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कै सा आपके बच्चे को प्राकृ तिक आपदा के बाद मदद करना
बच्चे अपने समर्थन के लिए माता-पपता को देखते हैं। आप अपने बच्चे के लिए बहुत ज़रूरी हैं। आपदा के
बाद आप अपने बच्चे को सुरक्षित महसूस करवाने के लिए मदद कर सकते हैं।
अपने बच्चे को सुरक्षिि महसूस करवाने के लिए मदद कीजिए। अपने बच्चे के पास रहहए। यह उसको
सुरक्षित महसूस करने के लिए मदद करेगा। उसे गिे िगाइए और उसे अपने पास रखखए। उसको कहहए कक
आप उसका ख्याि रखेंगे। अपने बच्चे को आश्वासन देने के लिए उसको कहहए "मैं तुम्हारे लिए यहााँ
हूाँ।" पसंदीदा गाना गाइए, पसंदीदा कहानी बताइए, पसंदीदा खेि खेलिए, और पररचचत खाना खाइए।
जििना मुमककन है उिना ददनचर्ाा की आदिें रखिए। बच्चे हदनचयाथ के सार् ज़्यादा अच्छे होते हैं। अपने
पररवार के सोने से पहिे ननयलमत हदनचयाथ का पािन कीजिए िैसे कक रात का खाना सार् में खाइए, हदन के
बारे में बात कीजिए, और तपस्या कीजिए। अपने पररवार के आसपास पररचचत िोगों
रखखए। उनको समर्थन दीजिए और उनसे समर्थन िीजिए। जितना आप कर पाते हैं उतना अपने बच्चे को
समझाइए कक क्या हो रहा है और आगे क्या हो सकता है। अगर स्कू ि खुिा है तो अपने बच्चे को स्कू ि िाने
की मदद कीजिए। स्कू ि में पररचचत गनतपवहदयों से बच्चे का सही तरीके से समय का उपयोग होगा और
जज़न्दगी वापस सामान्य हो िाएगा।
ध्र्ान से सुतनए और अपने बच्चे के सवािों के िवाब दीजिए। शायद आपका बच्चा आप से मुजश्कि सवाि
पूछेगा; ये सवाि मौत या प्राकृ नतक आपदा के बारे में हो सकते हैं। जितना आप कर पाते हैं उतना आसान
तथ्यों से िवाब देकर समझाइए। अगर आपको सब िवाब मािूम नहीं हैं तो चचंता मत कीजिए (यह ठीक है)।
अपने बच्चे का व्र्वहार समखिए। आपदा के बाद आपके बच्चे का व्यवहार शायद बदिेगा। कु छ बच्चे
शायद अपने अंगूठों चूसेंगे, पेट में ददथ की लशकायत करेंगे, या चचड़चचड़े होंगे। शायद वे अाँधेरे और अके िे होने
से भयभीत होंगे। शायद वे बुरे सपने देखेंगे और सोने में परेशानी होगी। शायद वे रोएंगे, गुस्सा व्यक्त करेंगे,
बहस करेंगे, या दूसरे िोगों के सार् िड़ेंगे। शायद वे आपके सार् चचपटेंगे। यह सामान्य है। धैयथ
रखखए। अपने बच्चे को कहहए कक आप उसके लिए वहााँ हैं।
अपने बच्चे को उसकी भावनाओं को समिने के लिए मदद कीजिए। आपका बच्चा शायद भयभीत, परेशान,
दुखी, या गुस्सा होगा। शायद उसको िगेगा कक वह अपने काबू में नहीं है। अपने बच्चे को इन भावनाओं का
वर्थन करने में मदद कीजिए और उसे कहहए कक ये भावनाएाँ सामान्य हैं। आपदा के बाद बहुत िोग ये
भावनाएाँ महसूस करते हैं। अपने बच्चे की भावनाओं को व्यक्त करने में मदद कीजिए जिस्से उसको और
दूसरों को चोट नहीं पहुाँचेगी। गहरी भावनाओं को ननकाि देने के लिए शारीररक गनतपवचधयों को प्रोत्साहहत
कीजिए। हािााँकक हरेक बच्चा अिग होता है। कु छ बच्चे खेिना-कू दना चाहते हैं और दूसरे अपने माता-पपता
के पास रहना चाहते हैं।
अपने बच्चे को उसके ववचारों और भावनाओं को व्र्क्ि करने में सहार्ि कीजिए। कु छ बच्चे आपदा या
अपने डर के बारे में बात करना नहीं चाहते हैं। यह ठीक है। वे खुद को दूसरे तरीकों से व्यक्त कर सकते
हैं। वे चचत्र खींचकर, लिखकर, या कु छ बना सकते हैं। वे शायद पसंदीदा कहानी बताना या खेि खेिना
चाहेंगे। शायद वे अपने दोस्त के लिए कु छ लिखना या कु छ अच्छा करना चाहेंगे।
अपने बच्चे को उसके अनुभव बिाने में मदद कीजिए। जिस समय जज़न्दगी सामान्य वापस होती है उस
समय में अपने बच्चे को आपदा के बारे में बोिने में प्रोत्साहहत कीजिए। यह उसे क्या हुआ समझने के लिए
मदद करेगा। अपने बच्चे को आपदा के बारे में चचाथ करने, लिखने, या चचत्र खींचने में मदद कीजिए। आपदा
से पहिे, उसके दौरान, और उसके बाद क्या हुआ, उसके बारे में बोलिए। िो भी हुआ, उसके बारे में बच्चे की
भावनाएाँ शालमि कीजिए। जिस दौरान आपका पररवार और समुदाय उबर कर रहे हैं उस समय भी अपने
बच्चे को उसके अनुभव व्यक्त करने की मदद दीजिए। इसमें आशा बेहतर भपवष्य के लिए शालमि कीजिए।
अपने बच्चे को आशा और तनरपेििा ददिाइए। अपने पवश्वासों के बारे में बात कीजिए और आशावादी
रहहए। आपके बच्चे को पता रहना चाहहए कक आप बेहतर भपवष्य के लिए आशा करते हैं। बहुत ज़्यादा समय
आपदा के बारे में बात करके और टीवी पर न्यूज़ देखकर मत बबताइए। ये आपके बच्चे की चचंताओं को बढ़ा
सकता है।
समुदार् का समर्ान िीजिए। माता या पपता होते हुए, शायद आप र्का हुआ महसूस करेंगे और आपको स्वयं
समर्थन चाहहए होगा। समुदाय की गनतपवचधयों और सभाओं में, धालमथक अनुष्ठानों में, और रस्मों में भाग
िीजिए, दोस्तों के सार् गनतपवचधयों को प्रोत्साहहत कीजिए, और पूरे पररवार के सार् िुड़ड़ए। अगर आपके
पास सवाि है या आपको आपके बच्चे के लिए मदद चाहहए तो समर्थन का अनुरोध कीजिए। आप अके िे नहीं
हैं। वयस्क होते हुए, हम सब को एक दूसरे का समर्थन िेना और देना चाहहए।

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  • 1. कै सा आपके बच्चे को प्राकृ तिक आपदा के बाद मदद करना बच्चे अपने समर्थन के लिए माता-पपता को देखते हैं। आप अपने बच्चे के लिए बहुत ज़रूरी हैं। आपदा के बाद आप अपने बच्चे को सुरक्षित महसूस करवाने के लिए मदद कर सकते हैं। अपने बच्चे को सुरक्षिि महसूस करवाने के लिए मदद कीजिए। अपने बच्चे के पास रहहए। यह उसको सुरक्षित महसूस करने के लिए मदद करेगा। उसे गिे िगाइए और उसे अपने पास रखखए। उसको कहहए कक आप उसका ख्याि रखेंगे। अपने बच्चे को आश्वासन देने के लिए उसको कहहए "मैं तुम्हारे लिए यहााँ हूाँ।" पसंदीदा गाना गाइए, पसंदीदा कहानी बताइए, पसंदीदा खेि खेलिए, और पररचचत खाना खाइए। जििना मुमककन है उिना ददनचर्ाा की आदिें रखिए। बच्चे हदनचयाथ के सार् ज़्यादा अच्छे होते हैं। अपने पररवार के सोने से पहिे ननयलमत हदनचयाथ का पािन कीजिए िैसे कक रात का खाना सार् में खाइए, हदन के बारे में बात कीजिए, और तपस्या कीजिए। अपने पररवार के आसपास पररचचत िोगों रखखए। उनको समर्थन दीजिए और उनसे समर्थन िीजिए। जितना आप कर पाते हैं उतना अपने बच्चे को समझाइए कक क्या हो रहा है और आगे क्या हो सकता है। अगर स्कू ि खुिा है तो अपने बच्चे को स्कू ि िाने की मदद कीजिए। स्कू ि में पररचचत गनतपवहदयों से बच्चे का सही तरीके से समय का उपयोग होगा और जज़न्दगी वापस सामान्य हो िाएगा। ध्र्ान से सुतनए और अपने बच्चे के सवािों के िवाब दीजिए। शायद आपका बच्चा आप से मुजश्कि सवाि पूछेगा; ये सवाि मौत या प्राकृ नतक आपदा के बारे में हो सकते हैं। जितना आप कर पाते हैं उतना आसान तथ्यों से िवाब देकर समझाइए। अगर आपको सब िवाब मािूम नहीं हैं तो चचंता मत कीजिए (यह ठीक है)। अपने बच्चे का व्र्वहार समखिए। आपदा के बाद आपके बच्चे का व्यवहार शायद बदिेगा। कु छ बच्चे शायद अपने अंगूठों चूसेंगे, पेट में ददथ की लशकायत करेंगे, या चचड़चचड़े होंगे। शायद वे अाँधेरे और अके िे होने से भयभीत होंगे। शायद वे बुरे सपने देखेंगे और सोने में परेशानी होगी। शायद वे रोएंगे, गुस्सा व्यक्त करेंगे, बहस करेंगे, या दूसरे िोगों के सार् िड़ेंगे। शायद वे आपके सार् चचपटेंगे। यह सामान्य है। धैयथ रखखए। अपने बच्चे को कहहए कक आप उसके लिए वहााँ हैं। अपने बच्चे को उसकी भावनाओं को समिने के लिए मदद कीजिए। आपका बच्चा शायद भयभीत, परेशान, दुखी, या गुस्सा होगा। शायद उसको िगेगा कक वह अपने काबू में नहीं है। अपने बच्चे को इन भावनाओं का वर्थन करने में मदद कीजिए और उसे कहहए कक ये भावनाएाँ सामान्य हैं। आपदा के बाद बहुत िोग ये भावनाएाँ महसूस करते हैं। अपने बच्चे की भावनाओं को व्यक्त करने में मदद कीजिए जिस्से उसको और दूसरों को चोट नहीं पहुाँचेगी। गहरी भावनाओं को ननकाि देने के लिए शारीररक गनतपवचधयों को प्रोत्साहहत कीजिए। हािााँकक हरेक बच्चा अिग होता है। कु छ बच्चे खेिना-कू दना चाहते हैं और दूसरे अपने माता-पपता के पास रहना चाहते हैं।
  • 2. अपने बच्चे को उसके ववचारों और भावनाओं को व्र्क्ि करने में सहार्ि कीजिए। कु छ बच्चे आपदा या अपने डर के बारे में बात करना नहीं चाहते हैं। यह ठीक है। वे खुद को दूसरे तरीकों से व्यक्त कर सकते हैं। वे चचत्र खींचकर, लिखकर, या कु छ बना सकते हैं। वे शायद पसंदीदा कहानी बताना या खेि खेिना चाहेंगे। शायद वे अपने दोस्त के लिए कु छ लिखना या कु छ अच्छा करना चाहेंगे। अपने बच्चे को उसके अनुभव बिाने में मदद कीजिए। जिस समय जज़न्दगी सामान्य वापस होती है उस समय में अपने बच्चे को आपदा के बारे में बोिने में प्रोत्साहहत कीजिए। यह उसे क्या हुआ समझने के लिए मदद करेगा। अपने बच्चे को आपदा के बारे में चचाथ करने, लिखने, या चचत्र खींचने में मदद कीजिए। आपदा से पहिे, उसके दौरान, और उसके बाद क्या हुआ, उसके बारे में बोलिए। िो भी हुआ, उसके बारे में बच्चे की भावनाएाँ शालमि कीजिए। जिस दौरान आपका पररवार और समुदाय उबर कर रहे हैं उस समय भी अपने बच्चे को उसके अनुभव व्यक्त करने की मदद दीजिए। इसमें आशा बेहतर भपवष्य के लिए शालमि कीजिए। अपने बच्चे को आशा और तनरपेििा ददिाइए। अपने पवश्वासों के बारे में बात कीजिए और आशावादी रहहए। आपके बच्चे को पता रहना चाहहए कक आप बेहतर भपवष्य के लिए आशा करते हैं। बहुत ज़्यादा समय आपदा के बारे में बात करके और टीवी पर न्यूज़ देखकर मत बबताइए। ये आपके बच्चे की चचंताओं को बढ़ा सकता है। समुदार् का समर्ान िीजिए। माता या पपता होते हुए, शायद आप र्का हुआ महसूस करेंगे और आपको स्वयं समर्थन चाहहए होगा। समुदाय की गनतपवचधयों और सभाओं में, धालमथक अनुष्ठानों में, और रस्मों में भाग िीजिए, दोस्तों के सार् गनतपवचधयों को प्रोत्साहहत कीजिए, और पूरे पररवार के सार् िुड़ड़ए। अगर आपके पास सवाि है या आपको आपके बच्चे के लिए मदद चाहहए तो समर्थन का अनुरोध कीजिए। आप अके िे नहीं हैं। वयस्क होते हुए, हम सब को एक दूसरे का समर्थन िेना और देना चाहहए।