1. टेलीववजन
को िभाबित करने िाले तत्िों के िभाि में हों. 2001 में जि मीटर िाले घरों
की िात खुली थी तो उस ितत यह िात सामने आई थी बक इन घरों को खास
चैनल िेखने के बलए उपहार बिए जा रहे थे. एक चैनल के संपािक िताते हैं
बक आज भी यह ििृबत्त जारी है. अबमत बमिा सबमबत ने भी अपनी बरपोटट में
इस िात का उकलेख बकया है बक उसके सामने कुछ ऐसे मामले लाए गए बजनमें
यह कहा गया बक उपहार िेकर मीटर िाले घरों को िभाबित करने की कोबशश
की गई. कुछ ऐसी बशकायतें भी आई हैं बजनमें यह कहा गया है बक चैनलों के
एजेंट मीटर िाले घरों के माबलकों को िेखने के बलए अपनी ओर से एक टीिी
िे िेते हैं और बजस टीिी में मीटर लगा होता है उस पर अपने बहसाि से चैनल
चलिाकर रेबटंग को िभाबित करते हैं.
तीसरी िात थोड़ी तकनीकी है. टैम के मीटर में िेखे जाने िाले चैनल का नाम
नहीं िजर् होता िबकक यह िजर् होता है बक बकस फ्रीतिेंसी िाले चैनल को िेखा
जा रहा है. िाि में इसका बमलान उस फ्रीतिेंसी पर िसाबरत होने िाले चैनलों की
सूची से कर बलया जाता है. इसमें खेल यह है बक बजस चैनल की टीआरपी बगरानी
भी अनाप-शनाप बिखाना शुरू कर िेते हैं. सिाल उठाने पर कहते हैं बक जो िशर्क
पसंि कर रहे हैं िही हम बिखा रहे हैं. अि अगर बकसी सिवेक्षण में यह िात सामने कोई ऐसी व्यवस्था भी बने जहां
आ जाए बक िशर्क पोनोर्ग्राफी िेखना पसंि करते हैं तो तया चैनलिाले ऐसी सामग्री टीआरपी से संबंकित कशकायत दजर्
भी बिखाना शुरू कर िेंग?' े करने की सुकविा उपलब्ि हो
टीआरपी तय करने की पूरी िबिया में कहीं कोई पारिबशर्ता नहीं है. यही िजह
परंजॉय गुहा ठाकुरता, वरि पत्रकाि
है बक समय-समय पर टीआरपी के आंकड़ों में हेर-फेर के आरोप भी लगते रहे हैं.
अगर ऐसी बकसी गड़िड़ी की िजह से बकसी खराि कायर्िम की टीआरपी िढ़
जाती है तो खतरा इस िात का भी है बक िूसरे चैनल भी ऐसे ही कायर्िमों का हो तो केिल ऑपरेटर उस चैनल की फ्रीतिेंसी िार-िार ििलते रहेंग.े आसान
िसारण करने लगेंग.े ऐसे में एक गलत चलन की शुरुआत होगी. बहंिी खिबरया शब्िों में समझें तो आपके टेलीबिजन में जो चैनल पांच नंिर पर बिखता है उसे
चैनलों के पथभ्रट होने को इससे जोड़कर िेखा और समझा जा सकता है. उठाकर 165 नंिर पर बिखने िाले चैनल की जगह पर रख िेंग.े जाबहर है बक ऐसे
नौ चैनलों में िबरठ पिों पर काम कर चुके ििुध राज कहते हैं, ‘टीआरपी की में जि आपको पांच पर आपका चैनल नहीं बमलेगा तो आप उसे खोजते-खोजते
पूरी िबिया को बिककुल पाक-साफ नहीं कहा जा सकता है. यह मैं अपने अनुभि 165 तक नहीं जाएंगे और पांच नंिर पर बिखाए जाने िाले चैनल को भी नहीं
से कह रहा हूं. रा£ीय थतर पर िेखा जाता है बक चैनलों की रैंबकंग में कोई खास िेखग.े ऐसी बथथबत में पांच नंिर िाले चैनल की रेबटंग बगर जाएगी. चैनल के बितरण
ें
फकर् नहीं होता है. चोटी के तीन चैनल हर हफ्ते अपना थथान ििल लेते हैं लेबकन से जुड़े लोगों के िभाि में आकर यह खेल अतसर थथानीय थतर पर केिल ऑपरेटर
शीषर् पर यही तीन चैनल रहते हैं. ऐसा नहीं होता बक पहले नंिर का चैनल अगले करते हैं. हालांबक, टैम का कहना है बक िह फ्रीतिेंसी में होने िाले इस तरह के
सप्ताह छठे या सातिें थथान पर चला जाए. जिबक बिहार में ऐसा खूि हो रहा है. ििलािों पर नजर रखती है और उसके बहसाि से रेबटंग तय करती है. पर इस क्षेि
इस सप्ताह जो चैनल पहले पायिान पर है िह अगले सप्ताह छठे थथान पर पहुंच के जानकारों का कहना है बक व्यािहाबरक तौर पर यह संभि नहीं है बक ऑपरेटर
जाता है और छठे-सातिें िाला पहले पायिान पर. ऐसा नहीं है बक बिहार के िशर्कों िारा हर िार फ्रीतिेंसी में बकए जाने िाले ििलाि को टैम के लोग पकड़ सकें.
की पसंि इतनी तेजी से ििल रही है िबकक कहीं न कहीं यह टीआरपी की िबिया सिाल यह भी है बक जो मीटर बकसी घर में लगाए जाते हैं िे बकतने समय
में मौजूि खाबमयों की ओर इशारा करता है.’ तक िहां रहते हैं और मीटर लगने िाले घरों में ििलाि की तया बथथबत है.
ििुध राज अचानक होने िाले इस तरह के ििलाि को लेकर बजन खाबमयों इस िाित टैम ने कोई आबधकाबरक जानकारी नहीं िी. िैसे टैम यह िािा करती
की ओर इशारा कर रहे हैं, िे िो थतर पर संभि हैं. पहली िात तो यह है बक बिहार है बक हर साल िह 20 फीसिी मीटर घरों में ििलाि करती है. टैम ने
के बजन घरों में मीटर लगे हुए हैं उन घरों से बमलने िाले आंकड़ों के साथ टैम में गोपनीयता का िाथता िेते हुए यह िताने से भी इनकार कर बिया बक बकन घरों
छेड़छाड़ होती हो. ऑफ बि बरकॉडट िातचीत में कई खिबरया चैनलों के संपािक में उसने मीटर लगाए हुए हैं. टैम के अबधकारी उन घरों का पता िताने के बलए
ऐसे आरोप लगाते हैं, लेबकन खुलकर कोई इसबलए नहीं िोलता बक इसी टीआरपी भी तैयार नहीं हुए जहां पहले मीटर लगे हुए थे लेबकन अि हटा बलए गए हैं.
के जबरए उनके चैनल के िशर्कों की संयया भी तय होनी है. हालांबक, अबमत बमिा सबमबत ने इस िात की बसफाबरश जरूर की है बक
िूसरी संभािना यह है बक बजन घरों में टैम के मीटर लगे हुए हैं िे रेबटंग टीआरपी की िबिया में पारिबशर्ता और बिकिसनीयता िढ़ाने के बलए जरूरी
30,000 15,000 660 करोड़
मीटरों की संख्या बढ़ाकर करने की वसफावरश की मीटर ग्रामीण इलाकों में है लगाने का प्रस्ताव रुपये खचर् होने का अनुमान है मीटरों की संख्या
है अवमत वमत्रा सवमवत ने बढ़ाने में
15 अक्टूबर 2011 तहलका आवरण कथा 45