2. जल क्या है
जल एक प्रक्रति का अनुपम्प वरदान है ! प्राचीन मान्यिा
के अनुसार जल को ित्व माना गया है ! परन्िु आधुतनक
वैज्ञातनक इसे ित्व नह ीं योगगक मानिे है ! सन १७८१
के वेगधश नामक वैज्ञातनक ने वैज्ञातनक आधार पर ससद्ध
ककया की पानी हाईट्रोजन एवीं आक्सीजन का योगगक है
!सन १७८३ में लेवेसशयर ने अनुसधान ककया की जल
योगगक है उसने सूत्र ददया –h 2 O अर्ााि हाईट्रोजन का दो
भाग आर आक्सीजन का एक भाग समलकर जल बनिा है
!यह जल प्राण धाररयों के जीवन का मूल आधार है !
जल में हाईट्रोजन एवीं आक्सीजन का भार य अनुपम 1:8
है
3. जल के सा है
जल रींगह न गींधह न स्वादह न एवीं पारदशी पदार्ा है !यह
प्रक्रति में ववस्त्रि रूप से वविररि पदार्ा है !प्रथ्वी का
७०% भाग जल मींडल से तिरा हुवा है ! यह गेस जीववि
पदार्ो का यह आवश्यक अवयव है मानव सर र में यह
६५ से ७० % जमीनी पोधो में ५० से ७५% मछसलयों में
८०% िर्ा ककडी में ९७% पाया जािा है ! जल िाप एवीं
ववधुि का एक सुचालक है ! यह सवोिम ववलायक पदार्ा
है जल 100 डडग्री पर उबलिा है !और ० डडग्री पर जमिा
है !