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हरियाणादैिनकभास्कर, पानीपत, बुधवार, 18 मार्च, 2015 2
काटूिर्नस्ट राजेन्द्र वर्मा ‘खुबड़ू’ की नजर में कैप्टन का बजट
हुड्डा ने बजट को बताया ब्याह का गीत
^पूर्व सीएम भूपेंद्र
सिंह हुड्डा ने
बजट की तुलना
ब्याह के गीत से
की। बोले, ‘ये गीत
अच्छे होते हैं, सच्चे
नहीं।’ भाजपा ने 157 वादे किए थे लेकिन
बजट में एक भी पूरा नहीं किया। किसी को
कोई राहत नहीं दी गई है। बल्कि प्रदेश पर
कर्जे के लिए ये सरकार हमें कोसती रही,
लेकिन अब भाजपा ही प्रदेशवासियों पर
करीब 26,000 करोड़ का कर्ज बढ़ाएगी।
हमारे कार्यकाल में प्रदेश पर करीब 71,000
करोड़ रुपए का कर्जा था, जो अगले वित्तीय
वर्ष में बढ़कर 98,000 करोड़ रुपए होने
कोरा है बही-खाता : रणदीप सुरजेवाला
^कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने टिप्पणी की,
‘विकास नहीं खाका, कोरा है बही खाता।’ बोले, सरकार ने
विकास कार्यों पर बजट बढ़ाने के बजाय घटा दिया है। वर्ष 2014-15
में प्लान बजट 32,731 करोड़ रुपए था। बजट में 25,753 करोड़
रुपए का प्रावधान है। 5106.21 करोड़ रुपए केंद्रीय सहायता के घटा
दिए जाएं तो प्लान बजट 20,637 करोड़ रुपए ही रह जाता है।
कांग्रेस के बजट की
कार्बन कॉपी : चौटाला
^विपक्ष के
नेता एवं
इनेलो विधायक
अभय चौटाला
ने इस बजट
को कांग्रेस के
बजट की कार्बन
कॉपी बताया। उन्होंने कहा कि इस
सरकार ने बजट में नए की उम्मीद
थी, लेकिन बजट वैसा ही है, जैसा
कांग्रेस के शासनकाल में 10 साल
तक मिला।
जुमलों का बजट है : किरण
^कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अशोक तंवर और कांग्रेस विधायक
दल की नेता किरण चौधरी ने इस जुमलों का बजट कहा। तंवर
बोले, सरकार ने जनता को कुछ नहीं दिया। किरण बोलीं, ‘यह
पुरानी बोतल में नई शराब जैसा है।’
कांग्रेस ने वादों पर भाजपा को घेरा, इनेलो बोला-नयापन नहीं मिला
संतुलित बजट,सबकी आकांक्षाओं
पर खरा उतरेगा- मनोहर लाल
^हमारी सरकार का
पहला बजट दूरदर्शी
है। यह राज्य में संतुलित
विकास के एक नए युग
का सूत्रपात करेगा। किसी
प्रकार के नए कर लगाए
बिना सोशल सेक्टर पर फोकस किया गया
है। बजट से राज्य के रुके हुए ग्रोथ इंजन
को गति मिलेगी, इससे और अधिक निवेश
आकर्षित होगा तथा युवाओं के लिए रोजगार
सृजित होंगे। युवाओं के कौशल विकास को
प्राथमिकता देकर तथा क्षेत्रों और सामाजिक
समूहों में असमानताओं पर विराम लगाते हुए
प्रदेश वासियों की आकांक्षाओं पर खरा उतरने
का काम करेगा। हमारे बजट का एक ही
मकसद है- "सबका साथ सबका विकास।'
सीएम का दावा
एक नजर में
प्रति व्यक्ति आय : (प्रचलित दरों पर)
कुल बजट
2015-16 	69140.29
2014-15 	 61449.82
राजस्व घाटा
2015-16 	9,557.52
2014-15 	 9499.96
राजकोषीय घाटा
2015-16 	16423.58
2014-15 	 15628.92
प्लान बजट
2015-16 	25743.46
2014-15 	 22109.58
किससेक्टरकोकितनामहत्व
पूर्व वित्तमंत्रियोंकीनिगाहसे
कर्जा अौर घाटा बढ़ेगा, विकास
की रफ्तार घटेगी : संपत सिंह
हिसार | कर्जा और घाटा बढ़ेगा। इसका असर आम
आदमी की जेब पर पड़ेगा। विकास की गति धीमी
होगी। आगामी वित्त वर्ष में हरियाणा पर अनुमानित
98,843 करोड़ रुपए कर्ज का बोझ हो जाएगा।
इसमें 17 हजार करोड़ आगामी एक वर्ष में लेंगे।
आज तक हरियाणा ने पांच से दस हजार करोड़
से ज्यादा कर्जा नहीं लिया था। इतना कर्जा लेने के
बावजूद इतना कम खर्च करेंगे। इसी तरह सरकारी
योजनाओं की बात करें तो 2013-14 में 13,930
करोड़ रुपये खर्च हुए थे। 2014-15 में अनुमानित
खर्च 21,327 करोड़ रुपये होगा। 2015-16 के
लिए 24, 870 करोड़ का बजट बना है। जो पिछले
साल की तुलना में 16.61 प्रतिशत अधिक है जबकि
उससे पिछले साल में 53 प्रतिशत बढ़ा था। इसका
मतलब लोगों पर खर्च कम करेंगे।
2015-16
बजट
2015-16 	1,47,076
2014-15 	 1,33,427
राशि करोड़ रुपए में
राज्य का खजाना खाली नहीं है ः अभिमन्युघोषणापत्र लागू करने के जवाब में कहा-चुनावी वादे पूरे करने के लिए चार साल पड़े हैं
{वित्तीय चुनौतियों से कैसे निबटेंगे ?
पिछले एक दशक में अर्थव्यवस्था चरमरा
गई है। इसकी वजह राजस्व प्राप्तियां कम
होना और खर्चों में पारदर्शिता का अभाव रहा
है। नीतिगत फैसले अटके हैं। योजनागत
और गैर योजनागत व्यय का अनुपात कम
करके निबटने की कोशिश कर रहे हैं।
{कर्ज-खाली खजाना, वादे कैसे पूरे होंगे?
खजाना खाली वाली स्थिति नहीं है। व्हाइट
पेपर के माध्यम से हमने प्रदेश की स्थिति
जनता के सामने रखी है। सामान्य रूप
से प्रदेश को पिछली सरकार के समय
20 हजार करोड़ का टैक्स रेवेन्यू मिल
सकता था, जो नहीं मिला। फिर भी मैं यह
कहूंगा कि कर्ज लेना गलत नहीं है, केंद्रीय
सहायता के अलावा भी अपनी कैपेसिटी में
कर्ज लिया जा सकता है। चुनावी वायदों को
पूरा करने के लिए 4 साल हैं।
{प्रदेश में काफी समय से माइनिंग बंद है ?
प्रयास कर रहे हैं कि जल्दी माइनिंग शुरू
हो। इससे सरकार को राजस्व, युवाओं को
रोजगार और लोगों को सस्ती निर्माण सामग्री
मिलेगी। छोटे-छोटे प्लॉट साइज करके
लाइसेंस देने के प्रयास कर रहे हैं।
{ केंद्र से सीएसटी की बकाया राशि क्या
सरकार को मिल गई है ?
- मेरी केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा से
बात हुई है। सीएसटी की बकाया राशि में से
750 करोड़ 20 तक देने को राजी हैं।
{केंद्रनेटैक्सरेवेन्यूमेंराज्योंकाहिस्सा
10फीसदीबढ़ायाहै,लेकिनकुछस्कीमोंमें
फंडिंगबंदकीहैअसरक्यापड़ेगा?
- यह सही है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने राज्यों
को अधिक वित्तीय स्वायत्ता दी है। इसमें
सर्विस टैक्स को भी शामिल कर लिया
गया है। केंद्र की 100,75 और 50 फीसदी
शेयरिंग योजनाओं का पैटर्न बदल रहा है।
इसका असर अगले साल तक हरियाणा की
अर्थव्यवस्था पर आएगा।
सत्ता संभालने के तुरंत बाद मनोहर लाल खट्टर
सरकार भले ही खजाना खाली बताकर पिछली
सरकार पर प्रदेश की आर्थिक स्थिति बिगाड़ने
का आरोप लगाती रही, लेकिन वित्त मंत्री कैप्टन
अभिमन्यु का मानना है कि राज्य में खजाना
खाली वाली स्थिति नहीं है। उन्होंने माना कि
केंद्रीय बजट में हाल ही कुछ स्कीमों में सहायता
बंद करने और कुछ का फंडिंग पैटर्न बदलने
का राज्य की वित्तीय व्यवस्था पर इस साल
तो नहीं लेकिन अगले साल से असर पड़ना
शुरू हो जाएगा। प्रदेश के आर्थिक हालात और
चुनौतियों को लेकर वित्त मंत्री ने दैनिक भास्कर
के स्टेट ब्यूरो चीफ गिरिराज अग्रवाल के
साथ बातचीत की। बातचीत के प्रमुख अंशः-
वित्त मंत्री के बोल
बजट से पहले
फोटो : अश्विनी राणा
सेक्टर	 इस बार	 पिछली बार
सिंचाई 	 2351.74 	 2209.87
बिजली 	 6546.91	 5979.02
शिक्षा, खेल 	 11907.09 	 10516.09
तकनीकी शिक्षा 	 916.38	 860.02
स्वास्थ्य सेवाएं	 3028.61 	 2646.17
पीएचईडी 	 2671.55 	 2582.89
सोशल वेलफेयर	 5295.11	 4538.45
इंडस्ट्री एंड मिनरल्स	 219.74	 174.95
ट्रांसपोर्ट 	 2249.38 	 2077.53
कृषि एवं संबद्ध सेवाएं 	 2354.67	 1954.25
पुलिस	 3003.45 	 2788.29
रोड एंड बिल्डिंग 	 3291.76	 3088.78
पेंशन	 5900.00	 4800.00
ग्रामीण विकास 	 2734.71	 2241.00
शहरी विकास 	 3409.37	 2538.70
सहकारिता	 281.98	 440.64
राशि करोड़ में प्लान और नॉन प्लान दोनों मद शामिल हैं।
घोषणा-पत्र में वादे किए 157
बजट में पूरा नहीं हुआ एक भी
पहलाबजट|उम्मीदेंलगाएबैठेथेलोगमिलींबसअच्छी-अच्छीबातें
भास्कर न्यूज | चंडीगढ़
मोदी के दिखाए सपने बेचकर पहली बार सूबे की सत्ता
पर काबिज हुई भाजपा ने अपने पहले ही बजट में केंद्र
के आम बजट को ही फॉलो किया है। इसमें आज से
ज्यादा आने वाले कल की बात की है।
भाजपा ने चुनाव घोषणापत्र में 157 वादे किए
थे। इनमें कर्मचारी, किसान, युवा और बुजुर्ग वर्गों को
लुभाने के लिए बड़े बड़े वादे किए थे। लंबी फेहरिस्त
में से एक भी चुनावी वादा बजट में शामिल नहीं किया
गया है। बजट में सरकार की प्राथमिकता पहले माली
हालात को ठीक करना है।
हार्वर्ड से स्टडी कर लौटे फिर बनाया बजट, लेकिन...
वादे		 बजट में क्या असर
{ 24 घंटे बिजली 1000 करोड़ में संभव नहीं
{ पंजाब बराबर वेतन 	  17061 करोड़ में संभव नहीं
{ गरीबों को एक रुपए किलो अनाज	प्रावधान नहीं
{अगले साल केंद्र से 10व12 वीं के
	 स्टूडेंट्स को लैपटॉप प्रावधान नहीं
{ बेरोजगारों को 6000से 9000 भत्ता,  प्रावधान नहीं
{ युव के बिजनेस को 3 लाख सबसिडीप्रावधान नहीं
{छात्राओं को मुफ्त यात्रा	  बजट में कुछ नहीं
{वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त तीर्थ यात्राप्रावधान नहीं
हुड्डा और खट्टर सरकार के बजट में नहीं दिख रहा ज्यादा फर्क
भाजपा की खट्टर सरकार का पहला और इससे पहले की हुड्डा सरकार के अंतिम बजट में कोई फर्क नहीं
है। दोनों बजट एक जैसे ब्यूरोक्रेट्स द्वारा बनाए गए बजट हैं। लीडरशिप का इनमें कोई विजन नहीं है।
कॉमर्स बैंक ग्राउंड से होने के बावजूद इस बजट में वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु का विजन नहीं झलक
रहा। हुड्डा के अंतिम बजट में भी न तो किसी नए कर का प्रावधान किया गया है और न ही मौजूदा करों में
कोई बदलाव किया गया था। इसी लाइन पर भाजपा का बजट है। हुड्डा ने बजट से पहले 3000 करोड़ की
लोकलुभावन घोषणाएं जनवरी 2014 में लागू की थी। खट्टर सरकार ने भी बजट से पहले जनवरी 2015 से
बुढ़ापा,विधवावविकलांगतापेंशन1200करकेएकचुनावीवादेकापांचवांहिस्सालागूकियाहै।
कैसे निभाएंगे वादे पैसा दिया नहीं
बजट का 60 फीसदी
वेतन, पेंशन, लोन और
उसके ब्याज के लिए
हुड्डा सरकार की तरह इनके बजट
का 60 फीसदी हिस्सा कर्मचारियों
के वेतन-पेंशन,लोन और उसका
ब्याज चुकाने पर होगा। 69140.29
करोड़ के बजट में से 18600
करोड़ लोन और ब्याज पर और
22961 करोड़ कर्मचारियों के वेतन
और पेंशन पर खर्च होगा। यानि
41561 करोड़ वेतन-पेंशन,लोन
और उसके ब्याज चुकाने पर खर्च
होगा। हुड्डा सरकार की तुलना में
यह बढ़ा है।
विजमांगरहेथेहेल्थकेलिएदोगुनाबजट,मिला10%ज्यादा
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने सरकार से स्वास्थ्य बजट दोगुना करने की मांग की थी। हालांकि
उनके विभाग को पहले से कुछ ज्यादा ही बजट मिल पाया। इस संबंध में वित्त मंत्री कैप्टन
अभिमन्यु ने सफाई दी कि सरकार के सभी मंत्री तेजी से और ज्यादा विकास कार्य करवाना
चाहते हैं। सरकार ने प्राथमिकताओं को देखते हुए विभागों को बजट दिया है।
विभाग	 खट्टर सरकार	 हुड्डा  सरकार
हेल्थ	 3.82	 3.83
सोशल वेलफेयर 	 6.69	 6.03
पुलिस	 3.79	 3.68
ब्याज भुगतान 	 10.82	 9.74
ट्रांसपोर्ट	 2.84	 2.79
पावर	 8.27	 7.31
सड़क-भवन 	 4.16	 4.01
सिंचाई	 2.97	 3.02
कृषि	 6.43	 6.09
	बजट खर्च (फीसदी) में
हुड्डा सरकार के समय खेती ग्रामीण विकास पर बजट
का 6.09 फीसदी रखा था। खट्टर सरकार ने 6.43
फीसदी ही प्रावधान किया है।
खेती के लिए मामूली पैसा बढ़ाया
दोस्तों-परिवार के
साथ फुर्सत के लम्हे
म नो सरकार का बजट पेश करने के लिए वित्त मंत्री कैप्टन
अभिमन्यु दो घंटे पहले सुबह नौ बजे घर से शगुन की मीठी
दही खाकर निकले। हालांकि जनता की उम्मीद के हिसाब से बजट मीठा
नहीं रहा। सारी कसरत खजाना ठीक करने पर हुई। बजट के बाद अपने
निवास पर कैप्टन अभिमन्यु, उनके परिवार और दोस्तों ने भास्कर के
विशेष संवाददाता हरीश मानव के साथ फुर्सत के पल साझा किए।
स्थान : कैप्टन का घर
बजट के बाद
{आज की दिनचर्या की शुरूआत आम दिनों से कैसे अलग रही?
वही रूटीन सैर, स्नान और पूजा पाठ के बाद सुबह 9 बजे विधायक
दल की बैठक और उसके बाद विधानसभा में बजट भाषण।
{बजट के दिन के लिए कोई खास प्लानिंग, ड्रेस कोड या सुबह के नाश्ते
में कोई खास चीज?
फेवरेट फॉर्मल ड्रेस ग्रे ब्लेजर और ब्लैक पेंट पहनी। घर से निकलने से
पहले पत्नी एकता ने शगुन के तौर पर मीठी दही खिला विदा किया।
{दोस्तों, रिश्तेदारों और परिवार के किन-किन लोगों को बजट भाषण
देखने बुलाया?
साहब, बुलाया किसी को नहीं। चाव में दोस्त और परिवार के लोग अपने
आप आए हैं। पत्नी एकता, 8 साल का बेटा शाश्वत, बड़े भाई कैप्टन
रूद्र सेन और भाभी सरोज आए हैं। मेरे चार जिगरी दोस्त सतिंद्र नारा,
संजय हसीजा, अनिल गुगलानी और संजय बंसल आए हैं।
{क्या कभी सोचा था कि हरियाणा का वित्तमंत्री बनकर एक दिन
खजाना संभालेंगे?
मेरी इच्छा केवल इतनी थी कि इतने साल से सूबे की राजनीति में काम
कर रहे हैं कि यहां भाजपा की सरकार बने। कॉमर्स बैकग्राउंड के
आधार पर वित्त मंत्री की जिम्मेदारी मुझे मिली।
पत्नी एकता बोली-गायत्री मंत्र से शुरू किया दिन
{आपके पति ने सूबे के लिए अपना पहला बजट पेश किया, इस दिन के
लिए आपने क्या खास तैयारी की?
: हमारा परिवार आर्यसमाजी है। इस नाते आज भी दिन की शुरूआत
गायत्री मंत्र के जाप से हुई। सुबह समय का अभाव था इसलिए हवन
यज्ञ नहीं करा पाए।
{बजट आपकी नजर में?
जहां तक मुझे समझ है और जितना बजट भाषण सुनकर समझ में
आया, बजट बैलेंस हैं, पैसे का सेक्टर वाइज एलोकेशन बढ़ाया गया है।
दोस्तों ने एक घंटे खड़े रह कर सुना बजट भाषण
रोहतक के मॉडल स्कूल में साथ पढ़े चारों दोस्तों ने एक घंटा चार मिनट
अपने यार का बजट भाषण वीआईपी गैलरी में खड़े होकर सुना। क्लास
में एक बैंच पर बैठने वाले नारा ने बताया उनकी रिजर्व सीटों पर सादी
वर्दी में पुलिस वाले बैठ गए।
अभी भी खाने जाते हैं सैंडविच
सिंगापुर की एक कंपनी में चीफ इंजीनियर सतिंद्र नारा, सीए संजय
हसीजा, बिजनेसमैन अनिल गुगलानी और संजय बंसल ने बचपन की
यादें ताजा करते हुए बताया कि स्कूल से आते वक्त रोहतक मॉडल
टाउन के ओम टी स्टॉल पर सैंडविच खाने जाया करते थे। चार-छह
महीने में जब इकट्ठे होते हैं, तो वहां सैंडविच खाना नहीं भूलते।
^प्रदेश की मौजूदा सरकार ने बजट में राज्य की
अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के संकेत तो दिए
हैं, लेकिन इन संकेतों की सफलता आने वाले समय
पर निर्भर करेगी। बजट और व्हाइट पेपर के माध्यम से
वित्त मंत्री ने यह बताने की कोशिश की है कि पिछली
सरकार ने चुनावी घोषणाएं करके और जरूरत से
ज्यादा खर्च करके अर्थव्यवस्था को किस तरह खराब
कर दिया था। इसे संभालने में वक्त तो लगेगा, सरकार
ने अर्थव्यवस्था को संभालने की कोशिश की है। इस
काम को कैसे किया जाएगा इसके लिए वित्त मंत्री ने
बजट में उद्योगों के लिए नई इंडस्ट्रियल पॉलिसी जल्दी
लाने, किसानों की स्थिति सुधारने के लिए फसलों के
डाइवरसीफिकेशन करने, सबका साथ-सबका विकास
की थीम पर प्रदेश का समान रूप से विकास करने,
भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए आईटी का प्रयोग
बढ़ाने जैसे वायदे किए हैं। इंडस्ट्रीज के लिए सिंगल
विंडो सिस्टम लागू करके ऑनलाइन क्लीयरेंस दिए
जाने की प्रतिबद्धता दर्शाई है। इस बजट को इसी रूप
में लिया जाना चाहिए की सरकार ने अभी केवल अपनी
दिशा तय की है।
- एनके बिश्नोई, प्रोफेसर इकॉनॉमिक्स- जीजेयू, हिसार
सफलता आने वाले समय
पर निर्भर : बिश्नोई
^2014-15 के बजट में कृषि और ग्रामीण विकास
को मात्र नौ फीसदी कुल बजट का दिया गया था
और स्वास्थ्य को 3.83 फीसदी। 60 फीसदी लोग इससे
जुड़े हुए हैं। आज भी बजट नौ फीसदी के आस-पास ही
घूम रहा है। इसे बढ़ाया जाना चाहिए। फिलहाल उम्मीदों
का रोड मैप नहीं मिल पाया है। ग्रामीण बजट अलग
होना चाहिए। जीडीपी में 17 फीसदी कृषि का योगदान
है। आपदा प्रबंधन उत्तर कोष का 1500 करोड़ रुपए है।
पिछले बजट में इसमें 675 करोड़ जारी किया था। इसे
खेती को दिया जाए ताकि आपदा में मुआवजा दिया जा
सके। अब भी आपदा से हुए नुकसान को लेकर खेती
संकट के लिए कुछ नहीं दिया। फसल और किसान
के बीमे की बात बजट में नहीं आई। बेरोजगारी भत्ता
नहीं दिया। गांव और शहर की सुविधाओं को लेकर
असमानता रखी गई है। पानी, बिजली स्कूल, शौचालय
की बातों पर फोकस नहीं किया गया है। गांव का
विकास शहर की तर्ज पर करने के लिए कोई बड़ी
सौगात यानि आईआईएम या बड़ा कॉलेज नहीं दिया गया
है। किसानों के लिए अपनी मंडी सिस्टम जैसा कुछ नहीं
कर पाए हैं।
 - प्रो. एसएस चाहर,प्रोफेसर, एमडीयू, रोहतक
उम्मीदों का रोड मैप नहीं
मिल पाया : चाहर
3 एक्सपर्ट व्यू | अभी नहीं, आगे दिखेगा अब किए प्रयासों का असर
लीडर्स का नहीं मैनेजरों का बजट है : सांगवान
^खट्टर सरकार ने अपने पहले बजट में मोदी के सेंट्रल बजट का अनुसरण किया है। बजट में
लीडरशिप का विजन नहीं है, पूरी तरह से मैनेजरों द्वारा तैयार किया गया बजट है। बजट को लोकप्रिय
बनाने की बजाय सरकार ने अपने वित्तीय प्रबंधन पर अधिक जोर दिया है। जनता के लिए यह टोकन
बजट है। रोजमर्रा की चीजों पर वैट घटाकर इन्हें सस्ता करने की बजाय जैविक खाद को वैट मुक्त कर
और एलईडी, पाइप फिटिंग व स्टील प्री-फेब्रिकेशन पर वैट घटाया है, जिनकी खरीद कभी ही होती है।
पावर सेक्टर के लिए 6,500 करोड़ में से 5,500 करोड़ सबसिडी पर खर्च हो जाएगा। एग्रीकल्चर सेक्टर
में कृषि क्षेत्र की पूरी तरह से उपेक्षा की गई है, सरकार ने फोकस केवल हॉर्टिकल्चर की मार्केटिंग पर
रखा है। ग्रामीण युवाओं को बेरोजगार के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं है।
 -डॉ.एसएस सांगवान,इकोनोमिस्ट, क्रिड
अपरिपक्व बजट : चट्‌ठा
करुक्षेत्र | पूर्व वित्तमंत्री हरमोहिंद्र सिंह चट्‌ठा का
कहना है कि सरकार अपरिपक्व है और ऐसा ही
कच्चा उसका बजट है। भाजपा सरकार अभी तक के
अपने कार्यकाल में मात्र बड़ी-बड़ी घोषणाएं ही कर
रही है। हकीकत में प्रदेश के विकास के लिए कुछ
नहीं हो रहा। यही बजट में नजर आ रहा है। प्रदेश
के विकास के दावे तो बजट में किए, पर होगा कैसे,
इसका कोई खाका नहीं दिखा।

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  • 1. हरियाणादैिनकभास्कर, पानीपत, बुधवार, 18 मार्च, 2015 2 काटूिर्नस्ट राजेन्द्र वर्मा ‘खुबड़ू’ की नजर में कैप्टन का बजट हुड्डा ने बजट को बताया ब्याह का गीत ^पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बजट की तुलना ब्याह के गीत से की। बोले, ‘ये गीत अच्छे होते हैं, सच्चे नहीं।’ भाजपा ने 157 वादे किए थे लेकिन बजट में एक भी पूरा नहीं किया। किसी को कोई राहत नहीं दी गई है। बल्कि प्रदेश पर कर्जे के लिए ये सरकार हमें कोसती रही, लेकिन अब भाजपा ही प्रदेशवासियों पर करीब 26,000 करोड़ का कर्ज बढ़ाएगी। हमारे कार्यकाल में प्रदेश पर करीब 71,000 करोड़ रुपए का कर्जा था, जो अगले वित्तीय वर्ष में बढ़कर 98,000 करोड़ रुपए होने कोरा है बही-खाता : रणदीप सुरजेवाला ^कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने टिप्पणी की, ‘विकास नहीं खाका, कोरा है बही खाता।’ बोले, सरकार ने विकास कार्यों पर बजट बढ़ाने के बजाय घटा दिया है। वर्ष 2014-15 में प्लान बजट 32,731 करोड़ रुपए था। बजट में 25,753 करोड़ रुपए का प्रावधान है। 5106.21 करोड़ रुपए केंद्रीय सहायता के घटा दिए जाएं तो प्लान बजट 20,637 करोड़ रुपए ही रह जाता है। कांग्रेस के बजट की कार्बन कॉपी : चौटाला ^विपक्ष के नेता एवं इनेलो विधायक अभय चौटाला ने इस बजट को कांग्रेस के बजट की कार्बन कॉपी बताया। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने बजट में नए की उम्मीद थी, लेकिन बजट वैसा ही है, जैसा कांग्रेस के शासनकाल में 10 साल तक मिला। जुमलों का बजट है : किरण ^कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अशोक तंवर और कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी ने इस जुमलों का बजट कहा। तंवर बोले, सरकार ने जनता को कुछ नहीं दिया। किरण बोलीं, ‘यह पुरानी बोतल में नई शराब जैसा है।’ कांग्रेस ने वादों पर भाजपा को घेरा, इनेलो बोला-नयापन नहीं मिला संतुलित बजट,सबकी आकांक्षाओं पर खरा उतरेगा- मनोहर लाल ^हमारी सरकार का पहला बजट दूरदर्शी है। यह राज्य में संतुलित विकास के एक नए युग का सूत्रपात करेगा। किसी प्रकार के नए कर लगाए बिना सोशल सेक्टर पर फोकस किया गया है। बजट से राज्य के रुके हुए ग्रोथ इंजन को गति मिलेगी, इससे और अधिक निवेश आकर्षित होगा तथा युवाओं के लिए रोजगार सृजित होंगे। युवाओं के कौशल विकास को प्राथमिकता देकर तथा क्षेत्रों और सामाजिक समूहों में असमानताओं पर विराम लगाते हुए प्रदेश वासियों की आकांक्षाओं पर खरा उतरने का काम करेगा। हमारे बजट का एक ही मकसद है- "सबका साथ सबका विकास।' सीएम का दावा एक नजर में प्रति व्यक्ति आय : (प्रचलित दरों पर) कुल बजट 2015-16 69140.29 2014-15 61449.82 राजस्व घाटा 2015-16 9,557.52 2014-15 9499.96 राजकोषीय घाटा 2015-16 16423.58 2014-15 15628.92 प्लान बजट 2015-16 25743.46 2014-15 22109.58 किससेक्टरकोकितनामहत्व पूर्व वित्तमंत्रियोंकीनिगाहसे कर्जा अौर घाटा बढ़ेगा, विकास की रफ्तार घटेगी : संपत सिंह हिसार | कर्जा और घाटा बढ़ेगा। इसका असर आम आदमी की जेब पर पड़ेगा। विकास की गति धीमी होगी। आगामी वित्त वर्ष में हरियाणा पर अनुमानित 98,843 करोड़ रुपए कर्ज का बोझ हो जाएगा। इसमें 17 हजार करोड़ आगामी एक वर्ष में लेंगे। आज तक हरियाणा ने पांच से दस हजार करोड़ से ज्यादा कर्जा नहीं लिया था। इतना कर्जा लेने के बावजूद इतना कम खर्च करेंगे। इसी तरह सरकारी योजनाओं की बात करें तो 2013-14 में 13,930 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। 2014-15 में अनुमानित खर्च 21,327 करोड़ रुपये होगा। 2015-16 के लिए 24, 870 करोड़ का बजट बना है। जो पिछले साल की तुलना में 16.61 प्रतिशत अधिक है जबकि उससे पिछले साल में 53 प्रतिशत बढ़ा था। इसका मतलब लोगों पर खर्च कम करेंगे। 2015-16 बजट 2015-16 1,47,076 2014-15 1,33,427 राशि करोड़ रुपए में राज्य का खजाना खाली नहीं है ः अभिमन्युघोषणापत्र लागू करने के जवाब में कहा-चुनावी वादे पूरे करने के लिए चार साल पड़े हैं {वित्तीय चुनौतियों से कैसे निबटेंगे ? पिछले एक दशक में अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। इसकी वजह राजस्व प्राप्तियां कम होना और खर्चों में पारदर्शिता का अभाव रहा है। नीतिगत फैसले अटके हैं। योजनागत और गैर योजनागत व्यय का अनुपात कम करके निबटने की कोशिश कर रहे हैं। {कर्ज-खाली खजाना, वादे कैसे पूरे होंगे? खजाना खाली वाली स्थिति नहीं है। व्हाइट पेपर के माध्यम से हमने प्रदेश की स्थिति जनता के सामने रखी है। सामान्य रूप से प्रदेश को पिछली सरकार के समय 20 हजार करोड़ का टैक्स रेवेन्यू मिल सकता था, जो नहीं मिला। फिर भी मैं यह कहूंगा कि कर्ज लेना गलत नहीं है, केंद्रीय सहायता के अलावा भी अपनी कैपेसिटी में कर्ज लिया जा सकता है। चुनावी वायदों को पूरा करने के लिए 4 साल हैं। {प्रदेश में काफी समय से माइनिंग बंद है ? प्रयास कर रहे हैं कि जल्दी माइनिंग शुरू हो। इससे सरकार को राजस्व, युवाओं को रोजगार और लोगों को सस्ती निर्माण सामग्री मिलेगी। छोटे-छोटे प्लॉट साइज करके लाइसेंस देने के प्रयास कर रहे हैं। { केंद्र से सीएसटी की बकाया राशि क्या सरकार को मिल गई है ? - मेरी केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा से बात हुई है। सीएसटी की बकाया राशि में से 750 करोड़ 20 तक देने को राजी हैं। {केंद्रनेटैक्सरेवेन्यूमेंराज्योंकाहिस्सा 10फीसदीबढ़ायाहै,लेकिनकुछस्कीमोंमें फंडिंगबंदकीहैअसरक्यापड़ेगा? - यह सही है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने राज्यों को अधिक वित्तीय स्वायत्ता दी है। इसमें सर्विस टैक्स को भी शामिल कर लिया गया है। केंद्र की 100,75 और 50 फीसदी शेयरिंग योजनाओं का पैटर्न बदल रहा है। इसका असर अगले साल तक हरियाणा की अर्थव्यवस्था पर आएगा। सत्ता संभालने के तुरंत बाद मनोहर लाल खट्टर सरकार भले ही खजाना खाली बताकर पिछली सरकार पर प्रदेश की आर्थिक स्थिति बिगाड़ने का आरोप लगाती रही, लेकिन वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु का मानना है कि राज्य में खजाना खाली वाली स्थिति नहीं है। उन्होंने माना कि केंद्रीय बजट में हाल ही कुछ स्कीमों में सहायता बंद करने और कुछ का फंडिंग पैटर्न बदलने का राज्य की वित्तीय व्यवस्था पर इस साल तो नहीं लेकिन अगले साल से असर पड़ना शुरू हो जाएगा। प्रदेश के आर्थिक हालात और चुनौतियों को लेकर वित्त मंत्री ने दैनिक भास्कर के स्टेट ब्यूरो चीफ गिरिराज अग्रवाल के साथ बातचीत की। बातचीत के प्रमुख अंशः- वित्त मंत्री के बोल बजट से पहले फोटो : अश्विनी राणा सेक्टर इस बार पिछली बार सिंचाई 2351.74 2209.87 बिजली 6546.91 5979.02 शिक्षा, खेल 11907.09 10516.09 तकनीकी शिक्षा 916.38 860.02 स्वास्थ्य सेवाएं 3028.61 2646.17 पीएचईडी 2671.55 2582.89 सोशल वेलफेयर 5295.11 4538.45 इंडस्ट्री एंड मिनरल्स 219.74 174.95 ट्रांसपोर्ट 2249.38 2077.53 कृषि एवं संबद्ध सेवाएं 2354.67 1954.25 पुलिस 3003.45 2788.29 रोड एंड बिल्डिंग 3291.76 3088.78 पेंशन 5900.00 4800.00 ग्रामीण विकास 2734.71 2241.00 शहरी विकास 3409.37 2538.70 सहकारिता 281.98 440.64 राशि करोड़ में प्लान और नॉन प्लान दोनों मद शामिल हैं। घोषणा-पत्र में वादे किए 157 बजट में पूरा नहीं हुआ एक भी पहलाबजट|उम्मीदेंलगाएबैठेथेलोगमिलींबसअच्छी-अच्छीबातें भास्कर न्यूज | चंडीगढ़ मोदी के दिखाए सपने बेचकर पहली बार सूबे की सत्ता पर काबिज हुई भाजपा ने अपने पहले ही बजट में केंद्र के आम बजट को ही फॉलो किया है। इसमें आज से ज्यादा आने वाले कल की बात की है। भाजपा ने चुनाव घोषणापत्र में 157 वादे किए थे। इनमें कर्मचारी, किसान, युवा और बुजुर्ग वर्गों को लुभाने के लिए बड़े बड़े वादे किए थे। लंबी फेहरिस्त में से एक भी चुनावी वादा बजट में शामिल नहीं किया गया है। बजट में सरकार की प्राथमिकता पहले माली हालात को ठीक करना है। हार्वर्ड से स्टडी कर लौटे फिर बनाया बजट, लेकिन... वादे बजट में क्या असर { 24 घंटे बिजली 1000 करोड़ में संभव नहीं { पंजाब बराबर वेतन 17061 करोड़ में संभव नहीं { गरीबों को एक रुपए किलो अनाज प्रावधान नहीं {अगले साल केंद्र से 10व12 वीं के स्टूडेंट्स को लैपटॉप प्रावधान नहीं { बेरोजगारों को 6000से 9000 भत्ता, प्रावधान नहीं { युव के बिजनेस को 3 लाख सबसिडीप्रावधान नहीं {छात्राओं को मुफ्त यात्रा बजट में कुछ नहीं {वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त तीर्थ यात्राप्रावधान नहीं हुड्डा और खट्टर सरकार के बजट में नहीं दिख रहा ज्यादा फर्क भाजपा की खट्टर सरकार का पहला और इससे पहले की हुड्डा सरकार के अंतिम बजट में कोई फर्क नहीं है। दोनों बजट एक जैसे ब्यूरोक्रेट्स द्वारा बनाए गए बजट हैं। लीडरशिप का इनमें कोई विजन नहीं है। कॉमर्स बैंक ग्राउंड से होने के बावजूद इस बजट में वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु का विजन नहीं झलक रहा। हुड्डा के अंतिम बजट में भी न तो किसी नए कर का प्रावधान किया गया है और न ही मौजूदा करों में कोई बदलाव किया गया था। इसी लाइन पर भाजपा का बजट है। हुड्डा ने बजट से पहले 3000 करोड़ की लोकलुभावन घोषणाएं जनवरी 2014 में लागू की थी। खट्टर सरकार ने भी बजट से पहले जनवरी 2015 से बुढ़ापा,विधवावविकलांगतापेंशन1200करकेएकचुनावीवादेकापांचवांहिस्सालागूकियाहै। कैसे निभाएंगे वादे पैसा दिया नहीं बजट का 60 फीसदी वेतन, पेंशन, लोन और उसके ब्याज के लिए हुड्डा सरकार की तरह इनके बजट का 60 फीसदी हिस्सा कर्मचारियों के वेतन-पेंशन,लोन और उसका ब्याज चुकाने पर होगा। 69140.29 करोड़ के बजट में से 18600 करोड़ लोन और ब्याज पर और 22961 करोड़ कर्मचारियों के वेतन और पेंशन पर खर्च होगा। यानि 41561 करोड़ वेतन-पेंशन,लोन और उसके ब्याज चुकाने पर खर्च होगा। हुड्डा सरकार की तुलना में यह बढ़ा है। विजमांगरहेथेहेल्थकेलिएदोगुनाबजट,मिला10%ज्यादा स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने सरकार से स्वास्थ्य बजट दोगुना करने की मांग की थी। हालांकि उनके विभाग को पहले से कुछ ज्यादा ही बजट मिल पाया। इस संबंध में वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने सफाई दी कि सरकार के सभी मंत्री तेजी से और ज्यादा विकास कार्य करवाना चाहते हैं। सरकार ने प्राथमिकताओं को देखते हुए विभागों को बजट दिया है। विभाग खट्टर सरकार हुड्डा सरकार हेल्थ 3.82 3.83 सोशल वेलफेयर 6.69 6.03 पुलिस 3.79 3.68 ब्याज भुगतान 10.82 9.74 ट्रांसपोर्ट 2.84 2.79 पावर 8.27 7.31 सड़क-भवन 4.16 4.01 सिंचाई 2.97 3.02 कृषि 6.43 6.09 बजट खर्च (फीसदी) में हुड्डा सरकार के समय खेती ग्रामीण विकास पर बजट का 6.09 फीसदी रखा था। खट्टर सरकार ने 6.43 फीसदी ही प्रावधान किया है। खेती के लिए मामूली पैसा बढ़ाया दोस्तों-परिवार के साथ फुर्सत के लम्हे म नो सरकार का बजट पेश करने के लिए वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु दो घंटे पहले सुबह नौ बजे घर से शगुन की मीठी दही खाकर निकले। हालांकि जनता की उम्मीद के हिसाब से बजट मीठा नहीं रहा। सारी कसरत खजाना ठीक करने पर हुई। बजट के बाद अपने निवास पर कैप्टन अभिमन्यु, उनके परिवार और दोस्तों ने भास्कर के विशेष संवाददाता हरीश मानव के साथ फुर्सत के पल साझा किए। स्थान : कैप्टन का घर बजट के बाद {आज की दिनचर्या की शुरूआत आम दिनों से कैसे अलग रही? वही रूटीन सैर, स्नान और पूजा पाठ के बाद सुबह 9 बजे विधायक दल की बैठक और उसके बाद विधानसभा में बजट भाषण। {बजट के दिन के लिए कोई खास प्लानिंग, ड्रेस कोड या सुबह के नाश्ते में कोई खास चीज? फेवरेट फॉर्मल ड्रेस ग्रे ब्लेजर और ब्लैक पेंट पहनी। घर से निकलने से पहले पत्नी एकता ने शगुन के तौर पर मीठी दही खिला विदा किया। {दोस्तों, रिश्तेदारों और परिवार के किन-किन लोगों को बजट भाषण देखने बुलाया? साहब, बुलाया किसी को नहीं। चाव में दोस्त और परिवार के लोग अपने आप आए हैं। पत्नी एकता, 8 साल का बेटा शाश्वत, बड़े भाई कैप्टन रूद्र सेन और भाभी सरोज आए हैं। मेरे चार जिगरी दोस्त सतिंद्र नारा, संजय हसीजा, अनिल गुगलानी और संजय बंसल आए हैं। {क्या कभी सोचा था कि हरियाणा का वित्तमंत्री बनकर एक दिन खजाना संभालेंगे? मेरी इच्छा केवल इतनी थी कि इतने साल से सूबे की राजनीति में काम कर रहे हैं कि यहां भाजपा की सरकार बने। कॉमर्स बैकग्राउंड के आधार पर वित्त मंत्री की जिम्मेदारी मुझे मिली। पत्नी एकता बोली-गायत्री मंत्र से शुरू किया दिन {आपके पति ने सूबे के लिए अपना पहला बजट पेश किया, इस दिन के लिए आपने क्या खास तैयारी की? : हमारा परिवार आर्यसमाजी है। इस नाते आज भी दिन की शुरूआत गायत्री मंत्र के जाप से हुई। सुबह समय का अभाव था इसलिए हवन यज्ञ नहीं करा पाए। {बजट आपकी नजर में? जहां तक मुझे समझ है और जितना बजट भाषण सुनकर समझ में आया, बजट बैलेंस हैं, पैसे का सेक्टर वाइज एलोकेशन बढ़ाया गया है। दोस्तों ने एक घंटे खड़े रह कर सुना बजट भाषण रोहतक के मॉडल स्कूल में साथ पढ़े चारों दोस्तों ने एक घंटा चार मिनट अपने यार का बजट भाषण वीआईपी गैलरी में खड़े होकर सुना। क्लास में एक बैंच पर बैठने वाले नारा ने बताया उनकी रिजर्व सीटों पर सादी वर्दी में पुलिस वाले बैठ गए। अभी भी खाने जाते हैं सैंडविच सिंगापुर की एक कंपनी में चीफ इंजीनियर सतिंद्र नारा, सीए संजय हसीजा, बिजनेसमैन अनिल गुगलानी और संजय बंसल ने बचपन की यादें ताजा करते हुए बताया कि स्कूल से आते वक्त रोहतक मॉडल टाउन के ओम टी स्टॉल पर सैंडविच खाने जाया करते थे। चार-छह महीने में जब इकट्ठे होते हैं, तो वहां सैंडविच खाना नहीं भूलते। ^प्रदेश की मौजूदा सरकार ने बजट में राज्य की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के संकेत तो दिए हैं, लेकिन इन संकेतों की सफलता आने वाले समय पर निर्भर करेगी। बजट और व्हाइट पेपर के माध्यम से वित्त मंत्री ने यह बताने की कोशिश की है कि पिछली सरकार ने चुनावी घोषणाएं करके और जरूरत से ज्यादा खर्च करके अर्थव्यवस्था को किस तरह खराब कर दिया था। इसे संभालने में वक्त तो लगेगा, सरकार ने अर्थव्यवस्था को संभालने की कोशिश की है। इस काम को कैसे किया जाएगा इसके लिए वित्त मंत्री ने बजट में उद्योगों के लिए नई इंडस्ट्रियल पॉलिसी जल्दी लाने, किसानों की स्थिति सुधारने के लिए फसलों के डाइवरसीफिकेशन करने, सबका साथ-सबका विकास की थीम पर प्रदेश का समान रूप से विकास करने, भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए आईटी का प्रयोग बढ़ाने जैसे वायदे किए हैं। इंडस्ट्रीज के लिए सिंगल विंडो सिस्टम लागू करके ऑनलाइन क्लीयरेंस दिए जाने की प्रतिबद्धता दर्शाई है। इस बजट को इसी रूप में लिया जाना चाहिए की सरकार ने अभी केवल अपनी दिशा तय की है। - एनके बिश्नोई, प्रोफेसर इकॉनॉमिक्स- जीजेयू, हिसार सफलता आने वाले समय पर निर्भर : बिश्नोई ^2014-15 के बजट में कृषि और ग्रामीण विकास को मात्र नौ फीसदी कुल बजट का दिया गया था और स्वास्थ्य को 3.83 फीसदी। 60 फीसदी लोग इससे जुड़े हुए हैं। आज भी बजट नौ फीसदी के आस-पास ही घूम रहा है। इसे बढ़ाया जाना चाहिए। फिलहाल उम्मीदों का रोड मैप नहीं मिल पाया है। ग्रामीण बजट अलग होना चाहिए। जीडीपी में 17 फीसदी कृषि का योगदान है। आपदा प्रबंधन उत्तर कोष का 1500 करोड़ रुपए है। पिछले बजट में इसमें 675 करोड़ जारी किया था। इसे खेती को दिया जाए ताकि आपदा में मुआवजा दिया जा सके। अब भी आपदा से हुए नुकसान को लेकर खेती संकट के लिए कुछ नहीं दिया। फसल और किसान के बीमे की बात बजट में नहीं आई। बेरोजगारी भत्ता नहीं दिया। गांव और शहर की सुविधाओं को लेकर असमानता रखी गई है। पानी, बिजली स्कूल, शौचालय की बातों पर फोकस नहीं किया गया है। गांव का विकास शहर की तर्ज पर करने के लिए कोई बड़ी सौगात यानि आईआईएम या बड़ा कॉलेज नहीं दिया गया है। किसानों के लिए अपनी मंडी सिस्टम जैसा कुछ नहीं कर पाए हैं। - प्रो. एसएस चाहर,प्रोफेसर, एमडीयू, रोहतक उम्मीदों का रोड मैप नहीं मिल पाया : चाहर 3 एक्सपर्ट व्यू | अभी नहीं, आगे दिखेगा अब किए प्रयासों का असर लीडर्स का नहीं मैनेजरों का बजट है : सांगवान ^खट्टर सरकार ने अपने पहले बजट में मोदी के सेंट्रल बजट का अनुसरण किया है। बजट में लीडरशिप का विजन नहीं है, पूरी तरह से मैनेजरों द्वारा तैयार किया गया बजट है। बजट को लोकप्रिय बनाने की बजाय सरकार ने अपने वित्तीय प्रबंधन पर अधिक जोर दिया है। जनता के लिए यह टोकन बजट है। रोजमर्रा की चीजों पर वैट घटाकर इन्हें सस्ता करने की बजाय जैविक खाद को वैट मुक्त कर और एलईडी, पाइप फिटिंग व स्टील प्री-फेब्रिकेशन पर वैट घटाया है, जिनकी खरीद कभी ही होती है। पावर सेक्टर के लिए 6,500 करोड़ में से 5,500 करोड़ सबसिडी पर खर्च हो जाएगा। एग्रीकल्चर सेक्टर में कृषि क्षेत्र की पूरी तरह से उपेक्षा की गई है, सरकार ने फोकस केवल हॉर्टिकल्चर की मार्केटिंग पर रखा है। ग्रामीण युवाओं को बेरोजगार के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं है। -डॉ.एसएस सांगवान,इकोनोमिस्ट, क्रिड अपरिपक्व बजट : चट्‌ठा करुक्षेत्र | पूर्व वित्तमंत्री हरमोहिंद्र सिंह चट्‌ठा का कहना है कि सरकार अपरिपक्व है और ऐसा ही कच्चा उसका बजट है। भाजपा सरकार अभी तक के अपने कार्यकाल में मात्र बड़ी-बड़ी घोषणाएं ही कर रही है। हकीकत में प्रदेश के विकास के लिए कुछ नहीं हो रहा। यही बजट में नजर आ रहा है। प्रदेश के विकास के दावे तो बजट में किए, पर होगा कैसे, इसका कोई खाका नहीं दिखा।