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More from Aaptashri Ayurved & Panchakarma Clinic,Pune (20) Ayurved panchakarma - Gandush vichar1. DR D.Y PATIL COLLEGE OF AYURVED AND RESEARCH CENTRE ,
PIMPRI –PUNE 12
DEPARTMENT OF
AYURVED
SAMHITA & SIDDHANTA
5. गांडूष- कवल
असंचर्ये: मुखे पूर्णे गंडूष :, कवलो: अन्र्यथ:|| - अ. ह्र. सु. 22/12
तत्र द्रवेन गंडूष:, कल्के त कवल: स्मृतम ् || - शा. तृ. खंड 10
गंडूषा मुखपूती: इतत वोपपाललत: तथा ग्रासस्तु कवल: पुमान ्
इतत अमरकोश ||
6. क्र. गंडुष प्रकार द्रव्र्य
1 स्स्नग्र् स्नेहनटथध वटि मर्ुरटम्लवन द्रवयटांनी
ससद्ध िेल
2 शमन दोषशमनटथध पपत्ि तिक्िकषटयमर्ुर द्रवय
क्वटथ
3 शोर्न दोषशोर्नटथध कफ तिक्िक्ूअम्ललवण
उषण द्रवय
4 रोपण मुखगि
व्रणरोपणटथध
मुखगि
व्रणरोपणटथध
कषटय तिक्ि द्रवय
7. घृिटदी स्नेह - गोदुग्र्टदी दुग्र् - मर्ु - शुक्ि - मद्य –
- रस (मटांसरस व स्वरस) – मुत्र - कटांजी आदद वयटर्ीांनुसटर...,
सकल्क ककां वट कल्करदहि
उषण ककां वट सशि
9. अवस्था गंडुष र्योग/द्रव्र्य
दांिहषध दांिचटरे, मुखरोगे च वटतिके सुखोषणमथवट शीिां तिलकल्कोदकां दहिम्
स्वस्थरक्षणटथध तनत्य गडूषटथध िेल अथवट मटांसरस
ऊषट (मररच) आदद उषण द्रवयटांनी दटह झटल्यटस, दटहयुक्ि
मुखपटक,आगांिुज क्षि, पवष-क्षटर-अस्ग्न यटांनी दग्र्
घृि, सशि दुग्र्
मुखशुद्धी, मुखगि व्रण रोपण- दटह , िृषणट मर्ु अथवट मर्ुसमधिि जल
वैरस्य, मुखगि मल व दौगंध्य र्टन्यटम्ल (कटांजी)
सशिां, मुखशोष हरणटथध परम लवनरदहि कटांजी
मुखगि कफसांचय क्षटरटांबू
वटक्त्रलटघवां सुखोषणोदक
गंडूष र्योग
16. क्रमांक ऋतु मुखलेप
१ हेमांि कोलमज्जट,वृषटांमुळ,शटबरां(लोध्र),गौरसषधप
२ सशसशर ससांहीमुळ,तिल(कृ षणतिल),दटवी,यव
३ वसांि दर्धमुल,कपुधर, उशीर,सशरीष
४ ग्रीषम कु मुद,श्वेि कमल,रक्ि कमल,दुवटध,यष्ीमर्ू,चांदन
५ वषटध कृ षणगरू,तिल,उशीर,ज्टमटन्सी,िगर,पद्मकटष्
६ शरद िटलीस,गुांद्रप्ेर,पुण्ड्रेय,यष्ीमर्ू,कटशमूल,िगर,अगरू
मुखलेप – ऋतुनुसार षडलेप