय रचना से पभािवत है और 10 िढबरी चैनल
  • 11. मुझे लगता है िक अगर परसाई जी आज जीिवत तो इस िवषय पर जरर कलम चलाते।) (वैसे िढबरी चैनल के बारे मे िवजापन तो अखबारो मे छप चुका था, लेिकन िढबरी नयूज के ‘‘एमस एंड आबजेिकटवस् तथा उसके गठन के मेमोरेडम''' 11 िढबरी चैनल
  • 12. बही खातो के बीच दबे रह गये थे। यह लेखक जब िकसी काम से चैनल के मुखयालय मे गया तो सेठजी के आसान के पास की एक पुरानी बही मे यह नतथी िकया हआ िमला िजसे हम यहां घोषणापत के नाम से पसतुत कर रहे है। - लेखक) 12 िढबरी चैनल
  • 13. ।। शी लकमीजी सदा सहाय।। हम बतीलाल िढबरीलाल एंड सनस के वतरमान मािलक अपनी पिसद दुकान की नयी शाखा खोल रहे है। इस शाखा का नाम होगा िढबरी नयूज चैनल। 13 िढबरी चैनल
  • 14. जैसा िक िवश िविदत है, िढबरीलाल हमारे पुजयिपता जी थे जो इस नशर संसार मे अब नही है और इस कारण इस संसार मे हमारे फमर के अलावा सब कुछ िनससार है। हमारे पिरवार मे ववसाय को हमारे दादा 14 िढबरी चैनल
  • 15. बतीलाल ने शुर िकया था लेिकन इस ववासाय को हमारे परमपूजय िपताजी ने एक उंचाई दी और इस ववसाय को दुिनया भर मे फै लाया इसिलये हमने अपने िपताजी के नाम को अमर करने के िलये अपनी दुकान की नयी शाखा के 15 िढबरी चैनल
  • 16. रप मे टेलीिवजन चैनल शुर करने का फै सला िकया। हमारी तरह हमारे िपताजी ने भी अपने िपताजी अथारत मेरे दादाजी का नाम अमर करने के िलये बी एल (बतीलाल) मेिडकल कालेज खोला था और 16 िढबरी चैनल
  • 17. लाख-लाख रपये डोनेशन लेकर हजारो लंफगो और जािहलो को डाकटर बना कर देश की आबादी को िनयंितत करने मे महतवपूणर भूिमका िनभायी थी। ऐसे मे हम भी अपने पिरवार की परमपरा को आगे बढाने के िलये अपने 17 िढबरी चैनल
  • 18. पुजयिपताजी के नाम पर टेलीिवजन चैनल खोल रहे है तािक देश मे बुिदजीिवयो एवं िववेकवािदयो की आबादी पर अंकुश लगाया जा सके और देश मे अजानता, अिववेक, अंधिवशास और अशीलता जैसी लोकतंत 18 िढबरी चैनल
  • 19. िहतैषी पवृितयो को बढावा िदया जा सके तािक दंगाइयो, भष अिधकािरयो एवं मंितयो, एवं पूंजीपितयो को िनभरय और िनडर होकर काम करने का सौहादरपूणर माहौल िमल सके। उममीद है िक मेरे सुपुत भी पिरवार की इसी 19 िढबरी चैनल
  • 20. पिवत परमपरा को आगे बढाते हये मेरे नाम पर कोई पाइवेट िवशिवदालय खोलेगे, जैसा िक आजकल ‘‘िलख लोढा पढ पतथर’’वाले लोग कर रहे है और िशका की नाकारी संसथाओ को िवशुद मुनाफा कमाने वाले 20 िढबरी चैनल
  • 21. दुकानो मे बदल कर सरकार की नीितयो को साकार करते हये भावी पीढी के भिवषय को गतर मे िगराने के महान कायर को अंजाम दे रहे है। आप पूछ सकते है िक आज इतने तरह के धंधे तरह के धंधे है िजनमे पैसे ही पैसे है तो िफर 21 िढबरी चैनल
  • 22. टेलीिवजन चैनल कयो। इस बारे मे मेरा कहना यह है िक हालांिक कमाई के तो कई रासते है, लेिकन बाकी धंधो मे वह मजा नही है जो टेलीिवजन चैनलो मे है। यह धंधा ‘‘हीग लगे न िफटकरी और रंग चोखा, केवल जनता को देते रहो धोखा 22 िढबरी चैनल
  • 23. ही धोखा’’- की तरह है। सबसे बडी बात है िक इस धंधे को शुर करने मे हालांिक पैसे तो थोडे खचर करने पडते है लेिकन िदमाग िबलकुल नही लगाने पडते है। (असल मे िदमाग तो दशरको को यह सोचने मे लगाने पडते है िक वे चैनल को देख ही 23 िढबरी चैनल
  • 24. कयो रहे है)। चैनल चलाने के िलये िदमाग नही लगाने का फायदा यह है िक आप इस बात पर िदमाग खचर कर सकते है िक कमाये गये भारी काले धन को कैसे सफे द बनाया जाये। सबसे बडी बात िक इसमे इतने तरह के माल (सजीव और िनजीव दोनो 24 िढबरी चैनल
  • 25. तरह के) िमलते है िक चाहे इनहे िजतना खाओ और िखलाओ कभी कम नही पडता। दरअसल टेलीिवजन चैनल दोनो तरह के मालो का ऐसा बहता दिरया है िक जब इचछा हयी तन-मन की पयास बुझा ली। खुद भी पयास बुझाओ और अपने 25 िढबरी चैनल
  • 26. यार दोसतो की पयास को भी बुझाओ। हां। तो बात हो रही थी टेलीिवजन चैनल शुर करने के कारणो के बारे मे। असल मे आज के समय मे सकूल-कालेज, समाज सेवा, अखबार और सतसंग-पवचन जैसे माल कमाने के जो नये केत 26 िढबरी चैनल
  • 27. उभरे है उनमे टेलीिवजन चैनल सबसे चोखा धंधा है। आप पूछ सकते है िक आप और आपके बाप दादा जीवन भर अनाज, दूध, तेल, घी आिद मे िमलावट करके ितजोिरयां भरते रहे तो अब िफर टेलीिवजन चैनल खोलने की कया 27 िढबरी चैनल
  • 28. सूझी। आपका सवाल बहत अचछा और िवषयानुकुल है। आपके सवाल के जवाब मे मै कहंगा िक दरअसल टेलीिवजन चैनल का यह धंधा हमारे पुशतैनी धंधे का ही आधुिनक एवं िवकिसत रप है। पहले हम अनाज मे कंकड 28 िढबरी चैनल
  • 29. िमलाते थे और दूध मे यूिरया िमलाते थे और लोगो का सवासथय खराब करते थे। अब िमलावट के काम को आगे बढाते हये हम संसकृित मे अशीलता, िवशास मे अंधिवशास और धमर मे अधमर िमलाकर लोगो के िदमाग को खराब करेगे। काम तो 29 िढबरी चैनल
  • 30. वही िमलावट का ही हआ न। चूंिक फमर एक है, इसिलये हमारा काम भी एक है। िमलावट का हमारा जो खानदानी अनुभव है वह सही अथो मे अब काम आयेगा। वैसे भी इस तरह के िमलावट मे खतरे कम है कयोिक अनाज, दूध और तेल मे 30 िढबरी चैनल
  • 31. िमलावट को तो सरकार और जनता पकड भी लेती है और कभी-कभी छापे मारे जाने का भी डर भी रहता है, लेिकन टेलीिवजन चैनलो के जिरये संसकृित मे कुसंसकृित ओर लोगो के िववेक मे अजानता एवं अंधिवशास की िमलावट 31 िढबरी चैनल
  • 32. को जनता िबलकुल पकड नही पाती और जहां तक सरकार की बात है वह तो इसे बढावा ही देती है। ऐसे मे न तो छापे का डर है न जनता के गुससे का। उलटे इस तरह की िमलावट करने पर पदमशी और भारत रत िमलने की भी पबल 32 िढबरी चैनल
  • 33. संभावना रहती है। अतीत मे कई िमलाविटयो को सरकार ऐसे पद सममानो से नवाज भी चुकी है। जैसा िक पहले बताया जा चुका है, टेलीिवजन चैनल खोलने के पीछे हमारा मुखय इरादा तो अपने पूजय िपता जी को अमर 33 िढबरी चैनल
  • 34. बनाना ही था, लेिकन साथ ही साथ अगर आम के आम, गठली के दाम की तरह अगर इससे मोटी आमदनी कमाने तथा और तर माल खाने को िमले तो बुराई ही कया है। दरअसल हमारे िपताजी को और िपताजी की तरह मेरे दादाजी को अमर 34 िढबरी चैनल
  • 35. बनने की बहत लालसा थी। मेरे िपताजी ने दादाजी को अमर बनाने के िलये मेिडकल कालेज खोलकर अपने समय के िहसाब से सबसे उिचत एवं कारगर काम िकया था। आज भले ही समय बदल गया है और पांच साल तक झखमार कर 35 िढबरी चैनल
  • 36. पढाई करने वाले डाकटरो की कोई पूछ नही रह गयी है और जो लोग डाकटर बने है वे अब अब अपनी िकसमत को रो रहे है। आज भले ही कोई डाकटर या इंजीिनयर नही बनना चाहता लेिकन िजस समय हमारे िपताजी ने मेरे दादाजी के 36 िढबरी चैनल
  • 37. नाम पर मेिडकल कालेज खोला था उस समय समाज मे डाकटर- इंजीिनयरो का बडा सममान था। िजस लडके का इंजीिनयिरग या मेिडकल कालेज मे पवेश िमल जाता था, शहर भर की लडिकयां उसे बडी हसरत भरी नजर से 37 िढबरी चैनल
  • 38. देखती थी और उन लडिकयो के मां-बाप उसे अपना दामाद बनाने के सपने पालते थे, भले ही उसने डोनेशन या िरशत देकर कालेज मे पवेश िलया हो। लेिकन अब तो कोई मेिडकल या इंजीिनयिरग मे जाना ही नही चाहता है तो 38 िढबरी चैनल
  • 39. डोनेशन कया खाक देगा। जािहर है समय बदलते ही मेिडकल कालेज का हमारा धंधा और इसिलये दादाजी का नाम भी नही चल पाया। आज लोगो ने और यहां तक िक दादाजी के नाम पर बने मेिडकल कालेज के से पढाई करके 39 िढबरी चैनल
  • 40. िनकलने वाले लडको ने भी दादा जी के नाम को भुला िदया या मरीजो एवं उनके िरशतेदारो ने उनकी समय-समय पर डाकटर बनने वाले उन लडको की इतनी िपटाई की वे दादाजी के कालेज का नाम लेने से तो कया अपने को डाकटर कहने से 40 िढबरी चैनल
  • 41. डरने लगे। दरअसल पुराने समय मे िजन लडको ने डोनेशन देकर दादीजी के नाम वाले कालेज मे पवेशष िलया था, उनमे से जयादातर दूरदशी िकसम के लडको का उदेशय मेिडकल कालेज मे पवेश लेकर लडकीवालो को फांस कर 41 िढबरी चैनल
  • 42. उनसे दहेज की भारी रकम वसूलना होता था और जब वे अपने उदेशय मे सफल हो जाते तो मेिडकल की पढाई छोडकर दहेज मे िमली रकम से या तो रेलवे बोडर या िबहार कमरचारी चयन आयोग मे कोई अचछी खासी नौकरी 42 िढबरी चैनल
  • 43. खरीद लेते या िफर पंसारी की दुकान खोल लेते कयोिक उनहे पता था िक जब वे पांच साल के बाद मेिडकल की पढाई करके िनकलेगे तो डाकटरी के धंधे से िकलिनक का िकराया भी नही िनकाल पायेगा। इस तरह से ऐसे लडको ने तो 43 िढबरी चैनल
  • 44. कुछ महीनो मे ही अपने कालेज का नाम भुला िदया। मूखर िकसम के जो लडक डाकटरी की पढाई पूरी करके डाकटर बन गये उनहे मरीजो के िरशतेदारो ने मार-मार कर डाकटरी के धंधे से हमेशा के िलये छोड देने के िलये मजबूर कर 44 िढबरी चैनल
  • 45. िदया। इस तरह वे भी शीघ कालेज का और दादाजी का नाम भूल गये। ऐसे मे आज दादाजी का नाम लेने वाला कोई िबरला ही बचा होगा। ऐसे मे हमने अपने अनुभवो से सीख लेते हये अपने िपताजी के नाम को अमर करने के िलये कोई 45 िढबरी चैनल
  • 46. मेिडकल या इंजीिनयिरग कालेज खोलने के बजाय टेलीिवजन चैनल खोलने का फै सला िकया। इसमे एक फायदा यह हआ िक जहां कालेज खोलने के िलये कुछ पैसो की जररत पडती है, वही टेलीिवजन चैनल खोलने के िलये हमे अपने पास से 46 िढबरी चैनल
  • 47. एक धेला भी लगाने की जररत नही पडी। ऐसा कैसे हआ, बाद मे बताउंगा। टेलीिवजन चैनल खोलने का एक और कारण था। दरअसल पंसारी की दुकान संभालने वाला हमारा एक लडका एक पतकार की बुरी सोहबत 47 िढबरी चैनल
  • 48. मे फं स गया था। उस पतकार के जिरये वह और भी पतकारो की संगत मे आ गया और वह भी उन पतकारो के साथ दार-जूए के िकसी अडे पर, िजसका नाम वह पेस कलब बताया करता था, बारह-बारह बजे रात तक दार पीता था और नशे मे 48 िढबरी चैनल
  • 49. लोगो को गािलयां बकता हआ, सडक पर लोटता- पोटता और िगरता-पडता घर पहंचता था। वह पढा- िलखा तो जयादा था, लेिकन उसकी िजद कर ली िक वह भी पतकार बनेगा। मैने यह सोचकर उसकी सातवे तक की पढाई करायी थी िक उसे 49 िढबरी चैनल
  • 50. जब दुकान पर ही बैठना है तो उसके िलये यही बहत होगा िक जोड- घटाव जान ले। लेिकन उसने जब बताया िक पतकार बनने मे िकतना फायदा है तो मैने सोचा िक उसे पतकार ही बना िदया जाये और जब पतकार बनना है तो कयो 50 िढबरी चैनल
  • 51. नही उसे टेलीिवजन चैनल का मािलक बना िदया जाये। मेरे उसी लडके ने अपने कुछ दारबाज एवं लफं गे पतकार दोसतो को हमसे िमलवाया और सबने िमलकर टेलीिवजन चैनल खोलने के जो लाभ बताये उसे सुनकर मेरा 51 िढबरी चैनल
  • 52. िदल बाग-बाग हो गया। उसी िदन मैने सोच िलया िक िपताजी के नाम को अमर करने और तर माल खाने के िलये इससे अचछा साधन दुिनया मे कुछ और नही है। अपने फमर की इस दुधार शाखा को शुर करने के िलये, सच कहा जाये तो, 52 िढबरी चैनल
  • 53. हमारी अंठी से एक धेला भी नही लगा। हालांिक दुिनयावालो को पता है िक हमने इसके िलये करोडो रपये फूं क डाले। इस झूठ के फै लने से इससे हमारी इजत भी बढ गयी और हमे अपने काले धन को सफे द करने मे भी मदद िमल गयी। 53 िढबरी चैनल
  • 54. दरअसल िजस तरह से हाथी के दांत के दो तरह के दांत होते है - खाने के और िदखाने के और, ठीक उसी तरह हमारे और हमारे धंधे के दो चेहरे होते है - एक दुिनयावालो के िलये और एक अपने और अपने जैसे धंधेबाजो के िलये। इसी परमपरा 54 िढबरी चैनल
  • 55. का पालन करते हये हमने इस धंधे की नयी शाखा के िलये दो घोषणापत बनावाये थे। एक घोषणापत तो वह था िजसे हमने अखबारो मे छपावाये थे तािक चैनल मे पैसे लगाने वालो को फं साया जा सके जबिक असली घोषणापत को 55 िढबरी चैनल
  • 56. हमने तैयार करके बही खाता के बीच सुरिकत रखकर गदी के नीचे दबाकर रख िदया तािक जररत के समय इसतेमाल मे लाया जा सके। सबसे पहले हम अखबारो मे छप चुके नकली घोषणापत और लुभावने 56 िढबरी चैनल
  • 57. पसताव को लेकर पोपटी डीलर से िबलडर बने अपने एक पुराने कािरदे के पास गये। जब हमने कई साल पहले पोपटी डीलरी का एक नया धंधा शुर िकया था तब उसे हमने दुकान की साफ- सफाई और देखरेख तथा वहां आने वाले गाहको 57 िढबरी चैनल
  • 58. को पानी िपलाने के िलये रखा था। बाद मे वह गाहको को पानी िपलाने मे मािहर हो गया। धीरे- धीरे उसने गाहको को फं सा कर हमारे पास लाना शुर िकया और हम उतसाह बढाने के िलये उसे कुछ पैसे भी देने लगे। कुछ समय मे ही वह इस 58 िढबरी चैनल
  • 59. काम मे इतना होिशयार हो गया िक उसने बाद मे खुद ही पोपटी कारोबार का काम षुर कर िदया। बाद मे वह िबलडर बन गया और आज उसकी िगनती देश के पमुख िबलडरो मे होने लगी है। उसने जब िपताजी के नाम पर टेलीिवजन 59 िढबरी चैनल
  • 60. चैनल शुर करने के पसताव को पढा तो वह खुशी से उछल पडा। वह इस पसताव से इतना पभािवत हआ िक वह उसने खुशी—खुशी सौ करोड रपये टेलीिवजन चैनल मे िनवेश करने को तैयार हो गया। उसकी केवल एक शतर थी िक 60 िढबरी चैनल
  • 61. लडिकयो के चकर मे िपछले पांच साल से बारहवी की परीका मे फे ल हो रहे अपने एकलौते बेटे को चैनल मे कोई महतवपूणर पद पर नौकरी दी जाये, िजसे हमने सहषर सवीकार कर िलया। बाद मे हमने उसके लफं गे बेटे को 61 िढबरी चैनल
  • 62. इनपुट हेड का पद िदया। पैसे की उसे कोई जररत थी नही, इसिलये हमने उसके िलये कोई सैलरी तय नही की। इसके बाद हम इस पसताव को लेकर अपने एक लंगोिटया यार के पास गये जो इस समय लाटरी और िचटफं ड 62 िढबरी चैनल
  • 63. िबजनेस का टायकून माना जाता था। वह जुएबाजी मे मािहर था और उसने जुए से पैसे जमा करके ‘‘वाह-वाह लाॅॅटरी’’ नाम से एक कंपनी शुर की। उसका यह धंधा चल िनकला और उसके पास पैसे छपपड फाडू तरीके से इस 63 िढबरी चैनल
  • 64. कदर बरस रहे है िक उसके यहां नगिदयो के बंडलो की औकात रदी के बंडलो से जयादा नही रही है। वहां अगर िकसी उपरी रैक से कोई कागज या कोई सामान िनकालना होता है तो नगिदयो के बंडलो का इसतेमाल सीढी या मेज के 64 िढबरी चैनल
  • 65. तौर पर िकया जाता है। नगिदयो के बंडलो को िगनते समय या बंडल खोलते समय जो नोट खराब िनकलते है या फट जाते है उनहे कूडे की टोकिरयो मे डाल िदया जाता है और िदन भर मे ऐसी कई टोकिरयां भर जाती है। बाद मे फटे 65 िढबरी चैनल
  • 66. नोटो को कूडे के ढेर मे िमला कर जला िदया जाता है। वह मेरे िपताजी का मुरीद था और उनका बहत सममान करता था, कयोिक उनहोने ही उसे लाॅॅटरी का धंधा शुर करने के िलये पेिरत िकया था। जब उसने सुना िक हम िपताजी के नाम को 66 िढबरी चैनल
  • 67. अमर करने के िलये टेलीिवजन चैनल शुर कर रहे है तो उसने उसी समय नगदी नोटो के बंडलो से भरा एक टक हमारे गोदाम मे िभजवा िदया। जब हमने कहा िक अभी इनकी कया जररत है तो उसने कहा िक ‘यह तो उसकी तरफ से 67 िढबरी चैनल
  • 68. िपताजी की महान समृित को िवनम भेट है। आगे जब भी पैसे की जररत हो केवल फोन कर देने की जररत भर है। वैसे भी उसके िलये उसके खुद के गोदामो मे नगदी के बंडलो को असुरिकत है, कयोिक कभी भी सीबीआई वालो का छापा 68 िढबरी चैनल
  • 69. पड सकता है जबिक टेलीिवजन चैनल के दफतर मे नगदी के बंडलो को रखने मे इस तरह का कोई खतरा नही है। वह चाहता है िक उसके यहां के गोदाम मे जो नोटो के बंडल भरे पडे है, उनहे टको मे भर कर िढबरी नयूज चैनल के आिफस मे 69 िढबरी चैनल
  • 70. िभजवा देगा तािक उनहे वहां चैनल के दफतरो के दो-चार कमरो मे इन नोटो को रखकर बंद कर िदया जाये।’ हमने अपने दोसत की यह इचछा मान ली। उस दोसत की एक और इचछा थी और उसे भी हमने उसके अहसानो को 70 िढबरी चैनल
  • 71. देखते हये िसरोधायर कर िलया। असल मे उसकी पती को पूजा-पाठ एवं धमर-कमर मे खूब आसथा थी। वह िदन भर बैठ कर धािमक चैनलो पर बाबाॅाओ के पवचन सुनती रहती थी। पवचन सुनते-सुनते उनहे भी आतमा, परमातमा, परलोक, 71 िढबरी चैनल
  • 72. माया-मोह, भूत-पेत, पुनजरनम आिद के बारे मे काफी जान हो गया था वह मेरे दोसत चाहता था िक उसकी पती को िढबरी चैनल पर सुबह और शाम एक-एक घंटे का कोई िवशेष कायरकम पेश करने को िदया जाये अथवा उनहे िकसी िवषय 72 िढबरी चैनल
  • 73. पर पवचन देने का िवशेष कायरकम िदया जाये। इससे पती खुश भी रहेगी और जब अपने मनचले पित पर हमेशा नजर रखने वाली पती का धयान कुछ समय के िलये पित और उसके रंगारंग कायरकमो से हट जायेगा तािक उसके पित को 73 िढबरी चैनल
  • 74. अपनी शाम को रंगीन करने के सुअवसर िमल सके। हमने िमलावटी दार, दूध, दवाइयो आिद के कारोबारो मे लगे अनय ववसािययो से भी संपकर िकया और इन सभी ने हमे िदल खोल कर पैसे िदये। िदलली, मुबंई और 74 िढबरी चैनल
  • 75. बेगलूर जैसे कई शहरो मे कालगलर सपलाई करने का कारोबार करने वाले एक अरबपित कारोबारी ने चैनल के िलये एक सौ बीस करोड रपये का दान िकया। इसके अलावा उसने हर माह चैनल चलाने के खचर के तौर पर पांच करोड रपये देने का 75 िढबरी चैनल
  • 76. वायदा िकया। उसने अपनी तरफ से एक छोटी इचछा यह जतायी िक उसे हर िदन चैनल मे एंकिरग करने वाली लडिकयो मे से एक लडकी को हर रात उसके यहां भेजा जाये। हमने उसे एक नही पांच लडिकयो को भेजने का 76 िढबरी चैनल
  • 77. वायदा िकया तािक वह अपने उन अरब पित गाहको की इचछाओ का भी सममान कर सके जो मीिडया मे काम करने वाली सुंदर बालाओ के साथ रात गुजारने की हसरत रखते है। इस तरह हमारे पास जब एक हजार करोड से 77 िढबरी चैनल
  • 78. अिधक रपये जमा हो गये तब हम चैनल के इस पसताव को लेकर िशका मंती के पास गये, िजनके पास सूचना और पसारण मंतालय का भी अितिरक कायरभार था। िशका मंती के िपता हमारे िपताजी की दार की गुमटी पर दार बेचने का काम करते 78 िढबरी चैनल
  • 79. थे। िपछले चुनाव मे भी हमने अपने जाित के सारे वोट उनहे िदलाये थे। इसिलये िशका मंती को हमसे खास लगाव था। उनहोने चैनल खोलने का हमारा पसताव देखा तो हमसे िलपट कर हमारे िपताजी की याद मे रोने लगे। वह कहने लगे, ‘‘मै तो 79 िढबरी चैनल
  • 80. आपके िपताजी के एहसानो तले इस कदर दबा हं िक उनकी याद मै खुद पहल करके सरकार की तरफ से उनके नाम पर एक िवशिवदालय खोलने वाला था। अब अगर आप टेलीिवजन चैनल खोल रहे है तो मै आपसे कहंगा िक आप 80 िढबरी चैनल
  • 81. टेलीिवजन चैनल के साथ- साथ एक मीिडया एक कालेज भी खोल ले िजसका नाम ‘‘राषीय िढबरी मीिडया इंसटीचयूट एंड िरसचर सेटर’’ रखा जा सकता है। बाद मे मै इस कालेज को अंतरारषीय िवशिवदालय का दजार िदला दूंगा। इससे 81 िढबरी चैनल
  • 82. िपताजी का नाम न केवल भारत मे बिलक दुिनया भर मे रौशन हो जायेगा। इस कालेज के िलये मै सरकार की तरफ से 100 एकड की जमीन एक रपये पित वगर मीटर के िहसाब से िदलवा दूंगा। साथ ही कालेज के भवन के िनमारण पर आने वाले 82 िढबरी चैनल
  • 83. खचर का 50 पितशत सरकार की तरफ से िदलवा दूंगा। आप इसी कालेज से अपना चैनल भी चलाइये। आपको करना केवल यह होगा िक इस कालेज मे गरीब और एस टी-एस सी के 25 पितशत बचो को िनःशुलक पिशकण देने के 83 िढबरी चैनल
  • 84. नाम पर हमारे जैसे मंितयो, अिधकािरयो एवं नेताओ और उनके िरशतेदारो के बचे-बिचयो का दािखला कर िलिजये जबिक बाकी के बचो से फीस के तौर पर ढाई-तीन लाख रपये सालाना वसुिलये। ’’ 84 िढबरी चैनल
  • 85. िशका मंती ने जो गुर बताये उसे सुनकर मेरी इचछा हयी िक मै उनके पैर पर िगर पडू, हालांिक मुझसे वे उम मे छोटे है, लेिकन उनहोने कया बुिद पायी है। वैसे ही वह इतनी कम उम मे िशका मंती जैसे महतवपूणर पद पर आसीन नही हो गये। 85 िढबरी चैनल
  • 86. िकतने तेज िदमाग के है। अब उनकी सफलता का राज समझ आया। आज पता चला िक ऐसे ही मंितयो की तीकण बुिद की बदौलत ही हमारे देश ने इतनी अिधक पगित की है। िशका मंती जो मंत िसखाया उसके आधार पर मैने िहसाब 86 िढबरी चैनल
  • 87. लगाकर देखा िक आज िजस तरह से चैनलो मे काम करने के िलये लडके- लडिकयां उतावले हो रहे है, उसे देखते हये िपताजी के नाम पर बनने वाले कालेज मे पवेश लेने वालो की लाइन लग जायेगी, कयोिक इतने हमारे कालेज और चैनल 87 िढबरी चैनल
  • 88. के साथ एक से एक बडे नाम जुडे होगे। सभी बचो को सबजबाग िदखाया जायेगा िक कोसर पूरा होते ही उनहे एंकर अथवा िरपोटरर बना िदया जायेगा। अगर हर बचे से तीन-तीन लाख रपये िलये जाये और पांच सौ बचो बचो को पवेश िदया 88 िढबरी चैनल
  • 89. जाये तो हर साल 15 करोड रपये तो इसी तरह जमा हो जायेगे। इस तरह एक मीिडया कालेज से ही कुछ सालो मे अरबो की कमाई हो जायेगी। साथ ही साथ कैमरे आिद ढोने, सदी-गरमी मे दौड-धूप करने, कुसी-मेज और गािडॅ़यो की साफ-सफाई 89 िढबरी चैनल
  • 90. करने जैसे कामो के िलये मुफत मे ढेर सारे लडकेॅे तथा चैनलो मे पैसे लगाने वाले तथा अलग-अलग तरीके से मदद करने वालो की मचलती हयी तबीयत को शांत करने के िलये मुफत मे कमसीन लडिकयां िमल जायेगी। कालेज मे दािखला लेने 90 िढबरी चैनल
  • 91. वालो मे से िकसी को नौकरी तो देनी नही है, केवल पलोभन ही देने है, कयोिक जब पतकािरता सकूल-कालेज चलाने वाले अनय चैनलो और अखबारो के मािलक जब उनके कालेजो मे पढने वाले लडके-लडिकयो को कोसर खतम होते ही लात 91 िढबरी चैनल
  • 92. मार कर िनकाल देने की पावन परमपरा की सथापना की है तो हम कयो इस परमपरा का उललंघन करने का पाप ले। िशका मंती के सदवचनो एवं सुझावो के बाद हम उतसाह से भर गये और हमे िढबरी चैनल 92 िढबरी चैनल
  • 93. पिरयोजना का भिवषय अतयंत उजवल नजर आने लगा। इस भिवषय को और अिधक चमकदार बनाने के िलये हम देश की एक पमुख पीआर कंपनी की मालिकन के पास गये। देखने मे वह इतनी सुंदर थी िक उस पर िकसी का भी िदल आ 93 िढबरी चैनल
  • 94. सकता था - चाहे वह िकतना ही संत हो। उसकी राजनीितक गिलयारे से लेकर अरबपित उदोगपितयो के बेडरम तक पहंच थी। राजनीित, उदोगजगत और मीिडया पर उसका इतना पभाव था िक वह िजस पतकार से बात कर 94 िढबरी चैनल
  • 95. लेती वह अपने को धनय समझता। एक समय था जब वह मुझपर भी मेहरबान थी, लेिकन आज तो उसकी हैिसयत इतनी उंची हो गयी िक वह मुझसे काफी दूर हो गयी। आज वह मंती और सरकार बनाने-िबगाडने का खेल करती थी। उससे 95 िढबरी चैनल
  • 96. िमलने का समय िमलना, िकसी देवी से िमलने से भी अिधक कीमती था। महीनो तक सैकडो बार फोन करने के बाद जब उसने मुलाकात का समय दे िदया तब मैने समझ िलया िक हमारी दुकान का चलना तय है। असल मे जब उसने िवदेश मे 96 िढबरी चैनल
  • 97. अपने पित को छोडकर भारत आकर ववसािययो, पूंजीपितयो, उदोगपितयो, मंितयो और पतकारो से संपकर बनाने का अपना पी आर का नया ववसाय शुर िकया था तब मैने ही उसे पहला काम िदया था। धीरे-धीरे उसने अपनी 97 िढबरी चैनल
  • 98. मंितयो एवं बडी-बडी कंपिनयो के मािलको से संपकर बढाना शुर िकया और आिखरकार उसने देश के सबसे बडे उदोगपित से काम पाने मे सफलता हािसल कर ली। जब मै उससे िमलने पहंचा तब उसकी भवता 98 िढबरी चैनल
  • 99. को देखकर दंग रह गया िक एक समय दो कौडी की मिहला आज देश की िसरमौर बन गयी। आलीशान बंगला, िवदेशी कारो का कािफला, दजरनो नौकर, हर कदम पर सुरका गाडर - ऐसा लगा िक मै अमरीका के राषपित से िमलने जा 99 िढबरी चैनल
  • 100. रहा हं। उसकी हैिसयत से तुलना करने पर मै िबलकुल िडपेशन मे चला गया, एक सेकेड के िलये तो आंखो के सामने अंधेरा छा गया। मुझे लगा िक टेलीिवजन चैनल खोलने के बजाय पी आर कंपनी ही खोलना जयादा अचछा रहता। 100 िढबरी चैनल
  • 101. जब मै उसके समक पहंचा तो वह साकात देवी लग रही थी। मैने सोचा िक अगर उसका आशीवाद िमल जाये तो मेरा भी जीवन सफल हो जाये, इसिलये मै उसके चरण छूने के िलये झुका लेिकन उसने मुझे गले से लगा कर मुझे धनय कर 101 िढबरी चैनल
  • 102. िदया। मैने िढबरी चैनल खोलने की अपनी योजना बतायी और उससे यथासंभव मदद करने का आगह िकया। मेरी योजना सुनते ही उसके चेहरे पर खुशी की लहर दौड गयी। उसने कहा, ‘‘मै तो पहले से ही कोई चैनल शुर करने का 102 िढबरी चैनल
  • 103. मन बना रही थी और अगर आप चैनल शुर कर ही रहे है तो वह इसी चैनल मे पाटरनर बनने को तैयार है। असल मे हमारा पी आर का काम और चैनल का काम एक ही तरह का होता है। पी आर के काम मे जो मािहर हो गया उसे अचछा संपादक 103 िढबरी चैनल
  • 104. बनने से कोई नही रोक सकता। उसकी बाते सुनकर मै उसकी कािबिलयत पर मकबूल िफदा हसैन हो गया था और अगर मै िफलम बनाने के धधे मे होता तो उसपर जरर एक िफलम बना डालता और अगर पेटर होता तो उसकी 104 िढबरी चैनल
  • 105. दजरनो पेिटग बना कर उनकी दुिनया भर मे पदशरनी करता। उसका आइिडया सुनकर मुझे चैनल खोलने का अपना फै सला िबलकुल सही लगने लगा। उसने काफी देर तक मुझे गुर मंत िदया और उसने यह भी कहा िक अगर मै 105 िढबरी चैनल
  • 106. उसे चैनल मे िफफटी- िफफटी का पाटरनर बना दूं तो वह मेरे िपताजी के नाम को अमर करने के िलये एक भव मंिदर बनायेगी। मुझे इसमे कोई िदकत नजर नही आयी इसिलये मैने ततकाल हामी भर दी। उससे िमलकर लौटते समय 106 िढबरी चैनल
  • 107. रासते भर मुझे आंखो के सामने सवगर के नजारे िदखते रहे। मुझे अफसोस हो रहा था िक चैनल शुर करने का िवचार पहले कयो नही आया। अगर ऐसा हो गया होता तो इस समय मै सवगर का सुख भोग रहा होता - खैर देर आये, दुरसत आये। 107 िढबरी चैनल
  • 108. जैसा िक पहले बताया गया है िक हमने अपने पुजयिपता जी िढबरी लाल के नाम को रौशन करने के िलये िढबरी चैनल खोलने की योजना बनायी है। इस चैनल को शुर करने के िलये हमने अपनी अंटी एक ढेला लगाये बगैर ही करोडो 108 िढबरी चैनल
  • 109. रपयो का इंतजाम कर िलया। जब यह तय हो गया िक िढबरी चैनल शुर करने और चलाने मे पैसे की कोई नही आयेगी, बिलक छपपर फाड कर पैसो की बरसात होगी, तब हमने चैनल चलाने के संबंध मे कुछ िनयम बनाये तािक भिवषय मे 109 िढबरी चैनल
  • 110. इसमे काम करने वाले लोगो को िदशा िनदेष िमलता रहे। ये िनयम बहत काम है और चैनल चला रहे अथवा चैनल शुर करने के बारे मे सोच रहे लोगो के िलये अतयंत उपयोगी है। अगर वे चाहे तो इन िनयमो को अपने 110 िढबरी चैनल
  • 111. यहां लागू कर सकते है। ये िनयम इस पकार है - 1. िढबरी चैनल की इमारत बनाने का ठेेेका मेरे ताउजी के लडके को ही िदया जायेगा, अगर ऐसा नही िकया गया तो िपताजी की आतमा को कष होगा। अगर सूचना और पसारण मंती इस 111 िढबरी चैनल
  • 112. बात पर अड गये िक इमारत बनाने का ठेका उनके साले को िदया जाये तब भी िसमेट, सिरया और टाइलस जैसी भवन िनमारण की सारी सामिगयां मेरे ताउजी के बेटे की दुकान से ही मंगानी होगी। 112 िढबरी चैनल
  • 113. 2. अगर हमारे पिरवार मे कोई शादी-िववाह अथवा अथवा अनय पािरवािरक आयोजन हो तो चैनल के िविभन िवभागो के इचाजर एवं िरपोटरो को िनमंतण काडर बांटने होगे। अगर कोई भी काडर बंटने से रह जाने या िकसी के काडर को िकसी 113 िढबरी चैनल
  • 114. और के यहां पहंच जाने जैसी गलितयो को माफ नही िकया जायेगा और दोशी की सैलरी काट ली जायेगी या उसे नौकरी से िनकाल िदया जायेगा। 3. चैनल मे काम करने वाली मिहला पतकारो को बारी-बारी से हमारी दुकानो और शो रम मे 114 िढबरी चैनल
  • 115. काम करना होगा। अगर जररत पडे तो हमारी कंपनी की ओर से बनाये जाने वाले सामान को बेचने के िलये माकेिटग भी करनी होगी। 4. िढबरी चैनल मे योगयता एवं कािबिलयत से वेतन तय होगा। इसका फामूलार यहां िदया जा रहा है 115 िढबरी चैनल
  • 116. तािक िकसी तरह के िववाद की गुंजाइश नही रहेेे। अगर कोई विक हमारे चैनल मे मुफत मे काम करने वाले 100 लडके- लडिकयो का जुगाड कर लेता है तब उसके मािसक वेतन-भते पांच लाख रपये होगे। अगर कोई विक दो-दो हजार रपये 116 िढबरी चैनल
  • 117. के मािसक मेहनताने पर 100 लडके-लडिकयो को लाता है तब उसका वेतन पहले वाले से आधा हो जायेगा। अगर िकसी विक के लाये हये कुछ लडके-लडकी कही और चले जाते है तो इसकी पितपूित पांच िदन के भीतर हो जानी चािहये 117 िढबरी चैनल
  • 118. अनयथा वेतन काट िलया जायेगा। 5. सभी पतकारो एवं पोडूशरो को अपने के वेतन के िहसाब से िवजापन लाना होगा। िजसका िजतना वेतन होगा उससे कम से कम पांच गुना िवजापन हर माह लाना होगा। अगर 118 िढबरी चैनल
  • 119. कोई िकसी महीने कम िवजापन लाता है तो दूसरे महीने अिधक िवजापन लाने होगे अनयथा कंपनी को होने वाले नुकसान का पांच गुना पैसा उसके वेतन मे काट िलया जायेगा। 6. हमे चुगलीखोर लोग िवशेष तौर पर पसंद है। 119 िढबरी चैनल
  • 120. सभी पोडूशरो, िरपोटररो एवं एंकरो को चुगलीखोरी मे मािहर होना होगा और मेरे पास आकर दफतर मे काम करने वाले लोगो की चुगली करनी होगी। खबर या दफतर के काम के बारे मे िवचार करने के िलये अगर कोई मेरे पास 120 िढबरी चैनल
  • 121. नही आये तब मुझे कोई आपित नही होगी, लेिकन अगर कोई चुगलीखोरी एवं जी हजूरी के िलये अगर हमारे पास नही आया तो उसे कमा नही िकया जायेगा। जो िजतनी अचछी चुगली एवं जी हजुरी करेगा उसे उतनी जलदी सैलरी 121 िढबरी चैनल
  • 122. हाइक होगी और उसके चैनल पमुख बनने की संभावना उतनी ही अिधक होगी। चुगली सुनने के िलये हम रात एक बजे भी उपलबध होगे। 7. चैनल मे काम करने वाले िकसी को भी और कभी भी हमारे घर पर 122 िढबरी चैनल
  • 123. काम करने के िलये बुलाया जा सकता है। घर मे काम करने के िलये आते समय जो पतकार अपने पैसे से फल-सबजी, िमठाइयां और दाल- चावल लेते आयेगे उनहे पदोनित देने के मामले मे वरीयता दी जायेगी। 123 िढबरी चैनल
  • 124. 8 जैसा िक पहले बताया गया है हम अपने िपता िढबरी लाल का नाम अमर करने के िलये िढबरी चैनल नामक फमर शुर कर रहे है, इस िलये हमारे परम लकय को साकार करने की कोिशश चैनल मे काम करने वाले 124 िढबरी चैनल
  • 125. हर विक को करनी होगी। 9. हम चाहते है िक आने वाली पीढी हमारे िपताजी का नाम इजत से ले। चूंिक हमारे िपताजी की कोई इजत रही नही, ऐसे मे हम अपने चैनल के जिरये हर इजतदार और ईमानदार 125 िढबरी चैनल
  • 126. विक की इजत उतारने का काम करेगे तािक कोई अनय अपने पास इजत और ईमान होने का दावा नही कर सके। ऐसे मे लोगो को मजबूरी मे हमारे िपताजी को सबसे जयादा इजतदार एवं ईमानदार मानना होगा। इसके िलये जररत पडे 126 िढबरी चैनल
  • 127. तो िसटग आपरेशन, फजी सीडी, एमएमएस जैसे उपायो का सहारा िलया जा सकता है। िमसाल के तौर पर जैसे ही कोई ईमानदार बनने की कोिशश करे उसकी ततकाल फजी सीडी बनाकर माकेट मे उतार िदया जाये और सीडी को 127 िढबरी चैनल
  • 128. िदन रात िढबरी चैनल पर िदखाया जाये। 10. हालांिक हमारा चैनल खबिरया चैनल है, लेिकन हमारे चैनल पर खबरे नही होगी। खबरो का इसतेमाल िफलर के तौर पर होगा। अंधिवशास और जादू-टोने, नाग- नािगन, भूतहा हवेिलयो, 128 िढबरी चैनल
  • 129. पुनजरनम, योिगयो-भोिगयो- बाबाओ आिद पर िवशेष लाइव कायरकमो को पसािरत करने के बाद अगर कुछेक िमनट का समय बच जाये तो एकाध खबरे दी जा सकती है तािक हमे नयूज चैनल के नाम पर सरकार से िमलने वाली सुिवधाये, 129 िढबरी चैनल
  • 130. िरयायते और बेल आउट पैकेज आिद जारी रहे। 11. अगर देश या िवदेश मे िकसी मंती, उे़दोगपित, करोडपित, िककेट िखलाडी या िफलम सटार आिद के पिरवार मे शादी- िववाह या तलाक आिद के आयोजन होते है तब उसका िढबरी चैनल पर 130 िढबरी चैनल
  • 131. नाेॅन सटाप िदन रात पसारण होगा। जो िरपोटरर शादी के बाद होने वाले दुलहा-दुलहन के बेड रम कायरकमो का सीधा पसारण करने का इंतजाम कर लेगा उसे उसी समय चैनल पमुख बना िदया जायेगा और उसकी सैलरी दोगुनी कर 131 िढबरी चैनल
  • 132. दी जायेगी। अगर िकसी बडे आदमी या िकसी सेिलिबटी के यहां शादी या तलाक के आयोजन नही हो रहे है तो उनय लोगो के यहां होने वाले पितयो के हाथो पितयो की िपटाई, िकसी विक की बीबी और मासुका के बीच होने वाले िसर 132 िढबरी चैनल
  • 133. फु टौववल, िकसी घर की लडकी के एमएमएस, नौकरानी के साथ छेडखानी आिद का पसारण िकया जा सकता है। 133 िढबरी चैनल
  • 134. िढबरी चैनल मे भती अिभयान िढबरी चैनल मुतयु लोक, पताल लोक एवं आकाश लोक की अफवाहो और बेिसर-पैर वाली खबरो को पचािरत-पसािरत करने वाला एकमात पमािणक चैनल है िजसका धयेय वाकय 134 िढबरी चैनल
  • 135. है-‘‘आपको रखे सबसे पीछे’’। िढबरी नयूज को अपने िवसतार के दूसरे चरण मे उटपटांग घटनाओ, भूत-पेत से संबिधत बकवासो, अंधिवशास को बढावा देने वाली बेतुकी बातो और पेम लीलाएं करने वालो की मूखरतापूणर 135 िढबरी चैनल
  • 136. हरकतो के संगह के िलये भारी संखया मे िरपोटररो की जररत है। कुछ राजनीितक दलो, भष ववसािययो, दंगाइयो, पाखंिडयो और धमर के नाम पर दुकाने चलाने वालो के काले धन से चलाये जा रहे इस चैनल का लकय कम से कम 136 िढबरी चैनल
  • 137. समय मे भारत की समपूणर आबादी को अंधिवशासी, िववेकहीन, मूखर और अजानी बना देना है तािक हमे धन उपलबध कराने वालो को अपने गोरखधंधे करने मे आसानी हो। अगर आप िबना सोचे- समझे लगातार घंटो 137 िढबरी चैनल
  • 138. बेमलब के चीख-िचलला सकते है, टी आर पी बढाने के िलये नदी-तालाब, अखाडे और आग मे कूद सकते है, पित-पितयो के बीच झगडे करा सकते है और झगडे को सीधा पसािरत कर सकते है, िसटग करके िकसी इजतदार की इजत- 138 िढबरी चैनल
  • 139. आबर सरेआम उतार सकते है, आये िदन धरती के िवनाश की घोषणाये करके लोगो मे खौफ पैदा कर सकते है, कही भी, कभी भी और िकसी के भी हाथो जलील हो सकते है, उफ िकये बगैर घंटो तक लात-धूसे खा सकते है, सूडान मे बैठकर 139 िढबरी चैनल
  • 140. इराक युद की िरपोिटग कर सकते है, सटूिडयो मे बंदर की तरह दौड-दौड कर खबरे पढ सकते है, अचछी खासी हवेिलयो को भुतहा बना कर िदखा सकते है और बाइट देने वालो से ऐसे सवाल पूछ सकते है िजनहे सुन कर दशरक अपने िसर के बाल 140 िढबरी चैनल
  • 141. नोच ले तथा बाइट देने वाला बाद मे अपना िसर फोड ले तो एक शानदार कैिरयर आपका इंतजार कर रहा है। शैकिणक योगयताएं: 1. सातक। अगर आपने जुगाड करके, चोरी करके अथवा घूस देकर फजी िडिगयां हािसल की है तो 141 िढबरी चैनल
  • 142. आपको चयन मे वरीयता दी जायेगी। 2. पढने-िलखने से सखत नफरत हो। पढने-िलखने की आदतो के िशकार लोग कृपया आवेदन नही करे। 3. सामानय जान मे िसफर। 142 िढबरी चैनल
  • 143. 4. चापलूसी और मकखनबाजी मे िवशेषजता। 5. सटूिडयो मे बुलाये गये िवषेशजो को बोलने देने के बजाय खुद ही चीखने- िचललाने की काबिलयत शारीिरक कमताएं: 1. जैक आफ आल िटकस। 143 िढबरी चैनल
  • 144. 1. बंदर की तरह उछल-कूद करने की कमता। 3. रोजना कम से कम दस जूते, दस तमाचे और दस घूसे खाने के कमता। 5. दंगा, िहसा और अफवाहे फै लाने मे मािहर। ऐसी गितिविधयो मे शािमल रह चुके उममीदवारो को वरीयता दी जायेगी। 144 िढबरी चैनल
  • 145. 6. चीखने-िचललाने की कमता समानय मनुषय की तुलना मे कम से कम दस गुनी हो। तासदपूणर घटनाओ की खबरे उछल- कूद कर तथा चीख- िचलला कर सुनाने वालो को शीघ पदोनित। दरअसल हमारा लकय अपने दशरको को छह 145 िढबरी चैनल
  • 146. महीने के भीतर बहरा बना देने का है और इस लकय को पूरा करने मे सवारिधक योगदान देने वालो को पदमशी सममान के िलये सरकार के पास िसफािरश भेजी जायेगी। मानिसक कमताएं: 146 िढबरी चैनल
  • 147. 1. िदल मे पतथर और िदमाग मे भूसा भरा हो। िदल और िदमाग रखने वाले िकसी उममीदवार की अगर भूलवश िनयुिक जाये तो उनहे नौकरी पर आने से पहले ये दोनो वथर पदाथर घर पर ही छोडने होगे। 147 िढबरी चैनल
  • 148. 3. िकसी के मरने जीने से कोई मतलब नही रखना, केवल टी आर पी पर िनगाह रखना। 4. िदल इतना कठोर हो िक कोई अगर आग लगाकर खुदकुशी कर रहा हो तो उसे बचाने के बजाये उसपर पेटोल डालकर उसे शीघ जलने मे मदद 148 िढबरी चैनल
  • 149. करे और छटपटाते हये आदमी की शॉट लेते रहे। 5. हर समय मां-बहन की गािलयां खुशी-खुशी बदारशत करने तथा दूसरो को भी ऐसी गािलयां सुनाने की कािबिलयत। पदोनित की शते: िढबरी नयूज मे िरपोटरर पद पर बहाली के बाद 149 िढबरी चैनल
  • 150. आपको विरष िरपोटरर के रप मे पदोनित दी जायेगी। पदोनित के िलये कायर पदशरन आंकने का आधार आपकी खबरे होगी। अगर आप अपनी खबरो से आग लगा सकते है, दंगे भडका सकते, िसर फु टौववल करवा सकते है, हतयाये एवं आतमहतयाये 150 िढबरी चैनल
  • 151. करवा सकते है और लोगो को अंधिवशासी बना सकते है तो आपको ततकाल पदोनित दी जायेगी। िजस िदन आपकी िकसी खबर से दंगे फै ल जायेगे या गुमराह होकर कुछ लोग खुदकुशी कर लेगे या कुछ लोग इतने अंधिवशासी 151 िढबरी चैनल
  • 152. बन जायेगे िक वे बचो की बिल लेने लगे तो आपकी सैलरी दोगुनी कर दी जायेगी। आपको िढबरी नयूज की ओर से िनःशुलक दस िढबिरयां, मािचस और हर महीने दस लीटर िमटी तेल मुहैया कराये जायेगे िजनका इसतेमाल आप तब कर सकते है जब 152 िढबरी चैनल
  • 153. आपकी खबर से कही आग नही लगे लेिकन टी आर पी बढाने अथवा आपकी पदोनित के िलये ऐसा करना जररी हो जाये। 153 िढबरी चैनल
  • 154. िढबरी चैनल पमुख के िलये अजी माननीय महोदय। मुझे जात हआ है िक अंधिवशास, िववेकहीनता, सामािजक पागलपन, अशीलता, अनैितकता एवं संसकारहीनता के पचार- पसार के सवोच उदेशय को लेकर चलाये जा रहे 154 िढबरी चैनल
  • 155. अतयंत लोकिपय, हर िदल अजीत एवं टीआरपी बटोर चैनल ‘‘िढबरी नयूज’’ मे चैनल पमुख का पद कोई सुयोगय उममीदवार नही िमल पाने के कारण काफी समय से िरक है। मै इस पद के िलये अपने को एक उममीदवार के रप मे पेश 155 िढबरी चैनल
  • 156. करते हये पूणर िवशास के साथ दावा करता हं िक इस पद के िलये मुझ जैसा कािबल, सकम एवं सुयोगय उममीदवार आपको िढबरी लेकर ढूंढने से भी नही िमलेगा। महोदय, अगर आपको अपने चैनल की टीआरपी आसमान से भी आगे ले 156 िढबरी चैनल
  • 157. जानी है तो आप मेरी सशतर सेवा ले सकते है। इससे पहले मैने बचे से लेकर िबलली और बंदरो के गडढे मे िगरने की घटनाओ को पेश करने करने मे सबसे आगे रहने वाले गडा सटार चैनल, हवेिलयो को भूतहा और भयावह बनाकर कर 157 िढबरी चैनल
  • 158. िदखाने वाले चैनल सुनसान नयूज 24, राखी सावंत जैसी चवनी छाप अिभनेितयो के बल पर भारी टीआरपी बटोरने वाले चैनल सवांग इमेिजन, जूली-बटूकनाथ के साथ-साथ सुिखयो मे आये चैनल - झाडू तक और हलकी बािरश को 158 िढबरी चैनल
  • 159. महापलय तथा मामूली आगजनी को महािवनाश सािबत करने मे मािहर चैनल - बबारद इंिडया टीवी जैसे अनेकानेक चैनलो मे मािलक को लडिकयां सपलाई करने वाले दलाल और िवजापन एजेट से लेकर इनपुट हेड और चैनल 159 िढबरी चैनल
  • 160. पमुख के रप मे काम कर चुका हं। इस समय मै पाताल 7 चैनल मे काम कर रहा हं िजसने धरती के नीचे िकये जाने वाले वैजािनको के पयोग से धरती के नष होने की घोषणा करके काफी नाम कमाया था और यह महतवपूणर बेिकग नयूज 160 िढबरी चैनल
  • 161. मेरे ही उवरर िदमाग की उपज थी। आदणीय महोदय, मैने पैसे लेकर फजी िडिगयां देने वाले देश के एक नामी िवशिवदालय से पैसे िदये बगैर सातकोतर की िडगी हािसल की है जो मेरी कािबिलयत का जीता-जागता पमाण है। 161 िढबरी चैनल
  • 162. मैने न केवल अपने िलये बिलक अपने अनेक लंगोिटया दोसतो को भी िडिगयां िदलायी है। मैने सैकडो लडके - लडिकयो को बोडर परीकाओ मे पिचयां पहंचाकर अचछे नमबरो से उतीणर करवा कर देश के साकारता पितशत मे बढोतरी करने 162 िढबरी चैनल
  • 163. मे महतवपूणर योगदान िदया है। मै दीवार फांदने और पाइपो के जिरये पलक झपटते छतो पर पहंचने मे मािहर रहा हं। मेरी इस योगयता के कारण मुझे परीकाओ मे चोिरयां कराने के िलये दूर-दूर के परीका केनदो मे अिभभावको दारा 163 िढबरी चैनल
  • 164. आमंितत िकया जाता रहा है। मैने कई लडिकयो को पिचयो के नाम पर पेम पत पहंचा कर अनेक टूटे हये िदलो एवं िरशतो को जोड कर देश मे पेम एवं भाइचारे को बढावा िदया है। मेरे बदौलत परीकाये पास करके अचछी-अचछी िडिगयां 164 िढबरी चैनल
  • 165. पाने वाले मेरे ये सभी मेधावी दोसत इलेकटािनक मीिडया के िवकास के मुखय पणेता बने हये है। मै और मेरे दोसत अपने-अपने चैनलो की टीआरपी को जमीन से उठा कर आसमान पर और देश की जनता के िववेका को रसातल मे 165 िढबरी चैनल
  • 166. पहंचा कर देश मे लोकतंत के िवकास मे महतवपूणर भूिमका िनभा रहे है। परम् पूजयनीय मानयवर, मेरा पका िवशास है िक मेरे जैसे मीिडयाकिमयो की बदौलत टेलीिवजन चैनलो ने देश मे लोकतंत के िवसतार मे िजतना 166 िढबरी चैनल
  • 167. योगदान िदया है उतना िकसी और ने नही िदया है। इन चैनलो ने यह सािबत कर िदया है िक दुिनया मे अगर कही सचा लोकतंत है तो भारत मे है जहां कोई कुछ भी करता रहे, कुछ भी िदखता रहे, कोई कुछ भी िचललाता रहे न तो 167 िढबरी चैनल
  • 168. सरकार के और न ही जनता के कानो मे जू रेगता है। यहां जनता मूखर बनकर, लूटकर और इजत खोकर खुश होती है - यह यही लोकतंत की असली पहचान है। इसिलये हमने िजन चैनलो मे काम िकया उनका सदुपयोग 168 िढबरी चैनल
  • 169. हमने लोकतंत को बढाने मे िकया। महोदय मैने चापलूसी, दलाली, चोरी-चमारी, दंगेबाजी, रंडीबाजी, इशकबाजी और रंगदारी जैसे हर केतो मे िवशेष अनुभव बटोरे है। मै इस पत के जिरये मै न केवल अपनी मानिसक एवं 169 िढबरी चैनल
  • 170. शैकिणक योगयता का बिलक शारीिरक योगयता एवं कमता का बयौरा आपके सामने पेश करना चाहता हं कयोिक चैनलो मे काम करने के िलये मानिसक योगयता से कही अिधक पैर, धुटने और गले जैसे शरीर के िविभन 170 िढबरी चैनल
  • 171. अंगो की कमता जयादा महतवपूणर है। जहां तक गले की कमता का सवाल है मै आपको बताना चाहता हं िक मैने अनेक परीका केनदो के बाहर खडे होकर जब मैने बेरोजगारी के िदनो मे तक फे री लगाकर मोहललो की औरतो को 171 िढबरी चैनल
  • 172. सािड़़यां एवं बलाउज बेचने का भी काम कर चुका हं। गला फाडकर िचललाने की मेरी कमता के कारण कई मोहलले के लोगो ने कई बार मेरी िपटाई कर दी िजसके कारण मैने सबजी बेचने का धंधा छोडकर अपने शहर के एक मशहर कोठे 172 िढबरी चैनल
  • 173. पर चैकीदार की नौकरी करने लगा। कोठे पर चैकीदारी तथा सािड़़यां-बलाउज बेचने के दौरान मेरी कई औरतो से गहरी दोसती हो गयी जो बाद मे चैनलो़े की नौकरी के दौरान बहत काम आयी। इस मामले मे मेरे संपकर का दायरा 173 िढबरी चैनल
  • 174. बहत वापक है और ये संपकर चैनलो की आमदनी बढाने तथा कई अटके कामो मे अतयंत उपयोगी सािबत हये है। गला-फाडकर िचललाने का मुझे काफी अभयास रहा है। इस संबंध मे मै आपको बताना चाहता हं िक हमारे यहां िक बोडर 174 िढबरी चैनल
  • 175. की परीकाओ के दौरान परीका केनदो पर लाडडसपीकर लगाकर परीकािथयो को पशो के जबाव बताये जाते थे। वैसे जेनरेटर आिद की भी ववसथा होती थी तािक िबजली जाने पर भी कोई िदकत नही हो, लेिकन कई बार जेनेरेटर का इंतजाम 175 िढबरी चैनल
  • 176. नही होने या कोई तकनीकी खराबी आ जाने पर मै लाउडसपीकर की मदद िलये बगैर िचलला- िचललाकर ही परीकािथयो को पशो के उतर िलखवाता था। िचललाने की मेरी कमता ऐसी थी िक हर परीकाथी िबना कोई 176 िढबरी चैनल
  • 177. गलती िकये सभी पशो के सही उतर िलखते थे। कई बार तो पास के परीका केनदो के परीकाथी भी मेरी आवाज सुनकर उतर िलख लेते थे। आप समझ सकते है िक देश मे िशका के पचार-पसार मे मेरा िकतना योगदान रहा है। 177 िढबरी चैनल
  • 178. जहां तक मेरे पैर एवं घुटने की कमता का सवाल है मै आपको बताना चाहता हं िक चैनलो मे आने के पहले मै कई महीनो तक एक बहत बडे कारोबारी के बंगले पर सुरका गाडर के रप मे नौकरी कर चुका हं जहां मेरा काम गेट पर 178 िढबरी चैनल
  • 179. लगातार खडा रहने का होता था। मेरी यह कमता चैनलो मे िरपोिटग के दौरान काफी काम आयी। मेरी अनय शारीिरक एवं मानिसक योगयताये िनम िलिखत है - 1. मै उफ िकये एवं चेहरे पर िशकन लाये बगैर 179 िढबरी चैनल
  • 180. लगातार सौ जूते एवं चपपले खा सकता हं। 2. खडे-खडे पचास लात-धूसे खाने की कमता। लात- धूसे खाने से शरीर मे चुसती-सफू ती बनी रहती है और नीद भी अचछी आती है। 3. मै मािलको की गािलयो को अपने िलये अमृत 180 िढबरी चैनल
  • 181. समान मानता हं। िजस िदन मै मािलक के मुंह से एक दजरन गािलयां हजम नही कर लूं उस िदन खाना हजम नही होता। 4. अगर आपका िदल मुझे नौकरी से िनकालने का हो तो पीठ पर पांच लात मारकर िनकाल सकते है। 181 िढबरी चैनल
  • 182. मुझे कोई फकर नही पडेगा। 5. अपने अधीन काम करने वाले कमरचािरयो को गदहा-घोडा समझते हये उनहे भी लात-धूस और जूते-चपपल बरसाने की कािबिलयत रखता हं। 6. चापलुसी और दलाली मे महारत। अपना काम 182 िढबरी चैनल
  • 183. िनकालने के िलये थूक और जूते चाटने को पिवत काम मानना। 7. मुझे पढने-िलखने से सखत नफरत है। मैने परीकाओ मे नकल करके कािपयो पर िलखने के अितिरक अपने जीवन मे कुछ भी नही िलखा है और न ही नकल करने के 183 िढबरी चैनल
  • 184. िलये बनायी गयी पिचयो एवं कािपयो के अलावा कुछ पढा है। महोदय मैने जो योगयताये िगनायी है आज के समय मे बहत कम लोगो के पास ऐसी योगयताये है और मै ऐसे कई लोगो को जानता हं जो मुझसे कम योगयताये 184 िढबरी चैनल
  • 185. होने के वाबजूद बडे-बडे चैनलो के पमख बनकर दस-दस लाख रपये की सैलरी ले रहे है। ऐसे मे मै अपनी कािबिलयत को धयान मे रखते हये मै 15 लाख रपये की मािसक सैलरी पाने की उममीद रखता हं और वायदा करता हं िक मै एक साल 185 िढबरी चैनल
  • 186. के भीतर आपके चैनल को देश का नमबर वन चैनल बना दूंगा और अगर मै ऐसा करने मे िवफल रहं तो आप मुझे सौ जूते मारकर ततकाल नौकरी से िनकालने के िलये सवतंत है। मुझे पका िवशास है़ै िक आप मेरे आवदेन एवं मेरी 186 िढबरी चैनल
  • 187. योगयता पर िवचार करते हये अपने चैनल मे काम करने और अपनी योगयता को सािबत करने का एक मौका अवशय देगे। आपका भावी सेवक 000000000000000000000 187 िढबरी चैनल