भारत में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा हिंदी है। वर्तमान समय में हिन्दी भाषा को लेकर एक अजीबोगरीब अवधारणा चल रही है। लोग अंग्रेजी भाषा का बहुत अधिक उपयोग कर रहे हैं और इस वजह से भारत में अंग्रेजी भाषा को भाषा से ज्यादा महत्व दिया जाता है। सालों पहले जब लोगों को शक हुआ कि इस तरह हम हिंदी भाषा से दूर हो जाएंगे, तब हिंदी दिवस मनाने का विचार आया। क्या आप जानते हैं हिंदी दिवस कब बनाया जाता है, या हिंदी भाषा पर योग दिवस क्यों निर्धारित किया जाता है। यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है जो पूरे भारत में मनाया जाता है, आज इस लेख में हम आपको हिंदी दिवस 2022 से संबंधित कुछ विस्तृत जानकारी सरल शब्दों में प्रस्तुत करने जा रहे हैं। हर साल 14 सितंबर को हम हिंदी दिवस (14 september hindi diwas) मनाते हैं। हर साल 14 सितंबर को हिंदी भाषा को शिक्षित करने और जागरूकता बढ़ाने के लिए हिंदी दिवस मनाया जाता है। आज इस लेख में हम आपको यह भी बताएंगे कि हिंदी दिवस कब शुरू हुआ और कैसे इस पवित्र अवसर को विशेष महत्व के साथ मनाया जाता है।
2. Post Highlight
भारत में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा हहिंदी है। वततममान
समय में हहन्दी भाषा को लेकर एक अजीबोगरीब अविारणा चल
रही है। लोग अिंग्रेजी भाषा का बहुत अधिक उपयोग कर रहे हैं और
इस वजह से भारत में अिंग्रेजी भाषा को भाषा से ज्यादा महत्व
हदया जाता है। सालों पहले जब लोगों को शक हुआ कक इस तरह
हम हहिंदी भाषा से दूर हो जाएिंगे, तब हहिंदी हदवस मनाने का िवचार
आया। क्या आप जानते हैं हहिंदी हदवस कब बनाया जाता है, या
हहिंदी भाषा पर योग हदवस क्यों ननिातमररत ककया जाता है। यह एक
बहुत ही महत्वपूणतम हदन है जो पूरे भारत में मनाया जाता है, आज
इस लेख में हम आपको हहिंदी हदवस 2022 से सिंबिंधित क
ु छ
िवस्तृत जानकारी सरल शब्दों में प्रस्तुत करने जा रहे हैं। हर साल
14 ससतिंबर को हम हहिंदी हदवस (14 september hindi diwas)
मनाते हैं। हर साल 14 ससतिंबर को हहिंदी भाषा को सशक्षित करने
और जागरूकता बढाने क
े सलए हहिंदी हदवस मनाया जाता है। आज
इस लेख में हम आपको यह भी बताएिंगे कक हहिंदी हदवस कब शुरू
हुआ और क
ै से इस पिवत्र अवसर को िवशेष महत्व क
े साथ मनाया
जाता है।
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हहिंदी बोलने, लेखकों और पाठकों क
े सलए आज का हदन बहुत ही खास है। 14 ससतिंबर 1949 को
हहिंदी को राजभाषा का दजातम हदया गया था। तब से हर साल 14 ससतिंबर को हहिंदी हदवस (Hindi
Diwas Date) क
े रूप में मनाया जाता है। वैसे तो हर भाषा का अपना महत्व होता है, लेककन हहिंदी
हमारे सलए िवशेष रूप से महत्वपूणतम है। मुहम्मद इकबाल (Muhammad Iqbal) ने 1905 में ब्रिहिश
राज क
े िवरोि में 'हहिंदी है हम वतन है हहिंदोस्ता हमारा' सलखा, लेककन यह पिंक्क्त बाद में हहिंदी
बोलने वालों क
े बीच देशभक्क्त का प्रतीक बन गई। हर साल 14 ससतिंबर को हहिंदी हदवस मनाया
जाता है, लेककन बहुत से लोग इसक
े महत्व से अनजान हैं।
हहिंदी हदवस क्यों मनाया जाता है? (Why is Hindi Divas celebrated)
1947 में जब भारत को स्वतिंत्रता समली, तो देश क
े सामने सबसे अधिक दबाव वाला मुद्दा एक
आधिकाररक भाषा का चुनाव था। चूूँकक भारत जैसे िवशाल देश में सैकडों भाषाएूँ और बोसलयाूँ
बोली जाती हैं, सबसे बडा सवाल यह था कक आधिकाररक भाषा क
े रूप में ककसे नासमत ककया
जाना चाहहए। जब बाबासाहेब भीमराव अिंबेडकर (Babasaheb Bhimrao Ambedkar) 6 हदसिंबर,
1946 को स्वतिंत्र भारत का सिंिविान (The constitution of India) तैयार कर रहे थे, उनक
े सामने
राष्ट्रभाषा एक बहुत ही महत्वपूणतम मुद्दा था। बहुत िवचार-िवमशतम क
े बाद, हहिंदी और अिंग्रेजी को
राष्ट्रीय भाषाओिं क
े रूप में चुना गया था। अिंग्रेजी क
े साथ, सिंिविान सभा (Constituent
Assembly) ने देवनागरी सलिप (Devanagari script)में सलखी गई हहिंदी को आधिकाररक भाषा क
े
रूप में नासमत ककया। इसक
े बाद 14 ससतिंबर 1949 को सिंिविान सभा ने सवतमसम्मनत से फ
ै सला
ककया कक हहिंदी भारत की राजभाषा होगी। 26 जनवरी 1950 को भारत को स्वतिंत्रता समलने क
े
बाद, हहिंदी आधिकाररक भाषा बन गई। हहिंदी क
े महत्व को देखते हुए पहले प्रिानमिंत्री पिंडडत
जवाहरलाल नेहरू (Prime Minister Pandit Jawaharlal Nehru) ने हर साल 14 ससतिंबर को हहिंदी
हदवस मनाने का फ
ै सला ककया। इसक
े बाद, पहला हहिंदी हदवस 14 ससतिंबर, 1953 को मनाया
गया। तब से, 14 ससतिंबर को हहिंदी हदवस क
े रूप में नासमत ककया गया है।
4. क
ै से मनाया जाता है हहिंदी हदवस (How is Hindi Diwas celebrated)
हर साल 14 ससतिंबर को हहिंदी भाषा क
े सम्मान में हहिंदी हदवस का
आयोजन ककया जाता है। इस हदन हहिंदी भाषा को उत्सव क
े रूप में
मनाने क
े साथ ही आने वाली पीढी में हहिंदी भाषा क
े प्रनत रुधच
जगाने क
े सलए िवसभन्न प्रनतयोधगताएिं भी आयोक्जत की जाती हैं।
इसक
े अलावा किवयों और लेखकों द्वारा हहिंदी क
े प्रनत अपने प्रेम
को प्रदसशतमत ककया जाता है। अलग-अलग सिंस्थान में हहिंदी हदवस
क
े अवसर पर हहिंदी किवता प्रनतयोधगता या हहिंदी लेख प्रनतयोधगता
का आयोजन ककया जाता है। इस साल आपको हहिंदी हदवस क
े
अवसर पर इस तरह क
े बेहतरीन सम्मेलन 14 ससतिंबर 2022 को
देखने को समलेंगे।
हहिंदी हदवस का इततहास (Hindi Diwas History)
हर साल 14 ससतिंबर को, हहिंदी हदवस या राष्ट्रीय हहिंदी हदवस 14
ससतिंबर, 1949 को सिंिविान सभा द्वारा हहिंदी (देवनागरी सलिप में
सलखी गई) को आधिकाररक भाषा क
े रूप में अपनाने क
े उपलक्ष्य
में मनाया जाता है। देश क
े पहले प्रिान मिंत्री जवाहरलाल नेहरू ने
जश्न मनाने का फ
ै सला ककया। 14 ससतिंबर को हहिंदी हदवस। हहिंदी
हदवस क
े अलावा, िवश्व हहिंदी हदवस (World Hindi Day)10 जनवरी,
को मनाया जाता है। यह हदन पहले िवश्व हहिंदी सम्मेलन की याद
हदलाता है, जो 10 जनवरी, 1975 को नागपुर में आयोक्जत ककया
गया था, और इसमें 30 देशों क
े 122 प्रनतननधियों ने भाग सलया
था। सम्मेलन का लक्ष्य दुननया भर में हहिंदी भाषा को बढावा देना
था। पूवतम प्रिान मिंत्री डॉ मनमोहन ससिंह ने हहिंदी को बढावा देने क
े
लक्ष्य क
े साथ 2006 में िवश्व हहिंदी हदवस की स्थापना की।
5. हहिंदी हदवस का महत्व (Significance Of Hindi Diwas Importance)
हहिंदी को इसका नाम फारसी शब्द हहिंद से समला है, क्जसका अथतम है 'ससिंिु नदी की भूसम'। 11वीिं
शताब्दी की शुरुआत में, तुकी आक्रमणकाररयों ने इस िेत्र की भाषा का नाम हहिंदी रखा, क्जसका
अथतम है "ससिंिु नदी की भूसम की भाषा। " यह भारत की आधिकाररक भाषा है, अिंग्रेजी माध्यसमक
आधिकाररक भाषा क
े रूप में है। भारत क
े बाहर, हहिंदी मॉरीशस, कफजी, सूरीनाम, गुयाना,
ब्रत्रननदाद और िोबैगो और नेपाल में भी बोली जाती है। हहिंदी कई चरणों क
े माध्यम से अपने
वततममान स्वरूप में िवकससत हुई, क्जसक
े दौरान इसे िवसभन्न नामों से जाना जाता था।
हहिंदी भाषा क
े बारे में मुख्य तथ्य (Hindi Diwas Facts)
िवश्व में बोली जाने वाली क
ु ल भाषाओिं में हहिंदी पािंचवीिं सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है।
हहिंदी पाककस्तान, नेपाल, बािंग्लादेश, अमेररका, ब्रििेन, जमतमनी, न्यूजीलैंड, सिंयुक्त अरब अमीरात,
युगािंडा, गुयाना, सूरीनाम, ब्रत्रननदाद, मॉरीशस और दक्षिण अफ्रीका सहहत कई देशों में बोली जाती
है।
आिुननक देवनागरी सलिप (Devanagari script) 11वीिं शताब्दी में अक्स्तत्व में आई।
ऑक्सफोडतम डडक्शनरी (Oxford Dictionary) में 2017 में 'बडा हदन', (बडा हदन) 'अचा', (अच्छा)
'बच्चा' (बच्चा) और 'सूयतम नमस्कार' जैसे शब्द शासमल थे। यह हहिंदी क
े महत्व और स्वीकृ नत का
प्रनतननधित्व करता है।
काका कालेलकर, मैधथली शरण गुप्त, हजारी प्रसाद द्िववेदी, सेठ गोिविंददास (Kaka Kalelkar,
Maithili Sharan Gupta, Hazari Prasad Dwivedi, Seth Govinddas) जैसे कई लेखकों ने हहिंदी को
राजभाषा बनाने में महत्वपूणतम योगदान हदया।
6. Hindi Diwas Thought
हहन्दी हमारी मातृभाषा है
इसे हर हदन बोलें
और हहन्दी हदवस क
े इस हदन
सबको हहन्दी में बोलने क
े ललए उत्साहहत करें।
हहन्दी ववश्व की एक मात्र ऐसी भाषा है
जो अ अनपढ़ से शुरू होती है
और ज्ञ ज्ञानी बनकर समाप्त होती है।
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