अलसी - एक चमत्कारी आयुवर्धक, आरोग्यवर्धक दैविक भोजन
“पहला सुख निरोगी काया, सदियों रहे यौवन की माया।” आज हमारे वैज्ञानिकों व चिकित्सकों ने अपनी शोध से ऐसे आहार-विहार, आयुवर्धक औषधियों, वनस्पतियों आदि की खोज कर ली है जिनके नियमित सेवन से हमारी उम्र 200-250 वर्ष या ज्यादा बढ़ सकती है और यौवन भी बना रहे। यह कोरी कल्पना नहीं बल्कि यथार्थ है। आपको याद होगा प्राचीन काल में हमारे ऋषि मुनि योग, तप, दैविक आहार व औषधियों के सेवन से सैकड़ों वर्ष जीवित रहते थे। इसीलिए ऊपर मैंने पुरानी कहावत को नया रुप दिया है। ऐसा ही एक दैविक आयुवर्धक भोजन है “अलसी” जिसकी आज हम चर्चा करेंगें।
पिछले कुछ समय से अलसी के बारे में पत्रिकाओं, अखबारों, इन्टरनेट, टी.वी. आदि पर बहुत कुछ प्रकाशित होता रहा है। बड़े शहरों में अलसी के व्यंजन जैसे बिस्कुट, ब्रेड आदि बेचे जा रहे हैं। भारत के विख्यात कार्डियक सर्जन डॉ. नरेश त्रेहान अपने रोगियों को नियमित अलसी खाने की सलाह देते हैं ताकि वह उच्च रक्तचाप व हृदय रोग से मुक्त रहे। विश्व स्वास्थ्य संगठन (W.H.O.) अलसी को सुपर स्टार फूड का दर्जा देता है। आयुर्वेद में अलसी को दैविक भोजन माना गया है। मैंने यह भी पढ़ा है कि सचिन के बल्ले को अलसी का तेल पिलाकर मजबूत बनाया जाता है तभी वो चौके-छक्के लगाता है और मास्टर ब्लास्टर कहलाता है। आठवीं शताब्दी में फ्रांस के सम्राट चार्ल मेगने अलसी के चमत्कारी गुणों से बहुत प्रभावित थे और चाहते थे कि उनकी प्रजा रोजाना अलसी खाये और निरोगी व दीर्घायु रहे इसलिए उन्होंने इसके लिए कड़े कानून बना दिए थे।
यह सब पढ़कर मेरी जिज्ञासा बढ़ती रही और मैंने अलसी से सम्बन्धित जितने भी लेख उपलब्ध हो सके पढ़े व अलसी पर हुई शोध के बारे में भी विस्तार से पढ़ा। मैं अत्यंत प्रभावित हुआ कि ये अलसी जिसका हम नाम भी भूल ग
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19.
20. लाभ
शुभ
रेयनमः
।।श्री राधा गोिवन्दाय नमः।।
।।श्री नामदेवाय नमः
शभ प�रणय क� आई बेला सजी धजी है पालक�
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िनिकता िनितन लग रहे जैसे जोड़ी सीता राम क�
अलसी मैया के शुभआशीवार ्द स
आयुष्मित िनिकता
संग
आयुष्मान िनित
सपत्री श्रीमती उमा एवं श्री रमेश चंद्र खींची सुपुत्र श्रीमती �क्मणी ए झिड़या
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के मंगल प�रणयोत्सव
के सअवसर पर सप्रेमभ
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