2. ट पणी लेखन
• ट पणी के अ य नाम – ट का, ववृ त,
या या, आ या, अ युि त, ववरण (Noting,
Note, Comment, Remark)
• ट पणी का चलन वा तव म कायालयीन काय• ट पणी का चलन वा तव म कायालयीन काय
को सरल बनाने, उस वषय पर सबका मंत य
एवं नयम के ल खत गटन करने हेतु तथा
मामले का यथाशी न तारण के लए हुआ
है।
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3. ट पणी- प रभाषाएँ
• डॉ ई वर द त, हंद भाषा भाग-2 पृ ठ-6 - कायालय म
आए हुए कसी वचाराधीन प या मामले के न तारण को
सुगम और सरल बनाने के लए सहायक कमचा रय और/या
अ धका रय वारा पूव संदभ, वतमान त य तथा कायवाह
के सुझाव स हत जो अ युि तयाँ (remarks) या आ याएँ
लखी जाती ह उ ह ट पणी कहते ह।
के सुझाव स हत जो अ युि तयाँ या आ याएँ
लखी जाती ह उ ह ट पणी कहते ह।
• उ तर देश सरकार, हंद नद शका, पृ ठ- 18- ट पणी का
उ े य उन बात को, िजन पर नणय करना होता है, प ट
प से तक के अनुसार तुत करना है, साथ ह उन बात
क ओर भी संके त करना है, िजनके आधार पर उसका
नणय संभवतः लया जा सकता है।
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4. ट पणी लेखन का योजन
कारवाई क दशा प ट करना
पूव नणय उपल ध कराना
अ धकार को कारवाई के लए दशा- नदेश उपल ध कराना
व भ न मामल म सं त ट पणी के साथ उ तर का मसौदा
अनुमोदनाथ तुत करनाअनुमोदनाथ तुत करना
व भ न मामल म ट पणी म ि थ त अ प ट होने पर मागदशन
हेतु तुत करना, अ धकार को आव यक सुझाव देना,
उ चा धकार को तुत करना, जो मामले कायालय के
अ धका रय के अ धकार े से बाहर ह उ ह दूसरे कायालय या
मं ी महोदय को दशा- नदश हेतु तुत करना।
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5. ट पणी के अंगट पणी के अंग
• ारंभ – प सं या, दनांक, वभाग....
• वषय – उ े य, वाद न (माँग) (एक से यादा
माँगे ह तो मवार लख।
• कारण – माँग का औ च य
• करण – पूरे त य, संदभ, वतमान व तुि थ त• करण – पूरे त य, संदभ, वतमान व तुि थ त
• तक – नयम एवं था पत यव था
• न कष – (अनुमोदनाथ तुत)
• ट पणीक का नाम- ट पणीक का नाम और
पदनाम। य द अराजप त हो तो बाँई ओर और
अगर राजप त हो तो दाँई ओर ।
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6. ट पणी के कार
ट पणी को मूलतः तीन कार के भाग म
बांटा जा सकता हैः-
1) संरचना के आधार पर
2) कायपरकता के आधार पर2) कायपरकता के आधार पर
3) आवती पर तथा वपूणता के आधार पर
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7. जार ..
संरचना के आधार पर
1) या या मक
2) सूचनाथ
कायपरकता के आधार परकायपरकता के आधार पर
1) अ धकार तर पर - आदेशा मक
2) सहायक तर पर - सूचनाथ/नेमी
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8. या या मक ट पणी
• अ धन थ कमचार या सहायक वारा
• सूचनापरक, सुझावपरक
• व तृत
• पूववत संग , फाईल के संदभ, पुराने नणय,• पूववत संग , फाईल के संदभ, पुराने नणय,
नयम एवं था पत परंपरा.
• नणय एवं समाधान
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9. आदेशा मक ट पणी
• उ चा धका रय वारा
• भाषा आदेशा मक
• या या मक/सूचनाथ ट पणी पर आधा रत
• लघु/अ तलघु
• एक श द क भी हो सकती है।
लघु/अ तलघु
• एक श द क भी हो सकती है।
उदाहरण
Approved – अनुमो दत
Sanctioned – वीकृ त/मंजूर
Please file – कृ पया फाइल कर
Please discuss – कृ पया चचा कर
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10. सूचनाथ ट पणी
• सहायक वारा
• भाषा ववरणामा मक
• आवती पर/ या या मक/पूव ट पणी पर आधा रत
• लघु
उदाहरण
लघु
उदाहरण
Urgent action is required- तुरंत कारवाई अपे त है
Report of progress is still awaited - ग त रपोट क
अभी ती ा है
Formal approval is necessary – औपचा रक अनुमोदन
आव यक है |
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11. आवती पर आधा रत ट पणी
• सामा यतः सहायक वारा लखी जाती है
• योजनः-
ेषक क मांग
मांग का कारणमांग का कारण
संद भत नयम
औ च य
अनुमोदन के वीकाय अथवा अ वीकाय
होने के संबंध मे सुझाव
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14. वपूणता के आधार
• इसे वतःपूण ट पणी कहा जाता है
• यह कसी सम या के समाधान अथवा
आव यकता क पूत हेतु लखी जाती है
• यह सामा यतः वतं होती है• यह सामा यतः वतं होती है
• यह सामा यतः कमचा रय तथा कभी-कभी
अ धका रय वारा लखी जाती है।
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16. ट पणी लेखन के संबंध म कु छ सुझावट पणी लेखन के संबंध म कु छ सुझाव
-- सामा यसामा य
• वषय का ान – ट पणी लेखक को
वचाराधीन वषय का पूण ान होना चा हए
(पुव- नणय, आदेश, स म अ धकार , नयम)
• न प अ भ यि त – प पात का आरोप न• न प अ भ यि त – प पात का आरोप न
लगे ( नयम क सह या या, व तुि थ त क
प टता, सह समय से न तारण)
• यथाथपरक त य का ह उ लेख होना चा हए-
(अ तशयोि त का योग न कर)
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17. ट पणी लेखन के संबंध म कु छ सुझावट पणी लेखन के संबंध म कु छ सुझाव
-- भाषाभाषा
• ट पणी सरल भाषा म, प ट प से सं तता से लख।
• ट पणी क भाषा संयत, अनुशा सत और वन होनी
चा हए।
• वअथ य श द के योग से बचना चा हए।
अंग – शर र का ह सा, अंश(आप तो इस सं था के अंगअंग – शर र का ह सा, अंश(आप तो इस सं था के अंग
थे), देश-अंग देश, बहार, भागलपुर)। मु ा- पया, भाव,)
• सं तीकरण से बच- पी.एम.- धानमं ी, पो ट मा टर,
पो ट माटम, पो ट मर डयम (अपरा न)।पी.एफ. – ो वडे ट
फ ड, पो फॉम। डी.ए. – डेल एलाउ स, डयरनेस
एलाउ स)
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18. ट पणी लेखन के संबंध म कु छ सुझावट पणी लेखन के संबंध म कु छ सुझाव
-- भाषाभाषा
• श द के आलंका रक योग से बच – वह
ग ना चूसता है। धनी गर ब के खून चूसते ह।
• भाषा म ण से बचने का यास
• वतनी का वशेष यान रख- सुर-सूर, बन-• वतनी का वशेष यान रख- सुर-सूर, बन-
बीन, दन-द न, हंस-हँस, सवार-सवाँर, सर-शर,
कोस-कोश-कोष
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25. ट पणी लेखन के संबंध म कु छ सुझावट पणी लेखन के संबंध म कु छ सुझाव
-- भाषाशैलभाषाशैल
3-शु क-धारा 14 क उप-धारा (1) के अधीन संबं धत त थ
या उसके बाद श क- श ण म कोई भी पा य म या
श ण चलाने या चलाने क इ छा रखने वाल कसी भी
सं था वारा अ ध नयम के अंतगत मा याता ा त करने
हेतु संबं धत े ीय स म त को कया गया येक आवेदन
और धारा 15 क उप धारा ( ) के अधीन मा यता ा त
हेतु संबं धत े ीय स म त को कया गया येक आवेदन
और धारा 15 क उप धारा (I) के अधीन मा यता ा त
सं था वारा कसी वतमान पा य म के मामले म
वेशा थय क सं या बढ़ाने या श क- श ण स म त को
कए गए येक आवेदन के साथ 40,000/- पए का शु क
संल न होना चा हए परंतु सरकार सं थाओं को इस नयम
के अधीन शु क के भुगतान से छू ट ा त होगी।
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26. या ना करया ना कर--
• मूल प पर कभी भी ट पणी ना कर।
• कसी त य का खंडन/अनुमोदन यि तगत तर
पर ना कर।
• थम पु ष एक वचन (म, मने) के योग से
बच।बच।
• ट पणी म गलती होने पर नोटशीट पर ओवर
राइट करना, कसी ह सी पर लूड लगाना,
फाड़ना, आधे नोट चपकाना कसी भी ि थ त म
न कर। नो टंग म गलती होने पर उसे काट द
और उसके नीचे या नए नोटशीट पर ट पणी
लख।
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27. ट पणी लेखन म योग होने वाले कु छ
वा यांश
Above cited - ऊपर दया गया
Above mentioned - ऊपर लखे हुए
Based on fact – त य पर आधा रत
Bearing of question – न से संबं धत
Call for an explanation – प ट करण मांगना
Cannot be acceded to – वीकार नह ं कया जा सकता
Draft may be amended – ा प को तदनुसार संशो धत कया जाय
उ चत प से हसाब देना
ा प को तदनुसार संशो धत कया जाय
Due account of – उ चत प से हसाब देना
Earliest possible moment – यथासंभव शी
Early reply is solicited – उ तर शी भेजने क ाथना है
For administrative approval – शास नक अनुमोदन हेतु
Formal approval is necessary – औपचा रक अनुमोदन आव यक है |
Give top priority to this case – कृ पया इस ममले को परम अ ता द जाए
Grant has been sanctioned - अनुदान मंजूर कर दया गया है
Half day allowance not admissible - आधा दै नक भ ता देय नह ं
Has been repeatedly told - को बार बार बताया गया है
In case of any difference - मतभेद क ि थ त म
In principle accepted - स ांत प म वीकृ त
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28. ट पणी लेखन म योग होने वाले कु छ
वा यांश
Justification - औ च य
Justified by the court - यायालय वारा यायानुमत
Keeping in view - को यान म रखते हुए
Keep matter pending - मामले को अभी छोड़ द।
Licensed to work - काय के लए लाइस ड ा त
Line of action is needed - काय क दशा आव यक है
Matter is under consideration - मामला वचाराधीन है
कृ पया मामल का अनुमोदन कर
Matter is under consideration - मामला वचाराधीन है
Matter may be approved - कृ पया मामल का अनुमोदन कर
Notice Inviting tenders - न वदा माँगने क सूचना
No such allowance be passed- वैसा कोई भ ता पास न कया जाए
Obtain sanction formally - औपचा रक वीकृ त ल
On the completion of probation - प रवी ा क समाि त पर
Please discuss - कृ पया बात कर
Quotations may be obtain - भाव दर ा त क जा सकती ह
Quick action is required in the case मामले म त काल कारवाई अपे त है
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29. ट पणी लेखन म योग होने वाले कु छ
वा यांश
Reliable evidence is lacking - व वसनीय सा य का अभाव है
Report of progress is still awaited - ग त रपोट क अभी ती ा है
Sanctioned as proposed - सुझाव के अनु प वीकृ त
Suspended from service - नौकर से नलं बत कया जाना
Temporary post may be - अ थायी पद को थायी पद म बदल दया जाए
Converted into permanent
पहले के कागजात का पता लगाएँ
Converted into permanent
Trace out the previous paper - पहले के कागजात का पता लगाएँ
Urgent action is required - तुरंत कारवाई अपे त है
Utmost care may be taken -अ य धक सावधानी रखी जाए
Verified and found correct - स यापन कया गया और ठ क पाया गया
Verified copy of certificate - माण प क स या पत त
Without any further delay - बना कसी वल ब के
With reference to - के स दभ म
Your approval is essential - आपक वीकृ त अ नवाय है
Your advice is essential - आपक सलाह अ नवाय है
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