जा को राखे साइयाँ by डॉ. आशा चौधरी किताब के बारे में... "मेरे बचपन का काफी समय मध्य प्रदेश के दूरदराज कस्बों गांवों में बीता क्योंकि तब मेरे पापा पुलिस विभाग में थानेदार थे। वे उनमें से थे जिनका ज़मीर सदा भरपूर जीवित रहा। इमानदारी व सच्चाई उनके खून में बहती थीं। इसलिए मेरे पास बचपन की याद के तौर पर रहस्य व रोमांच से भरी कई सच्चाइयां हैं जिनमें से एक आपके सामने उपन्यास के रूप में रख रही हूं। यकीन मानिए यह मात्र किस्सा कहानी नहीं बल्कि सच और केवल सच है। यदि आप इस पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए लिंक से इस पुस्तक को पढ़ें या नीचे दिए गए दूसरे लिंक से हमारी वेबसाइट पर जाएँ! https://hindi.shabd.in/ja-ko-rakhe-saiyan-do-asha-chaudhari/book/10093584 https://shabd.in/